झारखंड के शेर कहे जाने वाले जयराम महतो कब बोलेगा आन्दोलनकारी /सेनानियो के पलायन की बाते ??? भारत देश की आजादी के 77 बषृ बाद स्तंत्रतासेनियो के परिजन को सम्मानित किया जा रहा हैं वही दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों को राज्य मिलने के 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी चिन्हिकरण के नाम पर वगीकृत करने की चाल और खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड राज्य में रोजगार के अंसीम संभावाना के मद्देनजर उगृवाद ,आपराधिक घटानाओं, हत्या ,लूटपाट, बालात्कार जैसी संघन आपराधिक घटनाओं पर आपकी चुप्पी कब और कैसे टुटेगी ?देखना अभी बाकी हैं ??? झामुमो /आजसू के आन्दोलनकारी /सेनानियो के कुरबानी के बाद बना झारखंड अलग राज्य के झामुमो के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के शासनकाल में झामुमो आजसू के आन्दोलनकारियो ने देश के अन्य राज्यों में मंजदूरी कर रहे हैं ? झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो ने पढाई के साथ - साथ झारखंड अलग राज्य की लडाई के बाद परिवार की पेट की ज्वाला शांत करने के लिये दुसरे राज्य मे मंजदूरी कर रहे है ! ऐसे में झारखंड के मंजदूर देश भर में कायृ है , उनका निबंधन उनके कायृ स्थलों पर निबंधित करने /प़ाण काड परिचय-पत्र उपलब्ध कराने और सरकार के द्वारा मिलने वाली सुबिधा का लाभ पहुचाने की पहल तो दुर की बात ठहरी ? तो दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के लिये आन्दोलनकारी /सेनानियो को राज्य मिलने के 24 वी.बषृगाठ मनाने के आसार के बावजूद आन्दोलनकिरियो /सेनानियों को चिन्हिकरण नही किया जा सका है अल्बत्ता आन्दोलनकारियो को वगीकृत कर पहचानी में बिल्मम होने से परेशान अधिकांश आन्दोलनकारी अपने रोजगार की तालाश में पलायन कर चुके है ,सरकारी नौकरी में उमर की पावंदी व रोजगार की कमी के कारण सकियता आन्दोलन से जुडे बिजय कुमार बिधाथी दुसरे राज्य के चाय बगान मे पत्ता कटने का एक दृश्य ? अबुआ दिसुम अबुआ राज्य की पहल ओर आन्दोलनकारियो के बलिदान पर बना झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों के हक अधिकार की बार तो दुर की ठहरी चिन्हिकरण का कायृ 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी अधूरी है? ऐसे मे झारखंड अलग राज्य बनाम बिधायक से सासंद बने सुखदेव भगत भले ही अपने शपत में सरना माँ की शौगध ली ? किन्तु आदिवासी बहुल झारखंड अलग राज्य में आदिवासियों के आरक्षण के बल पर बिधायक से सासंद बने सुखदेव सगत लोहरदगा जिले के बिकाश के लिये कारखाना स्थापित करने की बात ओर औधौगिक नगरी के नाम पर पलामू में फैक्टरी स्थापित पर आपकी चुप्पी को जनता क्या समझे ! रही बात झारखंड आन्दोलनकारीओं में अधिकाश आदिवासी समाज सेआते हैं उनकी चिन्हिकरण का मामला के 24 बषृ पूरे हुए पर कायृ अधुरापन ही रहा कुल मिलाकर जिसके दमपर बिधायक से सासंद तक का सफर आपने तय किया उसके लिए अपने क्या किया ? रही बात लोहरदगा जिले की बिकास की बात तो ये बात कोई गलत नही होगा कि लोग लोहरदगा को चारागाह का केन्दृ बिन्दु बनकर रह गया है, खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्य मे बेरोजगारी से परेशान कृषक मजदूरों का पालायन को रोक पाने मे बिफल राज्य सरकार के पास रोजगार के छोटे छोटे अवसरों को उपलब्धि कराने मे असमर्थ रही है!ऐसे मे राज्य की राजधानी के सबसे नजदीक जिले लोहरदगा जिले मे बृड गेज रेलवे लाईन के बिस्तार के साथ ही बिकास की पहली पडाव पार तो कर चुके हैं ? दुसरी पडाव नेतरहाट फिल्ड फायरिग की बारी है. जो बिश्व का दुसरा एवं एशिया की सबसे बड़ी मीलिटी छावनी बनने की बारी आती है. जिसके बनते ही उगृवाद,आपराधिक, हत्या,लुटपाट,बालात्कार जैसी संघन मामला अकुंश लगेगा और आथिक मजबूति स्थानिये लोगो को मिलने लगेगें ? ईसके लिये कौन आगे आयेगा देखना अभी बाकी हैं ?
