बी एम एस के महामंत्री पद की दावेदारी से किया इंकार उमरिया ---भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ जोहिला क्षेत्र में होने वाले मनोनयन में महामंत्री पद के लिए उभर कर आये दावेदारों में अशोक तिवारी का नाम भी प्रकाश में आया था ,जिस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की मैं मैंने भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ में किसी भी पद के लिए कोई भी दावेदारी नहीं की है , फिर भी समाचार पत्रों में मुझे दावेदार बता कर खबरें प्रकाशित की गयी है जबकि मै भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ का एक कार्यकर्ता हूं और उसमें रहते हुए मैंने संगठन के व्दारा दिये गये दायित्वों का समय-समय पर निर्वहन करता आ रहा हूं, लेकिन मेरी किसी भी पद के लिए मेरी दावेदारी नहीं है साथ ही इन ख़बरों से मेरा कौई वास्ता नहीं है ,यह खबर छापने के पहले मेरी प्रतिक्रिया नहीं ली गयी । मैं अभी भी भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ में कार्यकर्ता के रुप में कार्य करता आ रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा , फिर भी समाचार पत्रों में जो खबरें प्रकाशित हो रही है, उनसे मेरा कोई वास्ता नहीं है जिससे मैं साफ तौर पर अपने दावेदारी की खबर का खंडन करता हूं
बी एम एस के महामंत्री पद की दावेदारी से किया इंकार उमरिया ---भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ जोहिला क्षेत्र में होने वाले मनोनयन में महामंत्री पद के लिए उभर कर आये दावेदारों में अशोक तिवारी का नाम भी प्रकाश में आया था ,जिस पर उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा की मैं मैंने भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ में किसी भी पद के लिए कोई भी दावेदारी नहीं की है , फिर भी समाचार पत्रों में मुझे दावेदार बता कर खबरें प्रकाशित की गयी है जबकि मै भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ का एक कार्यकर्ता हूं और उसमें रहते हुए मैंने संगठन के व्दारा दिये गये दायित्वों का समय-समय पर निर्वहन करता आ रहा हूं, लेकिन मेरी किसी भी पद के लिए मेरी दावेदारी नहीं है साथ ही इन ख़बरों से मेरा कौई वास्ता नहीं है ,यह खबर छापने के पहले मेरी प्रतिक्रिया नहीं ली गयी । मैं अभी भी भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ में कार्यकर्ता के रुप में कार्य करता आ रहा हूं और आगे भी करता रहूंगा , फिर भी समाचार पत्रों में जो खबरें प्रकाशित हो रही है, उनसे मेरा कोई वास्ता नहीं है जिससे मैं साफ तौर पर अपने दावेदारी की खबर का खंडन करता हूं
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- 🔴 जबलपुर: भेड़ाघाट में सेल्फी लेते वक्त महिला नर्मदा में गिरी, मौत 》 पति और 10 साल की बेटी के सामने हुआ हादसा, शादी की सालगिरह मनाने गया था परिवार 》 📍 जबलपुर | संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा 📰 Sach Tak Patrika News 》 जबलपुर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल न्यू भेड़ाघाट से एक बेहद दर्दनाक और झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ मोबाइल से सेल्फी लेते वक्त एक महिला नर्मदा नदी में गिर गई, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह हृदयविदारक हादसा महिला के पति और 10 वर्षीय बेटी के सामने हुआ। --- 🕊️ मृतका की पहचान मृतका की पहचान विजय नगर निवासी स्वाति गर्ग (36 वर्ष) के रूप में हुई है। स्वाति गर्ग अपने परिवार के साथ शादी की सालगिरह मनाने के लिए भेड़ाघाट आई थीं, लेकिन यह खुशी का दिन परिवार के लिए जीवन भर का दर्द बन गया। --- 🎉 सालगिरह मनाने आया था परिवार जानकारी के अनुसार, स्वाति के पति आशीष गर्ग, जो कि ओएफके फैक्ट्री में जूनियर वर्क मैनेजर के पद पर पदस्थ हैं, शनिवार दोपहर फैक्ट्री से लौटने के बाद परिवार के साथ बाहर निकले थे। परिवार ने पहले त्रिपुरी माता के दर्शन किए, इसके बाद आशीष अपनी पत्नी स्वाति, 10 साल की बेटी आद्गिका और मां के साथ न्यू भेड़ाघाट पहुँचे। --- 📱 सेल्फी बनी मौत की वजह शाम के समय स्वाति नदी किनारे खड़े होकर मोबाइल से सेल्फी ले रही थीं। इसी दौरान उनका पैर अचानक फिसल गया और वे तेज बहाव वाली नर्मदा नदी में गिर गईं। पति और बेटी ने शोर मचाया तो मौके पर मौजूद गोताखोरों ने तुरंत नदी में छलांग लगाई, लेकिन तेज धार के कारण स्वाति कुछ ही पलों में आंखों से ओझल हो गईं। --- 🚨 घंटों चला रेस्क्यू, दूसरे दिन मिला शव घटना के बाद देर शाम तक स्वाति का कोई पता नहीं चला। इसके बाद पति आशीष ने तिलवारा थाना पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। रविवार को एक बार फिर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। शाम को घटनास्थल से करीब 2 किलोमीटर दूर स्वर्गद्वारी क्षेत्र में स्वाति का शव बरामद हुआ। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। --- 😢 परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़ हादसे से कुछ देर पहले ही स्वाति ने मोबाइल से फोटो ली थी, जिसे पति आशीष ने पुलिस को दिखाया। स्वाति की मौत के बाद 10 वर्षीय बेटी का रो-रोकर बुरा हाल है, वहीं पति सदमे में हैं। पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। --- 👀 प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई दर्दनाक आपबीती प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसे के समय भेड़ाघाट में काफी भीड़ थी। स्वाति पत्थरों पर खड़ी थीं। उन्होंने पति से बेटी को पास लाने को कहा। जैसे ही आशीष बेटी को लेकर मुड़े, तभी अचानक शोर मचा। पलटकर देखा तो स्वाति नदी में गिर चुकी थीं और कुछ ही पलों में बहाव में समा गईं। --- ⚠️ फिर उठे सवाल इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं— क्या पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम हैं? नदी किनारे सेल्फी ज़ोन को लेकर सख्त नियम क्यों नहीं बनाए जाते? चेतावनी बोर्ड और बैरिकेडिंग क्यों नाकाफी हैं? आखिर कब तक लापरवाही लोगों की जान लेती रहेगी? --- 📌 यह रिपोर्ट मौके से मिली जानकारी, पुलिस रिकॉर्ड और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान पर आधारित है। --- 📰 Sach Tak Patrika News 🎤 संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर, 🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।”1
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- 🔴 जबलपुर: मेडिकल के बाद विक्टोरिया अस्पताल के ICU में चूहों का आतंक, मरीजों की सुरक्षा पर सवाल 》 📍 जबलपुर | संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा 📰 Sach Tak Patrika News जबलपुर से एक बेहद चौंकाने और चिंता बढ़ाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मेडिकल कॉलेज के बाद अब विक्टोरिया जिला अस्पताल के ICU वार्ड में चूहों का आतंक देखने को मिल रहा है। ICU जैसे संवेदनशील और अत्यधिक स्वच्छता की आवश्यकता वाले वार्ड में चूहों की मौजूदगी ने न केवल मरीजों बल्कि उनके परिजनों में भी भय और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। --- 🐭 ICU वार्ड में खुलेआम घूमते चूहे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ़ देखा जा सकता है कि भर्ती मरीजों के बेड, ट्रे और आसपास के हिस्सों में चूहे खुलेआम घूम रहे हैं। ICU में इलाज करा रहे मरीज गंभीर हालत में होते हैं, ऐसे में इस तरह की स्थिति बेहद खतरनाक मानी जा रही है। परिजनों का कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही। --- ⚠️ पहले भी सामने आ चुका है गंभीर मामला गौरतलब है कि इससे पहले जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया था, जहाँ भर्ती मरीज के पैर को चूहों द्वारा कुतरने की घटना ने पूरे प्रदेश में हड़कंप मचा दिया था। उस समय भी स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठे थे, लेकिन अब विक्टोरिया अस्पताल में सामने आई इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि जमीनी स्तर पर सुधार अब तक नहीं हुआ है। --- 🏥 सफ़ाई और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल सरकारी अस्पतालों में संक्रमण से बचाव, स्वच्छता और मरीजों की सुरक्षा को लेकर बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन ICU जैसे वार्ड में चूहों की मौजूदगी इन दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, ICU में चूहों का होना: संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ाता है मरीजों की जान के लिए गंभीर जोखिम बन सकता है अस्पताल प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है --- 👥 परिजनों में आक्रोश, प्रशासन मौन मरीजों के परिजन अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली से नाराज़ हैं। उनका कहना है कि अगर ICU जैसे वार्ड में भी सुरक्षा और साफ-सफाई की गारंटी नहीं है, तो आम वार्ड की स्थिति का अंदाज़ा लगाया जा सकता है। फिलहाल इस पूरे मामले पर अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई ठोस और स्पष्ट बयान सामने नहीं आया है। --- ❓ अब उठते हैं बड़े सवाल इस पूरे मामले ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं — क्या ICU जैसे संवेदनशील वार्ड में मरीज वास्तव में सुरक्षित हैं? मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद भी सबक क्यों नहीं लिया गया? क्या सरकारी अस्पतालों में सफ़ाई सिर्फ़ कागज़ों तक सीमित रह गई है? जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही कब तय होगी? क्या ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई होगी या फिर मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा? --- 📌 यह रिपोर्ट वायरल वीडियो, मौके से मिली जानकारी और स्थानीय सूत्रों पर आधारित है। --- 📰 Sach Tak Patrika News 🎤 संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर 🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।”1
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