पाठशाला की बहनें बच्चों को संस्कारवान बनाती है -- मुनिश्री सजग सागर संस्कारों से आत्मा परमात्मा बनती है - मुनिश्री सानंद सागर आचार्य विद्यासागर प्रामाणिक पाठशाला के बच्चों ने आचार्य विद्यासागर एवं समय सागर मुनिराज के चित्र का अनावरण किया श्रीमद दिगंबर जैनाचार्य समंतभद्र स्वामी द्वारा रचित रत्नकरण्डक श्रावकाचार ग्रंथ श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर श्रवण कराते हुए आचार्य आर्जव सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने कहा संस्कारों से आत्मा परमात्मा बनती है। पाठ--शालाओं से बच्चे संस्कारित होते हैं। समाज के अनेक लोग अपने बच्चों को पाठशाला नहीं भेजते हैं, जिसके कारण उनके बच्चे संस्कारित नहीं हो पाते हैं और जिंदगी भर संसार में भटकते है। जैसी संगति वैसी रंगति आने लगती है। मुनिश्री सानंद सागर जी ने एक ग्रामीण माता-पिता ने अपने बालक को जमीन बैचकर खूब पढ़ाया और वह कलेक्टर बन गया। जब पुत्र काफी दिनों तक गांव नहीं आया तो माता-पिता उससे मिलने गये और वहां गार्ड ने उन्हें रोका, पुत्र ने देख लिया , उनके साथ उपस्थित व्यक्ति ने पूछा कौन है, कहा गांव के मजदूर हैं, मिलने आए हैं। माता पिता को उसके जबाव की आवाज सुनाई दे गई, दोनों के दिल टूट गए। अहम आ गया था उस बेटे को क्योंकि संस्कार नहीं थे, उसी का परिणाम यह स्थिति बनी थी। बच्चे तो नादान माटी के धड़े के समान है। पाठशाला जाने वाले बच्चे महान बनते हैं। कभी भी माता -पिता और बड़ों का अनादर नहीं करते हैं। पाठशाला आपके बच्चों को धार्मिक और लौकिक संस्कार देने वाली है। पाठशाला की अलग छाप होना चाहिए। मुनिश्री ने कहा हमारे निमित्त से धर्म हो, यही संस्कार होना चाहिए। आपने एक वृतांत सुनाया कि आचार्य संघ ने चातुर्मास कराने वाले गांव वालों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह गांव उजड़ जाएं और दूसरे गांव के लोगों से कहा कि हरा-भरा बना रहे। अलग-अलग आशीर्वाद पर एक श्रद्धालु ने उनसे पूछा आपने ऐसा आशीर्वाद क्यों दिया, आचार्य श्री ने कहा कि यह गांव उजड़ेगा तो जितने भी यहां पर संस्कारित लोग हैं वह गांव उजड़ते ही अलग--अलग गांवों में जाकर वहां धर्म प्रभावना करेंगे तथा जिस गांव को हरा-भरा रहने का किया, वहां रहने वाले बिगड़े हुए हैं, यह यही रहेंगे तो दूसरे गांव वालों को नहीं बिगाड़ेंगे। मुनिश्री सजग सागर मुनिराज ने कहा धर्म के संस्कार नहीं पड़ने पर बच्चे भटक जाते हैं। दो बच्चों का वृत्तांत सुनाया। एक पढ़ाई में अच्छा था और दूसरा कमजोर था। एक संस्कारवान था और दूसरा संस्कार विहीन था। जो नौकरी करता है वह अपने माता-पिता से दूर हो गया, कभी कभार गांव आता था। अपने माता-पिता को मुंबई ले जाकर खूब सेवा की, समाधि मरण कराया। दूसरा बेटा नहीं आया। पाठशाला की बहनों की बहुत मेहनत है वह बच्चों को संस्कारवान बनाती है। आज संस्कार बहुत जरूरी है, अन्यथा भटक जाएगा। बच्चों को धार्मिक शिक्षा और संस्कार भी जरूरी है। संस्कार बहुत ही विशेष होते हैं। एक बेटा सिर्फ धन, सम्पत्ति के लिए आता था। उसने माता - पिता की कोई सेवा नहीं की। अरिहंत पुरम निवासी सोमश्री बाई वृद्ध मां से मुनिश्री सजग सागर जी ने पूछा कि क्या आप आर्यिका बनना चाहती है, उन्होंने हां कहा। दस प्रतिमा लेकर सब कुछ छोड़कर त्यागी-तपस्वी बन गई। उपवास कर साधना बढ़ाई। मुनिश्री ने मंदिर के दर्शन कराएं, मूल नायक भगवान के अभिषेक दिखवाएं। समाज उत्कृष्ट समाधि मरण कराएं, आज आप सहयोग करेंगे तो कल आपकी भी अच्छी समाधि होगी। समाधि की तरफ आप सभी बड़े। ऐसी समाधि हर किसी की नहीं होती है। 