झारखंड के शेर कहे जाने वाले जयराम महतो कब बोलेगा आन्दोलनकारी /सेनानियो के पलायन की बाते ??? भारत देश की आजादी के 77 बषृ बाद स्तंत्रतासेनियो के परिजन को सम्मानित किया जा रहा हैं वही दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों को राज्य मिलने के 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी चिन्हिकरण के नाम पर वगीकृत करने की चाल और खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड राज्य में रोजगार के अंसीम संभावाना के मद्देनजर उगृवाद ,आपराधिक घटानाओं, हत्या ,लूटपाट, बालात्कार जैसी संघन आपराधिक घटनाओं पर आपकी चुप्पी कब और कैसे टुटेगी ?देखना अभी बाकी हैं ??? झामुमो /आजसू के आन्दोलनकारी /सेनानियो के कुरबानी के बाद बना झारखंड अलग राज्य के झामुमो के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के शासनकाल में झामुमो आजसू के आन्दोलनकारियो ने देश के अन्य राज्यों में मंजदूरी कर रहे हैं ? झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो ने पढाई के साथ - साथ झारखंड अलग राज्य की लडाई के बाद परिवार की पेट की ज्वाला शांत करने के लिये दुसरे राज्य मे मंजदूरी कर रहे है ! ऐसे में झारखंड के मंजदूर देश भर में कायृ है , उनका निबंधन उनके कायृ स्थलों पर निबंधित करने /प़ाण काड परिचय-पत्र उपलब्ध कराने और सरकार के द्वारा मिलने वाली सुबिधा का
लाभ पहुचाने की पहल तो दुर की बात ठहरी ? तो दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के लिये आन्दोलनकारी /सेनानियो को राज्य मिलने के 24 वी.बषृगाठ मनाने के आसार के बावजूद आन्दोलनकिरियो /सेनानियों को चिन्हिकरण नही किया जा सका है अल्बत्ता आन्दोलनकारियो को वगीकृत कर पहचानी में बिल्मम होने से परेशान अधिकांश आन्दोलनकारी अपने रोजगार की तालाश में पलायन कर चुके है ,सरकारी नौकरी में उमर की पावंदी व रोजगार की कमी के कारण सकियता आन्दोलन से जुडे बिजय कुमार बिधाथी दुसरे राज्य के चाय बगान मे पत्ता कटने का एक दृश्य ? अबुआ दिसुम अबुआ राज्य की पहल ओर आन्दोलनकारियो के बलिदान पर बना झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों के हक अधिकार की बार तो दुर की ठहरी चिन्हिकरण का कायृ 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी अधूरी है? ऐसे मे झारखंड अलग राज्य बनाम बिधायक से सासंद बने सुखदेव भगत भले ही अपने शपत में सरना माँ की शौगध ली ? किन्तु आदिवासी बहुल झारखंड अलग राज्य में आदिवासियों के आरक्षण के बल पर बिधायक से सासंद बने सुखदेव सगत लोहरदगा जिले के बिकाश के लिये कारखाना स्थापित करने की बात ओर औधौगिक नगरी के नाम पर
