आशा की संघर्ष भरी जिंदगी और उसके हौसले को सलाम पति की हत्या के बाद असहाय हो चुकी आशा की संघर्ष भरी जिंदगी की दर्द भरी दास्ताँ अबला जीवन हाय तेरी यही कहानी, आंचल में दूध और आंखों में पानी। महिलाओं की दर्द को उकेरने वाली यह पक्ति के साथ उतरांव के अतरौरा गाँव की रहने वाली आशा की जिंदगी की कहानी कुछ अलग ही है। अतरौरा गांव के स्वर्गीय कुंज बिहारी पटेल की पत्नी आशा पटेल की दो बेटे दो बेटी हैं। वर्ष 2014 में जब वह अंतिम बच्चें को जना था। प्रशव के 10 दिन के बाद ही उसके पति कुंज बिहारी की गला घोंट कर हत्या करने के बाद उसके घर के पीछे अमरूद के नीचे शव को फेंक दिया गया था। सुबह हुई शव देख उसके होश उड़ गए। उसने सोचा कि शायद ठंड से पति की मौत हुई है। दाह संस्कार की तैयारी होने लगी। तिख्ती भी तैयार हो चुकी थी। उसी समय कुंज बिहारी की हत्या करने वाले कुछ लोग आशा पटेल के ऊपर पति की हत्या का आरोप लगाते हुए सूचना पुलिस तक पहुंचा दी। मौके पर पुलिस पहुँच कर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही साथ भारी संख्या में लोग लाम बंद होकर थाने पर पहुंचकर आशा पटेल के ऊपर उसकी बहनोई से मिलकर हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे। पति की हत्या का आरोप लगा तो आशा बिल्कुल टूट गयी। उधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुंज बिहारी की गला घोंट कर हत्या की पुष्टि हो चुकी थी। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। उसे पक्का यकीन हो गया था कि उसे पति की हत्या के आरोप में गांव वाले जेल भिजवा ही देंगे। वह गांव से पलायन करना चाहती थी लेकिन कुछ लोगों ने हिम्मत देकर उसके हौसले को बुलंद कर दिया। वही पुलिस ने अपने स्तर से जांच शुरू की तो हत्यारा उस रात हुई मुर्गा पार्टी का निकला। जो पकड़ कर जेल गया। पति की हत्या के बाद आशा अपने कंधे पर चार मासूम बच्चों की परवरिश उनकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा लेकर आज खेती करके बखूबी निभा रही है। जो समाज में महिलाओं के लिए एक मिशाल तो है। अबला जीवन हाय तेरी यही कहानी, आंचल में दूध और आंखों में पानी यह पंक्ति आशा की जिंदगी में सटीक बैठती है।
आशा की संघर्ष भरी जिंदगी और उसके हौसले को सलाम पति की हत्या के बाद असहाय हो चुकी आशा की संघर्ष भरी जिंदगी की दर्द भरी दास्ताँ अबला जीवन हाय तेरी यही कहानी, आंचल में दूध और आंखों में पानी। महिलाओं की दर्द को उकेरने वाली यह पक्ति के साथ उतरांव के अतरौरा गाँव की रहने वाली आशा की जिंदगी की कहानी कुछ अलग ही है। अतरौरा गांव के स्वर्गीय कुंज बिहारी पटेल की पत्नी आशा पटेल की दो बेटे दो बेटी हैं। वर्ष 2014 में जब वह अंतिम बच्चें को जना था। प्रशव के 10 दिन के बाद ही उसके पति कुंज बिहारी की गला घोंट कर हत्या करने के बाद उसके घर के पीछे अमरूद के नीचे शव को फेंक दिया गया था। सुबह हुई शव देख उसके होश उड़ गए। उसने सोचा कि शायद ठंड से पति की मौत हुई है। दाह संस्कार की तैयारी होने लगी। तिख्ती भी तैयार हो चुकी थी। उसी समय कुंज बिहारी की हत्या करने वाले कुछ लोग आशा पटेल के ऊपर पति की हत्या का आरोप लगाते हुए सूचना पुलिस तक पहुंचा दी। मौके पर पुलिस पहुँच कर शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। साथ ही साथ भारी संख्या में लोग लाम बंद होकर थाने पर पहुंचकर आशा पटेल के ऊपर उसकी बहनोई से मिलकर हत्या का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे। पति की हत्या का आरोप लगा तो आशा बिल्कुल टूट गयी। उधर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कुंज बिहारी की गला घोंट कर हत्या की पुष्टि हो चुकी थी। उसे कुछ समझ में नहीं आ रहा था। उसे पक्का यकीन हो गया था कि उसे पति की हत्या के आरोप में गांव वाले जेल भिजवा ही देंगे। वह गांव से पलायन करना चाहती थी लेकिन कुछ लोगों ने हिम्मत देकर उसके हौसले को बुलंद कर दिया। वही पुलिस ने अपने स्तर से जांच शुरू की तो हत्यारा उस रात हुई मुर्गा पार्टी का निकला। जो पकड़ कर जेल गया। पति की हत्या के बाद आशा अपने कंधे पर चार मासूम बच्चों की परवरिश उनकी पढ़ाई लिखाई का जिम्मा लेकर आज खेती करके बखूबी निभा रही है। जो समाज में महिलाओं के लिए एक मिशाल तो है। अबला जीवन हाय तेरी यही कहानी, आंचल में दूध और आंखों में पानी यह पंक्ति आशा की जिंदगी में सटीक बैठती है।
- Post by Shivam kumar1
- कोचिंग क्लास करने गई लापता किशोरी का नहीं लग रहा सुराग, अनहोनी की आशंका। करछना थाना क्षेत्र के एक गांव से बीते तेरह फरवरी को कक्षा दसवीं में पढ़ने वाली छात्रा कोचिंग क्लास करने के लिए,डीहा बाजार में गई हुई थी।देर शाम तक किशोरी घर वापस नहीं लौटी तो घर वाले परेशान हो उठे और उसका खोजबीन करना शुरू कर दिया। लेकिन रात से सुबह हो गई लड़की का कहीं भी सुराग नहीं चल सका। परिजनों ने किशोरी के संपर्क में रहने वाले तीन युवकों पर लड़की का अपहरण करने का आशंका जताते हुए, करछना थाने पर पहुंचकर नामजद तहरीर देकर शिकायत किया। पुलिस मुकदमा दर्ज कर आरोपितों को गिरफ्तार किया, लेकिन दूसरे दिन छोड़ दिया। घटना के 15 दिन बीत जाने के बाद भी किशोरी का कहीं भी सुराग नहीं चल पा रहा है। बेटी के न मिलने पर पीड़ित परिवार अनहोनी की आशंका जता रहे हैं। पीड़ित पिता ने बताया की उनके पत्नी का 8 वर्ष पूर्व एक लंबी बीमारी से मौत हो गई थी। तब से गृहस्थी की सारी जिम्मेदारी बेटी के कंधों पर थी। बेटी के न मिलने पर पीड़ित परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया है।1
- बाबा हरिहरनाथ 🔱 ज्ञानपुर भदोही।। Video Credit :- wishmaster_prateek1
- #phulpur ❤1
- थाना ज्ञानपुर व जनपदीय स्वाट की संयुक्त पुलिस टीम1
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- मैनेजर श्री प्रेमचंद कुशवाहा जी पता बकरा वां बेलसारा करछना प्रयागराज डांस है1