#रोहतक #हरियाणा #में #शीत #लहर #से #ठंड #और #कोहरे से #बेसहारा #लोगों #के #लिए बन रही #एक #बड़ी #मुसीबत रोहतक में खुले आसमान में इस कड़ाके की ठंड में सोने को मजबूर बेसहारा लोग जिला प्रशासन की तरह से नहीं कोई रैन बसेरे की सुविधा एक सामाजिक संस्था के द्वारा रैन बसेरे में नशेडी लोग ज्यादा पहुंचते है सोने को संस्था का कर्मी मिला शराब पीते मीडिया के कैमरे में हुआ कैद एंकर : पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी के कारण उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हरियाणा के रोहतक में भी हाड को कंपाने वाली ठंड पड़ रही जिसके के कारण आम जन जीवन काफी प्रभावित हो रहा है। उन लोगों के लिए बड़ी ही यह कड़ाके की ठंड मुसीबत बनी हुई जिनके पास कोई रहने का आसरा नहीं है जो खुले आसमान में अभी भी इस कड़ाके की ठंड में सोने को मजबूर है। रोहतक जिला प्रशासन की तरफ से एक रैन बसेरा बनाया था मगर उसमें चार साल पहले आग लगने के कारण तहस नहस हो गया था उसके बाद उसकी कोई मरम्मत नहीं हुई और न कोई और रैन बसेरा बनाया गया। रेलवे स्टेशन पर मेहनत मजदूरी या ट्रेनों में भीख मांगने वाले लोग खुले आसमान में सो रहे है। वहीं एक समाजिक संस्था द्वारा दो कंटेनर में रैन बसेरा बनाया हुआ है मगर उसमें भी बहुत ही कम लोगों के सोने की व्यवस्था है। वहीं जो महिलाओं के लिए कोई भी इस रैन बसेरा में रात को सोने की कोई सुविधा नहीं। यहां पर नशेडी तरह के लोग सोने के लिए आते है यहां पर जो व्यक्ति की जिम्मेवारी लोगो को सोने के लिए लगाई गई वह भी शराब पीते मिला। रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान में कंबल के सहारे रात गुजराने वाले एक शख्स ने बताया कि वह अयोध्या से यहां पर मेहनत मजदूरी करने के लिए आया हुआ उसके पास यहां रहने के लिए जगह नहीं इसलिए वह रेलवे स्टेशन पर सौ जाता है। किसी ने उसे एक कंबल दिया है। एक रैन बसेरा पुराने बस अड्डे के पर बना हुआ मगर वहां नशेडी टाइप के लोग सोने को जाते है इसलिए वह वहां नहीं जाता है। सरकारी रैन बसेरा नहीं है जहां वह रात को सो सके। यहां रेलवे स्टेशन पर कोई भी रैन बसेरा नहीं है। रेलवे स्टेशन पर पुलिस कर्मी गश्त लगाते मिला जब उनसे इन लोगों के इस कड़ाके की ठंड में सोने पर पूछा तो वह बोला कि यहां सारे नशेडी तरह के लोग सोते है इनको पुराने बस स्टेशन पर रैन बसेरे में जाने को कहा जाता है मगर यह नहीं जाते यहीं पर सो जाते है। जनसेवा संस्थान रोहतक के द्वारा चलाए जा रहे कई सालों से रैन बसरे में बेहसारा लोगो के सोने के लिए सोने के लिए कंबल चादर के साथ साथ खाने के लिए भी दिया जाता है। जब इस रैन बसेरे का निरीक्षण के लिए मीडिया पहुंचा तो वहां जिसकी जिम्मेवारी लगाई हुई थी वह वह दो लोगों के साथ शराब पी रहा था जो रैन बसेरे में सोने आए थे। यहां पर उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से कोई भी बेसहारा लोगों को रात में सोने के प्रबंध नहीं है यह रैन बसेरा बाबा चैतन्य जी के द्वारा चलाया जा रहा है यह सोने के लिए बिस्तर और रजाई दी जाती उसके साथ खाना भी दिया जाता है। वहीं इस रैन बसेरे में सोने आए लोगों ने कहा इस रैन बसेरे में खाने पीने का उचित प्रबंध है मगर शौच के लिए पानी नहीं होता है पानी की काफी किल्लत रहती है। सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं खासकर महिलाओं के लिए बिल्कुल कोई सोने की जगह नहीं है। बाइट ओम प्रकाश कर्मी रैन बसेरा जन सेवा संस्थान रोहतक बाइट बेसहारा लोग बाइट पुलिस कर्मी जीआरपी ,थाना रेलवे स्टेशन रोहतक
