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दर्द में डूबी जनता, लेकिन खामोश हैं दक्षिण के जनप्रतिनिधि ! #ग्वालियर #ग्वालियरन्यूज़ #praveenpathak #नारायणसिंहकुशवाह #कांग्रेस #बीजेपी #समाचार

on 3 August
user_GWALIOR PRAVAH NEWS
GWALIOR PRAVAH NEWS
Voice of people Gwalior•
on 3 August

दर्द में डूबी जनता, लेकिन खामोश हैं दक्षिण के जनप्रतिनिधि ! #ग्वालियर #ग्वालियरन्यूज़ #praveenpathak #नारायणसिंहकुशवाह #कांग्रेस #बीजेपी #समाचार

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  • कई वर्षों से अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के संस्थापक अरविंद चौहान जी के द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग में गरीबों की कर रहे निस्वार्थ सेवा...........👀🌹 ग्वालियर महाराज बाड़ा पर ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से रोड पर सोए हुए ग़रीब जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण ....। अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के द्वारा संस्थापक:- अरविंद चौहान ।
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    कई वर्षों से अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के संस्थापक अरविंद चौहान जी के द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग में गरीबों की कर रहे निस्वार्थ सेवा...........👀🌹
ग्वालियर महाराज बाड़ा पर
ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से रोड पर सोए हुए ग़रीब जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण ....। अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के द्वारा 
संस्थापक:- 
अरविंद चौहान ।
    user_GWALIOR PRAVAH NEWS
    GWALIOR PRAVAH NEWS
    Voice of people Gwalior•
    8 hrs ago
  • ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा? प्रशासन से मांग: शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो। मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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    ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर
ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है।
न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा।
अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा?
प्रशासन से मांग:
शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए।
पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए।
मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो।
मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
    user_मीडिया लाइन
    मीडिया लाइन
    Journalist Gwalior•
    10 hrs ago
  • राहगीर योजना के बारे में आमजन को जानकारी देते दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े.......
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    राहगीर योजना के बारे में आमजन को जानकारी देते दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े.......
    user_प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
    प्रवीण कुमार श्रीवास्तव
    Journalist Datia•
    14 min ago
  • दतिया गुर्जर और यादव समाज ने एक साथ दिया ज्ञापन कोतवाली थाना का किया घेराव
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    दतिया गुर्जर और यादव समाज ने एक साथ दिया ज्ञापन कोतवाली थाना का किया घेराव
    user_राजेंद्र  पटवा
    राजेंद्र पटवा
    Journalist Datia•
    2 hrs ago
  • सनातनियों से विशेष आग्रह है अपने बच्चों को जोकर नहीं बनाए बल्कि अपने संस्कार, सभ्यता एवं संस्कृति को बनाए रखना है।
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    सनातनियों से विशेष आग्रह है अपने बच्चों को जोकर नहीं बनाए बल्कि अपने संस्कार, सभ्यता एवं संस्कृति को बनाए रखना है।
    user_विकास वर्मा
    विकास वर्मा
    Journalist Datia•
    7 hrs ago
  • लाडली बहनों को 2028 तक पांच हजार भी देने को तैयार हैं : मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कही ये बात.........
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    लाडली बहनों को 2028 तक पांच हजार भी देने को तैयार हैं : मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कही ये बात.........
    user_Shayar Ali
    Shayar Ali
    Journalist Datia•
    21 hrs ago
  • Aaj karera me kohre ke karan bazar me soonsan
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    Aaj karera me kohre ke karan bazar me soonsan
    user_Pawan Kashyap
    Pawan Kashyap
    Taxi Driver Shivpuri•
    57 min ago
  • ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा? प्रशासन से मांग: शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो। मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
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    ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर
ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है।
पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है।
न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा।
अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा?
प्रशासन से मांग:
शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए।
पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए।
मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो।
मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?
    user_मीडिया लाइन
    मीडिया लाइन
    Journalist Gwalior•
    10 hrs ago
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