हरिद्वार में आगामी अर्धकुंभ में शाही स्नान होंगे या नहीं, इसपर संशय खड़ा हो गया है। आमतौर पर अर्धकुंभ में शाही स्नान नहीं होते लेकिन पिछले दिनों अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने इस बार अर्धकुंभ में संतों के कुंभ की भांति तीन स्नान करने का ऐलान किया था। अखाड़ा परिषद ने पहला अमृत स्नान 6 मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व पर, दूसरा शाही स्नान 8 मार्च को सोमवती अमावस्या पर व तीसरा व अंतिम अमृत स्नान 14 अप्रैल को वैशाखी यानि मेष संक्रांति पर करने की बात कही थी लेकिन कल हरिद्वार में हुई संतों की बैठक में इसपर प्रश्न चिन्ह लग गया है।कल हुई बैठक में वर्ष 2027 में उज्जैन व नासिक में होने वाले कुंभ मेले तथा हरिद्वार में प्रस्तावित अर्धकुंभ मेले, जिसे कुंभ का रूप दिया जा रहा है को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। अखाड़ा परिषद महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने बैठक में कहा कि उज्जैन व नासिक कुंभ मेले के चलते हरिद्वार अर्धकुंभ मेले में शामिल हो पाना संभव नहीं होगा। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि जब संत अर्धकुंभ में उपस्थित ही नहीं होंगे तो अर्धकुंभ के शाही स्नान कैसे होंगे! उल्लेखनीय है कि संतों के हरिद्वार अर्धकुंभ में शाही स्नान की घोषणा के बाद धर्माचार्यों और पंचागविदों में बहस शुरू हो गई थी। क्योंकि उत्तराखंड सरकार अर्धकुंभ को कुंभ प्रचारित कर रही है जबकि कुंभ आकाश में नक्षत्रों की एक विशेष स्थिति पर ही होता है,जो केवल 12 वर्ष बाद ही उस क्रम में आते हैं। संभवतः सरकार के अर्धकुंभ को कुंभ कहने के बाद ही संतों ने अर्धकुंभ में कुंभ की भांति तीन शाही स्नान का निर्णय लिया था लेकिन अब संतों की कल हुई बैठक के बाद अर्धकुंभ में शाही स्नान लटक गया है। (-कुमार दुष्यंत)
हरिद्वार में आगामी अर्धकुंभ में शाही स्नान होंगे या नहीं, इसपर संशय खड़ा हो गया है। आमतौर पर अर्धकुंभ में शाही स्नान नहीं होते लेकिन पिछले दिनों अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने इस बार अर्धकुंभ में संतों के कुंभ की भांति तीन स्नान करने का ऐलान किया था। अखाड़ा परिषद ने पहला अमृत स्नान 6 मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व पर, दूसरा शाही स्नान 8 मार्च को सोमवती अमावस्या पर व तीसरा व अंतिम अमृत स्नान 14 अप्रैल को वैशाखी यानि मेष संक्रांति पर करने की बात कही थी लेकिन कल हरिद्वार में हुई संतों की बैठक में इसपर प्रश्न चिन्ह लग गया है।कल हुई बैठक में वर्ष 2027 में उज्जैन व नासिक में होने वाले कुंभ मेले तथा हरिद्वार में प्रस्तावित अर्धकुंभ मेले, जिसे कुंभ का रूप दिया जा रहा है को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। अखाड़ा परिषद महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि ने बैठक में कहा कि उज्जैन व नासिक कुंभ मेले के चलते हरिद्वार अर्धकुंभ मेले में शामिल हो पाना संभव नहीं होगा। ऐसे में सवाल खड़ा हो गया है कि जब संत अर्धकुंभ में उपस्थित ही नहीं होंगे तो अर्धकुंभ के शाही स्नान कैसे होंगे! उल्लेखनीय है कि संतों के हरिद्वार अर्धकुंभ में शाही स्नान की घोषणा के बाद धर्माचार्यों और पंचागविदों में बहस शुरू हो गई थी। क्योंकि उत्तराखंड सरकार अर्धकुंभ को कुंभ प्रचारित कर रही है जबकि कुंभ आकाश में नक्षत्रों की एक विशेष स्थिति पर ही होता है,जो केवल 12 वर्ष बाद ही उस क्रम में आते हैं। संभवतः सरकार के अर्धकुंभ को कुंभ कहने के बाद ही संतों ने अर्धकुंभ में कुंभ की भांति तीन शाही स्नान का निर्णय लिया था लेकिन अब संतों की कल हुई बैठक के बाद अर्धकुंभ में शाही स्नान लटक गया है। (-कुमार दुष्यंत)
- हरिद्वार पुलिस आजकल मोडिफाइड दुपहियों को लेकर सख्त बनी हुई है। रानीपुर मोड़ पर पुलिस ने रात चेकिंग के दौरान कान फोड़ आवाज़ वाली बुलेट बाइक पकड़ी। इसमें मॉडिफाइड साइलेंसर लगा था, जिससे काफी शोर हो रहा था। पुलिस ने बाइक सीज़ कर वाहन स्वामी का चालान किया और सभी को ऐसे वाहनों के प्रति सावधान किया।1
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- इंडोनेशिया/दक्षिण-पूर्व एशिया जैसा दृश्य, लेकिन वीडियो भारत में तेजी से वायरल — “अजगर ने किसान को निगल लिया!” का दावा झूठा निकला सोशल मीडिया पर एक बड़ा अजगर और उसके शिकंजे में फंसे एक व्यक्ति का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। कई पोस्टों में दावा किया जा रहा है कि “अजगर आदमी को पूरी तरह निगलने वाला था” या “आदमी जिंदा निगला गया”1
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- दारू पीना छोड़ो रे1
- श्री राम चरित मानस1
- आज आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक नगरी हरिद्वार को स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने हेतु क्लीन ड्राइव चलाया जा रहा है। जिसमें जिला प्रशासन हरिद्वार के द्वारा सभी अखाड़ों, मठों, मंदिर समितियों एवं धार्मिक संस्थाओं के सहयोग से घाटों पर वृहद स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य धार्मिक एवं पर्यटन क्षेत्रों में स्वच्छता सुनिश्चित करना, श्रद्धालुओं व पर्यटकों के लिए स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराना, गंगा तटों, मार्गों एवं सार्वजनिक स्थलों की विशेष सफाई , जनभागीदारी के माध्यम से स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। जिलाधिकारी की ओर से सभी नागरिकों से भी अनुरोध किया गया है कि स्वच्छता अभियान में सक्रिय सहभागिता प्रदान कर स्वच्छ हरिद्वार सुंदर हरिद्वार के निर्माण में अपना योगदान दें।1