#कमरख ये जो फल देख रहे हो न! मालूम है देखते ही बहुत लोगों के मुँह में पानी आ गया होगा। कुछ मीठा, अधिक खट्टा, कुछ कसैला सा स्वाद लिए इस फल का नाम कमरख है हमारे घर पर लोग अमरख कहते है और अंग्रेजी वाले स्टार फ़्रूट कहते है। आमतौर पर लोग इसके खट्टे स्वाद से ही इसे पहचानते है लेकिन मेरे घर पर इसका जो पेड़ लगा हुआ है वो पकने पर काफ़ी हद तक मीठा हो जाता है। मेरे घर की अमरख की एक खास बात और भी है ये बारहमासी है अर्थात इस पर पुरे वर्ष फल रहते है। तस्वीर में आप लोग देख ही रहे होंगे कि यहां पर फूल, फल पका फल तीनों एक साथ लगे हुए है और ऐसे ही वर्ष भर रहते है। शायद ही कभी ये पेड़ फल से खाली रहता होगा। मेरे घर पर लगे इस पेड़ की एक और भी खासीयत है कि इसका अन्य कोई पेड़ न तैयार हो सका है। सबने बीज जमाने, कलम लगाने, बूटी विधि हर तरह का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। ये पेड़ समझ लीजिये कि पुस्तैनी धरोहर है। मेरे बाबू जी की दादी बीमार थी तो मुँह का स्वाद ठीक करने के लिए बाबू जी से बाजार से इसका फल मंगा कर खाया था और बीज बो दिया था। ये उग गया और तबसे वर्षों से फल दे रहा है। ये लम्बाई में काफ़ी बड़ा है और टहनिया जमीन को छुती है हर वर्ष अम्मा नीचे से काट देती है वरना ये पेड़ अपने नीचे अच्छा खासा गुफा बना ले। खूब घना छायादार वृक्ष है। दिन में बिजली चले जाने पर अक्सर पुरे घरवालों का ठिकाना यही बनता है। इस पेड़ के नीचे चारपाई, एक दो कुर्सी, स्टूल हमेशा रखे रहते है। घर के लोग कमरे में पंखे के नीचे से ज्यादा यहां बैठना पसंद करते है। आस पास के कई गांव के बहुरिया, बच्चो का पसंदीदा फल है। सारा दिन आस पास के गांव के बच्चे झुण्ड बनाकर अमरख बीनने आया करते है। किसी की मामी, किसी की भौजी ने उनसे अमरख मंगवाया होता है। जब मैं रहती थी तब आसानी से बच्चो को अमरख बीनने नहीं देती थी। सबसे बोलती थी नाच दिखाओ या गा कर सुनाओ उसके बदले में अमरख मिलेगी। इस कमरख को आप मिर्च वाले तीखे नमक के साथ यू ही खाइये, अचार बनाइये, चटनी बनाइये, मूली, हरी मिर्च के साथ झटपट वाला अचार बनाइये। किसी भी तरह से इसका स्वाद ले सकते है। कभी मेरे गांव आईये फिर आप सबको खिलायेगे और उपहार स्वरूप भी मिलेगा। पोस्ट अच्छी लगे तो लाइक और शेयर करें कॉमेंट में अपने विचार अवश्य व्यक्त करे
#कमरख ये जो फल देख रहे हो न! मालूम है देखते ही बहुत लोगों के मुँह में पानी आ गया होगा। कुछ मीठा, अधिक खट्टा, कुछ कसैला सा स्वाद लिए इस फल का नाम कमरख है हमारे घर पर लोग अमरख कहते है और अंग्रेजी वाले स्टार फ़्रूट कहते है। आमतौर पर लोग इसके खट्टे स्वाद से ही इसे पहचानते है लेकिन मेरे घर पर इसका जो पेड़ लगा हुआ है वो पकने पर काफ़ी हद तक मीठा हो जाता है। मेरे घर की अमरख की एक खास बात और भी है ये बारहमासी है अर्थात इस पर पुरे वर्ष फल रहते है। तस्वीर में आप लोग देख ही रहे होंगे कि यहां पर फूल, फल पका फल तीनों एक साथ लगे हुए है और ऐसे ही वर्ष भर रहते है। शायद ही कभी ये पेड़ फल से खाली रहता होगा। मेरे घर पर लगे इस पेड़ की एक और भी खासीयत है कि इसका अन्य कोई पेड़ न तैयार हो सका है। सबने बीज जमाने, कलम लगाने, बूटी विधि हर तरह का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। ये पेड़ समझ लीजिये कि पुस्तैनी धरोहर है। मेरे बाबू जी की दादी बीमार थी तो मुँह का स्वाद ठीक करने के लिए बाबू जी से बाजार से इसका फल मंगा कर खाया था और बीज बो दिया था। ये उग गया और तबसे वर्षों से फल दे रहा है। ये लम्बाई में काफ़ी बड़ा है और टहनिया जमीन को छुती है हर वर्ष अम्मा नीचे से काट देती है वरना ये पेड़ अपने नीचे अच्छा खासा गुफा बना ले। खूब घना छायादार वृक्ष है। दिन में बिजली चले जाने पर अक्सर पुरे घरवालों का ठिकाना यही बनता है। इस पेड़ के नीचे चारपाई, एक दो कुर्सी, स्टूल हमेशा रखे रहते है। घर के लोग कमरे में पंखे के नीचे से ज्यादा यहां बैठना पसंद करते है। आस पास के कई गांव के बहुरिया, बच्चो का पसंदीदा फल है। सारा दिन आस पास के गांव के बच्चे झुण्ड बनाकर अमरख बीनने आया करते है। किसी की मामी, किसी की भौजी ने उनसे अमरख मंगवाया होता है। जब मैं रहती थी तब आसानी से बच्चो को अमरख बीनने नहीं देती थी। सबसे बोलती थी नाच दिखाओ या गा कर सुनाओ उसके बदले में अमरख मिलेगी। इस कमरख को आप मिर्च वाले तीखे नमक के साथ यू ही खाइये, अचार बनाइये, चटनी बनाइये, मूली, हरी मिर्च के साथ झटपट वाला अचार बनाइये। किसी भी तरह से इसका स्वाद ले सकते है। कभी मेरे गांव आईये फिर आप सबको खिलायेगे और उपहार स्वरूप भी मिलेगा। पोस्ट अच्छी लगे तो लाइक और शेयर करें कॉमेंट में अपने विचार अवश्य व्यक्त करे
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