महात्मा बुद्ध, जिन्हें गौतम बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुंबिनी में हुआ था। उनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। वे शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन और महारानी माया के पुत्र थे। सिद्धार्थ का विवाह यशोधरा नामक राजकुमारी से हुआ था और उनके एक पुत्र राहुल थे।सिद्धार्थ ने युवावस्था में ही जीवन की असारता का अनुभव किया। जब उन्होंने बूढ़े, बीमार और मृत व्यक्ति को देखा, तो उन्हें संसार की अस्थिरता और दुख का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने राजसी सुख-सुविधाओं को त्यागकर सत्य की खोज में निकलने का निर्णय लिया।सिद्धार्थ ने विभिन्न गुरुओं के साथ समय बिताया और कठोर तपस्या की, लेकिन उन्हें समाधान नहीं मिला। अंततः बोधगया में एक पीपल वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। तब से वे "बुद्ध" कहलाए, जिसका अर्थ है 'ज्ञान प्राप्त व्यक्ति'।ज्ञान प्राप्ति के बाद बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया, जिसे "धर्मचक्र प्रवर्तन" कहा जाता है। उन्होंने अहिंसा, करुणा, और मध्य मार्ग का उपदेश दिया। उनके प्रमुख उपदेशों में चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग शामिल हैं। बुद्ध के विचार और शिक्षाएं बौद्ध धर्म के आधार बने।महात्मा बुद्ध ने 483 ईसा पूर्व में कुशीनगर, उत्तर प्रदेश, भारत में महासमाधि ली। उनके शिक्षाओं और जीवन दर्शन का प्रभाव आज भी विश्वभर में फैला हुआ है।
महात्मा बुद्ध, जिन्हें गौतम बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है, का जन्म 563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुंबिनी में हुआ था। उनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था। वे शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन और महारानी माया के पुत्र थे। सिद्धार्थ का विवाह यशोधरा नामक राजकुमारी से हुआ था और उनके एक पुत्र राहुल थे।सिद्धार्थ ने युवावस्था में ही जीवन की असारता का अनुभव किया। जब उन्होंने बूढ़े, बीमार और मृत व्यक्ति को देखा, तो उन्हें संसार की अस्थिरता और दुख का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने राजसी सुख-सुविधाओं को त्यागकर सत्य की खोज में निकलने का निर्णय लिया।सिद्धार्थ ने विभिन्न गुरुओं के साथ समय बिताया और कठोर तपस्या की, लेकिन उन्हें समाधान नहीं मिला। अंततः बोधगया में एक पीपल वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। तब से वे "बुद्ध" कहलाए, जिसका अर्थ है 'ज्ञान प्राप्त व्यक्ति'।ज्ञान प्राप्ति के बाद बुद्ध ने अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया, जिसे "धर्मचक्र प्रवर्तन" कहा जाता है। उन्होंने अहिंसा, करुणा, और मध्य मार्ग का उपदेश दिया। उनके प्रमुख उपदेशों में चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग शामिल हैं। बुद्ध के विचार और शिक्षाएं बौद्ध धर्म के आधार बने।महात्मा बुद्ध ने 483 ईसा पूर्व में कुशीनगर, उत्तर प्रदेश, भारत में महासमाधि ली। उनके शिक्षाओं और जीवन दर्शन का प्रभाव आज भी विश्वभर में फैला हुआ है।
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