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Sarbeh Kumar
More news from Uttar Pradesh and nearby areas
- ब्रेकिंग लखीमपुर खीरी लखीमपुर, मैं फिर दिखा तेज रफ्तार का कहेर तीन वाहनों में हुई आमने-सामने टक्कर एक कार और दो ई रिक्शा आपस में टकराए तीनों वाहनों की टक्कर में सात लोग घायल चार घायलों की हालत नाजुक जिला अस्पताल से लखनऊ रेफर नीमगांव थाना क्षेत्र के लखीमपुर मैगलगंज मार्ग की घटना।1
- खुलेआम घूस ले रहे हैं और ऊपर से मानसिकता पर ज्ञान दे रहे हैं। गोरखपुर के बेलघाट सीएचसी में तैनात डॉक्टर का कथित बयान व्यवस्था की सच्चाई दिखाता है। डॉक्टर का कहना है कि वे 35 साल से सेवा में हैं और डॉक्टर की पढ़ाई फ्री में नहीं होती।1
- Post by Mukesh Yadav Mukesh1
- बस 1 सेकंड की देरी और बड़ा हादसा हो सकता था। तेज रफ्तार से आ रहे बाइक सवार ने अचानक नियंत्रण खो दिया और सड़क किनारे खड़े एक अन्य बाइक सवार से जा टकराया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मौके पर अफरा-तफरी मच गई। गनीमत रही कि आसपास मौजूद लोगों की मदद से घायल को तुरंत संभाल लिया गया, जिससे उसकी जान बच सकी। घटना ने एक बार फिर तेज रफ्तार और लापरवाही से वाहन चलाने के खतरे को उजागर किया है।1
- Post by Janta ki awaz 6471
- श्री राम कथा अष्टम दिवस कथा व्यास परम पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी भक्ति में बाधक बनता है लालच। शबरी पर कृपा कर श्रीराम ने दिया सामाजिक समरसता का संदेश। कथा व्यास: परमपूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज श्रीराम कथा में पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने श्रोताओं से कहा कि शबरी की भक्ति से प्रभावित होकर श्रीराम ने उसके जूठे बेर खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। इसके अतिरिक्त सीता हरण, जटायु मोक्ष, शबरी भेंट एवं हनुमान मिलन के प्रसंगों को भाव-विभोर होकर सुनाया, जिससे सभी श्रोता भाव-विभोर हो गए। श्रीराम कथा में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। कथा के दौरान व्यास जी ने स्वर्ण मृग (सोने का हिरण) की घटना का बड़े ही रोचक ढंग से वर्णन करते हुए कहा कि जब भक्ति भगवान से विमुख होकर केवल भौतिक साधनों की ओर आकर्षित हो जाती है, तब जीव को भगवान-प्राप्ति के लिए भटकना ही पड़ता है। जैसे—माता सीता जानकी सोने का हिरण नहीं चाहती थीं, परंतु सोने के प्रति आकर्षण के कारण वे प्रभु श्रीराम जैसे ‘सोने’ को भूल गईं। जटायु के प्रसंग की व्याख्या करते हुए व्यास जी ने कहा कि जो दूसरों की सेवा में लगा रहता है, उसकी चिंता स्वयं भगवान करते हैं। जैसे—जटायु ने माता सीता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, तब प्रभु श्रीराम ने उस गिद्ध जाति के पक्षी को उठाकर अपनी गोद में बैठाया और हृदय से लगाया। इसी कारण श्री तुलसीदास जी ने जटायु को ‘मानस में परम बड़भागी’ कहा है। जटायु को भगवान के हाथों मोक्ष प्राप्त हुआ और वह सीधे स्वर्गलोक को गया। इसी प्रकार शबरी भगवान की अनन्य भक्त थीं। श्रीराम यह जानते हुए भी कि वह भीलनी जाति की हैं, उनके जूठे बेर प्रेमपूर्वक खाए और सामाजिक समरसता का महान संदेश दिया। भगवान की साधना में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं होता। भगवान श्रीराम ने शबरी को नवधा भक्ति का उपदेश भी दिया। व्यास जी ने सुग्रीव मिलन और बालि वध के प्रसंग के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया कि अधर्म कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः उसका पतन निश्चित है और धर्म की विजय सदा होती है। संवाददाता रवि गुप्ता4
- उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेताओं के बीच में वाकई में तालमेल की कमी साफ नजर आ रही है तभी तो समाजवादी पार्टी पर विश्वास बढ़ते जा रहा है अखिलेश यादव एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे बोले समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय प्रवक्ता सर्वेश त्रिपाठी राजपथ न्यूज़ पर1
- Instagram अब कोर्ट बन चुका है, पहले घर से जाकर शादी करो लो, फिर विडियो बनाकर Instagram पर डाल दो, घर वाले का इतना ज़लील होना कम है, जो विडियो डालकर और जलील किया जाता है, महीनों तक लोगों से नज़र नहीं मिला पाते, हर सवाल से पहले उनका दिल कांपता है, और हर रात यही सोचकर सोते हैं कि क्या हमारी परवरिश में कमी रह गई? अपनी ख़ुशी ज़रूरी है, पर एक बार ठहरकर सोचिए… आपके एक कदम से उनके दिल पर क्या बीतती है।1
- Post by Anoopshukla1