दिनांक - 21.11.2024 लोकेशन - हनुमान टेकरी गुना स्क्रिप - ब्रह्मानंद अक्षयरुद्र ( इंजी. संजय कुमार प्रजापति) की 23वीं पुस्तक का लोकार्पण। आज दिनांक 21 नवम्बर 2024 को ब्रह्मानंद अक्षयरुद्र ( इंजी. संजय कुमार प्रजापति ) की 21वीं, 22वीं और 23वीं (तीन) पुस्तकों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया । इन पुस्तकों के नाम - 1) आपके प्रश्न 2) समाधान सरिता 3) सांझ ढलेगी तेरी भी । इस अवसर पर मुख्यअतिथि नितिन जी अग्रवाल (प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक गुना ) , गुलशन कुमार जुनेजा (हनुमान टेकरी मंदिर ट्रस्ट कोषाध्यक्ष) , श्री कृष्ण गोपाल वशिष्ठ (राष्ट्रीय कवि) , आर. वी. परिहार (साहित्यकार व कवि ), पण्डित विवेक शर्मा जी ( सुवर्चला सिद्ध गौशाला सकतपुर अध्यक्ष) , श्वेता अरोरा ( माॅडर्न चिल्ड्रन स्कूल प्राचार्य), सतीश शिवहरे (महाकाल कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर संचालक), मुरलीधर प्रजापति (जिला संरक्षक प्रजापति समाज ), लक्ष्मण प्रजापति ( जिला अध्यक्ष प्रजापति समाज ) , नन्नूलाल प्रजापति ( जिला महामंत्री प्रजापति समाज ) , श्री बालकृष्ण प्रजापति ( रिटायर्ड डिप्टी रेंजर वन विभाग) चैनसिंह प्रजापति (शिक्षक), जितेन्द्र भैया , हरिओम प्रजापति (विनायक दल प्रदेश सचिव), सुनील सिंह रघुवंशी (विनायक दल प्रदेश प्रभारी), हरिबहादुर सिंह मीना (प्रदेश अध्यक्ष विनायक दल) और नंदकिशोर कश्यप (केवट माझी संयुक्त संघर्ष समिति प्रान्तीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रान्त संगठन महामंत्री भारत माता सेवा संघ) आदि उपस्थित रहे। समारोह में दीप प्रज्वलित कर लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ किया । लेखक संजय कुमार प्रजापति (अक्षयरुद्र) की ये तीनों कृतियाँ गागर में सागर ही हैं। जो कि सभी जीवों की प्यास मिटाने वाले अमृत और कामधेनु के दुग्ध की भांति परम औषधि है। इनके स्वाध्याय से जीव निश्चित ही भवरोग का नाश कर सकेगा। लेखक अक्षयरुद्र के अनुसार आपके प्रश्न नामक 21 वीं पुस्तक और समाधान सरिता नामक कृति जिज्ञासाओं के समाधान के लिए कल्पवृक्ष ही है तथा 23 वीं पुस्तक साँझ ढलेगी तेरी भी में जीवन और मरण का सजीव चित्रण है। इस दिव्य अवसर पर राष्ट्र कवि असीम ( कृष्ण गोपाल वशिष्ठ) ने लेखक की पुस्तक साँझ ढलेगी तेरी भी कृति के मर्म को जानकर कर्म के अकाट्य सिद्धांत पर अद्वितीय सत्य घटना पर अपने विचार प्रकट किए और आर.बी. परिहार जी ने लेखक की 23 कृतियों पर सारात्मक व महत्वपूर्ण वाक्यामृत की वर्षा की। मुरलीधर जी ने कहा कि साहित्य क्षेत्र में योगदान राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा है साहित्य ही आगामी पीढ़ी को संस्कारवान बनाता है मनुष्य के रजोगुणी या तमोगुणी उपदेश तो जीवों को पथभ्रष्ट कर सकते हैं पर आध्यात्मिक साहित्य उसे मानव से देवत्व की ओर ले जाता है। लक्ष्मण प्रजापति ने कहा कि मानव का कर्तव्य धर्मपरायण