अखंड भारत सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रसूलाबाद पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत राजप्रताप सिंह गौर जिला ब्यूरो अखण्ड भारत कानपुर देहात /रसूलाबाद अखंड भारत सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक राणा अपनी पूरी टीम के साथ लखनऊ से चलकर के रसूलाबाद सिद्ध पीठ श्री धर्मगढ़ बाबा मंदिर पर दर्शन किए जिसमें रसूलाबाद की जनता ने फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया राणा ने धर्मगढ़ बाबा मंदिर के दर्शन कर आशीर्वाद लिया इसके बाद चल रही भागवत में व्यास जी को पगड़ी पहना कर सम्मान किया रसूलाबाद नगर के वरिष्ठ लोगों का राणा ने माला पहना कर भी स्वागत किया इनके साथ सैकड़ो लोगों की भीड़ झींझक तिराहे से चलकर के मंदिर प्रांगण तक पैदल पहुंची जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक राणा ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष श्री ब्रिजेश त्रिपाठी जी, को पगड़ी व पटका पहना कर सम्मान की ,अनुरुद्ध दुबे जी , राकेश अग्रनोत्री जी , पारस नाथ निगम जी , जानसन शंखवार जी , अखिलेश तिवारी जी , चुन्नू तिवारी जी , अरविंद सिंह जी , राम नरेश जी , मलखान सिंह जी , विपिन पाल जी अशोक पाल जी , नागेंद्र गौर जी , शिवम पांडे जी , अरविंद सेंगर जी , अनुज राणा जी , छोटू सिंह जी आदि सैकड़ों लोगों को राणा ने माला पहना कर सम्मान किया।
अखंड भारत सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रसूलाबाद पहुंचने पर हुआ जोरदार स्वागत राजप्रताप सिंह गौर जिला ब्यूरो अखण्ड भारत कानपुर देहात /रसूलाबाद अखंड भारत सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक राणा अपनी पूरी टीम के साथ लखनऊ से चलकर के रसूलाबाद सिद्ध पीठ श्री धर्मगढ़ बाबा मंदिर पर दर्शन किए जिसमें रसूलाबाद की जनता ने
फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया राणा ने धर्मगढ़ बाबा मंदिर के दर्शन कर आशीर्वाद लिया इसके बाद चल रही भागवत में व्यास जी को पगड़ी पहना कर सम्मान किया रसूलाबाद नगर के वरिष्ठ लोगों का राणा ने माला पहना कर भी स्वागत किया इनके साथ सैकड़ो लोगों की भीड़ झींझक तिराहे
से चलकर के मंदिर प्रांगण तक पैदल पहुंची जिसमें राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक राणा ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला उपाध्यक्ष श्री ब्रिजेश त्रिपाठी जी, को पगड़ी व पटका पहना कर सम्मान की ,अनुरुद्ध दुबे जी , राकेश अग्रनोत्री जी , पारस नाथ निगम जी , जानसन शंखवार जी , अखिलेश तिवारी जी ,
चुन्नू तिवारी जी , अरविंद सिंह जी , राम नरेश जी , मलखान सिंह जी , विपिन पाल जी अशोक पाल जी , नागेंद्र गौर जी , शिवम पांडे जी , अरविंद सेंगर जी , अनुज राणा जी , छोटू सिंह जी आदि सैकड़ों लोगों को राणा ने माला पहना कर सम्मान किया।
- ज्योतिर्लिंग केदारनाथ हमें यह सिखाता है कि जहाँ मौन है, वहीं सत्य है जहाँ तप है, वहीं शिव हैं और जहाँ स्वीकार है, वहीं मुक्ति का मार्ग खुलता है।1
- मेरे बेटे का परसों 8 घंटे का ऑपरेशन था, मुझे परिवार के लोगों ने फोन किया कि ये बड़ा ऑपरेशन है, आपको आना चाहिए लेकिन मैंने सोचा- देश की हिफाजत में हमारे जवान जान दांव पर लगा देते हैं, इंदिरा गांधी जी और राजीव गांधी जी ने बलिदान दिया, सोनिया गांधी जी ने त्याग किया ऐसे में जब संसद चालू है और 'वोट चोरी' के खिलाफ इतनी बड़ी लड़ाई चल रही है- मैं अपने बेटे के पास कैसे जा सकता हूं! जैसे सरहद पर जवान लड़ते हैं, वैसे ही अन्याय के खिलाफ सोनिया गांधी जी लड़ी हैं, राहुल गांधी जी देश के लिए हजारों मील पैदल चले हैं. मैं भी ये लड़ाई जारी रखूंगा मैं अपने एक बेटे के लिए देश के 140 करोड़ लोगों को नहीं छोड़ सकता, इसलिए मैं आज यहां आया हूं हमें लड़ना है - पीछे नहीं हटना। @kharge1
