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दैनिक मधुर इंडिया न्यूज़ पेपर को मिला प्रशंसा पत्र मुख्यमंत्री की तरफ से
Sunil Chouhan
दैनिक मधुर इंडिया न्यूज़ पेपर को मिला प्रशंसा पत्र मुख्यमंत्री की तरफ से
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- जिले में जल सरंक्षरण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को किया पुरस्कृत आप देखिए पूरी खबर सी न्यूज़ भारत पर साजिद पठान की रिपोर्ट1
- *MMS NEWS24* *एमडी ड्रग पकड़ा।। मध्य प्रदेश और राजस्थान में करते थे सप्लाई।। पुलिस ने इस तरह पकड़ा अपराधी* https://youtu.be/ur9r2pL8iNA?si=cMAQQRocev4PlSRz https://www.facebook.com/share/v/1DRFcGzEby/ https://www.instagram.com/reel/DSXVd9QjOJp/?igsh=NDZna3k0aGtiZXV01
- कन्नौद मे है मुक्ति धाम जहा मिलती है आध्यात्मिक शांति और जीवन से मुक्ति कन्नौद,मध्यप्रदेश के देवास जिले का कन्नौद नगर मैं चार इंसान के अंतिम विश्राम के स्थान है जहां नगर के नगरवासी अपने प्रियजनों के अंतिम विदाई देने आते हैं। इन चारों जीवन मुक्ति के स्थान में एक है भूतेश्वर मुक्ति धाम जहां इस आधुनिक युग में वह सब समुचित व्यवस्था मिलती है जो अंतिम विदाई के समय लगती है। अपने प्रियजन को कांधे पर रखकर लाने के लिए सीढ़ी , कपाल क्रिया से लेकर दाह संस्कार के लिए नाम मात्र के शुल्क पर लकड़ी उपलब्ध होती है। कोई पांच एकड़ भूमि में फैले यह धाम में गुलाव वाटिका,पितृ पर्वत,पक्की सिमेंट की सडक ,चारों तरफ हरियाली,शब रखने और श्रृद्धांजलि देने का बड़ा हाल , दो शिवालय , अस्थियां रखने का लाकर, चौबीस घंटे चौकीदार, गर्म और ठंडे पानी की मशीन,तीन जलस्त्रोत आमजन को गर्मी के समय गला तर करने की बड़ी पानी की टंकी,के साथ बहुत कुछ सुविधाएं आज यहा पर आप देख सकते हैं। सन 1976 तक उजाड़ पड़ा यह स्थान नगर की प्रगति का उपहास का केंद्र रहा पर उसके बाद नगर से ही तीन लोगों ने इसको संवारने के लिए मुक्ति धाम में अमावस की काली रात में सत्यकथा रखी और इस स्थान को संवारने का काम शुरू किया अनेक बाधा को पार करते हुए इस भूमि को चारों तरफ से तार फेंसिंग किया यह स्थान नगर से वाहर होने से इमारती लकड़ी चोरी से ले जाने का रास्ता रहा कारण इस भूमि के तीन ओर शासकीय सड़क मार्ग है। मुख्य गेट के सामने इन्दौर बेतूल मार्ग,एक तरफ पुराने स्टेट के समय हरदा से इन्दौर जाने का झुनझुना मार्ग तक जाने का मार्ग और पीछे ना झुनझुना मार्ग जो सीधे पानीगांव होते हुए कमलापुर जाता था इस मार्ग का उपयोग चोरी से माल परिवहन होता था इस कारण मुक्ति धाम उन लोगों की शरणार्थी रहा है उनको रोकना भी अनेक बार सीधे मौत से साक्षात्कार था किन्तु किसी नेक काम का हौसला हो तो मौत से भी लड़कर जीत हो सकती है और हुआ भी यही । इस भूमि को अपराधियों से मुक्त कराने में तत्कालीन पुलिस अधिकारीयो का सहयोग आज की शान बनी है।इस भूमि पर आज हरे भरे छायादार और फलदार वृक्ष लगे हुए हैं। इस भूमि के संरक्षण में तीन से दो हुए फिर भी अविरल यह कारवां चलता रहा और सन दो हज़ार में नगर के कुछ लोग इस पुनीत सेवा में आगे बढ़े जिसमें प्रमुख रूप से श्री जोरावरसिह फौजी जो तभी से आज तक समिति के अध्यक्ष हैं श्री रमेशचन्द्र डाबी,श्री नरसिंह धूत,श्री राधेश्याम खत्री वार्ड पार्षद,श्री शंकरलाल दलवी लेखा-जोखा अधिकारी,श्री रमेश डाबी मुख्य पर्यावरण,श्री रमेश राठौर , श्री मधुर अग्रवाल, बृजेश धूत ,श्री संतोष पंडा ,पंडित प्रमोद मेहता आज इस अभियान के लिए सतत प्रयत्नशील है। इस भूमि के देखरेख नगर पंचायत अधिकारी श्री अनिल जोशी का सदैव विशेष सहयोग बना हुआ है। इस तरह से एक समिति के सदस्य तन-मन-धन से कार्यरत हैं। इस समिति के कुछ सदस्य पूर्व में अपने जीवन काल तक जुड़े रहे उसमें श्रीरामचंद्र जी अग्रवाल,श्री ब्यकंटेश सिंगी का सहयोग आज उनकी स्मृति करा रहा है। इसी के साथ असंख्य उन दानवीर भामाशाह पुरुष जिन्होंने इस समिति पर भरोसा कर अपनी ओर से अनेक सुविधाएं संस्था के नाम की है। भूतेश्वर मुक्ति धाम की अलौकिक यात्रा की एक झलक इस समाचार के साथ सभी के समक्ष साझा की जा रही है।1