होना है और इस धर्मपरायणता की शिक्षा लेखक अक्षयरुद्र ने अपनी 23 वीं तथा अन्य सभी पुस्तकों में सम्यक् रूप से दी है अतः जिज्ञासु जनों को अक्षयरुद्र अंशभूतशिव की समस्त 23 पुस्तकों से अपने अंतःकरण को शुद्ध करके साधन चतुष्ट्य से संपन्न हो जाना चाहिए। ज्ञात हो कि संजय कुमार प्रजापति (अक्षयरुद्र) ने इंजीनियरिंग , एम एससी और बीएड करने के बाद भी निवृत्तिमार्ग को चुना और वे सप्तपुरी में से एक महापुरी मथुरा (के वृंदावन क्षेत्र में ) चले गए और अपनी साधना से भगवती की कृपा को पाकर जनहित में रत हैं और वर्तमान में कुछ कालखण्ड के लिए मध्य प्रदेश के गुना जिले में ज्ञान की भूमिकाओं और पराशक्ति के प्रचार-प्रसार में रत हैं। इस कार्यक्रम में पधारे सभी पत्रकार साथियों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम के अंत में लेखक के पिता श्री ने भक्तों को शाॅल श्रीफल भेंट कर सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।..
दिनांक - 21.11.2024 लोकेशन - हनुमान टेकरी गुना स्क्रिप - ब्रह्मानंद अक्षयरुद्र ( इंजी. संजय कुमार प्रजापति) की 23वीं पुस्तक का लोकार्पण। आज दिनांक 21 नवम्बर 2024 को ब्रह्मानंद अक्षयरुद्र ( इंजी. संजय कुमार प्रजापति ) की 21वीं, 22वीं और 23वीं (तीन) पुस्तकों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया । इन पुस्तकों के नाम - 1) आपके प्रश्न 2) समाधान सरिता 3) सांझ ढलेगी तेरी भी । इस अवसर पर मुख्यअतिथि नितिन जी अग्रवाल (प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक गुना ) , गुलशन कुमार जुनेजा (हनुमान टेकरी मंदिर ट्रस्ट कोषाध्यक्ष) , श्री कृष्ण गोपाल वशिष्ठ (राष्ट्रीय कवि) , आर. वी. परिहार (साहित्यकार व कवि ), पण्डित विवेक शर्मा जी ( सुवर्चला सिद्ध गौशाला सकतपुर अध्यक्ष) , श्वेता अरोरा ( माॅडर्न चिल्ड्रन स्कूल प्राचार्य), सतीश शिवहरे (महाकाल कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर संचालक), मुरलीधर प्रजापति (जिला संरक्षक प्रजापति समाज ), लक्ष्मण प्रजापति ( जिला अध्यक्ष प्रजापति समाज ) , नन्नूलाल प्रजापति ( जिला महामंत्री प्रजापति समाज ) , श्री बालकृष्ण प्रजापति ( रिटायर्ड डिप्टी रेंजर वन विभाग) चैनसिंह प्रजापति (शिक्षक), जितेन्द्र भैया , हरिओम प्रजापति (विनायक दल प्रदेश सचिव), सुनील सिंह रघुवंशी (विनायक दल प्रदेश प्रभारी), हरिबहादुर सिंह मीना (प्रदेश अध्यक्ष विनायक दल) और नंदकिशोर कश्यप (केवट माझी संयुक्त संघर्ष समिति प्रान्तीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रान्त संगठन महामंत्री भारत माता सेवा संघ) आदि उपस्थित रहे। समारोह में दीप प्रज्वलित कर लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ किया । लेखक संजय कुमार प्रजापति (अक्षयरुद्र) की ये तीनों कृतियाँ गागर में सागर ही हैं। जो कि सभी जीवों की प्यास मिटाने वाले अमृत और कामधेनु के दुग्ध की भांति परम औषधि है। इनके स्वाध्याय से जीव निश्चित ही भवरोग का