हिमाचल में केंद्रीय बजट का होगा बड़ा लाभ, सड़क टनल कृषि बागवानी युवा शक्ति पर बल : मल्होत्रा - हिमाचल को केंद्रीय आमदनी में से 10351.82 करोड़ की राशि प्राप्त होगी - नेशनल हाईवे, टनल के गिनाए आंकड़े, बजट से मिलेगी स्पीड हैप्पी हिमाचल न्यूज ब्यूरो शिमला, 27 जुलाई। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मोदी 3 के पहले बजट की बारीकियों को सभी के सांझा किया। केंद्रीय राज्य मंत्री ने केंद्रीय बजट को विकसित भारत का मार्ग बताया और कहा कि इस बजट को अंतरिम बजट एवं आम बजट को जोड़ कर देखना चाहिए। हर्ष ने कहा कि इस बजट में हिमाचल को भी बहुत कुछ मिला है और हिमाचल का नाम केंद्रीय बजट में अंकित किया गया था। उन्होंने कहा कि अधोसंरचना की दृष्टि से प्रदेश को बहुत लाभ हुआ है, अधोसंरचना के लिए जहां देश भर में 11 लाख 11 हजार करोड़ रू० का प्रावधान किया है जो कि देश के जीडीपी का 3.4% है। हिमाचल में भी अनेकों राज्यमार्ग का काम चल रहा है इस बजट में इन सभी परियोजनाओं को बड़ा बल मिलेगा। हाइवे की दृष्टि से पठानकोट-मण्डी 10067 करोड़ रू, मटौर-शिमला 10512 करोड़ रू, कीरतपुर-मण्डी-कुल्लू-मनाली-13784 करोड़ रू, पिंजौर-बद्दी-नालागढ़- 1692 करोड़ रू, परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला 7632 करोड़ रू का काम चल रहा है। उन्होंने कहा की हिमाचल को केंद्रीय आमदनी में से 10351.82 करोड़ की राशि प्राप्त होगी , यह रहित उल्लेखनीय है। हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि इसी प्रकार सुरंगों की दृष्टि से पठानकोट-मण्डी मार्ग पर 5 टनल्स 2472 करोड़ रू, मटौर-शिमला पर 3 टनल्स 1747 करोड़, कीरतपुर-मण्डी-कुल्लू-मनाली पर 4 टनल्स 5632 करोड़ रू, परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला में 4 टनल्स-1231 करोड़ रू के एतिहासिक कार्य हुए है। इन सभी परियोजनाओं को बजट की दृष्टि से बल मिलेगा। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के द्रास- कारगिल में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह के शुभ अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शिकुंला सुरंग की आधारशिला रखी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निम्मू- पदम-दारचा सड़क पर 15,800 फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे पर 1,681 करोड़ रुपए की लागत से 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। यह टनल हिमाचल के लाहुल और लद्दाख के जांस्कर क्षेत्र को आपस में जोड़ेगी। 2023 में सुरक्षा पर पीएम की अगवाई वाली कैबिनेट समिति द्वारा इस टनल को मंजूरी दी गई थी। उन्होंने कह की रेल बजट में भी हिमाचल को बड़ा बजट मिला है जिसमें हिमाचल की रेल परियोजनाओं को मिले 2698 करोड़ रुपये, इसमें भानुपल्ली-बिलासपुर, नंगल तलवाड़ा और चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन के कार्य को मिलेगी गति। शिमला, पालमपुर, बैजनाथ पपरोला और अंब-अंदौरा बनेंगे वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन। चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन-300 करोड़, भानुपल्ली-बिलासपुर-वैरी रेललाइन-1700 करोड़, नंगल डैम-तलवाड़ा-500 करोड़, अन्य प्रोजेक्ट-198 करोड़। हिमाचल प्रदेश में रेलवे विकास के लिए जारी बजट पूर्व की यूपीए सरकार से 25 गुणा ज्यादा है। यह हिमाचल में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा। हिमाचल में नैरोगेज को