Shuru
Apke Nagar Ki App…
*कीर खेड़ा भोई खेड़ा वालों के लिए पुलिया तैयार है आज फाइनल निरीक्षण विधायक महोदय द्वारा करके बहुत जल्द इसका उद्घाटन किया जाएगा अभी फिलहाल यह रास्ता चालू है*🪷
पंडित मुकेश कुमार
*कीर खेड़ा भोई खेड़ा वालों के लिए पुलिया तैयार है आज फाइनल निरीक्षण विधायक महोदय द्वारा करके बहुत जल्द इसका उद्घाटन किया जाएगा अभी फिलहाल यह रास्ता चालू है*🪷
- RLRoop LalChittaurgarh, Chittorgarh👏41 min ago
More news from Chittorgarh and nearby areas
- पूछता है चित्तौड़गढ़ का अधिकांश होमगार्ड जवान कोई भी जनप्रतिनिधि या प्रशासनिक अधिकारी ने आज तक कभी भी हमारे विभागीय ऑफिस का निरीक्षण क्यों नहीं किया निष्पक्ष रूप से , न्यूज़ को करें अधिक से अधिक वायरल ताकि इस मामले को गंभीरता से लेकर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी संज्ञान ले सकें1
- निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मियों ने अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम अधिक्षण अभियंता को सौंपा ज्ञापन। कर्मचारियों को ओ.पी.एस योजना का पूर्ण लाभ देने हेतु सी.पी.एफ कटौती बन्द कर जी.पी.एफ कटौती शुरु करने की भी है मां ग। चित्तौड़गढ़। विद्युत क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण निगमों में विभिन्न प्रक्रियाओं और माॅडल के नाम पर किये जा रहे निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर चित्तौड़गढ़ जिले के सैंकड़ों विद्युत कर्मियों ने राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम अधिक्षण अभियंता को ज्ञापन सौंपकर चित्तौड़गढ़ जिला कलक्टर कार्यालय परिसर में प्रदर्शन किया। इसी मांग को लेकर विद्युत कर्मियों ने 25 नवम्बर को उपखंड स्तर पर राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपकर विरोध प्रदर्शन किया था। इसी क्रम में शुक्रवार के दिन जिला स्तर पर सभी विद्युत कर्मियों ने राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले विद्युत विभाग राजस्थान सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव के नाम चित्तौड़गढ़ अधिक्षण अभियंता को एक ज्ञापन सौंपकर बताया कि विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन, प्रसारण एवं वितरण में विभिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर किये जा रहे अंधाधुंध निजिकरण पर रोक लगाने हेतु राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा पहले भी आग्रह किया गया था, परन्तु विद्युत प्रशासन द्वारा इन्हें रोकने पर अभी तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाये गये हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत क्षेत्र का निमार्ण व संचालन राज्य सरकार द्वारा निगम के माध्यम से उद्योग धंधों के विकास, कृषि के उपयोग व घरेलु उपभोक्ताओं के दैनिक उपभोग हेतु किया जाता है। राज्य सरकार द्वारा इस विधुत क्षेत्र का संचालन बिना लाभ अथवा हानि के सिद्धांत पर अपनी राज्य की जनता के प्रति लोक कल्याणकारी सरकार की सामाजिक जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु किया जाता रहा है। परन्तु वर्तमान सरकार अपनी लोक कल्याणकारी भूमिका को छोड़कर विद्युत क्षेत्र को लाभ और हानि के आधार पर संचालन की मंशा से आगे बढ़ रही है उसी के कारण विद्युत प्रशासन द्वारा विद्युत के वितरण, प्रसारण व उत्पादन में वर्तमान से द्रुतगति से भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल के नाम पर निजिकरण किया जा रहा है। ज्ञापन में कहा गया है कि वितरण के क्षेत्र में तीनों डिस्कॉम में वर्तमान में अधिकतर कार्य आईटसोर्स, एफआरटी, ठेके व सीएलआरसी इत्यादि नामों से निजि भागीदारी द्वारा करवाये जा रहे हैं। अब HAM मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रिड के फीडर सेग्रिगेशन व सीलराईजेशन के नाम पर आउटसॉर्स कर निजी हाथों में दिया जा रहा है, जो कि ग्रिड सैफ्टी कोड़ का सीधा-सीधा उल्लंघन है। इसके कारण HAM मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रिड निजी हाथों में देने से राज्य व देश की सामरिक सुरक्षा को किसानों / जनता के आन्दोलनों, प्रदर्शनों एवं युद्ध के समय में खतरा उत्पन्न हो सकता है और राज्य के ऊर्जा के क्षेत्र में स्थाई रोजगार के अवसर लगभग खत्म जायेंगे जिससे राज्य में शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं की ऊर्जा क्षेत्र में स्थाई रोजगार की उम्मीदें धूमिल हो जायेंगी। इसके अलावा वर्ष 2005-06 तक स्थापित हो चुके 33/11 केवी जीएसएस के लिये ITI योग्यता धारक कार्मिकों की नियुक्ती का स्टाफिंग पैटर्न (एक 33/11 केवी जीएसएस के लिये 6 ITI योग्यता धारक कार्मिक) तत्कालीन समय में तय किया गया था और नये स्थापित होने वाले 33/11 केवी जीएसएस को आऊटसोर्ट