नाश कर सकेगा। लेखक अक्षयरुद्र के अनुसार आपके प्रश्न नामक 21 वीं पुस्तक और समाधान सरिता नामक कृति जिज्ञासाओं के समाधान के लिए कल्पवृक्ष ही है तथा 23 वीं पुस्तक साँझ ढलेगी तेरी भी में जीवन और मरण का सजीव चित्रण है। इस दिव्य अवसर पर राष्ट्र कवि असीम ( कृष्ण गोपाल वशिष्ठ) ने लेखक की पुस्तक साँझ ढलेगी तेरी भी कृति के मर्म को जानकर कर्म के अकाट्य सिद्धांत पर अद्वितीय सत्य घटना पर अपने विचार प्रकट किए और आर.बी. परिहार जी ने लेखक की 23 कृतियों पर सारात्मक व महत्वपूर्ण वाक्यामृत की वर्षा की। मुरलीधर जी ने कहा कि साहित्य क्षेत्र में योगदान राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा है साहित्य ही आगामी पीढ़ी को संस्कारवान बनाता है मनुष्य के रजोगुणी या तमोगुणी उपदेश तो जीवों को पथभ्रष्ट कर सकते हैं पर आध्यात्मिक साहित्य उसे मानव से देवत्व की ओर ले जाता है। लक्ष्मण प्रजापति ने कहा कि मानव का कर्तव्य धर्मपरायण होना है और इस धर्मपरायणता की शिक्षा लेखक अक्षयरुद्र ने अपनी 23 वीं तथा अन्य सभी पुस्तकों में सम्यक् रूप से दी है अतः जिज्ञासु जनों को अक्षयरुद्र अंशभूतशिव की समस्त 23 पुस्तकों से अपने अंतःकरण को शुद्ध करके साधन चतुष्ट्य से संपन्न हो जाना चाहिए। ज्ञात हो कि संजय कुमार प्रजापति (अक्षयरुद्र) ने इंजीनियरिंग , एम एससी और बीएड करने के बाद भी निवृत्तिमार्ग को चुना और वे सप्तपुरी में से एक महापुरी मथुरा (के वृंदावन क्षेत्र में ) चले गए और अपनी साधना से भगवती की कृपा को पाकर जनहित में रत हैं और वर्तमान में कुछ कालखण्ड के लिए मध्य प्रदेश के गुना जिले में ज्ञान की भूमिकाओं और पराशक्ति के प्रचार-प्रसार में रत हैं। इस कार्यक्रम में पधारे सभी पत्रकार साथियों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम के अंत में लेखक के पिता श्री ने भक्तों को शाॅल श्रीफल भेंट कर सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।..
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- दिनांक - 21.11.2024 लोकेशन - हनुमान टेकरी गुना स्क्रिप - ब्रह्मानंद अक्षयरुद्र ( इंजी. संजय कुमार प्रजापति) की 23वीं पुस्तक का लोकार्पण। आज दिनांक 21 नवम्बर 2024 को ब्रह्मानंद अक्षयरुद्र ( इंजी. संजय कुमार प्रजापति ) की 21वीं, 22वीं और 23वीं (तीन) पुस्तकों का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया । इन पुस्तकों के नाम - 1) आपके प्रश्न 2) समाधान सरिता 3) सांझ ढलेगी तेरी भी । इस अवसर पर मुख्यअतिथि नितिन जी अग्रवाल (प्रचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक गुना ) , गुलशन कुमार जुनेजा (हनुमान टेकरी मंदिर ट्रस्ट कोषाध्यक्ष) , श्री कृष्ण गोपाल वशिष्ठ (राष्ट्रीय कवि) , आर. वी. परिहार (साहित्यकार व कवि ), पण्डित विवेक शर्मा जी ( सुवर्चला सिद्ध गौशाला सकतपुर अध्यक्ष) , श्वेता अरोरा ( माॅडर्न चिल्ड्रन स्कूल प्राचार्य), सतीश शिवहरे (महाकाल कम्प्यूटर ट्रेनिंग सेंटर