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- गोरखपुर में आवासीय विकास का नया अध्याय पहली बार निजी क्षेत्र विकसित करेगा इंटीग्रेटेड टाउनशिप, खिचड़ी तक लॉन्च की तैयारी गोरखपुर में शहरी विकास के क्षेत्र में पहली बार बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब तक जहां इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करने की जिम्मेदारी सिर्फ गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) के पास थी, वहीं अब निजी क्षेत्र को भी इसका लाइसेंस दे दिया गया है। खिचड़ी (मकर संक्रांति) तक शहर में तीन गेटेड इंटीग्रेटेड टाउनशिप लॉन्च करने की तैयारी है। अब तक GDA के अलावा जो भी कालोनियां विकसित हुई थीं, वे अवैध थीं। इन कालोनियों में सड़कें तो दिखाई देती थीं, लेकिन उनका अधिकृत नक्शा पास नहीं होता था, जिससे जमीन खरीदने के बाद लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता था। 241 एकड़ में विकसित होंगी 3 टाउनशिप निजी क्षेत्र की ओमेक्स, ऐश्प्रा समूह और जीत एसोसिएट्स को इंटीग्रेटेड टाउनशिप विकसित करने का लाइसेंस जारी कर दिया गया है। 1..ओमेक्स: सोनौली मार्ग पर ताल जहदा के पास करीब 120 एकड़ में टाउनशिप 2..ऐश्प्रा समूह: देवरिया बाईपास के पास ताल कंदला में 75 एकड़ 3..जीत एसोसिएट्स: रामनगर कड़जहा में लगभग 46 एकड़ तीनों परियोजनाओं को मिलाकर कुल 241 एकड़ क्षेत्र में टाउनशिप विकसित की जाएंगी। ये सभी पूरी तरह गेटेड और सुरक्षित होंगी। लाइसेंस जारी, DPR और RERA की प्रक्रिया शुरू तीनों कंपनियों को लाइसेंस जारी हो चुका है। अब कंपनियां डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) और लेआउट प्लान जमा करेंगी। इसके बाद रेरा से अनुमोदन मिलने पर इनकी औपचारिक लॉन्चिंग होगी। डीपीआर के बाद ही प्लॉट और फ्लैट की दरें सार्वजनिक की जाएंगी। GDA में समीक्षा बैठक, खिचड़ी तक लॉन्च का भरोसा GDA में तीनों कंपनियों के साथ बैठक हुई। विशेष कार्याधिकारी प्रखर उत्तम ने परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी ली। ओमेक्स के प्रतिनिधियों ने एक सप्ताह में डीपीआर जमा करने और नए साल में खिचड़ी तक योजना लॉन्च करने का भरोसा दिया। ऐश्प्रा समूह और जीत एसोसिएट्स ने भी इसी समयसीमा में डीपीआर और लॉन्च का आश्वासन दिया। बैठक में जीत एसोसिएट्स के एमडी दीपक सिंह और ओमेक्स के महाप्रबंधक आशीष उपाध्याय मौजूद रहे। क्या-क्या सुविधाएं होंगी इंटीग्रेटेड टाउनशिप में आधुनिक शहरी सुविधाएं उपलब्ध होंगी— पूरी तरह गेटेड और सुरक्षित कॉलोनी आवासीय के साथ कमर्शियल एरिया स्कूल और अस्पताल की सुविधा पर्याप्त पार्क और हरियाली मानक के अनुसार सड़क, नाली और बिजली व्यवस्था इसके साथ ही भूमि उपयोग परिवर्तन, सरकारी जमीन समायोजन और स्टांप शुल्क में छूट जैसी सहूलियतें भी मिलेंगी। जरूरतमंदों को भी मिलेगा आवास नियम के अनुसार, किसी भी निजी टाउनशिप में करीब 10 प्रतिशत हिस्सा EWS और LIG वर्ग के लिए आरक्षित किया जाता है। इन टाउनशिप में भी जरूरतमंदों को प्लॉट या फ्लैट उपलब्ध कराए जाएंगे, वह भी अन्य निवासियों जैसी सुविधाओं के साथ। इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को भी शहर में सुरक्षित और व्यवस्थित आवास मिल सकेगा। GDA उपाध्यक्ष ने कहा GDA के उपाध्यक्ष आनन्द वर्द्धन ने बताया कि तीनों इंटीग्रेटेड टाउनशिप के लिए लाइसेंस जारी कर दिए गए हैं। कंपनियों ने 15 दिन के भीतर डीपीआर दाखिल करने का आश्वासन दिया है। रेरा से लेआउट अनुमोदन के बाद टाउनशिप लॉन्च की जाएगी। इन परियोजनाओं से गोरखपुर में नियोजित विकास को गति मिलेगी और जरूरतमंदों को भी आवास का अवसर मिलेगा।2