छोड़कर रेलवे ने 100 प्रतिशत बिजलीकरण का काम पूरा कर लिया है। राज्य में शिमला सहित चार स्टेशनों को विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर निर्मित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में चार रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाया जाए। इनमें अंब-अंदौरा, बैजनाथ पपरोला, पालमपुर, शिमला को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि संसाधन आबंटन को सहायता प्रदान करने के लिए राज्यों को दीर्घावधिक ब्याज मुक्त ऋण के रूप में ₹1.5 लाख करोड़ मिलने से भी हिमाचल को बड़ा लाभ होगा। केंद्रीय राज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का भी जिक्र किया जिसमें देश में 25,000 ग्रामीण बसावटों को बारहमासी सडक संपर्क उपलब्ध कराने के लिए पीएमजीएसवाई का चरण IV शुरू किया जाएगा। हिमाचल को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तीसरे चरण में 2700 करोड़ रू प्राप्त हुए थे और जल्द - अतिरिक्त राशि आने वाली है। उन्होंने आपदा का जिक्र भी किया और कहा कि हिमाचल को आपदा राहत के लिए 1782 करोड़ तुरंत राहत दी गई थी, 1100 करोड़ रू० मनरेगा के लिए और 11 हजार मकान केन्द्र ने दिए थे। केंद्र सरकार हमेशा हिमाचल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
हिमाचल में केंद्रीय बजट का होगा बड़ा लाभ, सड़क टनल कृषि बागवानी युवा शक्ति पर बल : मल्होत्रा - हिमाचल को केंद्रीय आमदनी में से 10351.82 करोड़ की राशि प्राप्त होगी - नेशनल हाईवे, टनल के गिनाए आंकड़े, बजट से मिलेगी स्पीड हैप्पी हिमाचल न्यूज ब्यूरो शिमला, 27 जुलाई। केंद्रीय राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मोदी 3 के पहले बजट की बारीकियों को सभी के सांझा किया। केंद्रीय राज्य मंत्री ने केंद्रीय बजट को विकसित भारत का मार्ग बताया और कहा कि इस बजट को अंतरिम बजट एवं आम बजट को जोड़ कर देखना चाहिए। हर्ष ने कहा कि इस बजट में हिमाचल को भी बहुत कुछ मिला है और हिमाचल का नाम केंद्रीय बजट में अंकित किया गया था। उन्होंने कहा कि अधोसंरचना की दृष्टि से प्रदेश को बहुत लाभ हुआ है, अधोसंरचना के लिए जहां देश भर में 11 लाख 11 हजार करोड़ रू० का प्रावधान किया है जो कि देश के जीडीपी का 3.4% है। हिमाचल में भी अनेकों राज्यमार्ग का काम चल रहा है इस बजट में इन सभी परियोजनाओं को बड़ा बल मिलेगा। हाइवे की दृष्टि से पठानकोट-मण्डी 10067 करोड़ रू, मटौर-शिमला 10512 करोड़ रू, कीरतपुर-मण्डी-कुल्लू-मनाली-13784 करोड़ रू, पिंजौर-बद्दी-नालागढ़- 1692 करोड़ रू, परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला 7632 करोड़ रू का काम चल रहा है। उन्होंने कहा की हिमाचल को केंद्रीय आमदनी में से 10351.82 करोड़ की राशि प्राप्त होगी , यह रहित उल्लेखनीय है। हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि इसी प्रकार सुरंगों की दृष्टि से पठानकोट-मण्डी मार्ग पर 5 टनल्स 2472 करोड़ रू, मटौर-शिमला पर 3 टनल्स 1747 करोड़, कीरतपुर-मण्डी-कुल्लू-मनाली पर 4 टनल्स 5632 करोड़ रू, परवाणू-सोलन-कैथलीघाट-शिमला में 4 टनल्स-1231 करोड़ रू के एतिहासिक कार्य हुए है। इन सभी परियोजनाओं को बजट की दृष्टि से बल मिलेगा। राज्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लद्दाख के द्रास- कारगिल में कारगिल विजय दिवस रजत जयंती समारोह के शुभ अवसर पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसी मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने शिकुंला सुरंग की आधारशिला रखी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा निम्मू- पदम-दारचा सड़क पर 15,800 फीट की ऊंचाई पर शिंकुला दर्रे पर 1,681 करोड़ रुपए की लागत से 4.1 किलोमीटर लंबी ट्विन-ट्यूब सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। यह टनल हिमाचल के लाहुल और लद्दाख के जांस्कर क्षेत्र को आपस में जोड़ेगी। 