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galu and vikash
Divya Singh
galu and vikash
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- देश में जल्द लागू होने वाले नए लेबर कोड वर्किंग क्लास की ज़िंदगी बदल सकते हैं। नए नियमों के तहत काम के घंटे, छुट्टियां और ओवरटाइम में बड़े बदलाव किए गए हैं। अगर कोई कर्मचारी एक दिन में 12 घंटे काम करता है, तो वह हफ्ते में सिर्फ 4 दिन काम करेगा, जिससे वर्क-लाइफ बैलेंस बेहतर होगा। ओवरटाइम पर डबल सैलरी का प्रावधान है, यानी ज्यादा काम, ज्यादा कमाई। साथ ही, नए लेबर कोड में बेसिक सैलरी को कुल वेतन का कम से कम 50% रखने का नियम है, जिससे PF और ग्रेच्युटी बढ़ेंगे, हालांकि इन-हैंड सैलरी थोड़ी कम हो सकती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि ये नियम तुरंत लागू नहीं हुए हैं। लागू करना या न करना राज्य सरकारों पर निर्भर करता है और हर कंपनी में नियम समान नहीं होंगे। काम कम नहीं हो रहा, तरीका बदल रहा है।1
- “गाड़ी वाला आया, घर से कचरा निकाल” यह गाना सिर्फ एक धुन नहीं, बल्कि भारत की रोज़मर्रा की ज़िंदगी की पहचान बन चुका है। गली-गली, शहर-शहर गूंजने वाली इस आवाज़ को हर उम्र के लोगों ने सुना है। सोशल मीडिया पर अब इस गाने से जुड़े गायक का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर लोग हैरान भी हैं और खुश भी। #ViralVideo #TrendingReels #IndianSongs #DailyLife #ReelIndia #GadiWala #InternetBreaks #ExplorePage1
- 7228018094 Full Video Link https://youtu.be/aimR__rwZtY?si=w3ExYvakic86w0RB1
- ICOP Journalist Janata ki Awaaz Vishal Sharma Journalist ✍️ जनहित में जारी जागरूकता ही ज्ञान है जागरूक नागरिक बनिए हमारे सोशल मीडिया पेजों से जुड़िए और रोज नई से नहीं जानकारी आपको दी जाएगी Thrombophob (थ्रोम्बोफोब) है। यह मुख्य रूप से मरहम (ointment) या जेल के रूप में आती है। यहाँ इस दवा के बारे में मुख्य जानकारी दी गई है: यह क्या है? थ्रोम्बोफोब एक 'एंटी-थ्रोंबोटिक' (खून के थक्के रोकने वाली) दवा है। इसमें मुख्य रूप से Heparin (हेपरिन) और Benzyl Nicotinate (बेंज़िल निकोटिनेट) जैसे तत्व होते हैं। इसका उपयोग कब किया जाता है? डॉक्टर आमतौर पर इसे निम्नलिखित स्थितियों में लगाने की सलाह देते हैं: * सतही नस की सूजन (Phlebitis): नसों में सूजन या दर्द होने पर। * खून के थक्के (Blood Clots): त्वचा के ठीक नीचे छोटी नसों में बने थक्कों को घोलने के लिए। * नील पड़ना (Bruising): चोट लगने के बाद त्वचा के नीचे जमा हुए खून और नीले निशान को ठीक करने के लिए। * इंजेक्शन के बाद की सूजन: कई बार इंजेक्शन या ड्रिप (IV) लगने वाली जगह पर गांठ या सूजन हो जाती है, उसे कम करने के लिए। इस्तेमाल करने का तरीका * प्रभावित हिस्से पर इसे हल्के हाथों से लगाना चाहिए। इसे बहुत जोर से रगड़ना नहीं चाहिए। * आमतौर पर दिन में 2 से 3 बार या डॉक्टर के निर्देशानुसार लगाया जाता है। जरूरी सावधानियां * खुले घाव: इसे कभी भी खुले घाव, कटी हुई त्वचा या बहते हुए खून वाली जगह पर न लगाएं। * आंख और मुंह: इसे आंखों, नाक या मुंह के संपर्क में आने से बचाएं। * एलर्जी: यदि इसे लगाने के बाद खुजली, ज्यादा जलन या दाने निकलें, तो तुरंत धो लें और डॉक्टर को बताएं। महत्वपूर्ण नोट: यह जानकारी केवल आपकी मदद के लिए है। कृपया इस दवा का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट से सलाह जरूर लें, क्योंकि वे आपकी स्थिति देखकर सही डोज बता पाएंगे।1
- रामपुर बुशैहर में विद्युत विभाग के सेवानिवृत कर्मचारियों द्वारा पेंशन की समस्या को लेकर बुलाई गई बैठक #kullutodaynews #himachalupdate #ATM #himachalkiawaaz #himachalpradesh #KTN #rampur #BreakingNews #shimla #Kullu1
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- सूरत, अलथाण में 17 साल की लड़की अपनी माँ के कड़े शब्दों से परेशान होकर बिल्डिंग की छत पर पहुँच गई। वह बालकनी पर खड़ी थी, और बिल्डिंग के बड़े हाथ जोड़कर उससे नीचे आने की विनती कर रहे थे। एक दादा ने प्यार से कहा, “बेटा, तू रोज आरती करती है, तू मेरी बेटी है, बस मुझ पर भरोसा कर और नीचे आ जा।” मकान मालिक ने कहा, “अगर तू नीचे आई तो हम तेरी शादी की पूरी जिम्मेदारी लेंगे, हम तेरी धूमधाम से शादी कराएंगे, लेकिन प्लीज ऐसा मत कर।”1
- 7228018094 Full Video Link https://youtu.be/aimR__rwZtY?si=w3ExYvakic86w0RB1