औषधि खेतिहर किसानों और आयुर्वेदिक दवा निर्माता की सांझा बैठक आयोजित। औषधि खेतिहर किसानों को उचित दाम दिलवाने हेतु पोर्टल बनाया जायेगा - संजीव वर्मा किसान और दवा निर्माता एक दूसरे के पूरक - दलीप मिश्रा पंचकूला:(हरपाल सिंह) - महानिदेशक आयुष हरियाणा संजीव वर्मा के मार्गदर्शन में एक दिवसीय औषधि कृषकों व आयुर्वेदिक औषधि निर्माता की एक साझा बैठक का आयोजन राज्य औषधीय पादप बोर्ड आयुष विभाग हरियाणा द्वारा ताऊ देवी लाल स्टेडियम पंचकूला में किया गया | इस बैठक में आयुष महानिदेशक संजीव वर्मा ने जानकारी दी कि हरियाणा में करीब 4000 किसान औषधीय खेती करते है| इन किसानों की कोई विपणन सम्बन्धी, मंडी व उचित मूल्य उपलब्ध न होने के कारण इस बैठक में औषधि निर्माण करने वाले फार्मेसी धारकों की बैठक कराई गई है | इस आयोजन मे लगभग 30 कृषक एव 20 आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं ने हिस्सा लिया| किसानो के बताया की उन्होंने अपनी उपजाई औसधियों का उचित बाजार एव मूल्य नहीं मिलता | इस बारे फार्मेसी धारको ने ये सुझाव दिया की ड्राइंग यार्ड, स्टोरेज गोडाउन, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट दवारा उंच्च गुणवत्ता वाली औसधि उत्त्पन करें। जिसे आयुर्वेदिक औषधि निर्माता इसे खरीद पाए | बैठक मे राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकारी, आयुष विभाग हरियाणा ड़ॉ दिलीप मिश्रा भी मौजूद रहे। इस बैठक मे औषधीय कृषको ने औषधीय फंसलो के विपणन सम्बंधी समस्याए साँझा की तथा बोर्ड एव सरकार द्वारा इनका निवारण करने की बात कही | इसके अतिरिक्त आयुर्वेदिक औषधि निर्माता संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप भरद्वाज द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने का सुझाव दिया गया जिसमे किसान अपना रजिस्ट्रशन कर पाएंगे एव अपनी औषधियों का ब्यौरा भी दर्ज कर पाएंगे | जिस पोर्टल द्वारा फार्मेसी धारक सीधे पोर्टल से खरीद कर पाएंगे | उक्त बैठक में किसानो द्वारा औषधीय पौधो की प्रदशनी लगाई गई। जो भी औषधीय पौधे प्रदर्शनी में लगाए थे वह फार्मेसी धारकों द्वारा मौके पर ख़रीदे गए | कार्यक्रम का संबोधन करते हुए महानिदेशक आयुष हरियाणा द्वारा किसानों को भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे अवगत करवाया गया जिनके तहत भारत सरकार से वित्तीय सहायता का प्रबंध किया जा सकता है | इस वित्तीय सहायता की मदद से वह अपने उत्पादन को बाजार में उच्च मूल्य पर बेच सकते है एवं अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते है | इस बैठक द्वारा सरकार की नीति किसानों की आय बेहतर बनाने हेतु नियम एवं प्रावधान महानिदेशक आयुष हरियाणा द्वारा बताए गए | महानिदेशक आयुष हरियाणा ने भविष्य में भी इस प्रकार की बैठक करवाने का निर्णय लिया , जिससे किसानों और आयुर्वेदिक औषधि निर्माता के बीच की दूरी को समाप्त किया जा सके | राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकारी, आयुष विभाग हरियाणा ड़ॉ दिलीप मिश्रा ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि औषधि खेतिहर किसान और आयुर्वेदिक दवा निर्माता एक दूसरे के पूरक हैं। किसानों को सलाह देते हुए कहा कि उत्तम किस्म की फसलों की खेती करें ताकि दावा निर्माता उत्तम किस्म की औषधियां किसानों से खरीदकर उत्तम किस्म की दवाओं का निर्माण किया जा सके। जिसमें फसलों के भी ज्यादा दाम किसानों को मिल सकेंगे। हरियाणा के किसान परंपरागत खेती की जगह अब औषधीय खेती की और ध्यान देने लगे हैं। भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आयुर्वेद को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे निसंदेह किसानों और दवा निर्माता को लाभ मिलेगा। हरियाणा आयुर्वेदिक दवा निर्माता संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप भारद्वाज ने बताया कि अनाज मंडियों की तरह वेयरहाउस बनाया जाए। जहां पर किसान अपनी औषधीय फसलों का भंडारण कर सकें और फसलों की अनाज की तरह ग्रेडिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब के अमृतसर में भी इस तरह का वेयरहाउस बनाया गया है। इसी तर्ज पर पंचकुला, अंबाला या करनाल में किसी भी जगह पर हरियाणा में एक वेयरहाउस बनाया जाना चाहिए जहां पर औषधि निर्माता को आसानी से फसलें मिल सके।
