*कृषि सखियों ने सीखी जीवामृत बनाने की विधि* ------------ राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र पन्ना में आयोजित कृषि सखियों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का दूसरा दिन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि सखियों को रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए उन्हें प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करना और मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करना है। शिविर के दौरान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. पी.एन. त्रिपाठी ने मृदा में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ाने हेतु जीवामृत और घन जीवामृत इस्तेमाल करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कृषि सखियों को जीवामृत बनाना सिखाया। साथ ही इसके प्रयोग करने के तरीके भी विस्तारपूर्वक साझा किए। परियोजना संचालक आत्मा ए.पी. सुमन ने कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों को कृषकों के प्रक्षेत्र पर उतारने के लिए संबोधित किया। नोडल अधिकारी डॉ. रितेश कुमार जायसवाल ने प्राकृतिक खेती के प्रमुख घटकों, बीजामृत, जीवामृत एवं घनजीवामृत, आच्छादन, वाप्सा और फसल विविधीकरण पर विस्तृत प्रकाश डाला। उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. एन. के. गुप्ता ने उन्नत पशुपालन के तीन मंत्र संतुलित पोषण, समय पर टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान की जानकारी साझा की। उन्होंने दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान और कृमिनाशक दवाइयों के महत्व को भी बताया। जिला प्रबंधक आजीविका मिशन प्रमोद शुक्ला ने मृदा परीक्षण, प्रमाणित बीजों के उपयोग और उन्नत सिंचाई तकनीकों की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जयचंद लोधी, वैज्ञानिक डॉ. रणविजय प्रताप सिंह, रितेश बागोरा, देशराज प्रजापति एवं कृषि सखियां उपस्थित रहीं।
*कृषि सखियों ने सीखी जीवामृत बनाने की विधि* ------------ राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन अंतर्गत कृषि विज्ञान केंद्र पन्ना में आयोजित कृषि सखियों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का दूसरा दिन संपन्न हुआ। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य कृषि सखियों को रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से अवगत कराते हुए उन्हें प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित करना और मास्टर ट्रेनर के रूप में तैयार करना है। शिविर के दौरान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. पी.एन. त्रिपाठी ने मृदा में सूक्ष्म जीवों की संख्या बढ़ाने हेतु जीवामृत और घन जीवामृत इस्तेमाल करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने कृषि सखियों को जीवामृत बनाना सिखाया। साथ ही इसके प्रयोग करने के तरीके भी विस्तारपूर्वक साझा किए। परियोजना संचालक आत्मा ए.पी. सुमन ने कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती के सिद्धांतों को कृषकों के प्रक्षेत्र पर उतारने के लिए संबोधित किया। नोडल अधिकारी डॉ. रितेश कुमार जायसवाल ने प्राकृतिक खेती के प्रमुख घटकों, बीजामृत, जीवामृत एवं घनजीवामृत, आच्छादन, वाप्सा और फसल विविधीकरण पर विस्तृत प्रकाश डाला। उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. एन. के. गुप्ता ने उन्नत पशुपालन के तीन मंत्र संतुलित पोषण, समय पर टीकाकरण और कृत्रिम गर्भाधान की जानकारी साझा की। उन्होंने दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान और कृमिनाशक दवाइयों के महत्व को भी बताया। जिला प्रबंधक आजीविका मिशन प्रमोद शुक्ला ने मृदा परीक्षण, प्रमाणित बीजों के उपयोग और उन्नत सिंचाई तकनीकों की जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी जयचंद लोधी, वैज्ञानिक डॉ. रणविजय प्रताप सिंह, रितेश बागोरा, देशराज प्रजापति एवं कृषि सखियां उपस्थित रहीं।
- पुलिस के संरक्षण मे वितरित हुई खाद अजयगढ़:-अजयगढ़ मे पिछले दिनों खाद वितरण मे भारी मारा मारी देखने को मिली। किसानो के द्वारा खाद विक्रेता के ऊपर खाद को व्यापारियों और ब्लैक मे बेचने का आरोप लगाया।शासन के द्वारा अलग से टोकन काटने के बाद भी किसानों मे असंतोष देखने को मिल रहा था जिसके बाद एसडीएम आलोक मार्को व तहसीलदार सुरेंद्र कुमार के द्वारा एक नई व्यवस्था करते हुए थाना परिसर अजयगढ़ सहित दुसरे स्थान से भी टोकन काटने की व्यवस्था की गई। टोकन के बाद ही खाद का वितरण किया गया।थाना परिसर से टोकन वितरण होने से किसानों ने भी संतोष व्यक्त किया और कहा की शासन के द्वारा पारदर्शिता के साथ काम किया जा रहा है।3
