टीकमगढ़ में पत्रकार पीताम्बर अध्वर्यु की 48वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन ---------------------------------------------------------- टीकमगढ़ के गौरव पीताम्बर अध्वर्यु की पुण्यतिथि पर शाने पार्क में श्रद्धाजलि सभा का आयोजन किया गया जहां सभी ने पुष्प अर्पित किये सभा की अध्यक्षता सुरेश मिश्रा, मुख्य उपस्थित में पवनघुवारा , मनोज चौबे , मुन्ना लाल , स्वप्निल तिवारी , आयोजन समिति के अध्यक्ष कौशल किशोर भट्ट साथ ही सभी वरिष्ठ पत्रकार बन्धुओं की उपस्थिति रही जहां उपस्थित जनों ने विस्तार से बताया कि 30 अगस्त 1977 को यह विलक्षण, बहुमुखी प्रतिभा का धनी कर्मयोगी हमसे विदा हुआ, पर विचारधारा, संस्थाएं, लेखन और जनसेवा की परंपरा आज भी जीवित है। जन्मशताब्दी और पुण्यतिथि के इस अवसर पर अध्वर्यु के जीवन से सीख स्पष्ट है-सत्ता नहीं, सत्य का साथ, तोष नहीं, तर्क ताम्रपत्र नहीं, त्याग। यही पत्रकारिता का स्वाभिमान और जनसेवा का सार है।कॉलेज की स्थापना भी साकार हुई। वे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संस्थापक सचिव और जिला सहकारी भूमि विकास बैंक के संस्थापक अध्यक्ष रहे आर्थिक स्वावलंबन की जड़ों को मजबूत किया।आजादी की रजत जयंती 15 अगस्त 1973 को मध्यप्रदेश शासन ने स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान का औपचारिक स्मरण किया, भारत सरकार से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पेंशन और ताम्रपत्र मिला, पर पेंशन उन्होंने जनहित में लौटाई। यही त्याग उनकी पहचान है। इस तपस्यामय यात्रा में जीवनसंगिनी प्रेमलता अध्वर्यु का योगदान अनकहा होते हुए भी अनमोल रहा। 30 अगस्त 1977 को 61 वर्ष की आयु में देवलोक गमन करने वाले स्वतंत्रता संघर्ष, पत्रकारिता और जनसेवा, चारों मोर्चों पर अद्वितीय पहचान रखते थे।12 जुलाई 1918 को टीकमगढ़ में जन्मे अध्वर्यु, ओरछा राज्य के तहसीलदार पंडित परमेश्वरी दयाल अध्वर्यु के इकलौते पुत्र थे। 1938 में सवाई महेन्द्र हाई स्कूल, 1940 में कानपुर से इंटर और 1942 में प्रयाग विश्वविद्यालय से स्नातक, जिले के प्रथम स्नातक होने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ। ओरछा राज्य की छात्रवृत्ति पर दिल्ली में अकाउंट एवं ऑडिट की उच्च शिक्षा पूरी कर नेनीताल स्थित भारत सरकार के संस्थान में 1947 तक अकाउंट ऑफिसर रहे, पर 18दिसंबर 1947 को स्वतंत्रता आंदोलन की पुकार पर पद त्याग दिया। अध्वर्यु का संघर्ष से मुखर रहा। 1936 में आठवीं कक्षा के छात्र रहते टीकमगढ़ प्रवेश सीमा पर बड़ा सत्याग्रह किया। 1937 में नौवीं में थे, तब खिरिया नाके पर पुलिस की निगरानी चकमा देकर पंडित जवाहरलाल नेहरू का स्वागत करने पहुँचे। विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार कर आजीवन खादी धारण की और टीकमगढ़ में खादी भंडार की स्थापना को। टाइम्स ऑफ इंडिया से जुड़े। 1949 में स्वयं संचालित साप्ताहिक विन्द्रय-वाणी उल्लेख 'बिन्धबाण' नाम से भी मिलता है के माध्यम से विनोबा भावे के विचारों का व्यापक प्रचार किया। इसके साथ-साथ हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, क्रोनिकल, हितवाद, लीडर, पीटीआई और +मधुकर बनारसीदास चतुर्वेदी संपादित सहित हिंदी-अंग्रेजी के लगभग 20 पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन किया। उनकी लेखनी निर्भीक, तथ्यों पर आधारित और जनपक्षधर रही-यही कारण था कि वे बुदेलखंड में 'भैयाजी' नाम से लोक आस्था का पर्याय बन गए।अप्रैल 1948 में विन्ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अवधेश प्रताप सिंह, गृहमंत्री लालाराम वाजपेयी और वित्तमंत्री चतुर्भुज पाठक के साथ विधानसभा सचिव का कार्य किया। छुआछूत और जात-पांत के कट्टर विरोधी, मूलत धर्मनिरपेक्ष दृष्टि,परंपरा-सम्भाल और सामाजिक समरसता, यह उनकी सार्वजनिक पहचान रही।अध्वर्यु ने टीकमगढ़ महाविद्यालय की स्थापना मे निर्णायक भूमिका निभाई।
