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मंडला जिला के सभी व्यापारी बंधुओ से निवेदन है कि दुकान की जिम्मेदारी स्वयं ले में और जिस किसी कर्मचारी को आप दुकान पर रखते हैं तो उनका पूरा जानकारी ले और वह कैसा व्यक्ति है पूरा पता करके रखें और अपना दुकान का सीसीटीवी और ताला हमेशा एकदम मजबूती के साथ रखें ताकि किसी प्रकार की घटनाएं से बच सकें क्योंकि इन दिनों में दिन चोरी और डकैती होती जा रहे हैं तो सावधान रहिए #mandla #breaking #news
Yahova Blessing
मंडला जिला के सभी व्यापारी बंधुओ से निवेदन है कि दुकान की जिम्मेदारी स्वयं ले में और जिस किसी कर्मचारी को आप दुकान पर रखते हैं तो उनका पूरा जानकारी ले और वह कैसा व्यक्ति है पूरा पता करके रखें और अपना दुकान का सीसीटीवी और ताला हमेशा एकदम मजबूती के साथ रखें ताकि किसी प्रकार की घटनाएं से बच सकें क्योंकि इन दिनों में दिन चोरी और डकैती होती जा रहे हैं तो सावधान रहिए #mandla #breaking #news
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- 🔴 RDVV में NSUI का अनोखा प्रदर्शन: कार्यपरिषद बैठक के दौरान उड़ाए गए तोते, कुलगुरु पर गंभीर आरोप 》 जबलपुर | विशेष रिपोर्ट 》 जबलपुर स्थित रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (RDVV) में शुक्रवार को उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई, जब भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने कुलगुरु के खिलाफ अनोखे और प्रतीकात्मक तरीके से विरोध प्रदर्शन किया। कार्यपरिषद (Executive Council) की बैठक के दौरान विश्वविद्यालय परिसर पहुंचे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने तोतों को उड़ाकर प्रशासन के विरुद्ध अपना विरोध दर्ज कराया। --- 🕊️ प्रतीकात्मक विरोध: “तोते उड़ाकर जताया आक्रोश” एनएसयूआई का कहना है कि यह प्रदर्शन विश्वविद्यालय को “अयोग्य नेतृत्व के चंगुल से मुक्त कराने” का प्रतीक है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि कुलगुरु नियमों और शैक्षणिक मानकों का पालन नहीं कर रहे, जिससे छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। 》 कार्यपरिषद की बैठक में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे एनएसयूआई कार्यकर्ताओं को मौके पर मौजूद पुलिस ने रोक दिया। इससे नाराज होकर एनएसयूआई जिलाध्यक्ष सचिन रजक ने बैठक के दौरान तोतों को पिंजरे से निकालकर उड़ा दिया, जिसके बाद परिसर में जमकर नारेबाजी हुई। --- 🚔 पुलिस मौजूदगी में हुआ प्रदर्शन घटना के दौरान विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस बल तैनात रहा। एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने मुख्य भवन में ताला लगाकर छात्रों और कार्यकर्ताओं को अंदर जाने से रोका, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन है। 》 छात्रों का कहना है कि यह कदम उनकी आवाज को दबाने का प्रयास है। --- 🎓 शैक्षणिक अव्यवस्थाओं के गंभीर आरोप एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें प्रमुख हैं: विश्वविद्यालय में प्रशासनिक निरंकुशता छात्र सुविधाओं में लगातार कटौती प्रशासनिक खर्चों में अनावश्यक वृद्धि शैक्षणिक गुणवत्ता में गिरावट 》 संगठन के अनुसार, वर्तमान कुलगुरु प्रो. राजेश कुमार वर्मा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली निरंकुश हो गई है, जिसका सीधा असर छात्रों और संस्थान की साख पर पड़ा है। --- 💻 तकनीकी पाठ्यक्रम केवल “औपचारिकता”? एनएसयूआई ने आरोप