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बच्चा अपनी मां का नाम नहीं जानता हैं, लेकिन मां की आहट पहचानता है -- आर्यिकारत्न आराधना श्रीजी स्वाध्याय चार भाषाओं में होता है और आज भी भगवान महावीर स्वामी का शासन चल रहा है। उनकी जिनवाणी और उपदेशों के माध्यम से सतत प्रवाहित हो रहा है। भगवान महावीर स्वामी का शासन श्रावण कृष्ण एकम से प्रारंभ हुआ। जिस प्रकार छोटा बच्चा अपनी मां का नाम भले न बता पाए, लेकिन अपनी मां की आहट को पहचान लेता है, उसी प्रकार श्रद्धालु को भी जिनवाणी की अनुभूति और पहचान होनी चाहिए। श्री नेमिनाथ जिनालय, नेमीनगर में आयोजित धर्मसभा में आशीर्वचन देते हुए आचार्य श्रेयांश सागर जी मुनिराज की परम प्रभाविका शिष्या आर्यिकारत्न आराधना श्रीजी ने कहा कि एक समय ऐसा भी आया जब भगवान महावीर स्वामी की वाणी नहीं खिरी, क्योंकि उनकी वाणी सुनने वाला कोई योग्य श्रोता उपस्थित नहीं था। सौधर्म इंद्र ने इस कारण को जाना और जब ऐसे जीव उपस्थित हुए, जिनके कान जिनवाणी सुनने योग्य थे, तब श्रावण कृष्ण एकम के पावन दिवस पर भगवान महावीर स्वामी की वाणी पुनः खिरी। यह प्रसंग इस बात का प्रतीक है कि धर्म वही फलित होता है, जहां श्रद्धा और ग्रहणशीलता होती है। वर्तमान समय की प्रवृत्तियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज का व्यक्ति धन को सर्वाधिक महत्व देता है, जबकि संत, साधु और भगवान के प्रति उसकी आस्था कमजोर होती जा रही है। दान और धर्म के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राजा श्रेयांश, जिन्होंने दान तीर्थ का संचालन किया, उन्होंने आदिनाथ मुनिराज को आहार दान दिया था, भगवान को नहीं। आदिनाथ भगवान ने दीर्घ और क्रमबद्ध उपवास किए।इससे यह सिद्ध होता है कि पहले दान तीर्थ चला और उसके पश्चात धर्म तीर्थ का प्रवर्तन हुआ। इसलिए जीवन में पहले दान की भावना विकसित करना आवश्यक है, उसके बाद ही प्रवचन और धर्म का वास्तविक लाभ प्राप्त होता है।आर्यिकारत्न आराधना श्रीजी ने कहा कि हम सभी भगवान महावीर स्वामी के शिष्य हैं, किंतु आज की जीवनशैली में लोग टीवी सीरियल देखने में अपनी आंखें थका देते हैं, जबकि जिनवाणी का अध्ययन और श्रवण करना चाहिए। जिनवाणी ही आत्मकल्याण का सच्चा मार्ग दिखाती है। उदाहरण देते हुए कहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने राजपाट का त्याग कर वनवास स्वीकार किया, जो त्याग, संयम और धर्म के आदर्श को दर्शाता है। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने जिनवाणी, दान, संयम और त्याग के संदेशों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का वातावरण धर्ममय और श्रद्धा से परिपूर्ण रहा।

13 hrs ago
user_Rajendra Gangwal
Rajendra Gangwal
Sehore•
13 hrs ago
ba9718e4-3a4b-41d2-a55a-1a2a3a7f784c

बच्चा अपनी मां का नाम नहीं जानता हैं, लेकिन मां की आहट पहचानता है -- आर्यिकारत्न आराधना श्रीजी स्वाध्याय चार भाषाओं में होता है और आज भी भगवान महावीर स्वामी का शासन चल रहा है। उनकी जिनवाणी और उपदेशों के माध्यम से सतत प्रवाहित हो रहा है। भगवान महावीर स्वामी का शासन श्रावण कृष्ण एकम से प्रारंभ हुआ। जिस प्रकार छोटा बच्चा अपनी मां का नाम भले न बता पाए, लेकिन अपनी मां की आहट को पहचान लेता है, उसी प्रकार श्रद्धालु को भी जिनवाणी की अनुभूति और पहचान होनी चाहिए। श्री नेमिनाथ जिनालय, नेमीनगर में आयोजित धर्मसभा में आशीर्वचन देते हुए आचार्य श्रेयांश सागर जी मुनिराज की परम प्रभाविका शिष्या आर्यिकारत्न आराधना श्रीजी ने कहा कि एक समय ऐसा भी आया जब भगवान महावीर स्वामी की वाणी नहीं खिरी, क्योंकि उनकी वाणी सुनने वाला कोई योग्य श्रोता उपस्थित नहीं था। सौधर्म इंद्र ने इस कारण को जाना और जब ऐसे जीव उपस्थित हुए, जिनके कान जिनवाणी सुनने योग्य थे, तब श्रावण कृष्ण एकम के पावन दिवस पर भगवान महावीर स्वामी की वाणी पुनः खिरी। यह प्रसंग इस बात का प्रतीक है कि धर्म वही फलित होता है, जहां श्रद्धा और ग्रहणशीलता होती है। वर्तमान समय की प्रवृत्तियों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज का व्यक्ति धन को सर्वाधिक महत्व देता है, जबकि संत, साधु और भगवान के प्रति उसकी आस्था कमजोर होती जा रही है। दान और धर्म के ऐतिहासिक महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि राजा श्रेयांश, जिन्होंने दान तीर्थ का संचालन किया, उन्होंने आदिनाथ मुनिराज को आहार दान दिया था, भगवान को नहीं। आदिनाथ भगवान ने दीर्घ और क्रमबद्ध उपवास किए।