- मैं चुनौती देती हूं-BJP एक बार बैलेट पेपर पर निष्पक्ष चुनाव लड़ ले,ये कभी नहीं जीत पाएंगे https://youtube.com/shorts/n7tCIG5LpMo?si=0hLzBX7mU_-T43Ut और ये बात BJP भी जानती है : प्रियंका गांधी वाड्रा #votechorgaddichhod #PriyankaGandhi #ramleelaground #ramlilaground #RamlilaMaidan #bjp #Congress #PriyankaGandhiVadra @topfans1
- कानपुर --पनकी पुलिस को मिली सफलता! पुलिस ने तीन शातिर ठगो को गिरफ्तार किया! पतंजलि गोदाम अंडरपास के पास से गुजैनी क्षेत्र में हुई गिरफ्तारी। गिरफ्तार आरोपी बीरपुल, किशोर कुमार और नारायण, तीनों लखनऊ के निवासी। राह चलते लोगों को असली सोना दिखाकर नकली पीतल बेचते थे आरोपी। आरोपियों के पास से असली-नकली सोने के आभूषण बरामद। तीन लाख रुपये नकद जब्त, चार लाख रुपये खाते में फ्रीज। डीसीपी पश्चिम दिनेश त्रिपाठी ने प्रेस वार्ता कर किया खुलासा! Police Commissionerate Kanpur Nagar #crime #public #cyber1
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- पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? आज का सवाल सीधा है… पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी? गिरफ्तारी या सियासी संदेश! क्या उत्तर प्रदेश में सच बोलना अपराध बनता जा रहा है? क्या योगी सरकार के खिलाफ बोलने वाले हर व्यक्ति पर निगरानी है? क्योंकि जिस तरह से पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार किया गया, उसने सिस्टम पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे योगी..? पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर से क्यों डरे सीएम योगी, पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को लेकर कई सारे सवाल लोगों जहन में गूँज रहे हैं क्या अमिताभ ठाकुर अंडर सर्विलांस थे? उन्होंने तो पुलिस को नहीं बताया था कि मैं फलानी ट्रेन से दिल्ली के रास्ते में हूं। फिर पुलिस को किसने बताया.पुलिस को गिरफ्तार करना था तो घर आ सकती थी। वे शुभम जायसवाल की तरह दुबई तो नहीं बैठे थे। न ही कुछ ‘विशेष’बाहुबलियों की तरह दिखाई देते हुए भी अदृश्य थे.आखिर रात के 2 बजे शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारकर गिरफ्तारी का क्या प्रयोजन था जो व्यक्ति न वांछित है, न भगौड़ा। लोगों के दिलों दिमांग में इस तरह के तमाम सवाल है. क्या जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोल रहा है वो अंडर सर्विलांस है? अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के सिलसिले में लखनऊ पुलिस ने जो प्रेस नोट जारी किया है,वो खुद ही सवालों में है। इस प्रेस नोट में ये तो बताया गया कि ये साल 1999 का है। मगर आश्चर्यजनक तौर पर इस बात का ज़िक्र नहीं किया गया कि इसकी शिकायत कब की गई? पुलिस को इस प्रेस नोट में ये भी लिखना चाहिए कि साल 1999 के मामले की शिकायत सितंबर 2025 में जाकर की गई,और तत्काल एफआईआर दर्ज हो गई!पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि शिकायत करने वाला व्यक्ति कौन है? उसका इस मामले से क्या ताल्लुक़ है? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि सिविल प्रकृति के इस मामले में इतनी गंभीर धाराएँ कैसे जोड़ दी गईं? पुलिस को ये भी लिखना चाहिए कि अमिताभ ठाकुर जाँच में सहयोग कैसे नहीं कर रहे थे? IO ने उन्हें कब बुलाया और वे कब पेश नहीं हुए? इस प्रेस नोट में एक उँगली अमिताभ ठाकुर की ओर उठती है और शेष चार उंगलियां ख़ुद पुलिस की ओर.फिलहाल अमिताभ ठाकुर जेल में हैं। जिस जेल का निरीक्षण किया… आज वहीं कैदी हैं पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर यह विडंबना नहीं तो क्या है— जो अमिताभ ठाकुर 1998 से 2000 तक देवरिया के SP रहते हुए जिस जेल का निरीक्षण करते थे आज उसी जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में कैदी हैं।कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं, सामान्य कैदियों जैसा खाना, सामान्य व्यवस्था। 