संघ के शताब्दी वर्ष पर पिटोल में निकला भव्य पथ संचलन मातृशक्तियों ने पुष्पवृष्टि कर किया स्वागत, नगर गूंजा भारत माता की जय के नारों से रिपोर्ट — विनय पंचाल, पिटोल पिटोल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रविवार को पिटोल नगर में भव्य पथ संचलन निकाला गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर नगर में स्वयंसेवकों का अनुशासित कदमताल और नागरिकों का उत्साह देखने लायक था। यह आयोजन विजयादशमी के बाद और दीपावली से पूर्व शताब्दी उत्सव के रूप में मनाया गया। नगर के प्रमुख मार्गों पर स्वयंसेवकों की अनुशासित पंक्तियाँ जब कदमताल करती हुई निकलीं, तो सड़कों के किनारों, मंचों और छतों से पुष्प वर्षा के साथ उनका स्वागत किया गया। भाषण में संघ की पृष्ठभूमि पर हुआ विस्तृत प्रकाश पथ संचलन प्रारंभ होने से पूर्व जिला शारीरिक प्रमुख कालू सिंह चरपोटा एवं आदिवासी समाज के प्रसिद्ध गुरु गंगाराम जी महाराज ने उपस्थित स्वयंसेवकों और जनसमूह को संबोधित किया। दोनों ने अपने उद्बोधन में धर्मांतरण के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई और समाज से एकजुट होकर ऐसे कृत्यों का विरोध करने का आह्वान किया। चरपोटा ने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना, उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि संघ की स्थापना आज़ादी से पहले किन परिस्थितियों में हुई और इसका उद्देश्य राष्ट्रभावना को जागृत करना था। साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में संघ के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि “संघ ने हर युग में देशहित को सर्वोपरि रखा है।” उनका यह प्रेरणादायक वक्तव्य उपस्थित जनसमूह में नई ऊर्जा का संचार करता दिखा। बाल से लेकर प्रौढ़ स्वयंसेवकों तक में जोश पथ संचलन में बाल स्वयंसेवकों से लेकर वयोवृद्ध स्वयंसेवक तक शामिल रहे। हर स्वयंसेवक में शताब्दी वर्ष की अनुभूति और संगठन के प्रति समर्पण झलक रहा था। चरपोटा ने कहा, “यह भव्य आयोजन संघ की शताब्दी वर्ष की ऐतिहासिकता और संगठन की मजबूती को प्रदर्शित करता है।” महिलाओं का विशेष स्वागत, पुष्पवृष्टि से गूंजा नगर पथ संचलन खेल मैदान से प्रारंभ होकर कुंदनपुर चौराहा – आजाद चौक – सदर बाजार – बस स्टैंड – मालटोडी मार्ग से होकर पुनः खेल मैदान पहुँचा। इस दौरान मातृशक्तियों द्वारा स्वयंसेवकों का भव्य स्वागत किया गया। एक स्थान पर महिलाओं ने “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों के साथ पुष्पवृष्टि करते हुए स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया, जिसे देखकर जनसमूह उत्साहित हो उठा। संघ की गौरवशाली परंपरा को किया नमन वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। पिटोल में निकला यह पथ संचलन संगठन की अनुशासित परंपरा, राष्ट्रभावना और सामाजिक एकता का जीवंत उदाहरण रहा।
संघ के शताब्दी वर्ष पर पिटोल में निकला भव्य पथ संचलन मातृशक्तियों ने पुष्पवृष्टि कर किया स्वागत, नगर गूंजा भारत माता की जय के नारों से रिपोर्ट — विनय पंचाल, पिटोल पिटोल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में रविवार को पिटोल नगर में भव्य पथ संचलन निकाला गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर नगर में स्वयंसेवकों का अनुशासित कदमताल और नागरिकों का उत्साह देखने लायक था। यह आयोजन विजयादशमी के बाद और दीपावली से पूर्व शताब्दी उत्सव के रूप में मनाया गया। नगर के प्रमुख मार्गों पर स्वयंसेवकों की अनुशासित पंक्तियाँ जब कदमताल करती हुई