बच्चों के क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारी नहीं अभिभावक बने - मुख्य न्यायाधीश श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के मुख्य न्यायाधीश ने किया कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन जोधपुर बाल अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित बाल परामर्श एवं कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में आधारभूत सतत् नवीन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि, बाल संरक्षण की दिशा में काम करने वाले बच्चों के अभिभावक बनकर काम करें। बच्चों के लिए काम करते समय अधिकारी या कर्मचारी होने का भाव छोड़ना होगा। दिव्यांग बच्चों के लिए उन्होंने कहा कि इन्हें समानता का अधिकार मिलना चाहिए और पूर्ण मनोयोग से इनके लिए सेवा भाव से कम करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री मनोज कुमार गर्ग ने रामायण का दृष्टांत देते हुए कहा कि हम सभी को रामसेतु के निर्माण में जिस प्रकार से गिलहरी ने अपना योगदान दिया उसी प्रकार से अपने सामर्थ्य के अनुसार बच्चों के लिए सेवा भाव से सहयोग करना चाहिए। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय पोक्सो कमेटी की अध्यक्षा न्यायाधिपति रेखा बोराणा उपस्थित रही। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के वरिष्ठ सलाहकार श्री राकेश कुमार चौधरी ने बताया कि किशोर न्याय समिति राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश श्री संदीप मेहता के निर्देश से बाल परामर्श एवं कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ दो वर्ष पूर्व हुआ था। केन्द्र में देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को सक्षम बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। बालिका गृह एवं नारी निकेतन की आवासिनियों के साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में निवासरत बालिकाओं के लिए मन सोसाइटी द्वारा म्यूजिक क्लास, जियो और जीने दो संस्था द्वारा सिलाई प्रशिक्षण एवं सिलाई मशीन रिपेयरिंग, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र, पुलिस आयुक्तालय जोधपुर द्वारा सेल्फ डिफेंस, सॉफ्टटेक एजुकेशन सोसाइटी द्वारा कंप्यूटर लिटरेसी कोर्स का शुभारंभ मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायाधिपतियों द्वारा रिबन काटकर किया गया। कार्यक्रम में नेत्रहीन विकास संस्थान की दिव्यांग बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मास्टर ट्रेनर शारदा पूनिया, निर्मला चौधरी एवं सुशीला चौधरी के निर्देशन में सेल्फ डिफेंस एक्टिविटी को प्रदर्शित किया। बाल सचिवालय से कृष्णा वैष्णव ने गीत “रिक्त हो तो इस धरा को दे सकोगे क्या ये बोलो साधना से कर लो संचित, ज्ञान के तब कोष खोलो” दिव्या कुमावत द्वारा शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया गया। अतिथियों द्वारा समाजसेवी योगेश लोहिया का सम्मान किया गया। इस अवसर पर श्वेता देवड़ा द्वारा निर्मित शॉर्ट फिल्म द स्पेशल स्टार रिलीज की गई। अतिथियों का स्वागत डॉ बी एल सारस्वत सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई जोधपुर ने किया। आभार मनमीत कौर संयुक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जोधपुर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन दिव्यांग बच्चों द्वारा सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान से हुआ। कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री प्रमिल कुमार माथुर, मुख्य न्यायाधीश के प्रमुख सचिव श्री अजय सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला सचिव डॉ मनीषा चौधरी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर सचिव श्री पुखराज गहलोत, किशोर न्याय बोर्ड प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट श्री शैलेंद्र चौधरी, श्री आशुतोष श्रीवास्तव, श्री सुरेश राठी, श्री सौरभ राठी, श्री ललित लोहिया, श्री दीपन व्यास, श्री महावीर कांकरिया, निरूपा पटवा, श्री चंद्र प्रकाश डागा, नारी निकेतन अधीक्षक रेखा शेखावत राजकीय बालिका गृह अधीक्षक रक्षिता कविराज राजकीय किशोर एवं संप्रेषण गृह अधीक्षक श्री रामनारायण बिश्नोई छात्रावास अधीक्षक संतोष पंवार किशोर न्याय बोर्ड सदस्य श्री माधौसिंह सांखला, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्री विक्रम सरगरा, सदस्य श्री अनिल मरवन, रंजू बिश्नोई उपस्थित रहे।