संचालक), मुरलीधर प्रजापति (जिला संरक्षक प्रजापति समाज ), लक्ष्मण प्रजापति ( जिला अध्यक्ष प्रजापति समाज ) , नन्नूलाल प्रजापति ( जिला महामंत्री प्रजापति समाज ) , श्री बालकृष्ण प्रजापति ( रिटायर्ड डिप्टी रेंजर वन विभाग) चैनसिंह प्रजापति (शिक्षक), जितेन्द्र भैया , हरिओम प्रजापति (विनायक दल प्रदेश सचिव), सुनील सिंह रघुवंशी (विनायक दल प्रदेश प्रभारी), हरिबहादुर सिंह मीना (प्रदेश अध्यक्ष विनायक दल) और नंदकिशोर कश्यप (केवट माझी संयुक्त संघर्ष समिति प्रान्तीय उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रान्त संगठन महामंत्री भारत माता सेवा संघ) आदि उपस्थित रहे। समारोह में दीप प्रज्वलित कर लोकार्पण कार्यक्रम का शुभारंभ किया । लेखक संजय कुमार प्रजापति (अक्षयरुद्र) की ये तीनों कृतियाँ गागर में सागर ही हैं। जो कि सभी जीवों की प्यास मिटाने वाले अमृत और कामधेनु के दुग्ध की भांति परम औषधि है। इनके स्वाध्याय से जीव निश्चित ही भवरोग का नाश कर सकेगा। लेखक अक्षयरुद्र के अनुसार आपके प्रश्न नामक 21 वीं पुस्तक और समाधान सरिता नामक कृति जिज्ञासाओं के समाधान के लिए कल्पवृक्ष ही है तथा 23 वीं पुस्तक साँझ ढलेगी तेरी भी में जीवन और मरण का सजीव चित्रण है। इस दिव्य अवसर पर राष्ट्र कवि असीम ( कृष्ण गोपाल वशिष्ठ) ने लेखक की पुस्तक साँझ ढलेगी तेरी भी कृति के मर्म को जानकर कर्म के अकाट्य सिद्धांत पर अद्वितीय सत्य घटना पर अपने विचार प्रकट किए और आर.बी. परिहार जी ने लेखक की 23 कृतियों पर सारात्मक व महत्वपूर्ण वाक्यामृत की वर्षा की। मुरलीधर जी ने कहा कि साहित्य क्षेत्र में योगदान राष्ट्र की सबसे बड़ी सेवा है साहित्य ही आगामी पीढ़ी को संस्कारवान बनाता है मनुष्य के रजोगुणी या तमोगुणी उपदेश तो जीवों को पथभ्रष्ट कर सकते हैं पर आध्यात्मिक साहित्य उसे मानव से देवत्व की ओर ले जाता है। लक्ष्मण प्रजापति ने कहा कि मानव का कर्तव्य धर्मपरायण होना है और इस धर्मपरायणता की शिक्षा लेखक अक्षयरुद्र ने अपनी 23 वीं तथा अन्य सभी पुस्तकों में सम्यक् रूप से दी है अतः जिज्ञासु जनों को अक्षयरुद्र अंशभूतशिव की समस्त 23 पुस्तकों से अपने अंतःकरण को शुद्ध करके साधन चतुष्ट्य से संपन्न हो जाना चाहिए। ज्ञात हो कि संजय कुमार प्रजापति (अक्षयरुद्र) ने इंजीनियरिंग , एम एससी और बीएड करने के बाद भी निवृत्तिमार्ग को चुना और वे सप्तपुरी में से एक महापुरी मथुरा (के वृंदावन क्षेत्र में ) चले गए और अपनी साधना से भगवती की कृपा को पाकर जनहित में रत हैं और वर्तमान में कुछ कालखण्ड के लिए मध्य प्रदेश के गुना जिले में ज्ञान की भूमिकाओं और पराशक्ति के प्रचार-प्रसार में रत हैं। इस कार्यक्रम में पधारे सभी पत्रकार साथियों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम के अंत में लेखक के पिता श्री ने भक्तों को शाॅल श्रीफल भेंट कर सभी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।..1
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