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#परम_पूज्य_श्री_सतपाल_जी_महाराज की प्रेरणा से Mission Education के तहत पूज्य माता #श्री_अमृता_जी" के पावन जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति जिला- सूरजपुर छत्तीसगढ़ द्वारा 10/08/2024 को श्रीजल कलेक्शन एवं श्रीमती कुशुमलता राजवाड़े वार्ड पार्षद द्वारा प्रदत्त स्टेशनरी सामग्री का वितरण शासकीय प्राथमिक शाला नयनपुर के 82 विद्यार्थियों को माननीय श्री भूलन सिंह मरावी जी विधायक प्रेमनगर, श्री बिहारी लाल कुलदीप जी जिला पंचायत सदस्य एवं श्री अरूण कुमार राजवाड़े जी जिलाध्यक्ष रजवार समाज के द्वारा किया गया।
Ashok Sancheti
#परम_पूज्य_श्री_सतपाल_जी_महाराज की प्रेरणा से Mission Education के तहत पूज्य माता #श्री_अमृता_जी" के पावन जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर मानव उत्थान सेवा समिति जिला- सूरजपुर छत्तीसगढ़ द्वारा 10/08/2024 को श्रीजल कलेक्शन एवं श्रीमती कुशुमलता राजवाड़े वार्ड पार्षद द्वारा प्रदत्त स्टेशनरी सामग्री का वितरण शासकीय प्राथमिक शाला नयनपुर के 82 विद्यार्थियों को माननीय श्री भूलन सिंह मरावी जी विधायक प्रेमनगर, श्री बिहारी लाल कुलदीप जी जिला पंचायत सदस्य एवं श्री अरूण कुमार राजवाड़े जी जिलाध्यक्ष रजवार समाज के द्वारा किया गया।
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- ब्रेकिंग न्यूज,,, सूरजपुर जिले में घनघोर जंगलो से होते हुए आंखों में सपने संजोए दो मासुम निकल पड़े पिता की तलाश में,, लोकेशन - जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़।। शिवनाथ बघेल रिपोर्टर M9977901194.. सूरजपुर,आपने जंगलों की कठिनाइयां और उसके दुर्गम रास्तों के बीच सफर की कहानियां तो बहुत सुनी और देखी होगी,वहीं आपने जंगलों के बीच जीवन के गुजर-बसर की भी कहानी देखी होगी , और आप लोगों ने मासुम बच्चों की कठिनाइयां भरी जीवन की भी चर्चाये बहुत की होंगी, लेकिन आज अपने न्यूज़ के माध्यम से आपको ऐसे मासुम बच्चों की कहानी दिखाने जा रहे हैं जिसे देख और सुनकर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी व रोंगटे खड़े हो जाएंगे इनकी दर्द भरी दास्तां सूनकर , सूरजपुर जिले के वनांचल क्षेत्र प्रेमनगर के दो मासूम भाई बहन अपने पिता के तलाश में जंगल के रास्तों का कठिन सफर तय करते हैं कि उनको उनके पिता मिल जाए, महज 4 साल और छह साल के भाई बहन जो 30 किलोमीटर की जंगल के रास्ते की दूरी तय करते हैं लेकिन उनके पिता नहीं मिलते है , वही ये मासूम बच्चे सूरजपुर जिले के प्रेमनगर ब्लाक के हरिहरपुर गांव से निकलते हैं और कोरबा जिले के मोरगा तक पहुंच जाते हैं जहां बीच रास्ते में किसी को इन मासुमो पर दया आ जाती है जिसके बाद इन बच्चों को इनके चाचा के पास मोरगा स्थित आर्शीया गांव तक पहुंचाया जाता है लेकिन इनके पिता की तलाश पुरी नहीं होती है, वही इन मासुम बच्चों के दुख दर्द को जानने और प्रशासन की आंखें खोल इन बच्चों के पठन-पाठन,भरन पोषण की समस्या को दूर करने की पहल करने की नियत से विस्तार न्यूज प्रेमनगर से कोरबा जिले के मोरगा स्थित आर्शीया गांव तक पहुंचती है,, जंगल के रास्तों को दिखाते हुए,,- तस्वीरों में दिख रहे मासूम भाई बहन की मार्मिक दास्तान हैरान करने वाली है,, दरअसल ये दोनो भाई बहन सूरजपुर जिले के प्रेमनगर हरिहरपुर के रहने वाले है,, जहा इनकी मां की मौत एक साल पहले हो गई थी,, वही इनका पिता बीते 15 दिनों से दोनो बच्चो को घर पर अकेला छोड़ कही चला गया,, जिसके बाद पड़ोस के लोग दोनो बच्चो के देखभाल कर रहे थे ,, लेकिन दोनो बच्चो को पिता की याद सताने लगी,, ऐसे में दोनो बच्चे कोरबा जिले के अरसिया गांव में रह रहे चाचा की याद आई ,, जहा बच्चो को लगा की उनका पिता कही चाचा के पास तो नही चला गया,, जिसकी तलाश के लिए दोनो मासूम जंगल के रास्ते कोरबा जिले के लिए निकल पड़े,, जहा जंगल में जंगली जानवरों के खतरे के बीच नदी नाले और कठिन रास्ते को भी पार कर लिया,, सुबह से घर से निकले बच्चे कोरबा के मोरगा पहुंच गए,, जहा कुछ युवकों ने इन्हे देख पूछताछ किया और इनके चाचा तक इन्हें पहुंचा दिए,,एक ओर पिता के घर छोड़ जाने और मां की मौत दोनो मासूम नही भुला पा रहे,, जहा ममता की तलाश में दोनो मासूम भटकते हुए अरसीया गांव पहुंच गए,, जहा इनका चाचा खुद अपने ससुराल में मुफलिसी की जिंदगी बिता रहा,, ऐसे में कब तक दोनो मासूमों की परवरिश हो पाएगी यह भी संशय रहेगा,, वही इस मामले में जिले के बाल संरक्षण अधिकारी ने बताया की दोनो बच्चो की जानकारी लेकर उचित पहल करने की बात करते नजर आए,, बहरहाल दोनो मासूमों की ममता की तलाश अब भी जारी है,, लेकिन कई समाजसेवी संस्था और विभागीय जिम्मेदारों की नजर दोनो अनाथ मासूमों पर न पड़ना समझ से परे है,, लिहाजा इनकी परवरिश और जिम्मेदारी उठाने कौन पहल करता है यह तो देखने वाली बात होगी,,4