गौमुख मठ में अन्नकूट व गोवर्धन की पूजा एवं प्रसादी वितरण हुआ हरदा/टिमरनी- साधु संतों की तपोस्थली ग्राम भादूगांव में आज गौमुख स्थित श्री राम जानकी मंदिर पर बड़ी धूमधाम से गोवर्धन एवं अन्नकूट त्योहार मनाया गया कई वर्षों से यह परंपरा इस स्थान पर चली आ रही है। मंदिर के 1008महंत श्री ओमकार दास जी महाराज के द्वारा ग्रामीण व आसपास के भक्तों को अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के लिए आमन्त्रित किया गया, बड़े हर्षोल्लास के साथ ग्रामीण मंदिर पर पहुंचे जिसमें मंदिर के महंत द्वारा गायों की पूजन कर अन्नकूट प्रसाद वितरित किया गया। महंत ओमकार दास जी महाराज ने बताया की दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का विशेष आयोजन होता है। गोवर्धन पूजा को लोग अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। इस त्योहार का भारतीय लोक जीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा संबंध दिखाई देता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन इंद्र का मानमर्दन कर गिरिराज पूजन किया था। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में हल जोतकर अनाज उगाता है। इस तरह गौ संपूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है।जिले भर में सनातनियो ने अपने घरों में पूजन अर्चन किया । गोशालाओ में गोमाता की पूजन अर्चन कर उन्हें अन्नकूट प्रसाद खिलाया गया।
गौमुख मठ में अन्नकूट व गोवर्धन की पूजा एवं प्रसादी वितरण हुआ हरदा/टिमरनी- साधु संतों की तपोस्थली ग्राम भादूगांव में आज गौमुख स्थित श्री राम जानकी मंदिर पर बड़ी धूमधाम से गोवर्धन एवं अन्नकूट त्योहार मनाया गया कई वर्षों से यह परंपरा इस स्थान पर चली आ रही है। मंदिर के 1008महंत श्री ओमकार दास जी महाराज के द्वारा ग्रामीण व आसपास के भक्तों को अन्नकूट व गोवर्धन पूजा के लिए आमन्त्रित किया गया, बड़े हर्षोल्लास के साथ ग्रामीण मंदिर पर पहुंचे जिसमें मंदिर के महंत द्वारा गायों की पूजन कर अन्नकूट प्रसाद वितरित किया गया। महंत ओमकार दास जी महाराज ने बताया की दिवाली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का विशेष आयोजन होता है। गोवर्धन पूजा को लोग अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस पर्व की अपनी मान्यता और लोककथा है। इस त्योहार का भारतीय लोक जीवन में काफी महत्व है। इस पर्व में प्रकृति के साथ मानव का सीधा संबंध दिखाई देता है। भगवान श्रीकृष्ण ने इसी दिन इंद्र का मानमर्दन कर गिरिराज पूजन किया था। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में बताया गया है कि गाय उसी प्रकार पवित्र होती जैसे नदियों में गंगा। गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप भी कहा गया है। देवी लक्ष्मी जिस प्रकार सुख समृद्धि प्रदान करती हैं, उसी प्रकार गौ माता भी अपने दूध से स्वास्थ्य रूपी धन प्रदान करती हैं। इनका बछड़ा खेतों में हल जोतकर अनाज उगाता है। इस तरह गौ संपूर्ण मानव जाति के लिए पूजनीय और आदरणीय है।जिले भर में सनातनियो ने अपने घरों में पूजन अर्चन किया । गोशालाओ में गोमाता की पूजन अर्चन कर उन्हें अन्नकूट प्रसाद खिलाया गया।
- गाडरवारा कॉलेज नेशनल वालीबॉल प्रतियोगिता के फाइनल मैच के बाद कैलाश खेर का कार्यक्रम1
- Post by Pranjal Yagyawalkya1
- हजारों प्रश्नों के घेरे में खड़ा सुहागपुर तहसील का स्वास्थ्य विभाग एवं प्रशासन ।। क्या कभी यहां की स्वास्थ्य संबंधित स्थितियां सुधार पाएगी ? या लोग ऐसे ही सड़कों पर तोड़ते रहेंगे दम ? शोभापुर जहां का स्वास्थ्य विभाग हमेशा बहुत से प्रश्नों के घेरे में खड़ा हुआ नजर आता है ? प्रशासन अब करेगा कोई कार्यवाही या नहीं 🖊️🖊️🖊️1
- Post by Pratap Singh1
- धमना जिला नरसिंहपुर कांटेक्ट नंबर 9340643821 जिसे लेना हो वही संपर्क करें1
- विदवास "" हकीकत में है देवों का वास "" आज की यह घटना,, जिसकी वजह खाली हुआ रथ,,*श्रीजी विराजमान पहुंचा गंतव्य*👏👏👏👏👏1
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- मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव किसान हो रहा परेशान किसानों की मदद करें आप सच्चाई आप तक नहीं पहुंच पाती।1