हटा मे अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा हटा/दमोह: प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने शराब खोरी और उससे जुड़ी सामाजिक समस्याओं को लेकर खुलकर आवाज उठाई है। उनका कहना है कि गांव-गांव में शराब की उपलब्धता और उससे जुड़ी गतिविधियों के कारण महिलाएं मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं। लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं ने स्पष्ट कहा: "हमें पैसे नहीं चाहिए, लेकिन गांवों में शराब बिकवाना बंद करिए।" उनका आरोप है कि शराब के कारण घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, और बच्चों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ता जा रहा है। भगवती मानव कल्याण संगठन की महिला सदस्याओं ने बताया: वे नशा मुक्ति अभियान चलाना चाहती हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर उन्हें विरोध, धमकी और असहयोग का सामना करना पड़ता है। कई बार उन्हें डराया-धमकाया जाता है, और झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की जाती है। महिलाओं का कहना है: सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे अवैध शराब बिक्री, नशे से जुड़ी गतिविधियों और असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करें। "हमारी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए। हम सिर्फ सुरक्षित जीवन और सम्मान चाहते हैं।" जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से अपील की गई है: - गांवों में शराब बिक्री पर रोक लगाई जाए - महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए - नशा मुक्ति अभियान को सहयोग दिया जाए - असामाजिक गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो समाज की नारी शक्ति आज जाग चुकी है — अब उन्हें समर्थन और सुरक्षा की ज़रूरत है, न कि सिर्फ वादे। समाचार MP के लिये आशीष दुबे की रिपोर्ट
हटा मे अवैध शराब के खिलाफ महिलाओं ने खोला मोर्चा हटा/दमोह: प्रदेश के कई ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने शराब खोरी और उससे जुड़ी सामाजिक समस्याओं को लेकर खुलकर आवाज उठाई है। उनका कहना है कि गांव-गांव में शराब की उपलब्धता और उससे जुड़ी गतिविधियों के कारण महिलाएं मानसिक, सामाजिक और पारिवारिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं। लाडली बहना योजना की लाभार्थी महिलाओं ने स्पष्ट कहा: "हमें पैसे नहीं चाहिए, लेकिन गांवों में शराब बिकवाना बंद करिए।" उनका आरोप है कि शराब के कारण घरेलू हिंसा, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार, और बच्चों की सुरक्षा पर खतरा बढ़ता जा रहा है। भगवती मानव कल्याण संगठन की महिला सदस्याओं ने बताया: वे नशा मुक्ति अभियान चलाना चाहती हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर उन्हें विरोध, धमकी और असहयोग का सामना करना पड़ता है। कई बार उन्हें डराया-धमकाया जाता है, और झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की जाती है। महिलाओं का कहना है: सरकार और प्रशासन को चाहिए कि वे अवैध शराब बिक्री, नशे से जुड़ी गतिविधियों और असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करें। "हमारी आवाज को दबाया नहीं जाना चाहिए। हम सिर्फ सुरक्षित जीवन और सम्मान चाहते हैं।" जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से अपील की गई है: - गांवों में शराब बिक्री पर रोक लगाई जाए - महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए - नशा मुक्ति अभियान को सहयोग दिया जाए - असामाजिक गतिविधियों में लिप्त लोगों पर कानूनी कार्रवाई हो समाज की नारी शक्ति आज जाग चुकी है — अब उन्हें समर्थन और सुरक्षा की ज़रूरत है, न कि सिर्फ वादे। समाचार MP के लिये आशीष दुबे की रिपोर्ट
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