बस्ती -डुमरियागंज मार्ग के सुदृढ़ीकरण, गड्ढा भराई की मांग पूर्व विधायक संजय ने डीएम को भेजा पत्र बस्ती। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रूधौली के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने जिलाधिकारी को पत्र देकर बस्ती डुमरियागंज मार्ग का सुदृढ़ीकरण कराकर गड्ढा भराई का कार्य कराये जाने की मांग किया है। डीएम को भेजे पत्र में पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि विधानसभा क्षेत्र 309 रुधौली में क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान नागरिकों ने उन्हें बताया कि लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की बस्ती डुमरियागंज मार्ग वर्तमान में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क पर बने जानलेवा गड्ढो से प्रत्येक दिन कई कई दुर्घटनाएं एक साथ सामने आ रही है। इस कारण राहगीर गम्भीर रूप से जख्मी तथा असमय मृत्यु का शिकार हो रहे है। विभाग द्वारा उक्त मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन चैनपुरवा ओवर ब्रिज से जिनवा बरहुआ के बीच तक कार्य को करने के बाद शेष कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है। जिससे देईपार, सल्टौआ, महनुआ, सोनहा, भानपुर, दुबौली साहित अन्य मुख्य चौराहो पर मार्ग के क्षतिग्रस्त एवं गड्ढा हो जाने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है। जिससे स्थानीय लोगो में काफी रोष व्याप्त है। पूर्व विधायक संजय प्रताप ने उक्त प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए डीएम से मांग किया है कि मार्ग के चौड़ीकरण, गढ्ढा भराई , सुदृढ़ीकरण मानक व मजबूती के साथ कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण कराये जाने हेतु संबंधित विभाग को कड़ाई से निर्देशित किया जाय।
बस्ती -डुमरियागंज मार्ग के सुदृढ़ीकरण, गड्ढा भराई की मांग पूर्व विधायक संजय ने डीएम को भेजा पत्र बस्ती। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रूधौली के पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने जिलाधिकारी को पत्र देकर बस्ती डुमरियागंज मार्ग का सुदृढ़ीकरण कराकर गड्ढा भराई का कार्य कराये जाने की मांग किया है। डीएम को भेजे पत्र में पूर्व विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने कहा है कि विधानसभा क्षेत्र 309 रुधौली में क्षेत्रीय भ्रमण के दौरान नागरिकों ने उन्हें बताया कि लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व की बस्ती डुमरियागंज मार्ग वर्तमान में बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। सड़क पर बने जानलेवा गड्ढो से प्रत्येक दिन कई कई दुर्घटनाएं एक साथ सामने आ रही है। इस कारण राहगीर गम्भीर रूप से जख्मी तथा असमय मृत्यु का शिकार हो रहे है। विभाग द्वारा उक्त मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य शुरू कराया गया था, लेकिन चैनपुरवा ओवर ब्रिज से जिनवा बरहुआ के बीच तक कार्य को करने के बाद शेष कार्य को अधूरा छोड़ दिया गया है। जिससे देईपार, सल्टौआ, महनुआ, सोनहा, भानपुर, दुबौली साहित अन्य मुख्य चौराहो पर मार्ग के क्षतिग्रस्त एवं गड्ढा हो जाने के कारण दुर्घटनाएं बढ़ती जा रही है। जिससे स्थानीय लोगो में काफी रोष व्याप्त है। पूर्व विधायक संजय प्रताप ने उक्त प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए डीएम से मांग किया है कि मार्ग के चौड़ीकरण, गढ्ढा भराई , सुदृढ़ीकरण मानक व मजबूती के साथ कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण कराये जाने हेतु संबंधित विभाग को कड़ाई से निर्देशित किया जाय।
- Pramod Kumar Goswami. 19/12/20251
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- लोकेशन- गोरखपुर संवाददाता- जे.बी.सिंह मो०- 8542007400.9140241789 Labor pain in train दिल्ली से दर भंगा जा रही महिला ने गोरखपुर में दिया बच्चे को जन्म, पति की बेवफाई से टूटी मां ने 48 घंटे तक नवजात को अपनाने से किया इनकार 48 घंटे तक मनाते रहे डॉक्टर-कर्मी पति ने छोड़ा, सहारे छूटे ट्रेन में शुरू हुआ दर्द, गोरखपुर में प्रसव पति की बेवफाई और जीवन की कठोर परिस्थितियों से जूझ रही एक गर्भवती महिला की दर्दनाक कहानी गोरखपुर में सामने आई है। दिल्ली से दरभंगा जा रही महिला को ट्रेन यात्रा के दौरान अचानक प्रसव पीड़ा हुई। हालत बिगड़ती देख रेलवे कर्मचारियों ने उसे तत्काल गोरखपुर जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने सुरक्षित प्रसव कराया। महिला ने एक बेटे को जन्म दिया, लेकिन मानसिक आघात और आर्थिक असहायता के चलते उसने नवजात को अपनाने और दूध पिलाने से इनकार कर दिया।पीड़िता मूल रूप से दरभंगा की रहने वाली है। उसकी शादी एक वर्ष पहले हुई थी। शादी के कुछ समय बाद वह पति के साथ दिल्ली रहने लगी, लेकिन गर्भावस्था के चौथे महीने में ही पति उसे छोड़कर किसी अन्य महिला के साथ चला गया। इसके बाद उसने सारे संपर्क बंद कर दिए। महिला के माता-पिता पहले ही गुजर चुके हैं, ऐसे में वह दिल्ली में काम कर किसी तरह जीवनयापन कर रही थी। डिलीवरी डेट पूरी होने पर 14 दिसंबर को वह दिल्ली से दरभंगा के लिए ट्रेन से निकली। 14–15 दिसंबर की रात रास्ते में तेज दर्द उठा। गोरखपुर पहुंचते ही रेलवे कर्मियों ने उसकी हालत देखकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने प्रसव कराया। प्रसव के बाद जब नवजात को मां के पास दूध पिलाने के लिए लाया गया, तो उसने साफ इनकार कर दिया। डॉक्टरों के पूछने पर महिला ने पति की बेवफाई, आर्थिक तंगी और सहारे के अभाव का हवाला देते हुए कहा कि वह बच्चे को कैसे पालेगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों ने लगातार 48 घंटे तक उसे समझाया। इस दौरान नवजात की हालत नाजुक होने के कारण उसे स्पेशल न्यू बॉर्न यूनिट (SNU) में भर्ती रखा गया और वैकल्पिक फीडिंग की व्यवस्था की गई।आखिरकार मां मानी और लगातार काउंसलिंग के बाद महिला ने बच्चे को अपनाया और दूध पिलाना शुरू किया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार नवजात को सांस लेने में दिक्कत थी, जिसे कृत्रिम ऑक्सीजन देकर संभाला गया। फिलहाल बच्चे का इलाज SNU में जारी है। “दिल्ली से दरभंगा जा रही महिला को रास्ते में प्रसव हुआ। गोरखपुर पहुंचने पर रेलवे कर्मचारियों ने उसे अस्पताल पहुंचाया। प्रसव के बाद महिला ने आर्थिक कारणों और पति द्वारा छोड़े जाने की वजह से बच्चे को लेने से इनकार किया, लेकिन काफी मशक्कत और काउंसलिंग के बाद वह मान गई। बच्चा अभी SNU में भर्ती है और इलाज चल रहा है।”2
- लोकप्रिय विधायक गणेश चंद्र चौहान जी के नेतृत्व में हुआ कुश्ती का आयोजन।1