निकलीं, तो सड़कों के किनारों, मंचों और छतों से पुष्प वर्षा के साथ उनका स्वागत किया गया। भाषण में संघ की पृष्ठभूमि पर हुआ विस्तृत प्रकाश पथ संचलन प्रारंभ होने से पूर्व जिला शारीरिक प्रमुख कालू सिंह चरपोटा एवं आदिवासी समाज के प्रसिद्ध गुरु गंगाराम जी महाराज ने उपस्थित स्वयंसेवकों और जनसमूह को संबोधित किया। दोनों ने अपने उद्बोधन में धर्मांतरण के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई और समाज से एकजुट होकर ऐसे कृत्यों का विरोध करने का आह्वान किया। चरपोटा ने अपने भाषण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना, उसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि संघ की स्थापना आज़ादी से पहले किन परिस्थितियों में हुई और इसका उद्देश्य राष्ट्रभावना को जागृत करना था। साथ ही उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में संघ के योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि “संघ ने हर युग में देशहित को सर्वोपरि रखा है।” उनका यह प्रेरणादायक वक्तव्य उपस्थित जनसमूह में नई ऊर्जा का संचार करता दिखा। बाल से लेकर प्रौढ़ स्वयंसेवकों तक में जोश पथ संचलन में बाल स्वयंसेवकों से लेकर वयोवृद्ध स्वयंसेवक तक शामिल रहे। हर स्वयंसेवक में शताब्दी वर्ष की अनुभूति और संगठन के प्रति समर्पण झलक रहा था। चरपोटा ने कहा, “यह भव्य आयोजन संघ की शताब्दी वर्ष की ऐतिहासिकता और संगठन की मजबूती को प्रदर्शित करता है।” महिलाओं का विशेष स्वागत, पुष्पवृष्टि से गूंजा नगर पथ संचलन खेल मैदान से प्रारंभ होकर कुंदनपुर चौराहा – आजाद चौक – सदर बाजार – बस स्टैंड – मालटोडी मार्ग से होकर पुनः खेल मैदान पहुँचा। इस दौरान मातृशक्तियों द्वारा स्वयंसेवकों का भव्य स्वागत किया गया। एक स्थान पर महिलाओं ने “भारत माता की जय” और “वंदे मातरम” के नारों के साथ पुष्पवृष्टि करते हुए स्वयंसेवकों का अभिनंदन किया, जिसे देखकर जनसमूह उत्साहित हो उठा। संघ की गौरवशाली परंपरा को किया नमन वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा स्थापित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आज अपने शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर चुका है। पिटोल में निकला यह पथ संचलन संगठन की अनुशासित परंपरा, राष्ट्रभावना और सामाजिक एकता का जीवंत उदाहरण रहा।
- कन्नौद मे है मुक्ति धाम जहा मिलती है आध्यात्मिक शांति और जीवन से मुक्ति कन्नौद,मध्यप्रदेश के देवास जिले का कन्नौद नगर मैं चार इंसान के अंतिम विश्राम के स्थान है जहां नगर के नगरवासी अपने प्रियजनों के अंतिम विदाई देने आते हैं। इन चारों जीवन मुक्ति के स्थान में एक है भूतेश्वर मुक्ति धाम जहां इस आधुनिक युग में वह सब समुचित व्यवस्था मिलती है जो अंतिम विदाई के समय लगती है। अपने प्रियजन को कांधे पर रखकर लाने के लिए सीढ़ी , कपाल क्रिया से लेकर दाह संस्कार के लिए नाम मात्र के शुल्क पर लकड़ी उपलब्ध होती है। कोई पांच एकड़ भूमि में फैले यह धाम में गुलाव वाटिका,पितृ पर्वत,पक्की सिमेंट की सडक ,चारों तरफ हरियाली,शब रखने और श्रृद्धांजलि देने का बड़ा हाल , दो शिवालय , अस्थियां रखने का लाकर, चौबीस घंटे चौकीदार, गर्म और ठंडे पानी की मशीन,तीन जलस्त्रोत आमजन को गर्मी के समय गला तर करने की बड़ी पानी की टंकी,के साथ बहुत कुछ सुविधाएं आज यहा पर आप देख सकते हैं। सन 1976 तक उजाड़ पड़ा यह स्थान नगर की प्रगति का उपहास का केंद्र रहा पर उसके बाद नगर से ही तीन लोगों ने इसको संवारने के लिए मुक्ति धाम में अमावस की काली रात में