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मानव सेवा न्यूज़ चैनल रिपोर्टर अर्जुन कुमार सुतार महाराष्ट्र विद्या विष्णू गडाख महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष
असलम महबूब सय्यद
मानव सेवा न्यूज़ चैनल रिपोर्टर अर्जुन कुमार सुतार महाराष्ट्र विद्या विष्णू गडाख महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष
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- सिधौली कोतवाली क्षेत्र के सदरापुर निवासी 25 वर्षीय राहुल यादव की गोली मारकर हत्या के बाद क्या बोली मृतक की मां1
- भारत वर्ष के लोगों ठंड में जो थोड़ा पैसे वाले हो पुण्य प्रताप कमा लो और गरीबों की मदद करे नेता जी भी अपने क्षेत्र में गरीबों को ठंड में कंबल वितरित करे और गरीबों को कंबल दे कर मानवता दिखाए और बचाये देखो सावधान सतर्क रहें आज कल मौसम बदल रहा है नेता जी ठंड में अपने क्षेत्र में गरीबों को कंबल वितरित करे ठंड अब बढ़ रही है इससे हमेशा सावधान सतर्क रहें और सभी नेता गरीबों को कंबल वितरित करे।।।रिपोर्टिंग Lal Chand Soni ।। आज सुबह टाइम्स टीम ।। न्यूज नई दिल्ली।।1
- राष्ट्रीय लोक अदालत में परिवार न्यायालय की पहल पर 14 जोड़ो के घर दोबारा बसे।1
- अयोध्या के सहादतगंज स्थिति हनुमान मंदिर पर शीतकालीन जन सेवा शिविर के तहत सियाराम चैरिटेबल ट्रस्ट ने बांटे कंबल1
- शीतकालीन जनसेवा शिविर के तहत सियाराम चैरिटेबल ट्रस्ट ने बांटे कंबल अयोध्या। सियाराम चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सहादतगंज स्थित हनुमान गढ़ी परिसर में कंबल वितरण समारोह का आयोजन किया गया। इसके साथ ही संस्था के शीतकालीन जनसेवा शिविर का शुभारंभ भी किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि जेबी नर्सरी स्कूल सोसाइटी की निदेशक मंजुला झुनझुनवाला एवं हनुमान गढ़ी नाका के महंत रामदास ने भगवान रामलला की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में सर्वेश वर्मा एवं नितिन अग्रवाल उपस्थित रहे। अतिथियों का स्वागत संस्था के अनंत सिंह ने किया। मुख्य अतिथि मंजुला झुनझुनवाला ने कहा कि सर्दी के मौसम में जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाना सबसे बड़ी सेवा है। उन्होंने कहा कि समाज के सक्षम वर्ग को आगे आकर ऐसे सेवा कार्यों में भागीदारी करनी चाहिए, जिससे गरीब, असहाय और वृद्ध जनों को राहत मिल सके। सियाराम चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा यह प्रयास सराहनीय है और अन्य संस्थाओं के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। हनुमान गढ़ी नाका के महंत रामदास ने कहा कि सेवा ही सच्चा धर्म है। प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में मानव सेवा का विशेष महत्व है। कंबल वितरण जैसे कार्य ठंड से बचाव के साथ-साथ मानवीय संवेदनाओं को भी सशक्त करते हैं। संस्था की प्रवक्ता सुधा सिंह ने बताया कि शीतकालीन जनसेवा शिविर के तहत आगामी दिनों में नगर के विभिन्न क्षेत्रों में जरूरतमंदों को कंबल व अन्य आवश्यक सामग्री का वितरण किया जाएगा। संस्था का उद्देश्य है कि कोई भी जरूरतमंद ठंड में असहाय न रहे। रामानुज सिंह रामा ने कहा कि सियाराम चैरिटेबल ट्रस्ट समाज के अंतिम व्यक्ति तक सहायता पहुंचाने के संकल्प के साथ कार्य कर रहा है। उन्होंने युवाओं से सामाजिक सेवा में सक्रिय भागीदारी की अपील की। मौके पर संस्था के संरक्षक महंत त्रिलोकी दास, वरिष्ठ पत्रकार रमाशरण अवस्थी, जेबी सिंह, डा दिनेश सिंह, वीपी सिंह, मनोज कुमार सिंह, अमित कुमार सिंह, नृपेन्द्र प्रताप सिंह, धर्मपाल पांडेय ,अभय प्रताप सिंह, हेमंत सिंह, आशीष श्रीवास्तव, अजय तिवारी, सौरभ सिंह, शाहनवाज सिंह बोसू मौजूद रहे।1
- श्री राम कथा अष्टम दिवस कथा व्यास परम पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी भक्ति में बाधक बनता है लालच। शबरी पर कृपा कर श्रीराम ने दिया सामाजिक समरसता का संदेश। कथा व्यास: परमपूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज श्रीराम कथा में पूज्य श्री अतुल कृष्ण भारद्वाज जी महाराज ने श्रोताओं से कहा कि शबरी की भक्ति से प्रभावित होकर श्रीराम ने उसके जूठे बेर खाकर सामाजिक समरसता का संदेश दिया। इसके अतिरिक्त सीता हरण, जटायु मोक्ष, शबरी भेंट एवं हनुमान मिलन के प्रसंगों को भाव-विभोर होकर सुनाया, जिससे सभी श्रोता भाव-विभोर हो गए। श्रीराम कथा में प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुँच रहे हैं। कथा के दौरान व्यास जी ने स्वर्ण मृग (सोने का हिरण) की घटना का बड़े ही रोचक ढंग से वर्णन करते हुए कहा कि जब भक्ति भगवान से विमुख होकर केवल भौतिक साधनों की ओर आकर्षित हो जाती है, तब जीव को भगवान-प्राप्ति के लिए भटकना ही पड़ता है। जैसे—माता सीता जानकी सोने का हिरण नहीं चाहती थीं, परंतु सोने के प्रति आकर्षण के कारण वे प्रभु श्रीराम जैसे ‘सोने’ को भूल गईं। जटायु के प्रसंग की व्याख्या करते हुए व्यास जी ने कहा कि जो दूसरों की सेवा में लगा रहता है, उसकी चिंता स्वयं भगवान करते हैं। जैसे—जटायु ने माता सीता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, तब प्रभु श्रीराम ने उस गिद्ध जाति के पक्षी को उठाकर अपनी गोद में बैठाया और हृदय से लगाया। इसी कारण श्री तुलसीदास जी ने जटायु को ‘मानस में परम बड़भागी’ कहा है। जटायु को भगवान के हाथों मोक्ष प्राप्त हुआ और वह सीधे स्वर्गलोक को गया। इसी प्रकार शबरी भगवान की अनन्य भक्त थीं। श्रीराम यह जानते हुए भी कि वह भीलनी जाति की हैं, उनके जूठे बेर प्रेमपूर्वक खाए और सामाजिक समरसता का महान संदेश दिया। भगवान की साधना में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं होता। भगवान श्रीराम ने शबरी को नवधा भक्ति का उपदेश भी दिया। व्यास जी ने सुग्रीव मिलन और बालि वध के प्रसंग के माध्यम से समाज को यह संदेश दिया कि अधर्म कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः उसका पतन निश्चित है और धर्म की विजय सदा होती है। संवाददाता रवि गुप्ता4
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