गोविंद देव जी के मंदिर में भागवत कथा में कथावाचक अमन भारती के मुखारविंद से कथा में रस बरसाया गया गोविंद जी के मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक अमन भारती के मुखारविंद से समुद्र मंथन की कथा, 52 भगवान के जन्म की कथा और गज और ग्राह की कथा एवं बालकृष्ण के जन्म की कथा व नंद उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। नंदोत्सव का महत्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद गोकुल में उनके पालक पिता नंद बाबा और माता यशोदा के घर खुशी मनाने में है, जो जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है; यह उत्सव आनंद, उल्लास और आध्यात्मिक शुद्धिकरण का प्रतीक है, जहाँ धन का दान, गायन और भक्ति के माध्यम से भक्तों को नंद लाला की कृपा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है आनंद और उल्लास: यह भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी और उनके पालन-पोषण के आनंद का प्रतीक है, जो भक्तों को उत्सव और सेवा में शामिल होने का अवसर देता है. नंद बाबा और यशोदा मैया का सम्मान: यह पर्व नंद बाबा और यशोदा मैया के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, जिन्होंने कृष्ण का पालन-पोषण किया. आध्यात्मिक शुद्धिकरण: इस दिन ब्राह्मणों और ज़रूरतमंदों को दान देने से धन और जीवन शुद्ध होता है, जैसा कि नंद बाबा ने किया था. नंद लाला की कृपा: शास्त्रों के अनुसार, नंदोत्सव मनाने से नंद के लाला (श्रीकृष्ण) की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती. भक्ति की पूर्णता: जन्माष्टमी (स्मरण) और नंदोत्सव (उत्सव) मिलकर भक्ति की पूर्णता दर्शाते हैं, जहाँ भगवान के अवतरण का स्मरण और भक्तों का आनंदमय प्रत्युत्तर शामिल होता है. ब्रज संस्कृति का दर्शन: यह गोकुल और नंदगांव में मनाए जाने वाले उत्सव को दर्शाता है, जहाँ हर कोई नन्हे कृष्ण के दर्शन के लिए आता था.
गोविंद देव जी के मंदिर में भागवत कथा में कथावाचक अमन भारती के मुखारविंद से कथा में रस बरसाया गया गोविंद जी के मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा में कथावाचक अमन भारती के मुखारविंद से समुद्र मंथन की कथा, 52 भगवान के जन्म की कथा और गज और ग्राह की कथा एवं बालकृष्ण के जन्म की कथा व नंद उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। नंदोत्सव का महत्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद
गोकुल में उनके पालक पिता नंद बाबा और माता यशोदा के घर खुशी मनाने में है, जो जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है; यह उत्सव आनंद, उल्लास और आध्यात्मिक शुद्धिकरण का प्रतीक है, जहाँ धन का दान, गायन और भक्ति के माध्यम से भक्तों को नंद लाला की कृपा मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है आनंद और उल्लास: यह भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी और उनके पालन-पोषण के
आनंद का प्रतीक है, जो भक्तों को उत्सव और सेवा में शामिल होने का अवसर देता है. नंद बाबा और यशोदा मैया का सम्मान: यह पर्व नंद बाबा और यशोदा मैया के प्रति सम्मान व्यक्त करता है, जिन्होंने कृष्ण का पालन-पोषण किया. आध्यात्मिक शुद्धिकरण: इस दिन ब्राह्मणों और ज़रूरतमंदों को दान देने से धन और जीवन शुद्ध होता है, जैसा कि नंद बाबा ने किया था. नंद लाला की कृपा: शास्त्रों के अनुसार, नंदोत्सव मनाने से
नंद के लाला (श्रीकृष्ण) की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में धन-धान्य की कमी नहीं होती. भक्ति की पूर्णता: जन्माष्टमी (स्मरण) और नंदोत्सव (उत्सव) मिलकर भक्ति की पूर्णता दर्शाते हैं, जहाँ भगवान के अवतरण का स्मरण और भक्तों का आनंदमय प्रत्युत्तर शामिल होता है. ब्रज संस्कृति का दर्शन: यह गोकुल और नंदगांव में मनाए जाने वाले उत्सव को दर्शाता है, जहाँ हर कोई नन्हे कृष्ण के दर्शन के लिए आता था.
