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देश में शिक्षा कीस्थिति की चिंता
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देश में शिक्षा कीस्थिति की चिंता
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- परिवार से बिछड़ी नाबालिग बालिका को नरसिंहपुर पुलिस ने परिजनों से मिलाया, चेहरे पर लौटी मुस्कान लगभग डेढ़ माह पूर्व अमजेर क्षेत्र से 14 वर्षीय नाबालिग बालिका गुम हो गई थी। •भटकते हुए राजस्थान से नरसिंहपुर पहुँची बालिका को अपने निवास क्षेत्र की कोई जानकारी नहीं थी। नरसिहपुर पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना द्वारा बालिका के परिजनों की पतासाजी हेतु एक विशेष टीम का गठन किया गया था।* • *लगभग डेढ़ माह बाद परिजनों से मिलकर नाबालिग बालिका की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा।* दिनांक 19.12.2025 को डायल 112 के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि आरटीओ कार्यालय के पास एनएच-44 पर एक नाबालिग बालिका घूम रही है। सूचना पर डियूटी में तैनात पुलिस टीम द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए मौके पर पहुँचकर बालिका को अपने संरक्षण में लिया गया। बालिका से उसके परिजनों के संबंध में जानकारी पूछे जाने पर वह कोई जानकारी नहीं दे सकी। आवश्यक जानकारी प्राप्त न होने की स्थिति में बालिका को वन-स्टॉप सेंटर भेजा गया। *मामला संज्ञान में आने पर पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना द्वारा विशेष टीम का गठन किया गया :* उक्त मामला पुलिस अधीक्षक डॉ. ऋषिकेश मीना के संज्ञान में आते ही नाबालिग बालिका के परिजनों की पतासाजी हेतु अति. पुलिस अधीक्षक श्री संदीप भूरिया के मार्गदर्शन में एवं एसडीओपी नरसिंहपुर श्री मनोज गुप्ता के निर्देशन में विशेष पुलिस टीम का गठन किया गया तथा आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। साथ ही, बालिका के परिजनों के मिलने तक पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रकरण की सतत निगरानी की गई। *गुमशुदा बालिका के परिजनों की तलाश हेतु सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से प्राप्त जानकारी का संकलन किया गया:* गुमशुदा बालिका के परिजनों की पतासाजी एवं तलाश हेतु सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से प्राप्त सूचनाओं का संकलन किया गया। इस दौरान बालिका द्वारा बार-बार अजमेर (राजस्थान) का नाम लिए जाने पर राजस्थान पुलिस से संपर्क स्थापित किया गया। राजस्थान पुलिस की सहायता से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त बालिका लगभग डेढ़ माह पूर्व अजमेर (राजस्थान) से गुम हुई थी। इस सूचना के आधार पर तत्काल बालिका के परिजनों से संपर्क किया गया, जिनके द्वारा पुष्टि की गई कि उक्त बालिका उनके ही परिवार की है। *लगभग डेढ़ माह बाद परिजनों से मिलकर नाबालिग बालिका की खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा :* उक्त नाबालिग बालिका का परिवार अत्यंत गरीब है, जिसे नरसिंहपुर पुलिस द्वारा विशेष प्रबंध कर नरसिंहपुर बुलाया गया। आज दिनांक 22.12.2025 को उक्त बालिका को विधिवत रूप से उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया। बालिका द्वारा अपने परिजनों को देखकर उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा, वहीं परिजन भी अपनी गुमशुदा बालिका से मिलकर अत्यंत प्रसन्न हुए तथा नरसिंहपुर पुलिस की सजगता एवं तत्परता की सराहना की। *नरसिंहपुर पुलिस की इस मानवीय एवं संवेदनशील कार्यवाही से परिवार में एक बार फिर खुशियाँ लौट आईं हैं। इस सफल कार्यवाही से आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है।* *गुमशुदा महिला की तलाश एवं पतासाजी में इनकी रही सराहनीय भूमिकाः* उक्त प्रकरण बालिका के परिजनों की पतासाजी में थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक गौरव चाटे के साथ आरक्षक, सुधीर यादव, महिला आरक्षक योगिता, महिला आरक्षक रीना एवं बन-स्टाप-सेन्टर से अंजिता श्रीवास्तव एवं महिला बाल बिकास अधिकारी श्री राधेश्याम वर्मा की सराहनीय भूमिका रही है।2
- *पेंच टाइगर रिज़र्व से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व, राजस्थान में बाघिन का सफल स्थानांतरण* सिवनी - मध्यप्रदेश के सिवनी जिले स्थित पेंच टाइगर रिज़र्व से राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में लगभग 3 वर्षीय एक बाघिन का सफलतापूर्वक स्थानांतरण किया गया है। यह स्थानांतरण राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के दिशा-निर्देशों एवं वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण अभियान को भारतीय वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर के माध्यम से सुरक्षित रूप से अंजाम दिया गया। बाघिन को विशेष रूप से तैयार किए गए ट्रांसपोर्ट क्रेट में रखकर पेंच टाइगर रिज़र्व से रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व तक हवाई मार्ग से पहुंचाया गया। उल्लेखनीय है कि इस स्थानांतरण की योजना एवं तैयारी पिछले एक माह से अधिक समय से की जा रही थी। पेंच टाइगर रिज़र्व प्रबंधन द्वारा बाघिन की पहचान कर उसकी गतिविधियों पर निरंतर निगरानी रखी गई। इसके लिए एआई आधारित कैमरा ट्रैप, मोशन सेंसर कैमरे तथा फील्ड मॉनिटरिंग सिस्टम का उपयोग किया गया। बाघिन के व्यवहार, स्वास्थ्य एवं क्षेत्रीय अनुकूलन क्षमता का वैज्ञानिक परीक्षण करने के उपरांत ही स्थानांतरण की स्वीकृति प्रदान की गई। बाघिन की सतत निगरानी हेतु संबंधित क्षेत्र में 50 से अधिक कैमरा ट्रैप लगाए गए थे, जिससे उसकी गतिविधियों से संबंधित सटीक आंकड़े संकलित किए गए। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिज़र्व में इस बाघिन की आमद से वहां बाघ संरक्षण को नई मजबूती मिलेगी तथा भविष्य में प्रजनन संभावनाओं में वृद्धि होने की अपेक्षा है। यह स्थानांतरण दोनों राज्यों के वन विभागों के आपसी समन्वय एवं विशेषज्ञों की निगरानी में संपन्न हुआ। पेंच टाइगर रिज़र्व द्वारा किया गया यह सफल स्थानांतरण वन्यजीव संरक्षण और बाघ पुनर्वास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है, जो आने वाले समय में अन्य टाइगर रिज़र्व के लिए भी एक आदर्श मॉडल सिद्ध होगा।1
- https://youtu.be/mWrZq1n-rAk?si=wqnLEPQzBlAVgZLb Narsinghpur "हमारा बरमान,स्वच्छ बरमान" अभियान की कहानी जिला सीईओ गजेन्द्र सिंह नागेश की जुबानी1