22 वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान का ज्ञान कल्याणक मनाएंगे श्री दिगंबर जैन समाज द्वारा 22 वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान का ज्ञान कल्याणक महामहोत्सव 22 सितंबर सोमवार को सभी जिनालयों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। भगवान के अभिषेक, शांतिधारा कर पूजा अर्चना की जाएगी। सोमश्री बाई की उत्कृष्ट समाधि कराएं मुनिश्री सजग सागर मुनिराज ने कहां अरिहंत पुरम अलीपुर निवासी सोमश्री बाई ने दस प्रतिमाएं स्वीकार कर उसका पालन भी कर रही है। हम उनको धर्म आराधना कराने वहां पहुंचे और भगवान के दर्शन आदि भी करवाएं। सभी महिलाओं से कहा कि उनके पास जाकर णमोकार महामंत्र सुनाएं एवं उत्कृष्ट समाधि मरण कराने में सहभागी बनें, ताकि आपकी भी भविष्य में उत्कृष्ट समाधि मरण हो।
पाठशाला की बहनें बच्चों को संस्कारवान बनाती है -- मुनिश्री सजग सागर संस्कारों से आत्मा परमात्मा बनती है - मुनिश्री सानंद सागर आचार्य विद्यासागर प्रामाणिक पाठशाला के बच्चों ने आचार्य विद्यासागर एवं समय सागर मुनिराज के चित्र का अनावरण किया श्रीमद दिगंबर जैनाचार्य समंतभद्र स्वामी द्वारा रचित रत्नकरण्डक श्रावकाचार ग्रंथ श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन दिव्योदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र किला मंदिर पर श्रवण कराते हुए आचार्य आर्जव सागर मुनिराज के परम प्रभावक शिष्य मुनिश्री सानंद सागर मुनिराज ने कहा संस्कारों से आत्मा परमात्मा बनती है। पाठ--शालाओं से बच्चे संस्कारित होते हैं। समाज के अनेक लोग अपने बच्चों को पाठशाला नहीं भेजते हैं, जिसके कारण उनके बच्चे संस्कारित नहीं हो पाते हैं और जिंदगी भर संसार में भटकते है। जैसी संगति वैसी रंगति आने लगती है। मुनिश्री सानंद सागर जी ने एक ग्रामीण माता-पिता ने अपने बालक को जमीन बैचकर खूब पढ़ाया और वह कलेक्टर बन गया। जब पुत्र काफी दिनों तक गांव नहीं आया तो माता-पिता उससे मिलने गये और वहां गार्ड ने उन्हें रोका, पुत्र ने देख लिया , उनके साथ उपस्थित व्यक्ति ने पूछा कौन है, कहा गांव के मजदूर हैं, मिलने आए हैं। माता पिता को उसके जबाव की आवाज सुनाई दे गई, दोनों के दिल टूट गए। अहम आ गया था उस बेटे को क्योंकि संस्कार नहीं थे, उसी का परिणाम यह स्थिति बनी थी। बच्चे तो नादान माटी के धड़े के समान है। पाठशाला जाने वाले बच्चे महान बनते हैं। कभी भी माता -पिता और बड़ों का अनादर नहीं करते हैं। पाठशाला आपके बच्चों को धार्मिक और लौकिक संस्कार देने वाली है। पाठशाला की अलग छाप होना चाहिए। मुनिश्री ने कहा हमारे निमित्त से धर्म हो, यही संस्कार होना चाहिए। आपने एक वृतांत सुनाया कि आचार्य संघ ने चातुर्मास कराने वाले गांव वालों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि यह गांव उजड़ जाएं और दूसरे गांव के लोगों से कहा कि हरा-भरा बना रहे। अलग-अलग आशीर्वाद पर एक श्रद्धालु ने उनसे पूछा आपने ऐसा आशीर्वाद क्यों दिया, आचार्य श्री ने कहा कि यह गांव उजड़ेगा तो जितने भी यहां पर संस्कारित लोग हैं वह गांव उजड़ते ही अलग--अलग गांवों में जाकर वहां धर्म प्रभावना करेंगे तथा जिस गांव को हरा-भरा रहने का किया, वहां रहने वाले बिगड़े हुए हैं, यह यही रहेंगे तो