टीकमगढ़ में पत्रकार पीताम्बर अध्वर्यु की 48वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का हुआ आयोजन ---------------------------------------------------------- टीकमगढ़ के गौरव पीताम्बर अध्वर्यु की पुण्यतिथि पर शाने पार्क में श्रद्धाजलि सभा का आयोजन किया गया जहां सभी ने पुष्प अर्पित किये सभा की अध्यक्षता सुरेश मिश्रा, मुख्य उपस्थित में पवनघुवारा , मनोज चौबे , मुन्ना लाल , स्वप्निल तिवारी , आयोजन समिति के अध्यक्ष कौशल किशोर भट्ट साथ ही सभी वरिष्ठ पत्रकार बन्धुओं की उपस्थिति रही जहां उपस्थित जनों ने विस्तार से बताया कि 30 अगस्त 1977 को यह विलक्षण, बहुमुखी प्रतिभा का धनी कर्मयोगी हमसे विदा हुआ, पर विचारधारा, संस्थाएं, लेखन और जनसेवा की परंपरा आज भी जीवित है। जन्मशताब्दी और पुण्यतिथि के इस अवसर पर अध्वर्यु के जीवन से सीख स्पष्ट है-सत्ता नहीं, सत्य का साथ, तोष नहीं, तर्क ताम्रपत्र नहीं, त्याग। यही पत्रकारिता का स्वाभिमान और जनसेवा का सार है।कॉलेज की स्थापना भी साकार हुई। वे जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के संस्थापक सचिव और जिला सहकारी भूमि विकास बैंक के संस्थापक अध्यक्ष रहे आर्थिक स्वावलंबन की जड़ों को मजबूत किया।आजादी की रजत जयंती 15 अगस्त 1973 को मध्यप्रदेश शासन ने स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान का औपचारिक स्मरण किया, भारत सरकार से स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पेंशन और ताम्रपत्र मिला, पर पेंशन उन्होंने जनहित में लौटाई। यही त्याग उनकी पहचान है। इस तपस्यामय यात्रा में जीवनसंगिनी प्रेमलता अध्वर्यु का योगदान अनकहा होते हुए भी अनमोल रहा। 30 अगस्त 1977 को 61 वर्ष की आयु में देवलोक गमन करने वाले स्वतंत्रता संघर्ष, पत्रकारिता और जनसेवा, चारों मोर्चों पर अद्वितीय पहचान रखते थे।12 जुलाई 1918 को टीकमगढ़ में जन्मे अध्वर्यु, ओरछा राज्य के तहसीलदार पंडित परमेश्वरी दयाल अध्वर्यु के इकलौते पुत्र थे। 1938 में सवाई महेन्द्र हाई स्कूल, 1940 में कानपुर से इंटर और 1942 में प्रयाग विश्वविद्यालय से स्नातक, जिले के प्रथम स्नातक होने का गौरव उन्हें प्राप्त हुआ। ओरछा राज्य की छात्रवृत्ति पर दिल्ली में अकाउंट एवं ऑडिट की उच्च शिक्षा पूरी कर नेनीताल स्थित भारत सरकार के संस्थान में 1947 तक अकाउंट ऑफिसर रहे, पर 18दिसंबर 1947 को स्वतंत्रता आंदोलन की पुकार पर पद त्याग दिया। अध्वर्यु का संघर्ष से मुखर रहा। 1936 में आठवीं कक्षा के छात्र रहते टीकमगढ़ प्रवेश सीमा पर बड़ा सत्याग्रह किया। 1937 में नौवीं में थे, तब खिरिया नाके पर पुलिस की निगरानी चकमा देकर पंडित जवाहरलाल नेहरू का स्वागत करने पहुँचे। विदेशी वस्त्रों का बहिष्कार कर आजीवन खादी धारण की और टीकमगढ़ में खादी भंडार की स्थापना को। टाइम्स ऑफ इंडिया से जुड़े। 1949 में स्वयं संचालित साप्ताहिक विन्द्रय-वाणी उल्लेख 'बिन्धबाण' नाम से भी मिलता है के माध्यम से विनोबा भावे के विचारों का व्यापक प्रचार किया। इसके साथ-साथ हिंदुस्तान टाइम्स, इंडियन एक्सप्रेस, क्रोनिकल, हितवाद, लीडर, पीटीआई और +मधुकर बनारसीदास चतुर्वेदी संपादित सहित हिंदी-अंग्रेजी के लगभग 20 पत्र-पत्रिकाओं में नियमित लेखन किया। उनकी लेखनी निर्भीक, तथ्यों पर आधारित और जनपक्षधर रही-यही कारण था कि वे बुदेलखंड में 'भैयाजी' नाम से लोक आस्था का पर्याय बन गए।अप्रैल 1948 में विन्ध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अवधेश प्रताप सिंह, गृहमंत्री लालाराम वाजपेयी और वित्तमंत्री चतुर्भुज पाठक के साथ विधानसभा सचिव का कार्य किया। छुआछूत और जात-पांत के कट्टर विरोधी, मूलत धर्मनिरपेक्ष दृष्टि,परंपरा-सम्भाल और सामाजिक समरसता, यह उनकी सार्वजनिक पहचान रही।अध्वर्यु ने टीकमगढ़ महाविद्यालय की स्थापना मे निर्णायक भूमिका निभाई।
