शिव महापुराण कथा के समापन पर पूर्णाहुति हुई, अर्पित जोशी रिपोर्ट ✍️✍️✍️ प्रतापगढ़/गाँव~ डाबड़ा में संकट मोचन रुद्रेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में 29 दिसम्बर से आयोजित शिवपुराण कथा का समापन 6 जनवरी सोमवार को पूर्णाहुति के साथ हुआ। शिवपुराण के कथा वाचक वासुदेव जी शर्मा (बसेरा वाले) के सानिध्य में संपन्ना किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में नगर की महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। कथा वाचक ने अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्मय से ओत-प्रोत यह पुराण शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं।इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्ना होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं। शर्मा ने श्रद्धालुओं से कहा कि धार्मिक आयोजनों में भावनाएं होनी जरूरी है। सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि अपने चारों ओर सदैव वातावरण शुद्ध रखें। जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है। जल,वायु, पेड़ एक चेतन से लेकर जड़ चेतन में आकर एक-दूसरे के सहायक बनते हैं। जहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और शक्ति दोनों नहीं होते। शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सांसारिक बन्धनों से मुक्त कर सकते हैं, शिव की भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। कहा कि इस अलौकिक शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पाप से विमुक्त होना है। आयोजित शिव महापुराण में कथा को सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुचे। श्रोता झूम उठे।
शिव महापुराण कथा के समापन पर पूर्णाहुति हुई, अर्पित जोशी रिपोर्ट ✍️✍️✍️ प्रतापगढ़/गाँव~ डाबड़ा में संकट मोचन रुद्रेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में 29 दिसम्बर से आयोजित शिवपुराण कथा का समापन 6 जनवरी सोमवार को पूर्णाहुति के साथ हुआ। शिवपुराण के कथा वाचक वासुदेव जी शर्मा (बसेरा वाले) के सानिध्य में संपन्ना किया गया है जिसमें बड़ी संख्या में नगर की महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। कथा वाचक ने अंतिम दिन की
कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्मय से ओत-प्रोत यह पुराण शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं।इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्ना होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं। शर्मा ने श्रद्धालुओं से कहा कि धार्मिक आयोजनों में
भावनाएं होनी जरूरी है। सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि अपने चारों ओर सदैव वातावरण शुद्ध रखें। जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है। जल,वायु, पेड़ एक चेतन से लेकर जड़ चेतन में आकर एक-दूसरे के सहायक बनते हैं। जहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और
शक्ति दोनों नहीं होते। शिव की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सांसारिक बन्धनों से मुक्त कर सकते हैं, शिव की भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। कहा कि इस अलौकिक शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पाप से विमुक्त होना है। आयोजित शिव महापुराण में कथा को सुनने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्त पहुचे। श्रोता झूम उठे।
- अपना प्रतापगढ़1
- मेरे महबूब तुझे सलाम सिंगर हुसैन अहमद प्रतापगढ़ राजस्थान 9785 3552711
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