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Ankit Raikwar
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- ग्राम पंचायत देतपोन में शासकीय भूमि पर अवैध उत्खनन परिवहन की अनुमति की आड़ में खनन, किसके संरक्षण में हो रहा खनन साईं खेड़ा। ग्राम पंचायत देतपोन में शासकीय भूमि पर अवैध उत्खनन का गंभीर मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह पूरा खेल किसके संरक्षण में संचालित हो रहा है। नियमों को ताक पर रखकर शासकीय भूमि से मिट्टी का उत्खनन कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के माध्यम से खुलेआम परिवहन किया जा रहा है, जिससे शासन को राजस्व हानि के साथ-साथ पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। उल्लेखनीय है कि शासकीय भूमि पर किसी भी प्रकार के खनन के लिए कलेक्टर एवं जिला खनिज अधिकारी से विधिवत अनुमति, खनन पट्टा, परमिट तथा रॉयल्टी जमा करना अनिवार्य होता है, लेकिन यहां इन नियमों की खुलेआम अनदेखी की जा रही है। परिवहन की अनुमति, उत्खनन की नहीं — फिर भी खनन जारी प्राप्त जानकारी के अनुसार संबंधित पक्ष को केवल मिट्टी के परिवहन की अनुमति दी गई थी, न कि उत्खनन की। अनुमति पत्र के बिंदु क्रमांक-2 के तहत स्पष्ट है कि यदि अनुमति की शर्तों का उल्लंघन होता है, तो उक्त अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी। इसके बावजूद मौके पर शासकीय भूमि से सीधे उत्खनन किया जाना गंभीर नियम उल्लंघन है। तारीखों में भी बड़ा विरोधाभास ग्रामीणों द्वारा उपलब्ध कराए गए वीडियो साक्ष्य 29 तारीख के बताए जा रहे हैं, जिनमें खुलेआम उत्खनन होता दिखाई दे रहा है, जबकि संबंधित अनुमति 30 तारीख को जारी की गई। ऐसे में अनुमति से पूर्व ही उत्खनन किया जाना पूरे मामले को और अधिक संदिग्ध बनाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि शिकायतों के बावजूद जिम्मेदार अधिकारी आंख मूंदे बैठे हैं, जिससे यह संदेह और गहराता जा रहा है कि अवैध उत्खनन को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। विशेषज्ञों के अनुसार यह कृत्य MMDR Act 1957 एवं मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम 2015 का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसके अंतर्गत खनिज व वाहन जब्ती, भारी जुर्माना एवं एफआईआर दर्ज करने का प्रावधान है। ग्रामीणों एवं सामाजिक संगठनों ने कलेक्टर से मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर परिवहन अनुमति को तत्काल निरस्त किया जाए, दोषियों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई हो तथा शासकीय भूमि को अवैध उत्खनन व कब्जे से मुक्त कराया जाए। अब देखना यह है कि प्रशासन इस गंभीर मामले में कब तक और क्या ठोस कदम उठाता है। माइनिंग अधिकारी ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया जब इस विषय पर खनिज अधिकारी ओपी बघेल को व्हाट्सएप के माध्यम से विषय की जानकारी दी गई तथा उनसे फोन के माध्यम से जानकारी लेना चाहिए तो उन्होंने फोन ना उठाते हुए विषय पर जवाब देने से बचते नजर आए । इनका कहना है - माइनिंग इंस्पेक्टर को बताइए प्रथम दृष्टया उनकी जांच का विषय है अतुल श्रीवास्तव तहसीलदार साईं खेड़ा2