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जय बजरंग सेफ कम्पनी कोटा राजस्थान घर के लिए तिज़ोरी दुकान के लिए तिज़ोरी फ्री होम डिलेवरी
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Tulsiram Mehta
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- आईटीसी संस्था किसानों के लिए बनी वरदान। कोटा जिले में आईटीसी सुनहरा कल संस्था द्वारा की जा रही गतिविधियां किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। कोटा जिले में आईटीसी संस्था द्वारा जल संरक्षण के लिए चैक डैम बनाए जा रहे हैं। चैक डैम से किसानों को सिंचाई के साथ पशुओं को पानी सरलता से उपलब्ध हो रहें। जाखोड़ा के किसान ओगडीलाल नागर ने बताया कि हमारे खेतों की तरफ खाल में आईटीसी संस्था द्वारा चैक डैम बनाया गया था जिसमें हमने भी सहयोग किया था।आज चैक डैम बनने के हमें सिंचाई सुविधा उपलब्ध हो रहीं हैं फसलों के उत्पादन में भी बढ़ोतरी हुई है। ग्राम किशनपुरा तालाब पर बनाया गया एनिकट से तालाब में पानी का लेवल ज्यादा रहता है। कोटा जिले के प्रोजेक्ट मैनेजर दीपेन्द्र सिंह ने बताया कि संस्था कोटा जिले में 200 से भी ज्यादा गांवों में किसानों के लिए अलग-अलग गतिविधियों कर रही है।2
- कोटा भामाशाह मन्डी लहसुन के भावों में 3000 से 4000 के भावों मे गिरावट देखने को मिल रही हैं।।3
- जन जागरण संदेश संवाददाता सुरेश कुमार पटेरिया ये मां है इसकी सेवा करो,जब नहीं रहेगी तो बहुत याद आएगी.... मंत्री दिलावर ने पुत्र को कहा बूढ़ी मां का सम्मान करो। कोटा। रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र के ऊंडवा में आयोजित सरकार आपके द्वार समस्या समाधान शिविर में शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री श्री मदन दिलावर आज अलग ही रूप में नजर आए।घर के मुखिया की भांति मंत्री दिलावर ने कलयुगी बेटे को अपनी मां की सेवा करने की समझाइश की। हाथ जोड़ कर बोले ये मेरी भी मां जैसी है। इसका अपमान मत करो,इसकी सेवा करो। वृद्धा रूपा बाई पत्नी स्वर्गीय सेवलाल निवासी ग्राम ऊंडवा ने शिविर में आकर मंत्री जी को फरियाद की कि उनका बेटा और बहू उनकी सेवा नहीं करते।उनके हिस्से की 2 बीघा जमीन भी हड़प ली है और रोटी भी नहीं दे रहे। पति सेवलाल की मृत्यु के बाद उसकी स्थिति बहुत खराब हो गई है। बेटा बहू मुझे गाली देते है। मेरी बड़ी बेटी मांगी बाई को मिलने भी नहीं आने देते। मेरा इलाज भी नहीं करवाते और विधवा पेंशन के 1100 रुपए आते है तो उनको भी खुद ही रख लेते है। मंत्री श्री मदन दिलावर ने वृद्धा के बेटे पीरूलाल और उसकी पत्नी को बुलाकर समझाया कि ये तुम्हारी मां है। इसका सम्मान करो। इसने तुमको पैदा किया है। बचपन में तुम्हारी लात खाई है। और अब जब ये बूढ़ी बेसहारा हो गई है तो तुमको इस की सेवा करनी चाहिए। थोड़े दिन बाद जब ये नहीं रहेगी तो तुम को इसकी याद आएगी। दोनों मिलकर इसकी सेवा करो। मंत्री यही नहीं रुके उन्होंने हाथ जोड़ कर अनुरोध किया कि ये मेरी भी मां जैसी है। में तुम्हारे हाथ जोड़ता हूं,इसका अपमान मत करो। इसकी सेवा करो। मंत्री श्री श्री दिलावर की समझाइश के बाद बेटा बहू ने भरोसा दिलवाया कि अब वो मां की सेवा करेंगे।1
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- वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन की चुनावी महासभा का आयोजन कोटा 29 नवम्बर। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन की चुनावी महासभा का आयोजन आज दिनांक 29 नवम्बर 2024 को कोटा वैगन रिपेयर शॉप कारखाना में आयोजित किया गया। वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन के कोषाध्यक्ष इरशाद खान ने बताया कि आगामी 04,05 व 06 दिसम्बर को भारतीय रेल में ट्रेड यूनियन की मान्यता के चुनाव होना है और इस चुनावी दौर में महासभा को संबोधित करते हुये यूनियन के महामंत्री कॉमरेड मुकेश गालव ने बताया कि एनपीएस की जगह ओपीएस के लिए जो संघर्ष एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू ने शुरू किया था उसके परिणामस्वरूप यूपीएस के रूप में सफलता मिली है, लेकिन लाभ ओपीएस की तरह मिलने से बचा है जिसमें ओपीएस में पीएफ की राशि जो कर्मचारी के मासिक वेतन से सेवानिवृति तक काट कर पीएफ खाते में कराया जाता था जिसका भुगतान कर्मचारी को सेवानिवृति पर प्रभावी ब्याज सहित भुगतान कर दिया जाता था परन्तु यह प्रावधान वर्तमान यूपीएस में नहीं है। जिसके लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ यूपीएस में जमा राशि को कर्मचारी की सेवानिवृति के समय ब्याज सहित भुगतान करवाने के लिये संघर्ष कर रही है। जिसको निश्चित रूप से सरकार से लड़ाई लड़ कर प्राप्त कर लिया जायेगा। तब तक डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ का संघर्ष यूपीएस को ओपीएस से भी बेहतर बनाने तक जारी रहेगा। इसी प्रकार आठवे वेतन आयोग का गठन करवाने के लिये डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ पूरजोर तरीके से सरकार पर दबाव बनाये हुये है। डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ सही समय पर रेलकर्मचारियों को आठवां वेतन आयोग दिलवाने के लिये पूरजोर प्रयास कर रही है जिससे रेलकर्मचारियों के वेतन व पदोन्नति के अवसरों में वृद्धि होगी। साथ ही रेलवे में हो निजीकरण के विरूद्ध भी डब्ल्यूसीआरईयू/एआईआरएफ भरपूर विरोध कर रही है। किसी भी सूरत में रेलवे में निजीकरण नहीं होने दिया जायेगा। कॉमरेड मुकेश गालव ने कहा कि रेल कर्मचारियों की लंबित मांगों जैसे ओ पी एस में मिलने वाली सभी सुविधाएं दिलवाना , रेल का निजीकरण रोकना , 18 माह का बकाया डी ए का भुगतान , 8 वा वेतन आयोग , ट्रैक पर काम करने वाली सभी कैटेगरी को हार्ड शिप एवं रिस्क एलाउंस , एलडीसीई ओपन टू ऑल, सभी कर्मचारियों के लिये 4600 ग्रेड पे तक पदोन्नति के अवसर खोलना, एमएसीपीएस 10,20,30 के स्थान पर 8,16,24,32 करवाना, एमएसीपीएस की पदोन्नति गुड एपीएआर के आधार पर करवाना,महिला ओं को मिलने वाले 20 प्रतिशत काटी गई चाईल्ड केयर लीव पुनः बहाल करवाना, वर्कशॉप में काम करने वाले सभी कर्मचारियों के लिये बढ़ाये गये लॉट के आधार पर इंसेंटिव दर बढ़वाना, सभी ग्रुप् सी एवं डी कर्मचारियों को बिना सिलिंग लिमिट के नाईट डयूटी एवं एनएच का भुगतान करवाना, पोस्ट सरेण्डर बन्द करवाया तथा क्रियेशन से बैन हटवाना, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग कमेटी की सिफारिशों को अन्तिम रूप देकर लागू करवाना आदि मांगो की पूर्ति तक यूनियन और फेडरेशन का संघर्ष जारी रहेगा । उन्होंने कहा कि 100 साल के उपलब्धि भरे इतिहास के कारण रेल कर्मचारियों का विश्वास सबसे ज्यादा लाल झण्डे की यूनियन पर है और यही विश्वास यूनियन की सबसे बड़ी ताकत है जो देश की इस एकमात्र गैर राजनीतिक यूनियन को रेल कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने का लगातार अवसर प्रदान कर रही है । महासभा को कोषाध्यक्ष इरशाद खान, जोनल सेक्रेट्री चम्पा वर्मा, उपाध्यक्ष अजय शर्मा, वर्कशॉप शखा अध्यक्ष घनश्याम मीणा, सचिव मनोज गुप्ता ने भी संबोधित किया ।1
- __राजस्थान की बहतरीन अदाकारा .. पिंकी कोटा __ बहतरीन डांन्सर..1
- जय माता दी 🙏🏻♥️🙇🏻♂️1
- केंद्र की तरह हर 6 माह में महंगाई भत्ता बढ़ाकर न्यूनतम मजदूरी तय करने की मांग -जयपुर के श्रम विभाग कार्यालय में न्यूनतम मजदूरी सलाहकार मंडल की बैठक संपन्न कोटा/ जयपुर। जयपुर के श्रम विभाग कार्यालय में श्रम सचिव की अध्यक्षता में न्यूनतम मजदूरी सलाहकार मंडल की बैठक संपन्न हुई। सीटू महामंत्री मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि जयपुर स्थित श्रम आयुक्त कार्यालय में श्रम सचिव की अध्यक्षता में न्यूनतम मजदूरी सलाहकार मंडल की बैठक आयोजित की गई। जिसमें सभी केंद्रीय श्रम संगठनों, नियोक्ताओं