इससे यह सिद्ध होता है कि पहले दान तीर्थ चला और उसके पश्चात धर्म तीर्थ का प्रवर्तन हुआ। इसलिए जीवन में पहले दान की भावना विकसित करना आवश्यक है, उसके बाद ही प्रवचन और धर्म का वास्तविक लाभ प्राप्त होता है।आर्यिकारत्न आराधना श्रीजी ने कहा कि हम सभी भगवान महावीर स्वामी के शिष्य हैं, किंतु आज की जीवनशैली में लोग टीवी सीरियल देखने में अपनी आंखें थका देते हैं, जबकि जिनवाणी का अध्ययन और श्रवण करना चाहिए। जिनवाणी ही आत्मकल्याण का सच्चा मार्ग दिखाती है। उदाहरण देते हुए कहा मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने राजपाट का त्याग कर वनवास स्वीकार किया, जो त्याग, संयम और धर्म के आदर्श को दर्शाता है। धर्मसभा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। सभी ने जिनवाणी, दान, संयम और त्याग के संदेशों को अपने जीवन में उतारने का संकल्प लिया। कार्यक्रम का वातावरण धर्ममय और श्रद्धा से परिपूर्ण रहा।

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  • Post by User8443
    2
    Post by User8443
    user_User8443
    User8443
    Bhopal•
    22 hrs ago
  • https://chat.whatsapp.com/BnjynFesISq9jUsJ5RA9ix जुड़े हमारे व्हाट्स ऐप ग्रुप से ओर अपनी खबर हमे शेयर करें
    1
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    user_राजेश पाटीदार
    राजेश पाटीदार
    Rajgarh•
    19 hrs ago
  • इंदौर। विधायक गोलू शुक्ला के बड़े बेटे-बहू ने तोड़ा नियम, खजराना गणेश के गर्भगृह में एक-दूसरे को माला पहनाई। छोटा बेटा भी तोड़ता रहा प्रोटोकॉल #indorelocal
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    इंदौर। विधायक गोलू शुक्ला के बड़े बेटे-बहू ने तोड़ा नियम, खजराना गणेश के गर्भगृह में एक-दूसरे को माला पहनाई। छोटा बेटा भी तोड़ता रहा प्रोटोकॉल
#indorelocal
    user_Indore Local
    Indore Local
    Indore•
    15 hrs ago
  • Post by Mo.Shahid Lala
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    Post by Mo.Shahid Lala
    user_Mo.Shahid Lala
    Mo.Shahid Lala
    निष्पक्ष निड़र पत्रकार Indore•
    16 hrs ago
  • कलयुगी बेटे का कारनामा, जिन्दा पिता को ले गए श्मशान, ऐसे लोगों को क्या कहेंगे आप? ...सत्य खबर कलयुगी बेटे का कारनामा वायरल बाप के जीवित होते हुए भी ले गए शमशान
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    कलयुगी बेटे का कारनामा, जिन्दा पिता को ले गए श्मशान, ऐसे लोगों को क्या कहेंगे आप? ...सत्य खबर कलयुगी बेटे का कारनामा वायरल बाप के जीवित होते हुए भी ले गए शमशान
    user_Kapil Dehuliya
    Kapil Dehuliya
    Job Indore•
    18 hrs ago
  • *ठंड से सुरक्षा, जीवन की रक्षा* *जिले में नवजात शिशुओं की जान बचाने प्रशासन की पहल* खरगोन 18 दिसंबर 2025। जिले में नवजात शिशुओं को ठंड से होने वाली जटिलताओं से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहल की गई है। कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल के निर्देशन में जिले में संचालित 108 एम्बुलेंस एवं जननी एम्बुलेंस वाहनों में कंबलों की व्यवस्था की गई है, जिससे शिशुओं को सुरक्षित रूप से स्वास्थ्य संस्थाओं तक पहुंचाया जा सके। इस दौरान कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने कहा कि ठंड के मौसम में नवजात शिशुओं को उपचार अथवा रेफर किए जाने के दौरान हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेंस वाहनों में कंबल उपलब्ध कराए गए हैं तथा वहां कार्यरत स्टाफ को नवजात शिशुओं की देखभाल के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि शिशुओं के शरीर का तापमान सुरक्षित रखा जा सके। कलेक्टर सुश्री मित्तल ने जिले के समस्त अभिभावकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि नवजात शिशुओं को एम्बुलेंस में लाते-ले जाते समय उन्हें अच्छी तरह ढककर लाया जाए, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। जनजागरूकता एवं नवजात शिशुओं की सुरक्षा के उद्देश्य से रोटरी क्लब खरगोन द्वारा जिले में संचालित 108 एवं जननी एम्बुलेंस वाहनों के लिए 60 कंबल प्रदान किए गए। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दौलत सिंह चौहान ने इस जनहितकारी पहल के लिए जिला प्रशासन एवं रोटरी क्लब का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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    *ठंड से सुरक्षा, जीवन की रक्षा*
*जिले में नवजात शिशुओं की जान बचाने प्रशासन की पहल*
खरगोन 18 दिसंबर 2025। जिले में नवजात शिशुओं को ठंड से होने वाली जटिलताओं से बचाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा पहल की गई है। कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल के निर्देशन में जिले में संचालित 108 एम्बुलेंस एवं जननी एम्बुलेंस वाहनों में कंबलों की व्यवस्था की गई है, जिससे शिशुओं को सुरक्षित रूप से स्वास्थ्य संस्थाओं तक पहुंचाया जा सके।
इस दौरान कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने कहा कि ठंड के मौसम में नवजात शिशुओं को उपचार अथवा रेफर किए जाने के दौरान हाइपोथर्मिया का खतरा रहता है। इसी को ध्यान में रखते हुए एम्बुलेंस वाहनों में कंबल उपलब्ध कराए गए हैं तथा वहां कार्यरत स्टाफ को नवजात शिशुओं की देखभाल के संबंध में प्रशिक्षण भी दिया गया है, ताकि शिशुओं के शरीर का तापमान सुरक्षित रखा जा सके।
कलेक्टर सुश्री मित्तल ने जिले के समस्त अभिभावकों एवं स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि नवजात शिशुओं को एम्बुलेंस में लाते-ले जाते समय उन्हें अच्छी तरह ढककर लाया जाए, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
जनजागरूकता एवं नवजात शिशुओं की सुरक्षा के उद्देश्य से रोटरी क्लब खरगोन द्वारा जिले में संचालित 108 एवं जननी एम्बुलेंस वाहनों के लिए 60 कंबल प्रदान किए गए।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दौलत सिंह चौहान ने इस जनहितकारी पहल के लिए जिला प्रशासन एवं रोटरी क्लब का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।
    user_रिपोर्टर भगवान सिंह चौहान
    रिपोर्टर भगवान सिंह चौहान
    Khargone•
    14 hrs ago
  • Post by प्रेस क्लब अध्यक्ष बेटमा रणजीत मंडलोई
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    Post by प्रेस क्लब अध्यक्ष बेटमा रणजीत मंडलोई
    user_प्रेस क्लब अध्यक्ष बेटमा रणजीत मंडलोई
    प्रेस क्लब अध्यक्ष बेटमा रणजीत मंडलोई
    खबर भारत360 न्यूज Live Indore•
    15 hrs ago
  • Pratap Singh Thakur Congress neta
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    Pratap Singh Thakur Congress neta
    user_Pratap Singh
    Pratap Singh
    Raisen•
    11 hrs ago
  • MGNREGA पर घमासान, लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पेश किया 'वीबी जी रामजी' बिल, केंद्र सरकार मनरेगा को खत्म करके नया ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ कानून लाने की तैयारी में है. कांग्रेस ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया, पूरी डिबेट देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें ....https://www.facebook.com/share/v/1U7emDyfDS/
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    MGNREGA पर घमासान, लोकसभा में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान  ने पेश किया 'वीबी जी रामजी' बिल, केंद्र सरकार मनरेगा को खत्म करके नया ‘विकसित भारत गारंटी फॉर रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण)’ कानून लाने की तैयारी में है. कांग्रेस ने इसे महात्मा गांधी का अपमान बताया, पूरी डिबेट देखने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें ....https://www.facebook.com/share/v/1U7emDyfDS/
    user_Rajpath News
    Rajpath News
    Journalist East Nimar•
    18 hrs ago
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