- MKMadhav kumarGauripur, Harpur👏on 4 September
- Post by Achche lal Yadav4
- टीकमगढ़ जिले के जनपद पंचायत वलदेवगढ़ में खाद लेने आए किसानों से तहसीलदार ने की मारपीट सौशल मीडिया पर वायरल हुआ मीडिया, किसानो में भारी नाराजगी1
- Post by अजय रावत -राष्ट्रीय लोकदल1
- छतरपुर में युवक के साथ मारपीट एवं हत्या के प्रयास के 6 आरोपियों का पुलिस ने जुलूस निकला लोहे की रॉड से किया था युवक पर हमला, युवक को गंभीर स्थित में ग्वालियर किया गया था रेफर, पुरानी रंजिश के चलते 2 दिन पूर्व की थी मारपीट,घटना को 10 लड़कों ने दिया था अंजाम 6 को पुलिस ने किया गिरफ्तार कोतवाली थाना क्षेत्र के पठापुर रोड की घटना1
- अतिक्रमण पर नगर पालिका सख्त, महावीर चौक से हटे ठेले सब्जी-फल विक्रेता झांसी गेट ओवरब्रिज के नीचे किए गए शिफ्ट3
- नगर पालिका द्वारा आज की गई सब्जी की दुकान ओवर ब्रिज के नीचे झांसी फाटक फल फ्रूट की दुकान है1
- झाँसी पुलिस द्वारा अवैध प्रवासियों/घुसपैठियों के विरुद्ध सघन एवं प्रभावी अभियान थाना सीपरी बाजार पुलिस एवं एल.आई.यू. की संयुक्त टीम द्वारा विशेष चेकिंग कार्यवाही सादर अवगत कराना है कि अपर पुलिस महानिदेशक, कानपुर जोन, कानपुर आलोक सिंह तथा पुलिस महानिरीक्षक, झाँसी परिक्षेत्र, झाँसी आकाश कुलहरि के कुशल मार्गदर्शन एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, झाँसी बीबीजीटीएस मूर्ति के सशक्त निर्देशन में जनपद झाँसी में अपराध नियंत्रण, आंतरिक सुरक्षा सुदृढ़ीकरण तथा अवैध प्रवासियों/घुसपैठियों के विरुद्ध निरन्तर प्रभावी एवं संवेदनशील कार्यवाही की जा रही है। उक्त क्रम में आज थाना सीपरी बाजार पुलिस एवं स्थानीय अभिसूचना इकाई (एल.आई.यू.) की संयुक्त टीम द्वारा जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में झुग्गी-झोपड़ियों में निवासरत व्यक्तियों के विरुद्ध विशेष सघन चेकिंग अभियान संचालित किया गया। अभियान के दौरान रोहिंग्या/बांग्लादेशी मूल के संदिग्ध व्यक्तियों एवं अन्य संदिग्धों की पहचान सुनिश्चित करने हेतु उनके वैध पहचान पत्रों जैसे आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र तथा अन्य अभिलेखों की सूक्ष्मता से जाँच की गई। साथ ही संबंधित व्यक्तियों से उनके मूल निवास स्थान के संबंध में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर, आवश्यक अभिलेखीय सत्यापन हेतु संबंधित मूल जनपद/राज्य से पत्राचार किया जा रहा है। सभी संदिग्ध व्यक्तियों का चरित्र एवं पृष्ठभूमि सत्यापन कराया जा रहा है, ताकि अवैध रूप से निवासरत व्यक्तियों की समयबद्ध पहचान कर उनके विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके। झाँसी पुलिस द्वारा इस प्रकार के समन्वित एवं सघन अभियानों के माध्यम से जनपद में कानून-व्यवस्था बनाए रखने, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा आंतरिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने हेतु भविष्य में भी सतत एवं प्रभावी कार्यवाही जारी रखी जाएगी।1
- जिला प्रशासन छतरपुर की खजुराहो के गौतम होटल के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही होटल का लाइसेंस तत्काल प्रभाव से सस्पेंड ।1