- हटा नगर में आए दिन जाम जैसी स्थिति 108 को निकालने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा ऐसे में गंभीर मरीज को जान का खतरा पुलिस प्रशासन नहीं दे रही ध्यान1
- बांदा में लगेगा आस्था का महाकुंभ बांदा आगमन परम पूज्य पंडित धीरेन्द्र शास्त्री 16जनवरी से 20जनवरी 2026 तक हनुमान कथा का आयोजन बुंदेलखंड यूथ फाउंडेशन के संस्थापक प्रवीण सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी जानकारी1
- टेंपो को ओवरटेक करते समय पिकअप की चपेट में आने से बाइक सवार पति-पत्नी बच्चे सहित तीन लोगों की हुई मौत हमारे साथ जुड़े रहें और हमेशा सही और समय पर जानकारी पाएं। **अभय टीवी** पर सब्सक्राइब करें और हमेशा अपडेटेड रहें! यूट्यूब लिंक https://youtu.be/4URJRb4pPpw अभय टी0 वी0 में ताजा खबरें देखने के लिए हमारे चैनल को शेयर और सब्सक्राइब करें, साथ ही सुझाव के लिए कमेंट जरुर से जरूर करें, नई-नई खबरें देखने के लिए बैल आइकन दबाना ना भूले1
- टीकमगढ़ जिले के बिकास खंड जतारा के अंतर्गत ग्राम पंचायत दरगाह कलां के कौड़ियां गांव में आंगनबाड़ी करीब तीन साल से खड़ी आखिर क्यों ग्राम के लोगों का आरोप है कि पूरा रुपए निकाल कर खा गए लेकिन काम अधूरा देखिए खास रिपोर्ट1
- *जैविक हाट बाजार पर उठे सवाल, एक परिवार फूड पॉइजनिंग का शिकार* कटनी – जिला अस्पताल कटनी के सामने नगर निगम सब्जी मार्केट में शुरू किए गए जैविक एवं प्राकृतिक हाट बाजार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो गए हैं। जैविक हाट से खरीदे गए खाद्य पदार्थों के सेवन के बाद एक ही परिवार के चार सदस्य फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। गौरतलब है कि जैविक एवं प्राकृतिक हाट बाजार का शुभारंभ मंगलवार 9 दिसंबर को दोपहर 12.30 बजे किया गया था। इस अवसर पर जिले के आला अधिकारी भी मौजूद रहे। इस हाट बाजार में जिले के जैविक और प्राकृतिक खेती करने वाले किसान हर मंगलवार अपने उत्पादों का विक्रय करते हैं। दावा किया गया था कि यहां उपलब्ध उत्पाद स्वाद, पौष्टिकता और गुणवत्ता में बेहतर होंगे। लेकिन दूसरे ही मंगलवार, 16 दिसंबर को होटल व्यवसायी विकास साहू ने जैविक हाट बाजार से कोदो का आटा (1 किलो) और कुटकी का आटा (500 ग्राम) खरीदा। परिवार द्वारा कोदो के आटे की रोटी खाने के बाद 18 दिसंबर को विकास साहू, उनकी पत्नी और दोनों बेटियों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। सभी को उल्टी-दस्त और पेट दर्द जैसी समान समस्याएं हुईं, जिसके बाद उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। पीड़ित परिवार की बेटी, अधिवक्ता साक्षी साहू ने बताया कि कोदो के आटे की रोटी खाने के करीब दो घंटे बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उस समय वह जिला न्यायालय में थीं और उन्होंने अपने पिता को फोन पर इसकी जानकारी दी। इसके बाद पिता ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। वहीं घर पर मौजूद विकास साहू की पत्नी और छोटी बेटी की भी तबीयत बिगड़ गई, जिन्हें भी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। परिवार का आरोप है कि फूड पॉइजनिंग का कारण जैविक हाट से खरीदा गया कोदो का आटा ही है। विकास साहू के पास आटा खरीदने का बिल भी मौजूद है। इस घटना के बाद जैविक और प्राकृतिक हाट बाजार में बिकने वाले खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और जांच प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि जैविक हाट में विक्रय से पहले खाद्य सामग्री की नियमित जांच और प्रमाणन जरूरी है, ताकि भविष्य में किसी और परिवार को इस तरह की गंभीर समस्या का सामना न करना पड़े।1
- जंगली सुअर का शिकार कर ले जा रहे दो आरोपी पिता-पुत्र को वन विभाग की टीम ने पकड़ा रिपोर्ट - पुष्पेंद्र रैकवार1
- हमारे साथ जुड़े रहें और हमेशा सही और समय पर जानकारी पाएं। **अभय टीवी** पर सब्सक्राइब करें और हमेशा अपडेटेड रहें! तेरह सूत्री मांगों को लेकर ड्राइवर महासंघ ने जिलाधिकारी को सोपा ज्ञापन यूट्यूब लिंक https://youtu.be/s9dkMJwGDC4 अभय टी0 वी0 में ताजा खबरें देखने के लिए हमारे चैनल को शेयर और सब्सक्राइब करें, साथ ही सुझाव के लिए कमेंट जरुर से जरूर करे, नई-नई खबरें देखने के लिए बैल आइकन दबाना ना भूले1
- 82साल के सुरेश प्रसाद मिश्रा जी के साथ देखिए खास रिपोर्ट 82साल के बाद किया कुछ बिकास हुआ है1