- अजीतपुरा कला-कुजोता में 139 वें दिन भी अवैध खनन के खिलाफ धरना जारी,गांव बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्राम अजीतपुरा कला एवं कुजोता में नेशनल लाइम स्टोन कंपनी (एनएलसी) द्वारा की जा रही कथित अवैध ब्लास्टिंग और अवैध खनन के विरोध में धरना 139 वें दिन भी लगातार जारी रहा। श्मशान भूमि के पास चल रहे धरना स्थल पर को भी सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पुरुष एवं महिलाएं एकजुट होकर मौजूद रहे और प्रशासन के प्रति रोष जताया,ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनन क्षेत्र से गुजरने वाले ओवरलोड डंपरों से उड़ती धूल के कारण गांव में सांस, त्वचा और आंखों से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। परिवहन विभाग को कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई तो वे मजबूरी में रास्ता बंद करेंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी,धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों की एकमात्र मांग है कि गांव में हो रही अवैध ब्लास्टिंग और खनन तुरंत बंद किए जाएं तथा अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।1
- कोटपुतली के अजीतपुरा कला-कुजोता में 139 वें दिन भी अवैध खनन के खिलाफ धरना जारी,गांव बचाओ संघर्ष समिति के नेतृत्व में ग्राम अजीतपुरा कला एवं कुजोता में नेशनल लाइम स्टोन कंपनी (एनएलसी) द्वारा की जा रही कथित अवैध ब्लास्टिंग और अवैध खनन के विरोध में धरना 139 वें दिन भी लगातार जारी रहा। श्मशान भूमि के पास चल रहे धरना स्थल पर को भी सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पुरुष एवं महिलाएं एकजुट होकर मौजूद रहे और प्रशासन के प्रति रोष जताया,ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खनन क्षेत्र से गुजरने वाले ओवरलोड डंपरों से उड़ती धूल के कारण गांव में सांस, त्वचा और आंखों से जुड़ी बीमारियां बढ़ रही हैं। परिवहन विभाग को कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुनवाई नहीं हुई तो वे मजबूरी में रास्ता बंद करेंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी,धरना स्थल पर मौजूद ग्रामीणों की एकमात्र मांग है कि गांव में हो रही अवैध ब्लास्टिंग और खनन तुरंत बंद किए जाएं तथा अरावली पर्वतमाला को बचाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। धरने में प्रमुख रूप से नेतराम ताखर सरपंच प्रतिनिधि, रामकरण मीणा पूर्व सरपंच, महेंद्र मीणा, महेंद्र दादरवाल, राम सिंह जाट, रामस्वरूप पंच, भागीरथ मीणा, जयमल धानका, मोहन, राकेश योगी, मदन वर्मा, जगदीश जागीरदार, जावेद खान, नसरुद्दीन कुरैशी, रोशन आर्य, रमेश चौधरी, धनसीराम जागिड़, रामकुमार कटारिया, बनवारी ताखर, शिवलाल जाट, रघुनाथ बावरिया, सुवालाल मीणा, विक्की मीणा, सागर खान, गांधी मीणा, शीशराम, पंजाबी बावरिया सहित बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष ग्रामीण उपस्थित रहे। संघर्ष समिति ने स्पष्ट किया कि यदि प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा और जिला मुख्यालय तक विरोध दर्ज कराया जाएगा।1
- मंच पर जैसे ही कलाकार ने हारमोनियम को छुआ, ऐसा लगा मानो वाद्य खुद गाने लगा हो। हर सुर में इतनी गहराई और भाव था कि श्रोता स्तब्ध रह गए और रोंगटे खड़े हो गए। संगीत की इस दुर्लभ प्रस्तुति ने साबित कर दिया कि जब साधना सच्ची हो, तो वाद्य भी जीवंत हो उठते हैं। यह पल सुनने वालों के दिलों में हमेशा गूंजता रहेगा। #Goosebumps #IndianMusic #Harmonium #ClassicalMusic #MusicLovers #ViralReels #SoulfulMusic #DidYouKnow #TrendingNow1
- जिंदगी की दौड़ में किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता मन में हमेशा जीत की आशा वक्त जरूर बदलता है1
- 'मन की बात' में आदरणीय प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी की अपील - एंटीबायोटिक दवाएं सिर्फ डॉक्टर की सलाह पर लें। #MannKiBaat1
- टैटुआ दबाने वाले वायरल नेताजी1
- बगड़. बाबा चंद्रनाथ की अंतिम यात्रा में दर्शनों के लिए उमड़े श्रद्धालु। बाबा चंद्रनाथ योग आश्रम के संस्थापक व पीठाधीश्वर बाल योगी चंद्रनाथ महाराज का शनिवार को देवलोक गमन हो गया। 93 वर्ष की उम्र में बाबा चंद्रनाथ पंच तत्व में विलीन हो गए। शोक में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखें। वे काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। उनके अस्वस्थ कहोने की सूचना पर योगाश्रम में दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता था। शुक्रवार की रात नेमहाराज ने अंतिम सांस ली। उनके देव लोग गमन होने की सूचना पर आश्रम में भीड़ जुट गई। अंतिम यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। योगाश्रम से अंतिम यात्रा पीरामल गेट,1
- न्यूनतम बैलेंस शहरी 3000 ग्रामीण 15001
- पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपनी गाड़ी रोककर के सड़क पर बिना 🪖⛑️ हेलमेट के स्कूटी चला रहे नौजवानों को हिदायत देती नजर आई1