।। कैली अस्पताल: आशाओं से निराशा तक, मरीज फर्श पर और स्टाफ पर मारपीट के आरोप।। पूर्वांचल के लोगों को कभी बड़ी उम्मीदें दिलाने वाला बस्ती का कैली अस्पताल (महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज) आज कुप्रबंधन, लापरवाही और अव्यवस्था का प्रतीक बन गया है। ⭐ ओपेक देशों की मदद से शुरू हुआ निर्माण। इस अस्पताल का निर्माण ओपेक देशों की मदद से हुआ था। उस समय बड़ी संख्या में पूर्वांचल के मजदूर खाड़ी देशों में काम करते थे। उनके परिवारों की सुविधा और स्थानीय गरीब मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की गई। लेकिन राजनीति के चलते निर्माण आधा अधूरा ही रह गया। करीब 70 प्रतिशत काम के बाद निर्माण रुक गया और यहां लगने वाली मशीनों को लोगों के मुताबिक सैफई मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर करा दिया गया। डॉक्टरों की नियुक्ति और स्टाफ की उपलब्धता भी अधूरी रह गई। ⭐ मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी हालात जस के तस। जब इसे मेडिकल कॉलेज की मान्यता मिली और उम्मीदें जगीं कि गरीबों को बेहतर इलाज मिलेगा, तब भी हालात नहीं बदले। डॉक्टरों की कमी, स्टाफ का मनमाना रवैया और मरीजों की अनदेखी यहां की पहचान बन गई। कोरोना काल में तो हालात और बिगड़ गए। ऑक्सीजन की किल्लत और सिलेंडर बेचने के आरोपों ने अस्पताल की साख पूरी तरह गिरा दी। ⭐ #डिलीवरी_केस_का_फर्श_पर_इलाज हाल ही में बस्ती के नगर पंचायत मुंडेरवां निवासी रीना (पत्नी विजय) का डिलीवरी केस लेकर 28 सितंबर 2025 को कैली अस्पताल पहुंचने पर परिवार को बताया गया कि “बेड खाली नहीं है”। मजबूरन रीना का इलाज जमीन पर बैठाकर किया गया, जबकि वह तीन दिनों से ब्लीडिंग की समस्या झेल रही थीं। ⭐ #मरीज_परिजन_से_हाथापाई, #पत्रकार_को_गालियां। 30 सितंबर की रात करीब 2 बजे जब परिजनों ने अस्पताल का वीडियो बनाया तो तैनात गार्ड ने मोबाइल छीनने की कोशिश की, जिससे मरीज की पत्नी घायल हो गई। परिजनों के अनुसार मौके पर मौजूद डॉक्टर गाली-गलौज और हाथापाई पर उतारू हो गए और मेडिकल कॉलेज से 20-25 जूनियर डॉक्टरों को भी मारपीट के लिए बुला लिया गया। इतना ही नहीं, वहां मौजूद एक पत्रकार को भी गालियां दी गईं। ⭐ #सुविधाओं_के_नाम_पर_झुनझुना #कैली_अस्पताल की इमारत जरा सी बारिश में तालाब में बदल जाती है। मरीजों को न तो उचित बेड मिलते हैं और न ही स्टाफ का व्यवहार मरीजों के प्रति जिम्मेदाराना होता है। रात में ड्रेस कोड तक का पालन नहीं होता, जिससे मरीज यह पहचान ही नहीं पाते कि सामने डॉक्टर है या वार्ड ब्वॉय। यह हाल उत्तर प्रदेश के #स्वास्थ्य_मंत्री बृजेश पाठक के स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाता है। गरीब मरीज अब भी बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर यहां आते हैं, लेकिन उन्हें मिलता है केवल निराशा, #फर्श_पर_इलाज और स्टाफ का दुर्व्यवहार।
।। कैली अस्पताल: आशाओं से निराशा तक, मरीज फर्श पर और स्टाफ पर मारपीट के आरोप।। पूर्वांचल के लोगों को कभी बड़ी उम्मीदें दिलाने वाला बस्ती का कैली अस्पताल (महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज) आज कुप्रबंधन, लापरवाही और अव्यवस्था का प्रतीक बन गया है। ⭐ ओपेक देशों की मदद से शुरू हुआ निर्माण। इस अस्पताल का निर्माण ओपेक देशों की मदद से हुआ था। उस समय बड़ी संख्या में पूर्वांचल के मजदूर खाड़ी देशों में काम करते थे। उनके परिवारों की सुविधा और स्थानीय गरीब मरीजों को इलाज उपलब्ध कराने के लिए इस परियोजना की शुरुआत की गई। लेकिन राजनीति के चलते निर्माण आधा अधूरा ही रह गया। करीब 70 