2023 में सुरक्षा पर पीएम की अगवाई वाली कैबिनेट समिति द्वारा इस टनल को मंजूरी दी गई थी। उन्होंने कह की रेल बजट में भी हिमाचल को बड़ा बजट मिला है जिसमें हिमाचल की रेल परियोजनाओं को मिले 2698 करोड़ रुपये, इसमें भानुपल्ली-बिलासपुर, नंगल तलवाड़ा और चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन के कार्य को मिलेगी गति। शिमला, पालमपुर, बैजनाथ पपरोला और अंब-अंदौरा बनेंगे वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन। चंडीगढ़-बद्दी रेललाइन-300 करोड़, भानुपल्ली-बिलासपुर-वैरी रेललाइन-1700 करोड़, नंगल डैम-तलवाड़ा-500 करोड़, अन्य प्रोजेक्ट-198 करोड़। हिमाचल प्रदेश में रेलवे विकास के लिए जारी बजट पूर्व की यूपीए सरकार से 25 गुणा ज्यादा है। यह हिमाचल में रेल इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करेगा। हिमाचल में नैरोगेज को छोड़कर रेलवे ने 100 प्रतिशत बिजलीकरण का काम पूरा कर लिया है। राज्य में शिमला सहित चार स्टेशनों को विश्वस्तरीय मानकों के आधार पर निर्मित किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में चार रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन बनाया जाए। इनमें अंब-अंदौरा, बैजनाथ पपरोला, पालमपुर, शिमला को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि संसाधन आबंटन को सहायता प्रदान करने के लिए राज्यों को दीर्घावधिक ब्याज मुक्त ऋण के रूप में ₹1.5 लाख करोड़ मिलने से भी हिमाचल को बड़ा लाभ होगा। केंद्रीय राज्य मंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का भी जिक्र किया जिसमें देश में 25,000 ग्रामीण बसावटों को बारहमासी सडक संपर्क उपलब्ध कराने के लिए पीएमजीएसवाई का चरण IV शुरू किया जाएगा। हिमाचल को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना तीसरे चरण में 2700 करोड़ रू प्राप्त हुए थे और जल्द - अतिरिक्त राशि आने वाली है। उन्होंने आपदा का जिक्र भी किया और कहा कि हिमाचल को आपदा राहत के लिए 1782 करोड़ तुरंत राहत दी गई थी, 1100 करोड़ रू० मनरेगा के लिए और 11 हजार मकान केन्द्र ने दिए थे। केंद्र सरकार हमेशा हिमाचल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
- लाहुल में बनेगी हिमाचल की सबसे ऊंची सिचाई परियोजना। सेंकड़ों हेक्टेयर भूमि होगी सिंचित। प्रदेश में सबसे अधिक ऊंचाई पर (करीब 16 हजार फुट )पर बन रही खंडिप सिंचाई परियोजना का कार्य प्रगति में है। जिसकी साप्ताहिक प्रोग्रेस रिपोर्ट हर सप्ताह विभाग से ली जा रही है। इस योजना को धरातल पर उतारना मुख्य उद्देश्यों में से एक है। -अनुराधा राणा, विधायक लाहुल स्पीति।1
