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बेमेतरा - कांग्रेस नेत्री विवाद पर यादव समाज ने मांगी जांच।
Manoj kumar dinkar
बेमेतरा - कांग्रेस नेत्री विवाद पर यादव समाज ने मांगी जांच।
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- कोरबा में भाजपा नेता अक्षय गर्ग हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मुख्य आरोपी मुस्ताक अहमद और उसके तीन साथियों ने व्यावसायिक प्रतिस्पर्धा और राजनीतिक रंजिश के चलते इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस ने महज 8 घंटे में आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि आरोपियों ने बेरहमी से अक्षय गर्ग पर हमला किया था। सभी आरोपी पुलिस की गिरफ्त में हैं और आगे की कार्रवाई जारी है।1
- Post by Bhaiya Lal1
- is bacche ka naam vaishnavi sahish kitne pyare awaaz hai1
- Post by S k s1
- Post by Hari Sharma Sharma1
- एक गांव के कार्यक्रम में दादी का नाच सोशल मीडिया पर दिल जीत रहा है। उम्र की सीमाएं तोड़ती उनकी ऊर्जा और मुस्कान लोगों को प्रेरित कर रही है। वीडियो बता रहा है कि खुशी उम्र नहीं देखती, बस जीने का हौसला चाहिए।#dancereels #dancelover #livelife #viralreels #explorepage1
- Post by Santoshi Yadav1
- अंबिकापुर: मंत्री और विधायक पर अभद्र टिप्पणी के आरोप में इन्फ्लुएंसर आकांक्षा टोप्पो गिरफ्तार, भाजपा महिला मोर्चा की शिकायत पर हुई कार्रवाई सरगुजा जिले के सीतापुर थाना पुलिस ने सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाली इन्फ्लुएंसर आकांक्षा टोप्पो को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई भाजपा महिला मोर्चा सीतापुर की लिखित शिकायत के बाद की गई है। महिला मोर्चा के सदस्यों ने आरोप लगाया कि उक्त इन्फ्लुएंसर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से छत्तीसगढ़ की महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े एवं सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो के खिलाफ अत्यंत आपत्तिजनक और अपमानजनक टिप्पणी की थी, जिससे जनप्रतिनिधियों की गरिमा को ठेस पहुँची है। मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा महिला मोर्चा ने 25 दिसंबर 2025 को सीतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने त्वरित संज्ञान लेते हुए आकांक्षा टोप्पो के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(2) के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध किया। डिजिटल साक्ष्यों की प्रारंभिक जांच और आरोपों की पुष्टि के बाद पुलिस ने आरोपी इन्फ्लुएंसर को हिरासत में ले लिया है। भाजपा महिला मोर्चा के पदाधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर किसी भी जनप्रतिनिधि के खिलाफ अशोभनीय भाषा का प्रयोग स्वीकार्य नहीं है। पुलिस प्रशासन अब इस मामले में तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आगे की वैधानिक कार्यवाही कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।1