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दिगेन्द्र दिनेश बाजपेई
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- राहगीर योजना के बारे में आमजन को जानकारी देते दतिया कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े.......1
- कई वर्षों से अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के संस्थापक अरविंद चौहान जी के द्वारा ग्वालियर चंबल संभाग में गरीबों की कर रहे निस्वार्थ सेवा...........👀🌹 ग्वालियर महाराज बाड़ा पर ठंड से राहत पहुंचाने के उद्देश्य से रोड पर सोए हुए ग़रीब जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरण ....। अचलनाथ मानव सेवा संस्थान के द्वारा संस्थापक:- अरविंद चौहान ।1
- ये नोकरी में नही रहेगा नेताओं के आज्ञाकारी बनने पर कलेक्टर पटवारी की छुट्टी करदी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ कलेक्टर स्वप्निल वानखड़े 80 किमी दूर बसई पहुंचे। यहां सांदीपनी स्कूल में लोगों की समस्याऐं सुनी । इसमें बसई हल्का पटवारी सत्येंद्र शर्मा को फटकार लगाकर निलंबित कर दिया। कलेक्टर ने एसडीएम से कहा- जो नेताओं के लिए काम करते हैं ऐसे आदमी नहीं चाहिए। इसे सस्पेंड करो और अच्छे आदमी को रखो। उन्होंने तहसीलदार से कहा- आप आज ही नाली सीधी बनवाओ अन्यथा आपको भी सस्पेंड करा दूंगा। दरअसल, बसई में लंबे समय से नाली निर्माण चल रहा है। कुछ लोगों के मकान रोड से सटकर बने हैं जिसके चलते उन मकानों को बचाने नाली को तिरछा कर दिया। 16 जुलाई 2025 को कलेक्टर बसई में पहुंचे थे तब भी यही शिकायत आई थी। तब कलेक्टर ने नाली को सीधा बनाने के निर्देश दिए थे। पुनः बसई पहुंचे और बसई निवासी श्रेया पुत्री दिनेश लखेरा ने आवेदन देकर बताया उसकी पड़ोसी गायत्री पुत्री पातीराम कुशवाहा एवं उसकी बहनों ने अपने घर की सीमा से आगे बढ़कर श्रेया के घर के सामने अवैध नाली निर्माण कर ऊपर दीवार खड़ी की जा रही है। जनसुनवाई में ज्यादातर लोगों ने पटवारी सत्येंद्र शर्मा पर सही काम न करने के आरोप लगाए। जिसके चलते कलेक्टर ने मौके पर ही पटवारी को सस्पेंड कर विभागीय जांच करने के भी निर्देश दिए। एसडीएम संतोष तिवारी ने पटवारी के निलंबन का आदेश जारी कर दिया।1
- दतिया गुर्जर और यादव समाज ने एक साथ दिया ज्ञापन कोतवाली थाना का किया घेराव1
- सनातनियों से विशेष आग्रह है अपने बच्चों को जोकर नहीं बनाए बल्कि अपने संस्कार, सभ्यता एवं संस्कृति को बनाए रखना है।1
- ग्वालियर में शासकीय ज़मीन पर अतिक्रमण, दबंगों का आतंक—गरीब परिवार को घर छोड़ने पर किया मजबूर ग्वालियर शहर में शासकीय भूमि पर अवैध अतिक्रमण का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहाँ दबंगों के आतंक से त्रस्त एक गरीब परिवार को मजबूरन अपना घर छोड़ना पड़ा। पीड़ित परिवार ने हमारे संवाददाता से बातचीत में अपना दर्द साझा करते हुए बताया कि दबंगों की धमकियों और दबाव के कारण उनका सामान्य जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। पीड़ित का कहना है कि उन्होंने न्याय की आस में हर संभव दरवाज़ा खटखटाया—एसपी कार्यालय, कलेक्टर कार्यालय, स्थानीय पुलिस थाना और नगर निगम तक लिखित आवेदन दिए। अधिकारियों के सामने गुहार लगाई, लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद कहीं से भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। दबंगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे खुलेआम शासकीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए हैं और विरोध करने पर परिवार को डराया-धमकाया जा रहा है। न्याय न मिलने से निराश होकर आज पीड़ित परिवार मीडिया के सामने आया और अपनी आपबीती सुनाई। परिवार का आरोप है कि प्रशासनिक उदासीनता ने दबंगों को और ताकत दी है, जिसके चलते उन्हें अपने ही घर से बेदखल होना पड़ा। अब सवाल यह है कि जब एक गरीब परिवार सभी संवैधानिक और प्रशासनिक रास्ते अपनाने के बाद भी न्याय से वंचित रह जाए, तो भरोसा किस पर करे? क्या शासकीय ज़मीन पर हो रहे अतिक्रमण पर प्रशासन सख़्त कदम उठाएगा, या दबंगों का आतंक यूँ ही चलता रहेगा? प्रशासन से मांग: शासकीय भूमि से अवैध अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए। पीड़ित परिवार को सुरक्षा और पुनर्वास दिया जाए। मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख़्त कार्रवाई हो। मीडिया के माध्यम से उठी इस आवाज़ के बाद अब सबकी निगाहें प्रशासन की कार्रवाई पर टिकी हैं। क्या पीड़ित परिवार को मिलेगा न्याय—या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा?1
- लाडली बहनों को 2028 तक पांच हजार भी देने को तैयार हैं : मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने विपक्ष पर तंज कसते हुए कही ये बात.........1
- Post by विकास वर्मा1