इतिहास की एक रहस्यमयी घटना, जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी। ये कहानी है उस समय की जब भगवान शिव और भगवान विष्णु आमने-सामने आ गए थे। मंच था — त्रिपुरासुर का विनाश। त्रिपुर नामक तीन राक्षसों ने तीन उड़ते हुए नगर बनाए थे, जिन्हें सिर्फ एक ही तीर से नष्ट किया जा सकता था। देवताओं ने शिव को त्रिपुरासुर के विनाश के लिए चुना, लेकिन शिव को चाहिए था एक दिव्य रथ — जिसमें रथ के पहिए सूर्य और चंद्रमा हों, धनुष पर्वत हो, और तीर स्वयं विष्णु। विष्णु को तीर बनना था — लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी। वो चाहते थे कि शिव पहले उन्हें प्रणाम करें। शिव ने कहा — "मैं किसी को प्रणाम नहीं करता।" विवाद बढ़ा। दोनों देवता — शिव और विष्णु — अपनी-अपनी शक्ति पर अड़े रहे। एक दिव्य युद्ध की स्थिति बन गई। देवताओं ने हस्तक्षेप किया। आखिरकार, शिव ने कहा — "मैं तुम्हें प्रणाम नहीं करूंगा, लेकिन तुम्हें तीर बनने का वरदान दूंगा।" विष्णु मुस्कराए — और तीर बन गए। शिव ने त्रिपुरासुर का अंत किया। लेकिन ये घटना रह गई इतिहास के अंधेरे में — क्योंकि कोई नहीं चाहता था कि देवताओं के बीच मतभेद की बात फैले। आज हम उस भूली हुई कथा को उजागर कर रहे हैं — ताकि आप जान सकें कि देवता भी कभी-कभी सिद्धांतों के लिए आमने-सामने आ जाते हैं। 📚 यह कथा शिव पुराण में वर्णित है — त्रिपुरासुर वध प्रसंग के अंतर्गत।
इतिहास की एक रहस्यमयी घटना, जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी। ये कहानी है उस समय की जब भगवान शिव और भगवान विष्णु आमने-सामने आ गए थे। मंच था — त्रिपुरासुर का विनाश। त्रिपुर नामक तीन राक्षसों ने तीन उड़ते हुए नगर बनाए थे, जिन्हें सिर्फ एक ही तीर से नष्ट किया जा सकता था। देवताओं ने शिव को त्रिपुरासुर के विनाश के लिए चुना, लेकिन शिव को चाहिए था एक दिव्य रथ — जिसमें रथ के पहिए सूर्य और चंद्रमा हों, धनुष पर्वत हो, और तीर स्वयं विष्णु। विष्णु को तीर बनना था — लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी। वो चाहते थे कि शिव पहले उन्हें प्रणाम करें। शिव ने कहा — "मैं किसी को प्रणाम नहीं करता।" विवाद बढ़ा। दोनों देवता — शिव और विष्णु — अपनी-अपनी शक्ति पर अड़े रहे। एक दिव्य युद्ध की स्थिति बन गई। देवताओं ने हस्तक्षेप किया। आखिरकार, शिव ने कहा — "मैं तुम्हें प्रणाम नहीं करूंगा, लेकिन तुम्हें तीर बनने का वरदान दूंगा।" विष्णु मुस्कराए — और तीर बन गए। शिव ने त्रिपुरासुर का अंत किया। लेकिन ये घटना रह गई इतिहास के अंधेरे में — क्योंकि कोई नहीं चाहता था कि देवताओं के बीच मतभेद की बात फैले। आज हम उस भूली हुई कथा को उजागर कर रहे हैं — ताकि आप जान सकें कि देवता भी कभी-कभी सिद्धांतों के लिए आमने-सामने आ जाते हैं। 📚 यह कथा शिव पुराण में वर्णित है — त्रिपुरासुर वध प्रसंग के अंतर्गत।
- सागर के मकरोनिया थाना क्षेत्र के दीनदयाल नगर में एक गर्भवती महिला की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने ससुराल पक्ष पर प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कर जांच शुरू कर दी है।1
- ग्राम टेढ़ी में आदिवासी समाज के साथ जातिगत अपमान का आरोप, गांव छोड़ने की चेतावनी कटनी। ग्राम टेढ़ी में एक महिला द्वारा आदिवासी समाज के सदस्यों के साथ कथित रूप से जातिगत अपमान और अभद्र गालियां देने का गंभीर मामला सामने आया है। पीड़ित पक्ष के अनुसार, फूलाबाई नामक महिला द्वारा लगातार आदिवासी समाज को अपमानित किया जा रहा है, जिससे समाज में भारी आक्रोश व्याप्त है। आदिवासी समाज के वरिष्ठ सदस्य प्रहलाद सिंह ठाकुर ने प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष विरोध दर्ज कराते हुए बताया कि उक्त महिला द्वारा उनकी जमीन पर अवैध कब्जा किया गया है। इसी भूमि विवाद को लेकर शुक्रवार को पटवारी ग्राम टेढ़ी पहुंचे थे और नपाई की प्रक्रिया चल रही थी। उसी दौरान संबंधित महिला मौके पर पहुंची और आदिवासी समाज के लोगों के साथ जातिगत शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज की। प्रहलाद सिंह ठाकुर ने कहा कि इस तरह की घटनाओं से आदिवासी समाज स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहा है और हालात ऐसे बन गए हैं कि उन्हें गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र उचित कार्रवाई नहीं की गई, तो वे इसकी शिकायत आदिवासी कल्याण बोर्ड, दिल्ली तक करेंगे। आदिवासी समाज ने प्रशासन से मांग की है कि दोषी महिला के विरुद्ध अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए।1
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