बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में मरीजों और परिजनों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। लिफ्ट महीनों से खराब पड़ी है और रैप भी एक महीने से बंद है, जिससे प्रथम तल पर भर्ती मरीजों को हर जांच, इलाज या मूवमेंट के लिए सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है। परिजन कभी बीमार को गोद में उठाकर, तो कभी स्ट्रेचर पर भारी कठिनाई से ऊपर-नीचे ले जाते हैं, जिससे न केवल मरीजों की तकलीफ दोगुनी हो जाती है, बल्कि परिजनों की मानसिक और शारीरिक थकावट भी हद से पार निकल जाती है। मरीजों की मजबूरी ऐसी है कि स्ट्रेचर उठाने के लिए दो लोग चाहिए, किसी के पास मदद नहीं तो हालात और खराब हो जाते हैं। शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली जनता से इतनी बेसिक सुविधा भी छीन लेना बड़े सवाल खड़े करता है—आखिर कब सुधरेंगे पीबीएम के हालात?
बीकानेर संभाग के सबसे बड़े पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में मरीजों और परिजनों की परेशानी लगातार बढ़ रही है। लिफ्ट महीनों से खराब पड़ी है और रैप भी एक महीने से बंद है, जिससे प्रथम तल पर भर्ती मरीजों को हर जांच, इलाज या मूवमेंट के लिए सीढ़ियों का सहारा लेना पड़ रहा है। परिजन कभी बीमार को गोद में उठाकर, तो कभी स्ट्रेचर पर भारी कठिनाई से ऊपर-नीचे ले जाते हैं, जिससे न केवल मरीजों की तकलीफ दोगुनी हो जाती है, बल्कि परिजनों की मानसिक और शारीरिक थकावट भी हद से पार निकल जाती है। मरीजों की मजबूरी ऐसी है कि स्ट्रेचर उठाने के लिए दो लोग चाहिए, किसी के पास मदद नहीं तो हालात और खराब हो जाते हैं। शिकायतों के बाद भी जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही। अस्पताल में इलाज के लिए आने वाली जनता से इतनी बेसिक सुविधा भी छीन लेना बड़े सवाल खड़े करता है—आखिर कब सुधरेंगे पीबीएम के हालात?
- अस्थमा हों नजला जुखाम छींके आना सांस लेने में दिक्कत हो एलर्जी हो। 75686281431
- Post by Sakir Husen1983 news reporter 88246157231
- Post by रमेश सिंह1
- मां के दरबार में जो भी आया, खाली हाथ नहीं गया ❤️ जय माता रानी 🚩 #जयमातादी #मातारानी #मांकीकृपा #भक्ति #श्रद्धा #देवीमां #मांदुर्गा #मांअंबे #NavDurga #BhaktiReels #DevotionalReels #ReelsIndia #ViralReels #DesiBhakti #JaiMataDi #MataRani #Bhakti #Devotional #Spiritual #IndianCulture #Shorts #YouTubeShorts #TrendingShorts1
- सर्दी का सुरक्षा कवच, ठंड में बीपी -हार्ट के लिए 2 अलर्ट बता रहे हैं वृद्वआश्रम अनूपगढ़ के संचालक प्रीतपाल सिंह 96721853661
- विकास के नाम पर हो रही खेजड़ी वृक्ष है कटाई प्रदेशवासियों के साथ प्रवासी राजस्थानी में भी है दर्द1
- अरावली जंगलों ओर बीकानेर क्षेत्र में पेड़ कटाई कारण और प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स आईरा न्यूज बीकानेर इकबाल खान, राजस्थान के अरावली पर्वत श्रृंखला के जंगलों को काटने का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले से जुड़ा है, जहां 100 मीटर से कम ऊंचाई वाली पहाड़ियों को 'अरावली' की परिभाषा से बाहर कर दिया गया। यह तकनीकी व्याख्या खनन और विकास परियोजनाओं का रास्ता खोल रही, जिससे पर्यावरणीय संरक्षण कमजोर हो रहा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह फैसला रेगिस्तान के विस्तार को बढ़ावा देगा, लेकिन सरकारें आर्थिक विकास के नाम पर आगे बढ़ रही। *कटाई के प्रमुख कारण* खनन की अनुमति: सुप्रीम कोर्ट ने पर्यावरण मंत्रालय की रिपोर्ट पर आधारित 100 मीटर ऊंचाई की सीमा स्वीकार की, जिससे अरावली के 90% हिस्से (कम ऊंचाई वाले) में खनन, निर्माण और भूमि अधिग्रहण संभव हो गया। यह 23 साल पुराने संरक्षण आदेश को कमजोर करता है, जहां खनन माफिया सक्रिय हो सकते हैं। नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स: सौर ऊर्जा कंपनियां भूमि हासिल करने के लिए पेड़ काट रही, खासकर बीकानेर और जोधपुर जैसे जिलों में। सरकार का लक्ष्य 2030 तक सौर क्षमता बढ़ाना है, लेकिन पर्यावरणीय ऑडिट की कमी से जंगल प्रभावित। विकास और बुनियादी ढांचा: सड़कें, सब-स्टेशन और हाइड्रो-सोलर प्रोजेक्ट्स के लिए भूमि साफ की जा रही, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के बजाय पारिस्थितिकी को नुकसान पहुंचा रही। वहां लगने वाले प्रोजेक्ट्स सौर ऊर्जा प्लांट्स: बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर में बड़े सोलर फार्म्स, जहां खेजड़ी जैसे पेड़ काटे जा रहे। सरकार ने 9 सोलर-हाइड्रो प्रोजेक्ट्स मंजूर किए, जो 500,000 से अधिक पेड़ों को प्रभावित करेंगे। खनन और निर्माण: कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पत्थर खदानें, रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर, जैसे हरियाणा-राजस्थान सीमा पर। अरावली ग्रीन वॉल प्रोजेक्ट के बावजूद, खनन को प्राथमिकता मिल रही। अन्य विकास सुप्रीम कोर्ट के फैसले से प्रभावित क्षेत्रों में बफर जोन के बाहर सड़कें और सब-स्टेशन, जो दिल्ली-एनसीआर की ऊर्जा जरूरतें पूरी करेंगे, लेकिन रेगिस्तान विस्तार का खतरा बढ़ा रहा। पर्यावरण कार्यकर्ता सुप्रीम कोर्ट में अपील कर धरना प्रदर्शन कर है।कि कटाई रोककर सख्त नियम लागू हों, वरना जल संकट और प्रदूषण गंभीर हो जाएगा।1
- Post by Sakir Husen1983 news reporter 88246157231