जोधपुर।अखिल भारतवर्षिय श्री गुर्जलगौड ब्राह्राण महासभा के अधयक्ष श्री औमप्रकाश जौशी,प्रधानमंत्री श्री प्रधुमन जौशी,महासभा के पूर्व वरिषठ उपाधधयक्ष,एंव जनमदाता के प्रधान संपादक श्री गौरी शंकर पंचारिया, राजसथान युवक संघ के पूर्व अधयक्ष श्री कूशाल रोहीवाल का पाली जिला महर्षि गौतम सुत सेवा समिती के अधयक्ष सोहनलाल बी सिवाल,छगन लाल भारद्वाज(प्रधान संपादक गौतम उजाला)प्रभारी ,राषटीय मीडिया प्रकोषठ,महासभा),पारस तिवारी,लाला राम श्रौती,गौपाल गौतम सभी अधयक्ष, प्रधानमंत्री को साफा,माला पहनाकर समिती की और से जोधपुर अधयक्षजी के निवास सथान पर हार्दिक अभिनंदन किया गया।तथा पाली समिती की जांच रिर्पोट,व अधयक्ष को संरक्षण समिती के बारे मे,और वकील सूर्य प्रकाश सिवाल, के अनुज ,सी पी सिवाल द्वारा महासभा अधयक्ष श्री औम प्रकाश जौशी को पाली मे सी पी से महासभा मे शामिल किये गये सदसयो,की शिकायत मौबाईल व लिखित के सबंधित विसतार से छगन लाल भारद्वाज द्वारा महासभा अधयक्ष,प्रधानमंत्री से वार्तालाप तथा दो भाईयो आपसी जग जाहिर, आपसी मतभेद पर प्रकाश डाला।और प्रधानमंत्री,व कूशाल रोहीवाल नै भी पाली मे 20-25 से शिकायत कर्ता के बारे मे जानकारी हासिल की।दैखते है, कि ऊंट किस कलवट बैठता है? (छगनलाल भारद्वाज,पत्रकार,पाली)
जोधपुर।अखिल भारतवर्षिय श्री गुर्जलगौड ब्राह्राण महासभा के अधयक्ष श्री औमप्रकाश जौशी,प्रधानमंत्री श्री प्रधुमन जौशी,महासभा के पूर्व वरिषठ उपाधधयक्ष,एंव जनमदाता के प्रधान संपादक श्री गौरी शंकर पंचारिया, राजसथान युवक संघ के पूर्व अधयक्ष श्री कूशाल रोहीवाल का पाली जिला महर्षि गौतम सुत सेवा समिती
के अधयक्ष सोहनलाल बी सिवाल,छगन लाल भारद्वाज(प्रधान संपादक गौतम उजाला)प्रभारी ,राषटीय मीडिया प्रकोषठ,महासभा),पारस तिवारी,लाला राम श्रौती,गौपाल गौतम सभी अधयक्ष, प्रधानमंत्री को साफा,माला पहनाकर समिती की और से जोधपुर अधयक्षजी के निवास सथान पर हार्दिक अभिनंदन किया गया।तथा पाली समिती की जांच रिर्पोट,व अधयक्ष
को संरक्षण समिती के बारे मे,और वकील सूर्य प्रकाश सिवाल, के अनुज ,सी पी सिवाल द्वारा महासभा अधयक्ष श्री औम प्रकाश जौशी को पाली मे सी पी से महासभा मे शामिल किये गये सदसयो,की शिकायत मौबाईल व लिखित के सबंधित विसतार से छगन
लाल भारद्वाज द्वारा महासभा अधयक्ष,प्रधानमंत्री से वार्तालाप तथा दो भाईयो आपसी जग जाहिर, आपसी मतभेद पर प्रकाश डाला।और प्रधानमंत्री,व कूशाल रोहीवाल नै भी पाली मे 20-25 से शिकायत कर्ता के बारे मे जानकारी हासिल की।दैखते है, कि ऊंट किस कलवट बैठता है? (छगनलाल भारद्वाज,पत्रकार,पाली)
- jodhpur :-जोधपुर से बड़ी खबर, जोधपुर के भदवासीया मंडी में कुछ समय पहले एक व्यापारी पर जानलेवा हमला हुआ था, अभी तक उस व्यापारी को पूर्णता न्याय नहीं मिल पाया है, इसी वजह से व्यापारी संघ द्वारा भदवासिया मंडी को एक बार फिर से बंद करने की मांग रखी गई है ।1
- Ajmer news aapka bhai banaa rahega ke ke bahar black mein daru bik rahi hai kya bolate bhai log khabar dete rahenge machaenge1
- पुष्कर विधायक कैबिनेट मंत्री सुरेश सिंह रावत ने की प्रेस वार्ता1
- अरावली जंगलों ओर बीकानेर क्षेत्र में पेड़ कटाई कारण और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स आईरा न्यूज बीकानेर इकबाल खान, राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला के जंगलों को काटने का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़ा है, जहां 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को 'अरावली' की परिभाषा से बाहर कर दिया गया। यह तकनीकी व्याख्या खनन और विकास परियोजनाओं का रास्ता खोल रही, जिससे पर्यावरणीय संरक्षण कमजोर हो रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला रेगिस्तान के विस्तार को बढ़ावा देगा, लेकिन सरकारें आर्थिक विकास के नाम पर आगे बढ़ रही। *कटाई के प्रमुख कारण* खनन की अनुमति: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट पर आधारित 100 मीटर ऊंचाई की सीमा स्वीकार की, जिससे अरावली के 90% हिस्से (कम ऊंचाई वाले) में खनन, निर्माण और भूमि अधिग्रहण संभव हो गया। यह 23 साल पुराने संरक्षण आदेश को कमजोर करता है, जहां खनन माफिया सक्रिय हो सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स: सौर ऊर्जा कंपनियां भूमि हासिल करने के लिए पेड़ काट रही, खासकर बीकानेर और जोधपुर जैसे जिलों में। सरकार का लक्ष्य 2030 तक सौर क्षमता बढ़ाना है, लेकिन पर्यावरणीय ऑडिट की कमी से जंगल प्रभावित। विकास और बुनियादी ढांचा: सड़कें, सब-स्टेशन और हाइड्रो-सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि साफ की जा रही, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के बजाय पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही। वहां लगने वाले प्रोजेक्ट्स सौर ऊर्जा प्लांट्स: बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर में बड़े सोलर फार्म्स, जहां खेजड़ी जैसे पेड़ काटे जा रहे। सरकार ने 9 सोलर-हाइड्रो प्रोजेक्ट्स मंजूर किए, जो 500,000 से अधिक पेड़ों को प्रभावित करेंगे। खनन और निर्माण: कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पत्थर खदानें, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे हरियाणा-राजस्थान सीमा पर। अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के बावजूद, खनन को प्राथमिकता मिल रही। अन्य विकास सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित क्षेत्रों में बफर जोन के बाहर सड़कें और सब-स्टेशन, जो दिल्ली-एनसीआर की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन रेगिस्तान विस्तार का खतरा बढ़ा रहा। पर्यावरण कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील कर धरना प्रदर्शन कर है।कि कटाई रोककर सख्त नियम लागू हों, वरना जल संकट और प्रदूषण गंभीर हो जाएगा।1
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- Post by रमेश सिंह1
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