करना भी तय किया गया था। लेकिन उक्त पैटर्न को दरकिनार करके अंधाधुन तरीके से लगभग सभी 33/11 केवी जीएसएस ठेके पर देने से राज्य के आमजनों तथा निगम के स्थाई कर्मचारियों के साथ करंट दुर्घटनाओं में बेतहाशा वृध्दि हुई। अतः तकनीकी प्रकृति के स्थाई कार्यों के लिये स्थाई कार्मिकों की भर्ती की जानी चाहिये ताकि राज्य के बेरोजगार ITI योग्यता धारको की स्थाई रोजगार के सपने पूरे हो सके। राजस्थान में TN-99 के तहत स्मार्ट लगाये जाने के टेण्डर हो चुके हैं। जबकि बिहार, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश आदि राज्य में स्मार्ट मीटर लगाये जाने के कार्य पर राज्य सरकारों द्वारा रोक लगाई जा चुकी है राजस्थान में स्मार्ट लगाये जाने से वर्तमान में स्थापित करोड़ों मूल्य के मीटर्स कबाड/स्केप हो जायेंगे जिससे डिस्कॉम्स को करोड़ों रूपये का नुक़सान होगा। अतः स्मार्ट मीटर लगाये जाने से पूर्व बिहार, महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश आदि राज्य में स्मार्ट मीटर लगाये पर रोक लगाये जाने के कारणों का अध्ययन / विश्लेषण करके ही स्मार्ट मीटर योजना पर आगे बढ़ा जाये तब तक स्मार्ट लगाये जाने की योजना पर राजस्थान में भी रोक लगा दी जाये। प्रसारण निगम जो कि वर्षों से लाभ देने वाला संस्थान है उसके बावजूद इसके डिडी का संचालन कलस्टर के माध्यम से ठेके पर देकर करवाया जा रहा है एवं अब इनविट के माध्यम से प्रसारण की आर्थिक सुदृढता व लाभकारी स्थिति में विशेष योगदान देने वाले 765 केवी व 400 केवी ग्रिड सब- स्टेशन से प्राप्त होने वाली आय को इस मॉडल के माध्यम से निजि भागीदारों को बांटकर प्रसारण को भी हानि का निगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्पादन निगम के उच्च गुणवत्ताव एवं कम विद्युत उत्पादन लागत वाले तापीय विद्युत उत्पादन गृह, जो वर्तमान में सुचारु रुप से विद्युत उत्पादन कर रहे हैं और राजस्थान प्रदेश को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्म निर्भरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। इन पॉवर प्लान्टों को नये पॉवर प्लान्टों हेतु धन की कमी का बहाना बताकर केन्द्रीय सार्वजनिक निगमों के साथ संयुक्त उपक्रम (ज्वाईट वैंचर) बनाकर हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया को बन्द किया जाये। राजस्थान सरकार इसमें अपने हिस्सा एवं आधिपत्य को बेवजह छोड़कर प्रदेश की जनता व कर्मचारियों के हितों के साथ विश्वासघात कर रही है। वो भी तब जब इन वर्तमान तापीय विद्युत उत्पादन गृह में किसी प्रकार का पूंजीगत निवेश निगमों व राज्य सरकार को नहीं करना है। पांचों विद्युत निगमों में कार्यरत कर्मचारियों को लगभग एक वर्ष पूर्व ओ.पी.एस. योजना का फार्म भरवाकर सदस्य बना दिया गया है परन्तु अभी तक ओ.पी.एस. योजना राज्य सरकार के आदेश क्रमांक प. 13 (12) वित्त (नियम) / 2021 जयपुर दिनांक 20.04.2023 की बिन्दु संख्या 1.5 में स्पष्ट उल्लेख है कि 'पुरानी पेंशन योजना संस्था में लागू होने के बाद नियोक्ता अंशदान के रुप में कोई कटौती सीपीएफ योजना के अन्तर्गत नहीं की जायेगी की अनुपालना में आज दिनांक तक सीपीएफ कटौती बन्द कर जी.पी.एफ कटौती शुरु नहीं की गई। उक्त ज्ञापन के माध्यम से राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति में शामिल संगठन जो विद्युत के पांचो निगमों में कार्यरत अधिकारियों व कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते है, एक स्वर में शुक्रवार 29 नवंबर 2024 को कार्य बहिष्कार करते हुए ज्ञापन के माध्यम से आपसे मांग करते हैं कि वितरण, प्रसारण एवं उत्पादन निगमों में उपरोक्त वर्णित विभिन्न प्रक्रियाओं व मॉडल के नाम से किये जा रहे निजिकरण पर रोक लगाई जावे एवं नये कर्मचारियों की भर्ती कर ग्रिड सब-स्टेशर्नी व तापीय विद्युत उत्पादन गृह का संचालन निगम कर्मचारियों के माध्यम से करवाया जाये। एवं कर्मचारियों को ओ.पी.एस योजना का पूर्ण लाभ देने हेतु सी.पी.एफ कटौती बन्द कर जी.पी.एफ कटौती शुरु की जावे। राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने बताया कि विद्युत प्रशासन व राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी व अधिकारियों के इस लोकतांत्रिक माध्यम से विभाग बचाने हेतु दिये गये ज्ञापन पर संज्ञान नहीं लिया जाता है तो भविष्य में देश, उद्योग व श्रमिक हित में लोकतांत्रिक श्रमिक आंदोलन जारी रहेंगे।1
- Post by Sampat Suwalka1
- संध्याकालीन मनमोहक श्रृंगार, आरती दर्शन (28-11-2024)1
- सोनी से बना हुआ सांवरिया सेठ जी का मंदिर राजस्थान जिला चित्तौड़गढ़1
- महाराणा विश्वराज सिंह जी का राजतिलक ॥चित्तौड़ के किले पर 25/11/2024 को1
- कालिका माता मंदिर/ चित्तौड़गढ़ दुर्ग /माता कालिका #KalikaMata temple1
- चित्तोरगड ✨|उदयपूर|राजस्थान 🥰1