प्रतिशत काम के बाद निर्माण रुक गया और यहां लगने वाली मशीनों को लोगों के मुताबिक सैफई मेडिकल कॉलेज ट्रांसफर करा दिया गया। डॉक्टरों की नियुक्ति और स्टाफ की उपलब्धता भी अधूरी रह गई। ⭐ मेडिकल कॉलेज बनने के बाद भी हालात जस के तस। जब इसे मेडिकल कॉलेज की मान्यता मिली और उम्मीदें जगीं कि गरीबों को बेहतर इलाज मिलेगा, तब भी हालात नहीं बदले। डॉक्टरों की कमी, स्टाफ का मनमाना रवैया और मरीजों की अनदेखी यहां की पहचान बन गई। कोरोना काल में तो हालात और बिगड़ गए। ऑक्सीजन की किल्लत और सिलेंडर बेचने के आरोपों ने अस्पताल की साख पूरी तरह गिरा दी। ⭐ #डिलीवरी_केस_का_फर्श_पर_इलाज हाल ही में बस्ती के नगर पंचायत मुंडेरवां निवासी रीना (पत्नी विजय) का डिलीवरी केस लेकर 28 सितंबर 2025 को कैली अस्पताल पहुंचने पर परिवार को बताया गया कि “बेड खाली नहीं है”। मजबूरन रीना का इलाज जमीन पर बैठाकर किया गया, जबकि वह तीन दिनों से ब्लीडिंग की समस्या झेल रही थीं। ⭐ #मरीज_परिजन_से_हाथापाई, #पत्रकार_को_गालियां। 30 सितंबर की रात करीब 2 बजे जब परिजनों ने अस्पताल का वीडियो बनाया तो तैनात गार्ड ने मोबाइल छीनने की कोशिश की, जिससे मरीज की पत्नी घायल हो गई। परिजनों के अनुसार मौके पर मौजूद डॉक्टर गाली-गलौज और हाथापाई पर उतारू हो गए और मेडिकल कॉलेज से 20-25 जूनियर डॉक्टरों को भी मारपीट के लिए बुला लिया गया। इतना ही नहीं, वहां मौजूद एक पत्रकार को भी गालियां दी गईं। ⭐ #सुविधाओं_के_नाम_पर_झुनझुना #कैली_अस्पताल की इमारत जरा सी बारिश में तालाब में बदल जाती है। मरीजों को न तो उचित बेड मिलते हैं और न ही स्टाफ का व्यवहार मरीजों के प्रति जिम्मेदाराना होता है। रात में ड्रेस कोड तक का पालन नहीं होता, जिससे मरीज यह पहचान ही नहीं पाते कि सामने डॉक्टर है या वार्ड ब्वॉय। यह हाल उत्तर प्रदेश के #स्वास्थ्य_मंत्री बृजेश पाठक के स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाता है। गरीब मरीज अब भी बेहतर इलाज की उम्मीद लेकर यहां आते हैं, लेकिन उन्हें मिलता है केवल निराशा, #फर्श_पर_इलाज और स्टाफ का दुर्व्यवहार।
- महेंद्र पाल सिंह नयागांवNarwar, Shivpuri💐on 3 October
- महेंद्र पाल सिंह नयागांवNarwar, Shivpuri👌on 3 October
- महेंद्र पाल सिंह नयागांवNarwar, Shivpuri👏on 3 October
- गोरखपुर के मंदिर में शादी के बाद टूटा रिश्ता, पति बोला– “जाति परिवर्तन कराओ, तभी साथ रखूंगा” दोस्तों संग मिलकर बर्बरता, सड़क किनारे फेंका, ससुराल में जाति को लेकर ताने और मारपीट जान का खतरा, परिवार दहशत में गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां प्रेम-प्रसंग के बाद मंदिर में हुई शादी अब जाति विवाद, मारपीट और उत्पीड़न में बदल गई है। शादी के एक साल बाद पति ने पत्नी को घर से निकाल दिया और साथ रखने की शर्त रख दी—पहले जाति परिवर्तन कराओ।प्रेम से शादी तक, फिर शुरू हुआ उत्पीड़न। पीपीगंज क्षेत्र की रहने वाली महिला के अनुसार, उसकी 20 वर्षीय बेटी की बातचीत चिलुआताल क्षेत्र के बरगदवां निवासी मुकेश यादव से होती थी। दोनों चोरी-छिपे मिलने लगे। 15 फरवरी 2024 को मुकेश युवती से मिलने उसके घर पहुंचा, जहां परिजनों ने उसे पकड़ लिया। पुलिस आई, सुलह-समझौता हुआ और बाद में दोनों परिवारों की सहमति से शादी तय हो गई। 7 अप्रैल 2025 को महेसरा स्थित बावंत माता मंदिर में दोनों की शादी कराई गई। इस दौरान रिश्तेदार मौजूद थे और शादी की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराई गई, जो पीड़िता के परिवार के पास सुरक्षित है। शादी के कुछ ही दिनों बाद युवती को ससुराल में जाति को लेकर ताने मिलने लगे। आरोप है कि पति और उसके परिजन कहते थे—“छोटी जाति की लड़की ले आया, दहेज भी कुछ नहीं मिला।” 