- महिला पर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जलाने की कोशिश, महिला की शोर सुनकर के इकट्ठा हुए लोग, जान से मारने की धमकी देकर भागे बदमाश...1
- दैनिक भास्कर1
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- गोरखपुर। आंखों में बड़े सपने और दिल में मजबूत हौसला हो तो उम्र मायने नहीं रखती। गोरखपुर में एक ऐसा ही भावुक और प्रेरणादायक दृश्य देखने को मिला, जब स्कूल की छुट्टी के बाद एक छोटी-सी बच्ची सीधे जिलाधिकारी दीपक मीणा से मिलने उनके कार्यालय पहुंच गई। बच्ची ने मासूमियत के साथ डीएम से कहा— “सर, मुझे भी डीएम बनना है।” यह सुनकर जिलाधिकारी दीपक मीणा भी मुस्कुरा उठे। उन्होंने बच्ची को प्यार से दुलारा, उसका हौसला बढ़ाया और कहा कि अगर वह पूरी मेहनत और ईमानदारी से पढ़ाई करेगी तो उसका सपना जरूर पूरा होगा। डीएम ने बच्ची के साथ फोटो भी खिंचवाई। यह मुलाकात न सिर्फ उस बच्ची के लिए यादगार बनी, बल्कि वहां मौजूद हर व्यक्ति के लिए प्रेरणा का संदेश भी दे गई। गोरखपुर की यह घटना बताती है कि सही मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से बच्चों के सपनों को नई उड़ान मिल सकती है।1
- मुख्यमंत्री के गृह जनपद में दहाड़े मारकर क्यों रोने लगी यह महिला, इंसाफ की लगा रहीं गुहार ....1
- गोरखपुर से दिल छू लेने वाली खबर मासूम की जिद ने डीएम को किया मुस्कुराने पर मजबूर, बोली– ‘मुझे भी डीएम बनना है’ गोरखपुर से आज एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर हर किसी का दिल जीत लिया है। स्कूल से छुट्टी होने के बाद एक मासूम बच्ची सीधे गोरखपुर के जिलाधिकारी कार्यालय पहुंच गई। वजह? उसका एक ही सपना— “मुझे भी डीएम बनना है।” दरअसल, स्कूल में शिक्षिका ने बच्चों से कहा था कि अगर वे जिलाधिकारी जैसे बनना चाहते हैं, तो मेहनत और पढ़ाई जरूरी है। यही बात बच्ची के मन में घर कर गई। घर पहुंचते ही उसने पिता से जिद पकड़ ली— डीएम साहब से मिलना है! पिता भी बेटी के सपने को हल्के में नहीं लिया और उसे लेकर सीधे डीएम कार्यालय पहुंच गए। वीडियो में बच्ची पूरे आत्मविश्वास के साथ जिलाधिकारी दीपक मीणा के सामने खड़ी नजर आती है और साफ-साफ कहती है— “मुझे भी डीएम बनना है।” यह सुनते ही डीएम साहब मुस्कुरा उठे। उन्होंने बच्ची को प्यार से समझाया कि डीएम बनने के लिए खूब पढ़ाई और लगातार मेहनत करनी पड़ती है। साथ ही बच्ची को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अगर वह नियमित पढ़ाई करेगी, तो उसका सपना जरूर पूरा होगा। डीएम ने बच्ची को दुलार किया, उसके साथ फोटो भी खिंचवाई— और यही मासूम पल कैमरे में कैद होकर अब सोशल मीडिया पर छा गया है। लोग बच्ची के हौसले और आत्मविश्वास की जमकर तारीफ कर रहे हैं, तो वहीं डीएम दीपक मीणा की संवेदनशीलता और प्रोत्साहन भरे व्यवहार की भी सराहना हो रही है।1
- डॉक्टर रागिनी ने याद दिलाई राजभर चाचा की सेहत:* सांसद जी भी लैंड क्रूजर से लेंगे एंट्री, विधायक के गोलगप्पे हुए पार https://dainik.bhaskar.com/DXTWhQgPjZb1