- उपायुक्त लाहौल स्पीति की अगुवाई में एक्सपर्ट टीम ने किया घेपांग घाट गलेशियर झील का मुआयना विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जल्द राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी ।उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमारझील का स्तर बढ़ने से संभावित खतरे से प्रभावी तौर पर निपटने को कार्य योजना की जा रही है तैयारकेलांग 27जुलाई उपायुक्त लाहौल स्पीति राहुल कुमार की अगुवाई में उच्च स्तरीय विशेषज्ञों की टीम ने घेपांग घाट गलेशियर झील लाहौल का मुआयना किया। उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि सैटेलाइट इमेजेज के आधार पर घेपांग घाट ग्लेशियर झील का ग्लोबल वार्मिंग से दायरा बढ़ने का दावा किया गया है। जिस कारण इस झील के जलस्तर में बढ़ोतरी होने से आपदा की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका जाहिर की गई है। लिहाजा किसी आपदा से पहले आपदा न्यूनीकरण को लेकर राज्य और केंद्र सरकार ने यह पहल की है और संभावित खतरे से प्रभावी तौर पर निपटने को कार्य योजना भी तैयार की जा रही है। उपायुक्त लाहुल स्पीति राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग लेक एक्सीपिडीशन में भू-गर्भ और ग्लेशियर पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने तीन दिवसीय दौरा किया । एक्सीपिडीशन के दौरान टीम ने घेपांग झील से जुड़े कई महत्त्वपूर्ण पहलुओं पर स्टडी की गी जिसमें मुख्य रूप से झील की गहराई, बेरियर स्ट्रेंथ, मोरेन-डेम हाइट एंड बिडथ, झील में जल स्तर, क्षेत्र की जिलॉजीकल स्थिति, भू-स्खलन और एवलांच की संभावना जैसे करीब 20 महत्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन जांच की गई । उपायुक्त राहुल कुमार ने बताया कि घेपांग झील की बारीकी से निरीक्षण के बाद इस पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंपी जाएगी । ताकि समय रहते किसी भी प्राकृतिक आपदा से बचने के लिए धरातल पर ठोस कदम उठाया जा सके। उपायुक्त ने यह भी बताया कि विशेषज्ञों की टीम ने 24 से 26 जुलाई तक घेपांग लेक में जांच की। उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने सभी हिमालयी राज्यों में स्थित संभावित जलग्रहण क्षेत्रों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की पहल की है। लिहाजा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के क्षेत्र में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली विकसित करने की संभावनाएं तलाशने की कवायद शुरू की गई है। उपायुक्त ने बताया कि हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने चार बुनियादी विषयों पर काम करना शुरू किया, जैसे लीड वाई (एलटीए) उपकरण की पहचान करना और प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों और हिमानी झील को प्राथमिकता देना, सभी उच्च जोखिम का आकलन करने के लिए क्षेत्र अभियान चलाना और हिमनदों की निगरानी में राज्यों को उनके समर्थन को सुव्यवस्थित करने में, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की भागीदारी सुनिश्चित करना है । उपायुक्त ने यह भी बताया कि घेपांग घाट झील जिला लाहौल एवं स्पीति में समुद्र तल से लगभग 4098 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और हिमालय की अन्य ग्लेशियर झीलों की तरह घेपांग घाट झील का भी क्षेत्रफल साल दर साल बढ़ता जा रहा है। लिहाज़ा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा इस झील के सामने वाले क्षेत्र और मोराइन पर भी ड्रोन के माध्यम से निगरानी की जा रही है।25 सदस्यों की रैकी दल को सहायक आयुक्त संकल्प गौतम और डीएफओ अनिकेत वानवे की टीम ने बैकअप दिया । इस अभियान में विभिन्न एजेंसियों के सदस्य भी शामिल रहे ।1
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