छबड़ा में वन्य जीवों का शिकार करने के दो आरोपी गिरफ्तार -6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियां और 1 नेवला बरामद कोटा/ बारां। बारां जिले में वन विभाग की सतर्कता से वन्यजीवों के अवैध शिकार की एक बड़ी वारदात का पर्दाफाश हुआ है। छबड़ा रेंज के अंतर्गत भिलवाड़ी गडार वनखंड कोटरापार क्षेत्र में जंगल गश्त के दौरान वन टीम ने दो व्यक्तियों को 6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियों और 1 नेवले का शिकार करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान रामकरण (40 वर्ष) पुत्र जानकी लाल निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा तथा अरविंद (22 वर्ष) पुत्र मनोज निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा के रूप में हुई है। दोनों पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई उप वन संरक्षक बारां विवेकानंद मणिकराव बड़े के दिशा निर्देशन और सहायक वन संरक्षक छीपाबड़ौद अनिल मीणा के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय वन अधिकारी छबड़ा भारत राठौर के नेतृत्व में की गई। कार्रवाई करने वाली टीम में ये रहे शामिल कार्रवाई करने वाली टीम में वनपाल जितेंद्र सहरिया, सहायक वनपाल रामभरोसी सहरिया, तेजराज सिंह हाड़ा, वनरक्षक राकेश चौधरी, बलराम सहरिया, प्रदीप सिंह राठौड़, देवेंद्र सहरिया, कल्लू सिंह मीणा, सन्नी देवल सहरिया, कविता सहरिया, ज्योति नागर आदि शामिल रहे।
छबड़ा में वन्य जीवों का शिकार करने के दो आरोपी गिरफ्तार -6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियां और 1 नेवला बरामद कोटा/ बारां। बारां जिले में वन विभाग की सतर्कता से वन्यजीवों के अवैध शिकार की एक बड़ी वारदात का पर्दाफाश हुआ है। छबड़ा रेंज के अंतर्गत भिलवाड़ी गडार वनखंड कोटरापार क्षेत्र में जंगल गश्त के दौरान वन टीम ने दो व्यक्तियों को 6 जंगली सुअर, 2 जंगली बिल्लियों और 1
नेवले का शिकार करते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। आरोपियों की पहचान रामकरण (40 वर्ष) पुत्र जानकी लाल निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा तथा अरविंद (22 वर्ष) पुत्र मनोज निवासी शंकर कॉलोनी, तहसील छबड़ा के रूप में हुई है। दोनों पर वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई उप वन संरक्षक बारां विवेकानंद मणिकराव बड़े के
दिशा निर्देशन और सहायक वन संरक्षक छीपाबड़ौद अनिल मीणा के मार्गदर्शन में क्षेत्रीय वन अधिकारी छबड़ा भारत राठौर के नेतृत्व में की गई। कार्रवाई करने वाली टीम में ये रहे शामिल कार्रवाई करने वाली टीम में वनपाल जितेंद्र सहरिया, सहायक वनपाल रामभरोसी सहरिया, तेजराज सिंह हाड़ा, वनरक्षक राकेश चौधरी, बलराम सहरिया, प्रदीप सिंह राठौड़, देवेंद्र सहरिया, कल्लू सिंह मीणा, सन्नी देवल सहरिया, कविता सहरिया, ज्योति नागर आदि शामिल रहे।
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- हर दिन मजदूरों व जनता के खिलाफ नए बिल ला रही सरकार -सीटू के राजस्थान राज्य सम्मेलन में मजदूरों के हक में उठी जोरदार आवाज जयपुर/ कोटा। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) राजस्थान का राज्य सम्मेलन जयपुर में 20-21-22 दिसंबर को आयोजित हो रहा है। सीटू मीडिया प्रभारी व राज्य सदस्य मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को महासचिव की रिपोर्ट पर व्यापक चर्चा हुई और मजदूरों-कर्मचारियों के हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। राष्ट्रीय नेताओं ने मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। फरवरी में संयुक्त हड़ताल की तैयारी का निर्देश सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड तपन सेन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि फरवरी महीने में राष्ट्रीय श्रम संगठनों की ओर से संयुक्त हड़ताल का आह्वान हो सकता है। इसके लिए सभी इकाइयों को तैयार रहना होगा और संघर्ष के मैदान में उतरना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मजदूर वर्ग को एकजुट होकर सरकार की नीतियों का मुकाबला करना होगा। परमाणु शांति अधिनियम देश व जनता से खिलवाड़ कॉमरेड तपन सेन ने केंद्र सरकार द्वारा परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में लाए गए सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज (शांति अधिनियम) की तीखी आलोचना की। इसे देश की सुरक्षा और जनता के साथ भारी खिलवाड़ करार देते हुए बताया कि निजी व विदेशी परमाणु संयंत्रों में कोई दुर्घटना होने पर विदेशी कंपनी जिम्मेदार नहीं होगी और प्रभावित नागरिकों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। यह देश की संप्रभुता पर सीधा हमला है।इसके खिलाफ 23 दिसंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया। मनरेगा को बर्बाद करने का आरोप सम्मेलन में मनरेगा योजना पर भी गहन चर्चा हुई। आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ने योजना का नाम बदलकर अपना अंशदान 90% से घटाकर 60% कर दिया है और 40% बोझ राज्य सरकारों पर डाल दिया है। इससे ग्रामीण गरीबों को काम मिलना और मुश्किल हो जाएगा तथा योजना को पूरी तरह खत्म करने की साजिश रची जा रही है। चार लेबर कोड मजदूर-विरोधी कॉमरेड के.एन. उमेशसीटू के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड के.एन. उमेश ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौजूदा देश के हालात और मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार हर दिन मजदूरों व जनता के खिलाफ नए बिल ला रही है। चारों लेबर कोड पूरी तरह मजदूर-विरोधी हैं, जिनसे मजदूरों के अधिकार छीने जा रहे हैं। इनका डटकर विरोध करने का आह्वान किया गया। सम्मेलन में पारित प्रमुख प्रस्ताव सम्मेलन में न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करने की मांग, सांप्रदायिकता के खिलाफ प्रस्ताव, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील व योजना कर्मियों का वेतन बढ़ाने तथा उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित कर सभी सुविधाएं देने की मांग, सभी जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने तथा विश्वविद्यालयों में सरकार द्वारा अनुदान देकर पेंशन व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव, मजदूर आंदोलनों में पुलिस हस्तक्षेप बंद करने की मांग, परमाणु बिजली क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाले शांति विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव, मनरेगा को कमजोर करने वाली नई नीतियों के खिलाफ प्रस्ताव, निजीकरण व प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ प्रस्ताव, जे.के. कोटा में सीटू के नेतृत्व में चल रहे मजदूर आंदोलन को पूर्ण समर्थन आदि प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।4
- Post by Sandip Bagri1
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