औषधि खेतिहर किसानों और आयुर्वेदिक दवा निर्माता की सांझा बैठक आयोजित। औषधि खेतिहर किसानों को उचित दाम दिलवाने हेतु पोर्टल बनाया जायेगा - संजीव वर्मा किसान और दवा निर्माता एक दूसरे के पूरक - दलीप मिश्रा पंचकूला:(हरपाल सिंह) - महानिदेशक आयुष हरियाणा संजीव वर्मा के मार्गदर्शन में एक दिवसीय औषधि कृषकों व आयुर्वेदिक औषधि निर्माता की एक साझा बैठक का आयोजन राज्य औषधीय पादप बोर्ड आयुष विभाग हरियाणा द्वारा ताऊ देवी लाल स्टेडियम पंचकूला में किया गया | इस बैठक में आयुष महानिदेशक संजीव वर्मा ने जानकारी दी कि हरियाणा में करीब 4000 किसान औषधीय खेती करते है| इन किसानों की कोई विपणन सम्बन्धी, मंडी व उचित मूल्य उपलब्ध न होने के कारण इस बैठक में औषधि निर्माण करने वाले फार्मेसी धारकों की बैठक कराई गई है | इस आयोजन मे लगभग 30 कृषक एव 20 आयुर्वेदिक औषधि निर्माताओं ने हिस्सा लिया| किसानो के बताया की उन्होंने अपनी उपजाई औसधियों का उचित बाजार एव मूल्य नहीं मिलता | इस बारे फार्मेसी धारको ने ये सुझाव दिया की ड्राइंग यार्ड, स्टोरेज गोडाउन, पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट दवारा उंच्च गुणवत्ता वाली औसधि उत्त्पन करें। जिसे आयुर्वेदिक औषधि निर्माता इसे खरीद पाए | बैठक मे राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकारी, आयुष विभाग हरियाणा ड़ॉ दिलीप मिश्रा भी मौजूद रहे। इस बैठक मे औषधीय कृषको ने औषधीय फंसलो के विपणन सम्बंधी समस्याए साँझा की तथा बोर्ड एव सरकार द्वारा इनका निवारण करने की बात कही | इसके अतिरिक्त आयुर्वेदिक औषधि निर्माता संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप भरद्वाज द्वारा एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने का सुझाव दिया गया जिसमे किसान अपना रजिस्ट्रशन कर पाएंगे एव अपनी औषधियों का ब्यौरा भी दर्ज कर पाएंगे | जिस पोर्टल द्वारा फार्मेसी धारक सीधे पोर्टल से खरीद कर पाएंगे | उक्त बैठक में किसानो द्वारा औषधीय पौधो की प्रदशनी लगाई गई। जो भी औषधीय पौधे प्रदर्शनी में लगाए थे वह फार्मेसी धारकों द्वारा मौके पर ख़रीदे गए | कार्यक्रम का संबोधन करते हुए महानिदेशक आयुष हरियाणा द्वारा किसानों को भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं के बारे अवगत करवाया गया जिनके तहत भारत सरकार से वित्तीय सहायता का प्रबंध किया जा सकता है | इस वित्तीय सहायता की मदद से वह अपने उत्पादन को बाजार में उच्च मूल्य पर बेच सकते है एवं अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार ला सकते है | इस बैठक द्वारा सरकार की नीति किसानों की आय बेहतर बनाने हेतु नियम एवं प्रावधान महानिदेशक आयुष हरियाणा द्वारा बताए गए | महानिदेशक आयुष हरियाणा ने भविष्य में भी इस प्रकार की बैठक करवाने का निर्णय लिया , जिससे किसानों और आयुर्वेदिक औषधि निर्माता के बीच की दूरी को समाप्त किया जा सके | राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकारी, आयुष विभाग हरियाणा ड़ॉ दिलीप मिश्रा ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि औषधि खेतिहर किसान और आयुर्वेदिक दवा निर्माता एक दूसरे के पूरक हैं। किसानों को सलाह देते हुए कहा कि उत्तम किस्म की फसलों की खेती करें ताकि दावा निर्माता उत्तम किस्म की औषधियां किसानों से खरीदकर उत्तम किस्म की दवाओं का निर्माण किया जा सके। जिसमें फसलों के भी ज्यादा दाम किसानों को मिल सकेंगे। हरियाणा के किसान परंपरागत खेती की जगह अब औषधीय खेती की और ध्यान देने लगे हैं। भारत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश के मुख्यमंत्री भी आयुर्वेद को बढ़ावा दे रहे हैं। जिससे निसंदेह किसानों और दवा निर्माता को लाभ मिलेगा। हरियाणा आयुर्वेदिक दवा निर्माता संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनूप भारद्वाज ने बताया कि अनाज मंडियों की तरह वेयरहाउस बनाया जाए। जहां पर किसान अपनी औषधीय फसलों का भंडारण कर सकें और फसलों की अनाज की तरह ग्रेडिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि पंजाब के अमृतसर में भी इस तरह का वेयरहाउस बनाया गया है। इसी तर्ज पर पंचकुला, अंबाला या करनाल में किसी भी जगह पर हरियाणा में एक वेयरहाउस बनाया जाना चाहिए जहां पर औषधि निर्माता को आसानी से फसलें मिल सके।
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