लगाया कि विधानसभा में तकनीकी पाठ्यक्रमों को लेकर भ्रामक जानकारी दी गई। जबकि जमीनी हकीकत यह है कि: बीसीए, एमसीए और बीटेक जैसे पाठ्यक्रमों में ❌ पर्याप्त कंप्यूटर ❌ जरूरी सॉफ्टवेयर ❌ आधुनिक प्रयोगशालाएं उपलब्ध नहीं हैं। छात्रों का कहना है कि ऐसे में ये पाठ्यक्रम सिर्फ कागज़ी औपचारिकता बनकर रह गए हैं। --- 📉 परीक्षा और परिणाम प्रणाली पर सवाल विश्वविद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी को लेकर भी सवाल उठाए गए। एनएसयूआई के अनुसार: स्वीकृत पदों की तुलना में बहुत कम नियमित प्राध्यापक कार्यरत हैं परीक्षाएं समय पर आयोजित नहीं हो पा रहीं परिणाम महीनों तक लंबित रहते हैं इसका सीधा असर छात्रों के अगले सत्र, प्रवेश, प्रतियोगी परीक्षाओं और रोजगार पर पड़ रहा है। --- ⚠️ आंदोलन तेज करने की चेतावनी प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने कुलगुरु और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। एनएसयूआई ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही छात्र हितों की अनदेखी और प्रशासनिक मनमानी पर रोक नहीं लगी, तो आंदोलन को और व्यापक स्तर पर तेज किया जाएगा। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सचिन रजक, प्रदेश उपाध्यक्ष अमित मिश्रा सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे। --- ✍️ निष्कर्ष RDVV में हुआ यह अनोखा प्रदर्शन न सिर्फ विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए चेतावनी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि छात्र संगठन अब प्रतीकात्मक और रचनात्मक तरीकों से अपनी आवाज उठाने लगे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इन आरोपों पर क्या कदम उठाता है। --- 📍 रिपोर्ट: सच तक पत्रिका न्यूज़ 🖊️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर1
- “नारे बता रहे हैं चुनाव का मूड? कुमारी क्षेत्र में देवकीनंदन पटेल के समर्थन में ज़बरदस्त उत्साह”1
- जिला कटनी। बरही, विजयराघवगढ़ बहिरघटा गांव में खुलेआम अवैध रेत खनन, प्रशासन की भूमिका पर उठे सवाल1
- *लोकेसन कटनी* *कड़ाके की ठंड को देखते हुए समाजसेवियों ने बढ़ाया हाथ, सार्वजनिक स्थलों पर जलवाए अलाव* एंकर,,,,,,उत्तर भारत से आ रही बर्फीली हवाओं के कारण पूरे प्रदेश सहित कटनी जिले में भी कड़ाके की ठंड का प्रकोप जारी है। जिले का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुँच जाने के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस कड़ाके की ठंड में आम जनमानस और मुसाफिरों को राहत देने के लिए 'समाज सेवा विकास संस्था' की टीम एक बार फिर आगे आई है। शनिवार को संस्था के सदस्यों ने बड़वारा क्षेत्र के आधा दर्जन से अधिक सार्वजनिक स्थलों पर अलाव की व्यवस्था कराई। इन प्रमुख स्थानों पर हुई व्यवस्था राहगीरों और मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए संस्था ने योजनाबद्ध तरीके से लकड़ियों का इंतजाम किया। समाजसेवियों ने मुख्य रूप से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र यहाँ रात के समय आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को ठंड से बड़ी राहत मिलेगी। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड में ठिठुरते हुए यात्रियों के लिए यह अलाव किसी वरदान से कम साबित नहीं होगो। बड़वारा थाना परिसर व लोक सेवा केंद्र में अपने कार्यों से आने वाले ग्रामीणों को ठंड से बचने का सहारा मिलेगा रूपोंद रोड़ बास्टेण्ड में आवागमन करने वाले राहगीरों के लिए भी अलग-अलग पॉइंट पर लकड़ियों का ढेर रखकर अलाव जलाए गे संस्था की ओर से समाजसेवी पूजा सिंह ने बताया कि समाज सेवा विकास संस्था' का मुख्य उद्देश्य ही जनसेवा है। उन्होंने कहा,पारा गिरने के कारण लोग ठिठुरने को मजबूर हैं। हमारी टीम ने पूर्व में भी अलाव की व्यवस्था की थी और वर्तमान स्थितियों को देखते हुए आज पुन: अस्पताल, रेलवे स्टेशन, थाना परिसर और बस स्टैंड जैसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में अलाव जलाए गए हैं। आने वाले दिनों में यदि ठंड और बढ़ती है, तो संस्था इस अभियान को और विस्तार देगी। अस्पताल और स्टेशन पर मौजूद लोगों ने समाजसेवियों की इस पहल की सराहना की है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन के साथ-साथ जब सामाजिक संस्थाएं इस तरह की जिम्मेदारी उठाती हैं, तो बेसहारा और राहगीरों को विषम परिस्थितियों में संबल मिलता है। अलाव जलने से न केवल ठंड से राहत मिली, बल्कि देर शाम बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर सन्नाटे के बीच लोग अलाव के इर्द-गिर्द राहत महसूस करते नजर आए। बाइट-01 समाजसेवी बबीता सिंह4
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- मंडला - रिहायशी इलाके में बाघ का मूवमेंट.. ग्रामीणों में दहशत का माहौल... वन विभाग ने की ग्रामीणों से सावधान और सतर्क रहने की अपील.1
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- *दतला नदी में अवैध रेत उत्खनन पर बड़ी कार्रवाई* *माइनिंग-पुलिस की संयुक्त दबिश से चार ट्रैक्टर जब्त* *माफियाओं में हड़कंप* ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के अंतर्गत दतला नदी घाटों में लंबे समय से चल रहे अवैध रेत उत्खनन पर प्रशासन ने सख्त कदम उठाया है। माइनिंग विभाग और पुलिस विभाग की संयुक्त टीम ने दबिश देकर अवैध रूप से रेत का उत्खनन और परिवहन करते हुए चार ट्रैक्टरों को पकड़कर ज़प्त किय और सिलौड़ी चौकी में सुरक्षार्थ रखा गया है। इस कार्रवाई से क्षेत्र के रेत माफियाओं में हड़कंप मच गया है। जानकारी के अनुसार ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र के विभिन्न नदी घाटों से लंबे समय से अवैध रूप से रेत निकासी की जा रही थी। जिससे शासन को लाखों रुपए के राजस्व का नुकसान हो रहा था। लगातार शिकायतों के बाद यह मामला कटनी कलेक्टर आशीष तिवारी एवं पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा तक पहुंचा, जिसके बाद वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर संयुक्त कार्रवाई की योजना बनाई गई। ढीमरखेडा थाना प्रभारी अभिषेक चौबे ने बताया कि पुलिस द्वारा अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ लगातार दबिश दी जा रही थी, लेकिन पुलिस की भनक लगते ही माफिया मौके से फरार हो जाते थे। बुधवार को माइनिंग इंस्पेक्टर कमलेश परस्ते, पवन कुशवाह के नेतृत्व में माइनिंग विभाग की टीम के साथ टी आई ढीमरखेडा अभिषेक चौबे के नेतृत्व वाले पुलिस बल ने दतला नदी घाट में अचानक दबिश दी। कार्रवाई के दौरान दतला घाट, बम्होरी गांव के पास अवैध रूप से रेत उत्खनन करते हुए चार ट्रैक्टर पकड़े गए, जिन्हें सिलौड़ी चौकी में लाकर जब्त किया गया। पुलिस और माइनिंग विभाग की इस संयुक्त कार्रवाई को लेकर आमजन में संतोष देखा जा रहा है। वहीं अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि अवैध रेत उत्खनन के खिलाफ आगे भी सख्त अभियान जारी रहेगा और किसी भी स्थिति में माफियाओं को बख्शा नहीं जाएगा।4