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Shailendra Kol
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- बड़वारा में रोड़ के हालात जर्जर1
- जिला कटनी। बहिरघटा में नदी में बने रैंप को खनिज विभाग की टीम ने किया ध्वस्त1
- *कैमोर भाजपा नेता हत्याकांड: आरोपी अकरम खान के घर पर चला बुलडोजर, भारी पुलिस बल तैनात* कटनी। भाजपा नेता नीलेश उर्फ नीलू रजक की हत्या के मामले में जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए मुख्य आरोपी अकरम खान के घर पर बुलडोजर कार्रवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे नगर परिषद, जिला प्रशासन और भारी पुलिस बल अमरैयापार स्थित आरोपी के निवास पर पहुंचा और अवैध निर्माण को ध्वस्त करने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। *मौके पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था* कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए कैमोर और विजयराघवगढ़ क्षेत्र को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। थाना प्रभारी आशीष शर्मा स्वयं मौके पर मौजूद रहकर सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाले हुए हैं। *हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत* आरोपी पक्ष ने इस कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन वहां से राहत नहीं मिलने के बाद प्रशासन ने तय कार्यक्रम के अनुसार बुलडोजर कार्रवाई शुरू की। *क्या है पूरा मामला* बीती 28 अक्टूबर को भाजपा नेता नीलेश रजक की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जब वे अपनी बेटी को स्कूल से लेने जा रहे थे। इस हत्याकांड में अकरम खान और उसका साथी प्रिंस जोसफ आरोपी हैं। घटना के बाद पूरे जिले में भारी जनाक्रोश देखने को मिला था और आरोपी के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग उठ रही थी। *कार्रवाई पर उठे सवाल* हालांकि प्रशासन की इस कार्रवाई ने कई सवाल भी खड़े कर दिए हैं। जिले में इस वर्ष अब तक 20 से अधिक हत्याएं हो चुकी हैं, जिनमें चौपाटी क्षेत्र में एक ही घटना में तीन लोगों की हत्या जैसी गंभीर वारदातें भी शामिल हैं। लेकिन इन मामलों में किसी भी आरोपी के खिलाफ बुलडोजर जैसी कार्रवाई नहीं की गई। ऐसे में भाजपा नेता की हत्या के बाद हुई इस त्वरित कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर दोहरा मापदंड अपनाने के आरोप लग रहे हैं। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करनी ही है, तो यह सभी मामलों में समान रूप से होनी चाहिए, न कि किसी विशेष मामले में दबाव या पहचान के आधार पर।1
- Post by Ankit choube Ankit1
- इसको भी देखिए1
- Post by User42881
- नए साल में आयकर विभाग बड़े बदलाव करने जा रहा है। आयकर चोरी रोकने और घोषित इनकम के बारे में जानकारी हासिल करने जैसे कई उद्देश्य के लिए अब 1 अप्रैल, 2026 से आयकर विभाग के अधिकारी आपके ईमेल अकाउंट, बैंक अकाउंट, ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म और यहां तक कि आपका सोशल मीडिया प्रोफाइल और क्लाउड स्टोरेज तक भी पहुंचने का अधिकार रखेंगे। चलिए समझते हैं कि इस नए कानून का क्या प्रभाव होगा। आयकर जांच का दायरा बढ़ेगा आयकर अधिकारियों की पहुंच अब केवल करदाताओं की अलमारी, लॉकर तक ही नहीं बल्कि उनके इनबॉक्स, डीएम और डिजिटल संपत्तियों तक भी बढ़ रही है। आयकर विभाग के नए कानून के अंतर्गत अब जांच का दायरा और बढ़ जाएगा। इसके बाद अघोषित आय और कर चोरी जैसे मामलों का पता लगाने के लिए अब केवल करदाताओं की भौतिक संपत्तियों की ही जांच नहीं की जाएगी बल्कि सोशल मीडिया अकाउंट और ऑनलाइन इन्वेस्टमेंट पर भी आयकर विभाग सख्ती से नजर रखेगा।1
- बड़वारा में उभरलोडिंग वाहनों का कहर1