दूसरे गांव वालों को नहीं बिगाड़ेंगे। मुनिश्री सजग सागर मुनिराज ने कहा धर्म के संस्कार नहीं पड़ने पर बच्चे भटक जाते हैं। दो बच्चों का वृत्तांत सुनाया। एक पढ़ाई में अच्छा था और दूसरा कमजोर था। एक संस्कारवान था और दूसरा संस्कार विहीन था। जो नौकरी करता है वह अपने माता-पिता से दूर हो गया, कभी कभार गांव आता था। अपने माता-पिता को मुंबई ले जाकर खूब सेवा की, समाधि मरण कराया। दूसरा बेटा नहीं आया। पाठशाला की बहनों की बहुत मेहनत है वह बच्चों को संस्कारवान बनाती है। आज संस्कार बहुत जरूरी है, अन्यथा भटक जाएगा। बच्चों को धार्मिक शिक्षा और संस्कार भी जरूरी है। संस्कार बहुत ही विशेष होते हैं। एक बेटा सिर्फ धन, सम्पत्ति के लिए आता था। उसने माता - पिता की कोई सेवा नहीं की। अरिहंत पुरम निवासी सोमश्री बाई वृद्ध मां से मुनिश्री सजग सागर जी ने पूछा कि क्या आप आर्यिका बनना चाहती है, उन्होंने हां कहा। दस प्रतिमा लेकर सब कुछ छोड़कर त्यागी-तपस्वी बन गई। उपवास कर साधना बढ़ाई। मुनिश्री ने मंदिर के दर्शन कराएं, मूल नायक भगवान के अभिषेक दिखवाएं। समाज उत्कृष्ट समाधि मरण कराएं, आज आप सहयोग करेंगे तो कल आपकी भी अच्छी समाधि होगी। समाधि की तरफ आप सभी बड़े। ऐसी समाधि हर किसी की नहीं होती है। 22 वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान का ज्ञान कल्याणक मनाएंगे श्री दिगंबर जैन समाज द्वारा 22 वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान का ज्ञान कल्याणक महामहोत्सव 22 सितंबर सोमवार को सभी जिनालयों में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। भगवान के अभिषेक, शांतिधारा कर पूजा अर्चना की जाएगी। सोमश्री बाई की उत्कृष्ट समाधि कराएं मुनिश्री सजग सागर मुनिराज ने कहां अरिहंत पुरम अलीपुर निवासी सोमश्री बाई ने दस प्रतिमाएं स्वीकार कर उसका पालन भी कर रही है। हम उनको धर्म आराधना कराने वहां पहुंचे और भगवान के दर्शन आदि भी करवाएं। सभी महिलाओं से कहा कि उनके पास जाकर णमोकार महामंत्र सुनाएं एवं उत्कृष्ट समाधि मरण कराने में सहभागी बनें, ताकि आपकी भी भविष्य में उत्कृष्ट समाधि मरण हो।
- आरएएफ (रैपिड एक्शन फोर्स) भोपाल इकाई द्वारा कानून-व्यवस्था की दृष्टि से अनुभाग आष्टा में एरिया डोमिनेशन एवं फ्लैग मार्च कियाl आरएएफ RAF (रैपिड एक्शन फोर्स) भोपाल इकाई, जो कानून-व्यवस्था की दृष्टि से जिला सीहोर हेतु आवंटित है, ने जावर एवं आष्टा क्षेत्रों में भ्रमण किया। इस दौरान साम्प्रदायिक चुनौती वाले क्षेत्रों, कानून-व्यवस्था की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों एवं अपराध-संभावित स्थानों का निरीक्षण कर संपूर्ण क्षेत्र के संबंध में आवश्यक जानकारी एकत्रित कीl जिला पुलिस बल के साथ समन्वय स्थापित करते हुए एरिया डोमिनेशन एवं फ्लैग मार्च निकाला, जिससे आमजन में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ हो सके। साथ ही किसी भी आपातकालीन स्थिति में आरएएफ द्वारा प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने की दृष्टि से भी यह भ्रमण हुआ। पुलिस अधीक्षक सीहोर के निर्देशन एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) आष्टा की उपस्थिति में थाना आष्टा, थाना पार्वती एवं थाना जावर के बल के साथ आरएएफ कंपनी द्वारा आष्टा क्षेत्र के संवेदनशील एवं अत्यधिक व्यस्त मार्गों पर एरिया डोमिनेशन एवं फ्लैग मार्च निकाला गया। फ्लैग मार्च अस्पताल चौराहा, खत्री