15 अगस्त 2025 को मुकेश अपने पिता पांचू यादव के साथ पीपीगंज पहुंचा और साफ कह दिया कि वे युवती को अपने घर नहीं रखेंगे।“जाति परिवर्तन कराओ, तभी रखेंगे”पीड़िता की मां का आरोप है कि जब वह बेटी की शिकायत लेकर ससुराल पहुंची, तो मुकेश और उसके पिता ने कहा पहले लड़की की जाति परिवर्तन कराओ, तभी उसे घर में रखेंगे। यह सुनकर वह स्तब्ध रह गई और बेटी को समझाकर वापस ले आई। आरोप है कि अप्रैल 2025 से मुकेश गोरखनाथ क्षेत्र के द्वारिकापुरी कॉलोनी में किराए के क्वार्टर में पत्नी के साथ रह रहा था। 9 सितंबर की रात करीब 1 बजे मुकेश ने दो दोस्तों को बुलाया और तीनों ने मिलकर युवती की बेरहमी से पिटाई की। वह बेहोश हो गई, जिसके बाद उसे गाड़ी में डालकर बरगदवां के पास सड़क किनारे छोड़ दिया गया। परिजनों ने डायल 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। खोजबीन में युवती बरगदवां के पास एक भूसा दुकान के पास मिली। तब से वह अपने मायके में रह रही है। पीड़िता की मां का आरोप है कि मुकेश के पिता ने बेटे की बेदखली के कागजात बनवाकर पुलिस को दिखाए हैं, जबकि पिता-पुत्र आपस में मिले हुए हैं। परिवार को आशंका है कि आरोपी किसी अप्रिय घटना को अंजाम दे सकते हैं। पीड़िता की मां की तहरीर पर चिलुआताल थाने में मुकेश यादव, उसके पिता पांचू यादव और दो अन्य दोस्तों के खिलाफ दहेज उत्पीड़न, एससी-एसटी एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।“तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है और सभी आरोपों की गहनता से पड़ताल की जा रही है।”4
- Post by Mulayam Singh Yadav Up1
- उत्तर प्रदेश के बदायूं में ज्वेलर्स की दुकान में लूटपाट करने आए तीन बदमाश घटना को अंजाम देकर जैसे ही दुकान से बाहर निकले तभी वहां पर इकट्ठी भीड़ के घेरे में आ गए, इकट्ठी भीड़ द्वारा बदमाशों की जमकर खातिरदारी की और अंत में पुलिस को सौंप दिया। वीडियो सोशल मीडिया पर दिखा।1
- गोरखपुर के विकास की मिसाल: CM योगी का दूसरा उपरगामी सेतु, हाफिज अयाज़ ने की सराहना1
- उप्र में बहुत अधिक शीत लहर ठंड तेज गति से होने लगा है अपनी सेहत को लेकर सतर्कता सावधानी पूर्वक बनाएं,, देखो शीत लहर ठंड तेज गति से होने लगा है अपनी सेहत को लेकर सतर्कता सावधानी पूर्वक बनाएं रखे अपनी गाड़ी चालक वाहन अपनी गाड़ी शीत लहर में तेज गति से गाड़ी नहीं चलाये अपनी सावधानी बरते और दूसरों का ख्याल रखें।।।।।1
- जेल में बंद अनेक कैदियों ने दिखाए अपने अंदर छिपी प्रतिभाएं, बना डाला एक से बढ़कर एक कलाकृतियां #bichhiya jail #gorakhpur1
- Post by Mulayam Singh Yadav Up1
- गोरखपुर में घर के बाहर खड़ी नगर निगम ठेकेदार के मुंशी की बाइक धू धू कर जली.. वाहन मलिक को पता चला तो होश उड़ गए... गोरखपुर के शाहपुर थाना क्षेत्र के बिछिया जंगल तुलसीराम में एक बाइक में आग लग गई। आग लगने की जानकारी होने पर वाहन मालिक की बाइक पूरी तरह जलकर राख हो चुकी थी। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। लेकिन मौके पर देखने के बाद ऐसा प्रतीत हो रहा है, कि किसी ने गाड़ी का लॉक खोलने की कोशिश कि गयी हो सकती है। वहीं वाहन स्वामी ने इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दी है, पुलिस मामले कि जांच में जुटी।2
- असम के गोहाटी से १२६ किलोमीटर दूर हाथियों के झुंड से टकराई राजधानी एक्सप्रेस, 8 हाथियों की दर्दनाक मौत होने तथा राजधानी एक्सप्रेस का इंजन और पांच डिब्बों के पटरी से उतरने की खबर है,गुवाहाटी से 126 किलोमीटर दूर हुआ हादसा।1