पलामू में फैक्टरी स्थापित पर आपकी चुप्पी को जनता क्या समझे ! रही बात झारखंड आन्दोलनकारीओं में अधिकाश आदिवासी समाज सेआते हैं उनकी चिन्हिकरण का मामला के 24 बषृ पूरे हुए पर कायृ अधुरापन ही रहा कुल मिलाकर जिसके दमपर बिधायक से सासंद तक का सफर आपने तय किया उसके लिए अपने क्या किया ? रही बात लोहरदगा जिले की बिकास की बात तो ये बात कोई गलत नही होगा कि लोग लोहरदगा को चारागाह का केन्दृ बिन्दु बनकर रह गया है, खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्य मे बेरोजगारी से परेशान कृषक मजदूरों का पालायन को रोक पाने मे बिफल राज्य सरकार के पास रोजगार के छोटे छोटे अवसरों को उपलब्धि कराने मे असमर्थ रही है!ऐसे मे राज्य की राजधानी के सबसे नजदीक जिले लोहरदगा जिले मे बृड गेज रेलवे लाईन के बिस्तार के साथ ही बिकास की पहली पडाव पार तो कर चुके हैं ? दुसरी पडाव नेतरहाट फिल्ड फायरिग की बारी है. जो बिश्व का दुसरा एवं एशिया की सबसे बड़ी मीलिटी छावनी बनने की बारी आती है. जिसके बनते ही उगृवाद,आपराधिक, हत्या,लुटपाट,बालात्कार जैसी संघन मामला अकुंश लगेगा और आथिक मजबूति स्थानिये लोगो को मिलने लगेगें ? ईसके लिये कौन आगे आयेगा देखना अभी बाकी हैं ?
- Hiramuni KumariLohardaga, Lohardagaपहले झारखंड बिधान सभा चुनाव में आन्दोलनकारियो /सेनानियों के हक ,अधिकार व सम्मानित का मामला होगा? भारत देश की आजादी के 77 बषृ बाद स्तंत्रतासेनियो के परिजन को सम्मानित किया जा रहा हैं वही दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों को राज्य मिलने के 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी चिन्हिकरण के नाम पर वगीकृत करने की चाल और खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड राज्य में रोजगार के अंसीम संभावाना के मद्देनजर उगृवाद ,आपराधिक घटानाओं, हत्या ,लूटपाट, बालात्कार जैसी संघन आपराधिक घटनाओं पर आपकी चुप्पी कब और कैसे टुटेगी ?देखना अभी बाकी हैं ??? झामुमो /आजसू के आन्दोलनकारी /सेनानियो के कुरबानी के बाद बना झारखंड अलग राज्य के झामुमो के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार के शासनकाल में झामुमो आजसू के आन्दोलनकारियो ने देश के अन्य राज्यों में मंजदूरी कर रहे हैं ? झारखंड आन्दोलनकारी /सेनानियो ने पढाई के साथ - साथ झारखंड अलग राज्य की लडाई के बाद परिवार की पेट की ज्वाला शांत करने के लिये दुसरे राज्य मे मंजदूरी कर रहे है ! ऐसे में झारखंड के मंजदूर देश भर में कायृ है , उनका निबंधन उनके कायृ स्थलों पर निबंधित करने /प़ाण काड परिचय-पत्र उपलब्ध कराने और सरकार के द्वारा मिलने वाली सुबिधा का लाभ पहुचाने की पहल तो दुर की बात ठहरी ? तो दुसरी तरफ झारखंड अलग राज्य के लिये आन्दोलनकारी /सेनानियो को राज्य मिलने के 24 वी.