सत्यकथा रखी और इस स्थान को संवारने का काम शुरू किया अनेक बाधा को पार करते हुए इस भूमि को चारों तरफ से तार फेंसिंग किया यह स्थान नगर से वाहर होने से इमारती लकड़ी चोरी से ले जाने का रास्ता रहा कारण इस भूमि के तीन ओर शासकीय सड़क मार्ग है। मुख्य गेट के सामने इन्दौर बेतूल मार्ग,एक तरफ पुराने स्टेट के समय हरदा से इन्दौर जाने का झुनझुना मार्ग तक जाने का मार्ग और पीछे ना झुनझुना मार्ग जो सीधे पानीगांव होते हुए कमलापुर जाता था इस मार्ग का उपयोग चोरी से माल परिवहन होता था इस कारण मुक्ति धाम उन लोगों की शरणार्थी रहा है उनको रोकना भी अनेक बार सीधे मौत से साक्षात्कार था किन्तु किसी नेक काम का हौसला हो तो मौत से भी लड़कर जीत हो सकती है और हुआ भी यही । इस भूमि को अपराधियों से मुक्त कराने में तत्कालीन पुलिस अधिकारीयो का सहयोग आज की शान बनी है।इस भूमि पर आज हरे भरे छायादार और फलदार वृक्ष लगे हुए हैं। इस भूमि के संरक्षण में तीन से दो हुए फिर भी अविरल यह कारवां चलता रहा और सन दो हज़ार में नगर के कुछ लोग इस पुनीत सेवा में आगे बढ़े जिसमें प्रमुख रूप से श्री जोरावरसिह फौजी जो तभी से आज तक समिति के अध्यक्ष हैं श्री रमेशचन्द्र डाबी,श्री नरसिंह धूत,श्री राधेश्याम खत्री वार्ड पार्षद,श्री शंकरलाल दलवी लेखा-जोखा अधिकारी,श्री रमेश डाबी मुख्य पर्यावरण,श्री रमेश राठौर , श्री मधुर अग्रवाल, बृजेश धूत ,श्री संतोष पंडा ,पंडित प्रमोद मेहता आज इस अभियान के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस भूमि के देखरेख नगर पंचायत अधिकारी श्री अनिल जोशी का सदैव विशेष सहयोग बना हुआ है। इस तरह से एक समिति के सदस्य तन-मन-धन से कार्यरत हैं। इस समिति के कुछ सदस्य पूर्व में अपने जीवन काल तक जुड़े रहे उसमें श्रीरामचंद्र जी अग्रवाल,श्री ब्यकंटेश सिंगी का सहयोग आज उनकी स्मृति करा रहा है। इसी के साथ असंख्य उन दानवीर भामाशाह पुरुष जिन्होंने इस समिति पर भरोसा कर अपनी ओर से अनेक सुविधाएं संस्था के नाम की है। भूतेश्वर मुक्ति धाम की अलौकिक यात्रा की एक झलक इस समाचार के साथ सभी के समक्ष साझा की जा रही है।1
- Post by Lucky sukhwal1
- श्री लक्ष्मी नाथ भगवान शिव शंकर जी वासक राज महाराज गोविन्द सांवरिया सेठ जी आपकी जय हो आप ही आप हो दया करो क्षमा करो कृपा करो रक्षा करो सद बुद्धि देवो हरि ॐ ॐ नमो भगवते वासुयदेवाय1
- किसान भाइयों रोजाना कोटा भामाशाह मंडी में सभी फसलों के भाव देखिए और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब कीजिए लिंक पर जाकरhttps://youtu.be/1-LE8wSPxN4?si=o2866p8B8ni42eQc1
- नंदलाल पुरबिया न्यू द्वारकेश न्यूज़ चैनल नांदोली राजसमंद राजस्थान द्वारा1
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- राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ का ताजा अपडेट। आज अखबार नवीशों से मुखातिब होते हुए फाउंडेशन के प्रदेश उपाध्यक्ष भुवनेश्वर शर्मा चचूऔर फिर तो फाउंडेशन की महिला प्रदेश अध्यक्ष शशि जी और जिले संभाग की कार्यकारिणी के पदाधिकारी ने अखबारनवीसों को बताया कि 21 दिस को बिप्र फाउंडेशन के तत्वावधान में एक सामूहिक विवाह का महाकुंभ आयोजित होने जा रहा है। जिसमें देश-विदेश प्रदेश शहर के 500 से अधिक युवक युक्ति अपने जीवन की डोर में बधेगी। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे स्पीकर ओमबिरला के ओएसडी राजीव दत्ता जी। कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष ओझा साहव करेंगे।1
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