#रोहतक #हरियाणा #में #शीत #लहर #से #ठंड #और #कोहरे से #बेसहारा #लोगों #के #लिए बन रही #एक #बड़ी #मुसीबत रोहतक में खुले आसमान में इस कड़ाके की ठंड में सोने को मजबूर बेसहारा लोग जिला प्रशासन की तरह से नहीं कोई रैन बसेरे की सुविधा एक सामाजिक संस्था के द्वारा रैन बसेरे में नशेडी लोग ज्यादा पहुंचते है सोने को संस्था का कर्मी मिला शराब पीते मीडिया के कैमरे में हुआ कैद एंकर : पहाड़ी इलाकों में जबरदस्त बर्फबारी के कारण उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। हरियाणा के रोहतक में भी हाड को कंपाने वाली ठंड पड़ रही जिसके के कारण आम जन जीवन काफी प्रभावित हो रहा है। उन लोगों के लिए बड़ी ही यह कड़ाके की ठंड मुसीबत बनी हुई जिनके पास कोई रहने का आसरा नहीं है जो खुले आसमान में अभी भी इस कड़ाके की ठंड में सोने को मजबूर है। रोहतक जिला प्रशासन की तरफ से एक रैन बसेरा बनाया था मगर उसमें चार साल पहले आग लगने के कारण तहस नहस हो गया था उसके बाद उसकी कोई मरम्मत नहीं हुई और न कोई और रैन बसेरा बनाया गया। रेलवे स्टेशन पर मेहनत मजदूरी या ट्रेनों में भीख मांगने वाले लोग खुले आसमान में सो रहे है। वहीं एक समाजिक संस्था द्वारा दो कंटेनर में रैन बसेरा बनाया हुआ है मगर उसमें भी बहुत ही कम लोगों के सोने की व्यवस्था है। वहीं जो महिलाओं के लिए कोई भी इस रैन बसेरा में रात को सोने की कोई सुविधा नहीं। यहां पर नशेडी तरह के लोग सोने के लिए आते है यहां पर जो व्यक्ति की जिम्मेवारी लोगो को सोने के लिए लगाई गई वह भी शराब पीते मिला। रेलवे स्टेशन पर खुले आसमान में कंबल के सहारे रात गुजराने वाले एक शख्स ने बताया कि वह अयोध्या से यहां पर मेहनत मजदूरी करने के लिए आया हुआ उसके पास यहां रहने के लिए जगह नहीं इसलिए वह रेलवे स्टेशन पर सौ जाता है। किसी ने उसे एक कंबल दिया है। एक रैन बसेरा पुराने बस अड्डे के पर बना हुआ मगर वहां नशेडी टाइप के लोग सोने को जाते है इसलिए वह वहां नहीं जाता है। सरकारी रैन बसेरा नहीं है जहां वह रात को सो सके। यहां रेलवे स्टेशन पर कोई भी रैन बसेरा नहीं है। रेलवे स्टेशन पर पुलिस कर्मी गश्त लगाते मिला जब उनसे इन लोगों के इस कड़ाके की ठंड में सोने पर पूछा तो वह बोला कि यहां सारे नशेडी तरह के लोग सोते है इनको पुराने बस स्टेशन पर रैन बसेरे में जाने को कहा जाता है मगर यह नहीं जाते यहीं पर सो जाते है। जनसेवा संस्थान रोहतक के द्वारा चलाए जा रहे कई सालों से रैन बसरे में बेहसारा लोगो के सोने के लिए सोने के लिए कंबल चादर के साथ साथ खाने के लिए भी दिया जाता है। जब इस रैन बसेरे का निरीक्षण के लिए मीडिया पहुंचा तो वहां जिसकी जिम्मेवारी लगाई हुई थी वह वह दो लोगों के साथ शराब पी रहा था जो रैन बसेरे में सोने आए थे। यहां पर उन्होंने बताया कि प्रशासन की तरफ से कोई भी बेसहारा लोगों को रात में सोने के प्रबंध नहीं है यह रैन बसेरा बाबा चैतन्य जी के द्वारा चलाया जा रहा है यह सोने के लिए बिस्तर और रजाई दी जाती उसके साथ खाना भी दिया जाता है। वहीं इस रैन बसेरे में सोने आए लोगों ने कहा इस रैन बसेरे में खाने पीने का उचित प्रबंध है मगर शौच के लिए पानी नहीं होता है पानी की काफी किल्लत रहती है। सरकार की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं खासकर महिलाओं के लिए बिल्कुल कोई सोने की जगह नहीं है। बाइट ओम प्रकाश कर्मी रैन बसेरा जन सेवा संस्थान रोहतक बाइट बेसहारा लोग बाइट पुलिस कर्मी जीआरपी ,थाना रेलवे स्टेशन रोहतक