बषृगाठ मनाने के आसार के बावजूद आन्दोलनकिरियो /सेनानियों को चिन्हिकरण नही किया जा सका है अल्बत्ता आन्दोलनकारियो को वगीकृत कर पहचानी में बिल्मम होने से परेशान अधिकांश आन्दोलनकारी अपने रोजगार की तालाश में पलायन कर चुके है ,सरकारी नौकरी में उमर की पावंदी व रोजगार की कमी के कारण सकियता आन्दोलन से जुडे बिजय कुमार बिधाथी दुसरे राज्य के चाय बगान मे पत्ता कटने का एक दृश्य ? अबुआ दिसुम अबुआ राज्य की पहल ओर आन्दोलनकारियो के बलिदान पर बना झारखंड अलग राज्य के आन्दोलनकारीओं/ सेनानियों के हक अधिकार की बार तो दुर की ठहरी चिन्हिकरण का कायृ 24 बषृगाठ मनाने के बाद भी अधूरी है? ऐसे मे झारखंड अलग राज्य बनाम बिधायक से सासंद बने सुखदेव भगत भले ही अपने शपत में सरना माँ की शौगध ली ? किन्तु आदिवासी बहुल झारखंड अलग राज्य में आदिवासियों के आरक्षण के बल पर बिधायक से सासंद बने सुखदेव सगत लोहरदगा जिले के बिकाश के लिये कारखाना स्थापित करने की बात ओर औधौगिक नगरी के नाम पर पलामू में फैक्टरी स्थापित पर आपकी चुप्पी को जनता क्या समझे ! रही बात झारखंड आन्दोलनकारीओं में अधिकाश आदिवासी समाज सेआते हैं उनकी चिन्हिकरण का मामला के 24 बषृ पूरे हुए पर कायृ अधुरापन ही रहा कुल मिलाकर जिसके दमपर बिधायक से सासंद तक का सफर आपने तय किया उसके लिए अपने क्या किया ? रही बात लोहरदगा जिले की बिकास की बात तो ये बात कोई गलत नही होगा कि लोग लोहरदगा को चारागाह का केन्दृ बिन्दु बनकर रह गया है, खनिज संपदा से परिपूर्ण झारखंड अलग राज्य मे बेरोजगारी से परेशान कृषक मजदूरों का पालायन को रोक पाने मे बिफल राज्य सरकार के पास रोजगार के छोटे छोटे अवसरों को उपलब्धि कराने मे असमर्थ रही है!ऐसे मे राज्य की राजधानी के सबसे नजदीक जिले लोहरदगा जिले मे बृड गेज रेलवे लाईन के बिस्तार के साथ ही बिकास की पहली पडाव पार तो कर चुके हैं ? दुसरी पडाव नेतरहाट फिल्ड फायरिग की बारी है. जो बिश्व का दुसरा एवं एशिया की सबसे बड़ी मीलिटी छावनी बनने की बारी आती है. जिसके बनते ही उगृवाद,आपराधिक, हत्या,लुटपाट,बालात्कार जैसी संघन मामला अकुंश लगेगा और आथिक मजबूति स्थानिये लोगो को मिलने लगेगें ? ईसके लिये कौन आगे आयेगा देखना अभी बाकी हैं ?11 hrs ago
- HHiDhanwar, Giridih🙏21 hrs ago
- https://youtu.be/72nM3Ca6UEw?si=FchzQgc2iNBUfx9z पेड़ लगाने का अजूबा उपाय। Jangal suraksha kanun. ग्रामीणों ने लगाये जंगल मे भारी पेड़ पौधे . #news1
- Post by Deepak babu nagpuri and bhojpuri1
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- सरकार के कानून का कानून के लोगो ने #चेतावनी : गंभीर नदी में बहुत तेज गति से पानी आने के कारण दो बच्चो की जान चली गई सरकार ने किया #रेड #अलर्ट जारी फिर भी #महरावर ग्राम पंचायत #सरपंच श्री अतरूप सिंह जी और #पटवारी खुद मौजूद थे। . . क्या लोगो पर उन दो मासूम बच्चो की मौत का कोई असर नही पडा आप खुद बताए की सरपंच पद का दावेदार आदमी कोई ऐसा करेगा1
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- विभिन्न न्यूज चैनलों में चलाए जा रहे भ्रामक खबर के संदर्भ में श्री भानू प्रताप सिंह, सहायक पुलिस अधीक्षक, नगर- 01, मुजफ्फरपुर द्वारा प्रेस मीडिया को दिए गए बाइट का अंश.....1
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