के प्रतिनिधियों और सरकारी विभागों के कमेटी के लिए चुने गए प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सभी केंद्रीय श्रम संगठनों ने डेढ़ साल पहले जारी इंटेंशन पर आपत्ति दर्ज करवाई गई। कहा कि 1 जनवरी 2023 से महंगाई भत्ते में हुई वृद्धि के आधार पर बढ़ाई गई राशि 26 रुपए जोड़कर नई मजदूरी की दरों को जारी करने का इंटेंशन जारी किया गया था। जिसे न्यूनतम मजदूरी रिविजन नहीं कहा जा सकता। सीटू प्रदेश अध्यक्ष भंवर सिंह शेखावत ने कहा कि सरकार द्वारा महंगाई सूचकांक के आधार पर बढ़ाई गई न्यूनतम मजदूरी को न्यूनतम मजदूरी रिविजन नहीं कहा जा सकता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट और 1957 के श्रम सम्मेलन में लिए गए निर्णय डॉक्टर आक्राईड के फार्मूले के अनुसार न्यूनतम वेतन निर्धारण करने के लिए एक उप समिति का गठन श्रम आयुक्त की अध्यक्षता में किया जाए। त्रिपाठी कमेटी द्वारा जो महंगाई सूचकांक आते हैं, उसकी राशि अभी जो एक रुपए कर रखी है उसे कम से कम 5 से गुणा करके और महंगाई भत्ते को जोड़कर नई न्यूनतम मजदूरी का भुगतान किया जाना चाहिए। साथ ही यह जो इंटेंशन जारी किया जाता है, इसे बंद किया जाना चाहिए। क्योंकि केंद्र सरकार हर 6 माह में महंगाई भत्ते में हुई वृद्धि के आधार पर महंगाई भत्ता जोड़कर न्यूनतम मजदूरी बिना किसी इंटेंशन के बढ़ा देती है। जिसमें कोई इंटेंशन की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए राजस्थान में भी यह प्रथा बंद की जानी चाहिए और केंद्र की तरह महंगाई भत्ते को हर 6 माह में जोड़कर न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि की जानी चाहिए। जिस तरह से दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने की प्रक्रिया की गई है, इसी तरह राजस्थान में भी यह प्रक्रिया की जानी चाहिए। अभी राजस्थान पूरे देश में नीचे से तीसरे नंबर पर न्यूनतम मजदूरी रखता है। वहीं पिछड़े हुए राज्यों से भी बहुत पिछड़ी हुई मजदूरी राजस्थान में वर्तमान में है। 2 साल बाद जो आज यह 26 रुपए बढ़ाने की बात सरकार कर रही है, इसके खिलाफ भी मालिक लोग हाईकोर्ट में जाकर स्टे लेने की कार्रवाई करते हैं। वहां पर श्रम विभाग द्वारा कोई कैविएट भी नहीं लगाई जाती। जिसके कारण पिछली मजदूरी मजदूरों को मिलती नहीं और 2 साल की यह वृद्धि करोड़ों रुपए में होती है, जिसका आकलन होता है। वह मालिक लोग खा जाते हैं। इस तरह से एक षड्यंत्र के तहत मजदूरों का करोड़ों रुपए का नुकसान किया जाता है। सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जब से मजदूरी की घोषणा की है, तब से मजदूर को वह मजदूरी मिलनी चाहिए। 1 जनवरी 2023 से 26 रुपए बढ़ाने की बात सरकार कर रही है जो बहुत ही कम है। सरकार न्यूनतम मजदूरी जो वर्तमान में 259 रुपए है में 26 रुपए और जोड़कर यह मजदूरी 285 रुपए प्रतिदिन करना चाहती है। वह भी 26 दिन की मिलेगी। इसे 30 दिन किया जाना चाहिए। महामंत्री मुरारीलाल बैरवा इटावा ने बताया कि सीटू की ओर से इस मीटिंग में प्रदेश अध्यक्ष कामरेड भंवर सिंह शेखावत, एटक की ओर से कामरेड कुणाल रावत, एचएमएस की ओर से कामरेड मुकेश माथुर, इंटक की ओर से जगदीश राज श्रीमाली, आरसीटू की ओर से कामरेड रामपाल सैनी और कमेटी के अन्य संगठनों और श्रम विभाग के अधिकारियों और नियोक्ताओं के प्रतिनिधियों, पीडब्ल्यूडी व अन्य विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। सरकार ने अभी उप समिति बनाने पर निर्णय करने की बात कही है। साथ ही 2 साल का जो महंगाई भत्ता बढ़ा हुआ अभी बकाया है, उसके आधार पर न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने का आश्वासन दिया है। इसके अलावा श्रम संगठनों द्वारा दिए गए संयुक्त सुझावों पर भी सरकार विचार करेगी और हाई कोर्ट में भी कैविएट लगाएगी। जिससे कोई इस आदेश के खिलाफ स्टे लेने की कार्रवाई करे तो पहले सरकार को सुना जाए।4