- Post by Kedar purbiya1
- इंदौर। विधायक गोलू शुक्ला के बड़े बेटे-बहू ने तोड़ा नियम, खजराना गणेश के गर्भगृह में एक-दूसरे को माला पहनाई। छोटा बेटा भी तोड़ता रहा प्रोटोकॉल #indorelocal3
- Post by Mo.Shahid Lala1
- कलयुगी बेटे का कारनामा, जिन्दा पिता को ले गए श्मशान, ऐसे लोगों को क्या कहेंगे आप? ...सत्य खबर कलयुगी बेटे का कारनामा वायरल बाप के जीवित होते हुए भी ले गए शमशान1
- पेंशनर्स ने शाजापुर कलेक्ट्रेट में किया जंगी प्रदर्शन, सरकार को चेताया- हक नहीं मिला तो चुप नहीं बैठेंगे शाजापुर। उम्र के जिस पड़ाव पर लोग आराम की उम्मीद करते हैं, वहां बुधवार को अपने हक और सम्मान के लिए बुजुर्गों ने ऐसी हुंकार भरी कि कलेक्ट्रेट परिसर गूंज उठा। मौका था पेंशनर्स डेश् का, जब प्रमुख पेंशनर्स एसोसिएशन जिला शाखा शाजापुर के बैनर तले जिलेभर के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर ऐतिहासिक और जंगी प्रदर्शन किया। सैकड़ों की संख्या में एकत्रित पेंशनर्स ने जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह पंवार के नेतृत्व में जोरदार नारेबाजी की और शासन को स्पष्ट संदेश दिया कि यदि उनकी जायज मांगें नहीं मानी गईं, तो वे चुप नहीं बैठेंगे। प्रदर्शन के उपरांत पेंशनर्स ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव म.प्र. शासन के नाम एक ज्ञापन अनुविभागीय अधिकारी मनीषा वास्केल को सौंपा। वरिष्ठता को सलाम, 75 पार के साथियों का हुआ सम्मान आंदोलन के बीच सम्मान की एक भावुक तस्वीर भी देखने को मिली। एसोसिएशन ने अपने उन साथियों का सम्मान किया जिन्होंने जीवन के 75 बसंत देख लिए हैं। एसडीएम मनीषा वास्केल ने इन वयोवृद्ध पेंशनर्स को अंगवस्त्र पहनाकर सम्मानित किया और उनके दीर्घायु जीवन व अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। कार्यक्रम में फतेहसिंह जाट, गोपाल स्नेही, राजेन्द्र पाठक, कृष्णा तिवारी, विनोद शितुत, नंदकिशोर सोलंकी, शिवसिंह, रमेशचन्द्र शर्मा, माखनसिंह परमार, श्रीकृष्ण शर्मा, पदमा श्रीवास्तव, कैलाश नारायण शर्मा, रमेश चन्द्र गुप्ता, के.पी. मिश्रा, मनोरमा चावड़ा और मनोहर लाल शर्मा का सम्मान हुआ। *ज्ञापन में गूंजी ये 5 प्रमुख मांगें* एसोसिएशन ने ज्ञापन के माध्यम से शासन के समक्ष अपनी मांगे रखी कि जिला स्तर पर पेंशन कार्यालय को बंद करने की कवायद पर रोक लगाई जाए, केंद्र सरकार के समान जुलाई 2025 से 3 प्रतिशत राहत राशि एवं एरियर का तत्काल भुगतान किया जाए, 1 जुलाई 2019 से जून 2025 तक की महंगाई राहत की अवशेष राशि का भुगतान हो, जिला स्तर पर पेंशनर्स फोरम गठित कर नियमित बैठकें की जाएं, बिजली बोर्ड के पेंशनर्स को भी राज्य कर्मचारियों की तरह जिला पेंशन कार्यालय के माध्यम से पेंशन व स्वत्वों का भुगतान हो, साथ ही सेवानिवृत्त शिक्षकों के अर्जित अवकाश प्रकरणों का शीघ्र निराकरण हो। सैकड़ों पेंशनर्स ने दिखाई एकजुटता प्रदर्शन के दौरान संरक्षक टी.आर. सिसोदिया, राजेन्द्र शर्मा, दीवान सिंह यादव, संतोष सचान, जिला महामंत्री तिलोक चन्द्र भालोट, जिला सचिव कीरत सिंह बुंदेला, उपाध्यक्ष हरीष ठोमरे, अनिल शर्मा, शिवाजी सोनी, पुलिस प्रकोष्ठ अध्यक्ष भगवान पुरी गोस्वामी, महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष मधुकान्ता दवे, पी.एच.ई. समिति अध्यक्ष बी.एल. मेहता, स्वास्थ्य समिति अध्यक्ष संजय अष्ठाना, बहादुर सिंह गौर, सत्येन्द्र दीक्षित, डॉ. राम सहाय जाटव, दिलशाद खान, शकीर अहमद, अब्दुल वकील खान, मजहर वारसी, अशोक खतेडि़या, सलीम खां मंसूरी, महेश त्रिवेदी, चन्दर सिंह परमार सहित बड़ी संख्या में पेंशनर्स मौजूद थे।3