26 साल पुराना केस – लेकिन FIR अब! अमिताभ ठाकुर को 1999 के एक मामले में 2025 में FIR दर्ज कर तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया आरोप है कि उनकी पत्नी ने देवरिया में औद्योगिक क्षेत्र का प्लॉट फर्जी दस्तावेज़ों से लिया और बाद में बेच दिया। लेकिन सवाल फिर वही— 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी? शिकायत किसने की? शिकायतकर्ता का इस मामले से क्या लेना-देना? सिविल केस में इतनी गंभीर धाराएं कैसे जोड़ दी गईं? इस मामले में 3 महीने पहले लखनऊ में अमिताभ के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। जांच के लिए लखनऊ पुलिस ने SIT बनाई। पुलिस के मुताबिक,SIT ने देवरिया और बिहार में रिकॉर्ड की जांच की। गवाहों से पूछताछ और दस्तावेजों की पुष्टि की। पर्याप्त सबूत मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. .. यहाँ एक सवाल यह भी है कि 26 साल तक पुलिस क्या कर रही थी क्या उ.प्र। इतनी लापरवाह है। जेल में भी सरकार के लिए खतरा? अमिताभ ठाकुर अब जेल में हैं, लेकिन खबर ये है कि— वे 50–60 पन्नों की एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं पेन और सादे कागज मांगकर लगातार लिख रहे हैं और यही बात जेल प्रशासन की नींद उड़ा रही है,,,सूत्रों के मुताबिक—जेल अधिकारी डरे हुए हैं कि अमिताभ ठाकुर जेल की सुरक्षा खामियां अव्यवस्थाएं अंदरूनी सिस्टम पर कोई हाई लेवल रिपोर्ट न भेज दें। जेल प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ हैं। यूपी के पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर की जेल में पहली रात बेचैनी से गुजरी। उनके साथ आम कैदियों जैसा व्यवहार हुआ। कोई VIP ट्रीटमेंट नहीं मिला। पूर्व IPS को दूसरे कैदियों की तरह ही जेल में रहना पड़ा । हालांकि, जेल सूत्रों की मानें तो वह रातभर ठिठुरते रहे। उधर, पूर्व पुलिस अधिकारी के जेल में होने और उनकी लिखा-पढ़ी की आदत से जेल अधिकारी डरे हुए हैं।दरसअल, जेल में उनकी मांग पर सादे पन्ने और पेन उपलब्ध कराए गए हैं। कागज-कलम मिलने के बाद अमिताभ ठाकुर लगातार कुछ न कुछ लिखते देखे गए। सूत्रों की मानें तो अधिकारियों को डर सता रहा कि वह जेल की खामियां और आंतरिक व्यवस्था को लेकर हाई लेवल पर कोई शिकायत न करें। अधिकारियों का मानना है कि वह सिस्टम को अच्छी तरह से समझते हैं और यही समझ दूसरे के लिए परेशानी की सबब बन सकती है। जेल की संरचना, गेट, सुरक्षा व्यवस्था, वार्ड और बैरक सिस्टम की गहरी जानकारी उन्हें है। इसी वजह से उनकी गतिविधियों पर जेल प्रशासन की विशेष नजर है।पूर्व आईपीएस, देवरिया में औद्योगिक प्लॉट की खरीद-बिक्री से जुड़े जालसाजी प्रकरण में अरेस्ट किए गए हैं। बुधवार को कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें पुलिस अभिरक्षा में भेजा गया था। पहली रात तो उन्हें जेल के अस्पताल में रखा गया। पर दूसरे दिन गुरुवार को हाई सिक्योरिटी बैरक में ट्रांसफर कर दिया गया।खास बात ये है कि अमिताभ ठाकुर कभी जिस जेल का निरीक्षण करते थे, आज उसी में सजा काट रहे हैं। वे 1998 से वर्ष 2000 तक देवरिया के एसपी रह चुके हैं। इस दौरान वे इसी कारागार का कई बार निरीक्षण कर चुके हैं। पूरा मामला विस्तार से जानें पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को लखनऊ पुलिस ने शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया था। देवरिया के 26 साल पुराने मामले में यह कार्रवाई की थी। उन्हें लखनऊ एसी सुपरफास्ट ट्रेन से यात्रा करते समय शाहजहांपुर में ट्रेन से उतारा गया। देवरिया और लखनऊ पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए शाहजहांपुर पुलिस से संपर्क किया था। सूचना मिलने पर पुलिस सादी वर्दी में शाहजहांपुर स्टेशन पहुंची और घेराबंदी की। जैसे ही ट्रेन प्लेटफॉर्म नंबर एक पर रुकी, पुलिस ने अमिताभ ठाकुर को ट्रेन से उतार लिया। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। रात में वे जेल के अस्पताल में ही रुके। पर गुरुवार दोपहर उन्हें देवरिया जिला जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया।जेल सूत्रों के अनुसार, गुरुवार रात में पूर्व आईपीएस थोड़े बेचैन दिखे। रात में उनको दो रोटी, दाल और हरी सब्जी दी गई। लेकिन उन्होंने एक रोटी ही खाया। अगली सुबह शुक्रवार को उनको चाय और चना दिया गया। घंटों-घंटों कुछ लिख रहे, जेल प्रशासन परेशान जेल के सूत्रों के अनुसार, बैरक में शिफ्ट होने के बाद अमिताभ ठाकुर ने पेन और ए4 साइज के 50-60 सादे पन्ने मांगे। जेल प्रशासन ने उनकी डिमांड पूरी कर दी। अब वह लगातार कुछ न कुछ लिख रहे हैं। इधर, उनके लिखने से जेल प्रशासन के अधिकारियों की बेचैनी बढ़ रहीबताया जा रहा कि रात का खाना खाने के बाद भी वह कई घंटे तक कुछ लिखते रहते हैं । नाश्ता करने के बाद वे फिर से लिखने में जुट गए। उनके लिखने को लेकर जेल प्रशासन सकते में है। जेल प्रशासन को आशंका है कि वे जेल की व्यवस्थाओं, सुरक्षा खामियों, सुविधाओं की कमी जैसे बिंदुओं पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर शासन को या कहीं किसी अन्य हायर अथॉरिटी को न भेज दें। जेल अधिकारी भी स्वीकार करते हैं कि उनका प्रशासनिक अनुभव, उनकी लेखनी, और उनकी पूर्व छवि परेशानी का सबब बन सकती है। जेल मैनुअल के हिसाब से ही मिलेगा ट्रीटमेंट उधर, जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया- अमिताभठाकुर को वही सुविधाएं दी जा रही हैं, जो सामान्य बंदियों को मिलती हैं। उन्हें नियमों से बाहर कोई वीआईपी ट्रीटमेंट नहीं दिया जा रहा। बाहर से कोई भी सामान लेने की अनुमति नहीं है। सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ गिरफ्तारी है? या फिर एक संदेश? कि—जो भी योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बोलेगा, उसका अंजाम यही होगा? आज अमिताभ ठाकुर हैं, कल कौन....#ipsamitabhthakur1
- नितिन नबीन कल संभालेंगे कार्यकारी अध्यक्ष पद का कार्यभार, https://youtube.com/shorts/p3EHxox9n3o?si=Fzn7Xw4qX6j6tl_i BJP मुख्यालय में होगा भव्य स्वागत #NitinNabin #BJP #bjpkaryakariadhyaksh #bhajpakaryakariadhyaksh1
- यह दर्शन प्रस्तुत किया — संजय सोनी भारतीय तत्व-दर्शन एवं गति प्रवाह सिद्धांत के प्रतिपादक निवेदन - यह वीडियो दार्शनिक और वैचारिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।यह किसी प्रकार का चिकित्सकीय, धार्मिक या वैज्ञानिक दावा नहीं है।1
- 107 साल की उम्र में गेंदारानी को अनोखी विदाई, कोंच में शोक नहीं—सम्मान और उत्सव की शव यात्रा जालौन के कोंच नगर में रविवार दोपहर एक ऐसी शव यात्रा निकली, जिसने हर किसी का ध्यान खींच लिया। 107 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कहने वाली बुजुर्ग महिला गेंदारानी की अंतिम यात्रा परंपरागत शोक के बजाय सम्मान, कृतज्ञता और उत्सव के भाव के साथ निकाली गई। परिजनों के अनुसार, गेंदारानी ने लंबा, सादा और सुखद जीवन जिया। परिवार की कई पीढ़ियों को स्नेह, संस्कार और मार्गदर्शन देने वाली गेंदारानी के प्रति आभार जताते हुए परिजनों ने तय किया कि उनकी विदाई आँसुओं से नहीं, बल्कि मुस्कान और सम्मान के साथ होगी। इसी सोच के साथ अंतिम यात्रा को “विदाई उत्सव” का रूप दिया गया। शव यात्रा में परिजन और नगरवासी शांत भाव से शामिल हुए। वातावरण में ग़म की जगह संतोष और श्रद्धा दिखाई दी—मानो एक पूर्ण जीवन की सार्थक पूर्णाहुति हो रही हो। स्थानीय लोगों ने इसे जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और बुजुर्गों के सम्मान की मिसाल बताया। कोंच नगर में निकली यह अनोखी अंतिम यात्रा न सिर्फ चर्चा का विषय बनी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि दीर्घायु और सुसंपन्न जीवन की विदाई सम्मान और कृतज्ञता के साथ भी की जा सकती है।1