बच्चों के क्षेत्र में काम करने वाले अधिकारी नहीं अभिभावक बने - मुख्य न्यायाधीश श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर के मुख्य न्यायाधीश ने किया कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन जोधपुर बाल अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित बाल परामर्श एवं कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में आधारभूत सतत् नवीन प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश श्री मनीन्द्र मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि, बाल संरक्षण की दिशा में काम करने वाले बच्चों के अभिभावक बनकर काम करें। बच्चों के लिए काम करते समय अधिकारी या कर्मचारी होने का भाव छोड़ना होगा। दिव्यांग बच्चों के लिए उन्होंने कहा कि इन्हें समानता का अधिकार मिलना चाहिए और पूर्ण मनोयोग से इनके लिए सेवा भाव से कम करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री मनोज कुमार गर्ग ने रामायण का दृष्टांत देते हुए कहा कि हम सभी को रामसेतु के निर्माण में जिस प्रकार से गिलहरी ने अपना योगदान दिया उसी प्रकार से अपने सामर्थ्य के अनुसार बच्चों के लिए सेवा भाव से सहयोग करना चाहिए। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय पोक्सो कमेटी की अध्यक्षा न्यायाधिपति रेखा बोराणा उपस्थित रही। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के वरिष्ठ सलाहकार श्री राकेश कुमार चौधरी ने बताया कि किशोर न्याय समिति राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश श्री संदीप मेहता के निर्देश से बाल परामर्श एवं कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का शुभारंभ दो वर्ष पूर्व हुआ था। केन्द्र में देखभाल एवं संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चों को सक्षम बनाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ने हेतु कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जाते हैं। बालिका गृह एवं नारी निकेतन की आवासिनियों के साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के छात्रावासों में निवासरत बालिकाओं के लिए मन सोसाइटी द्वारा म्यूजिक क्लास, जियो और जीने दो संस्था द्वारा सिलाई प्रशिक्षण एवं सिलाई मशीन रिपेयरिंग, महिला शक्ति आत्मरक्षा केंद्र, पुलिस आयुक्तालय जोधपुर द्वारा सेल्फ डिफेंस, सॉफ्टटेक एजुकेशन सोसाइटी द्वारा कंप्यूटर लिटरेसी कोर्स का शुभारंभ मुख्य न्यायाधीश एवं न्यायाधिपतियों द्वारा रिबन काटकर किया गया। कार्यक्रम में नेत्रहीन विकास संस्थान की दिव्यांग बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मास्टर ट्रेनर शारदा पूनिया, निर्मला चौधरी एवं सुशीला चौधरी के निर्देशन में सेल्फ डिफेंस एक्टिविटी को प्रदर्शित किया। बाल सचिवालय से कृष्णा वैष्णव ने गीत “रिक्त हो तो इस धरा को दे सकोगे क्या ये बोलो साधना से कर लो संचित, ज्ञान के तब कोष खोलो” दिव्या कुमावत द्वारा शास्त्रीय संगीत प्रस्तुत किया गया। अतिथियों द्वारा समाजसेवी योगेश लोहिया का सम्मान किया गया। इस अवसर पर श्वेता देवड़ा द्वारा निर्मित शॉर्ट फिल्म द स्पेशल स्टार रिलीज की गई। अतिथियों का स्वागत डॉ बी एल सारस्वत सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई जोधपुर ने किया। आभार मनमीत कौर संयुक्त निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग जोधपुर ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन दिव्यांग बच्चों द्वारा सांकेतिक भाषा में राष्ट्रगान से हुआ। कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल श्री प्रमिल कुमार माथुर, मुख्य न्यायाधीश के प्रमुख सचिव श्री अजय सिंह, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर जिला सचिव डॉ मनीषा चौधरी, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जोधपुर महानगर सचिव श्री पुखराज गहलोत, किशोर न्याय बोर्ड प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट श्री शैलेंद्र चौधरी, श्री आशुतोष श्रीवास्तव, श्री सुरेश राठी, श्री सौरभ राठी, श्री ललित लोहिया, श्री दीपन व्यास, श्री महावीर कांकरिया, निरूपा पटवा, श्री चंद्र प्रकाश डागा, नारी निकेतन अधीक्षक रेखा शेखावत राजकीय बालिका गृह अधीक्षक रक्षिता कविराज राजकीय किशोर एवं संप्रेषण गृह अधीक्षक श्री रामनारायण बिश्नोई छात्रावास अधीक्षक संतोष पंवार किशोर न्याय बोर्ड सदस्य श्री माधौसिंह सांखला, बाल कल्याण समिति अध्यक्ष श्री विक्रम सरगरा, सदस्य श्री अनिल मरवन, रंजू बिश्नोई उपस्थित रहे।