मार्केट, राम मंदिर, गंज चौराहा, सिकंदर बाज़ार, बड़ा बाजार, पुराना बस स्टैंड होते हुए भ्रमण किया, जहां समय-समय पर सार्वजनिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं। जावर क्षेत्र में भी आरएएफ कंपनी एवं स्थानीय पुलिस बल द्वारा क्षेत्रों में एरिया डोमिनेशन करते हुए फ्लैग मार्च निकाला। इस कार्यवाही में अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) आष्टा थाना प्रभारी आष्टा — श्री गिरीश दुबे थाना प्रभारी पार्वती — श्री हरि सिंह परमार थाना प्रभारी जावर — श्रीमती नीता देयारवाल आरएएफ भोपाल इकाई एवं जिला पुलिस बल उपस्थित रहे।2
- *मल्हार स्मृति मंदिर देवास में आयोजित कला शिविर में विद्यार्थियों और कलाकारों द्वारा बनाए गए चित्रों का कलेक्टर ने किया अवलोकन।* आप देखिए पूरी खबर सी न्यूज़ भारत पर साजिद पठान की रिपोर्ट1
- क्षैत्र के ग्राम थुरिया जागठा,तीन टप्पर, की महिलाओं ने अवैध शराब बिक्री की एसडीएम एवं पुलिस को की शिकायत कन्नौद क्षेत्र के ग्राम थुरिया,जागठा, तीन टप्पर, की महिलाओ ने शराबियों से परेशान होकर गांव की दुकानों पर अवैध रूप से शराब बिक्री बंद करने के लिए मोर्चा खोल दिया है तीनो गांव की महिलाएं एक साथ कन्नौद एसडीएम कार्यालय एवं पुलिस थाना पहुंची, अधिकारियों को अवगत कराते हुए गांव में अवैध तरीके से डायरी के माध्यम से बिकने वाली शराब बंद करने की गुहार लगाई, मंगलवार दोपहर 1 बजे आवेदन में बताया कि ग्राम थुरिया, जागठा एवं तीन टप्पर तहसील कन्नौद मे डायरी द्वारा शराब बिक्री की जा रही है जिससे हम ग्राम की समस्त महिलाएं बहुत परेशान हैं ग्राम के लोग शराब पीकर गाली गलौज लड़ाई झगड़ा करते हैं, इससे बच्चों पर भी गलत असर पड़ रहा है हमारे आवेदन पत्र को स्वीकार करके उक्त दुकानों पर डायरी सिस्टम से जो अवैध शराब बिक्री हो रही है उसे रोका जाए, इस अवसर पर ग्राम जागठा सरपंच सोनाली वट्टी, गंगाबाई, किरण बाई,पांचीबाई, भूरी बाई सहित बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी1
- Post by Golu Lala1
- 👉जय श्री राम जय गौ माता सबसे निवेदन करता हूं बात का ध्यान रखें 💐💐🌹🌹🙏1
- जब 40 साल पुराना रास्ता होगा बंद, क्षेत्र के लोगों ने इकठ्ठा होकर जताया एतराज https://mmsnews24.com/dewasnews-66/ https://youtu.be/76K1GSk4bqs?si=bOnYOI5Ho0pHeJnr https://www.facebook.com/share/v/17jUWdymZQ/ https://www.instagram.com/reel/DSUYVOJDPNP/?igsh=MXh0c2c5MnRtenduZQ==1
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- नगर कन्नौद के मुख्य बाजार से नगर परिषद ने हटाया अतिक्रमण कन्नौद,नगर कन्नौद के बस स्टैंड से लेकर राजवाड़ा चौक तक मुख्य बाज़ार मार्ग से नगर परिषद एवं पुलिस प्रशासन द्वारा दोपहर के समय अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई इस दौरान सीएमओ अनिल जोशी एवं नगर परिषद के अमले की उपस्थिति में दुकानों के बाहर रखा सामान दुकानदारों द्वारा स्वयं हटाया गया दो दुकानों के बाहर लगे लोहे के स्टैंड एवं टेबल तकत को नगर परिषद के कर्मचारियों द्वारा जप्त कर लिया गया इसके साथ ही सभी दुकानदारों को सीएमओ अनिल जोशी द्वारा आगे से दुकानों के सामने बाहर सामान नहीं रखने की हिदायत भी दी गई मंगलवार दोपहर 3 बजे सीएमओ जोशी ने बताया कि बुलडोजर उपलब्ध नहीं हो पाया, आगे से आवागमन में बाधित दुकानों के बाहर हो रहे अतिक्रमण को बुलडोजर के माध्यम से हटाया जाएगा1