साईखेड़ा में महिला बाल विकास एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की गंभीर लापरवाही उजागर साईखेड़ा (नरसिंहपुर)। विकासखंड साईखेड़ा में महिला एवं बाल विकास विभाग की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। सरकार की ओर से कुपोषण उन्मूलन और बच्चों के पोषण स्तर सुधारने के लिए अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनका सीधा लाभ पाँच वर्ष तक के बच्चों को मिलना चाहिए। इनमें एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS), सुपोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan), पूरक पोषण आहार योजना (SNP), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) और पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) जैसी योजनाएँ शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा भूखा या कुपोषित न रहे। आंगनबाड़ी एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर बच्चों का नियमित वजन, स्वास्थ्य परीक्षण और ज़रूरत पड़ने पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन साईखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत तुमड़ा में स्थिति बेहद चिंताजनक पाई गई। यहाँ लगभग ढाई वर्ष (2 वर्ष 6 माह) के एक बच्चे का वजन मात्र 6.5 किलो पाया गया। बच्चे को उसके परिवारजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, साईखेड़ा लेकर पहुँचे, जहाँ उन्हें पता चला कि बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती कराना आवश्यक है ।परिजनों का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कभी-कभी ही केंद्र पर नज़र आती हैं और उन्होंने बच्चों का वजन कम होने या उपचार के बारे में कभी जानकारी नहीं दी। यही नहीं, ग्राम पंचायत के एक अन्य व्यक्ति ने भी अपनी पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि उनके बच्चे का वजन सामान्य से कम है, परंतु आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं ने कभी NRC या पूरक पोषण आहार की जानकारी नहीं दी ।परिणामस्वरूप, जब बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित हो गया तब उसे शासकीय सिविल अस्पताल, नरसिंहपुर में भर्ती करना पड़ा। जवाबदेही पर सवाल गौरतलब है कि सरकार द्वारा हर माह बच्चों का वजन और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से करने के निर्देश जारी हैं। इसके बावजूद यह मामला ब्लॉक स्तर के महिला बाल विकास अधिकारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जानकारी में तक नहीं आ सका। यह स्थिति विभागीय अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उदासीनता और गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। ग्रामीणों ने माँग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कर दोषी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही से मासूम बच्चों की ज़िंदगी खतरे में न पड़े।
साईखेड़ा में महिला बाल विकास एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की गंभीर लापरवाही उजागर साईखेड़ा (नरसिंहपुर)। विकासखंड साईखेड़ा में महिला एवं बाल विकास विभाग की लापरवाही का गंभीर मामला सामने आया है। सरकार की ओर से कुपोषण उन्मूलन और बच्चों के पोषण स्तर सुधारने के लिए अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनका सीधा लाभ पाँच वर्ष तक के बच्चों को मिलना चाहिए। इनमें एकीकृत बाल विकास सेवा (ICDS), सुपोषण अभियान (POSHAN Abhiyaan), पूरक पोषण आहार योजना (SNP), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) और पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) जैसी योजनाएँ शामिल हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा भूखा या कुपोषित न रहे। आंगनबाड़ी एवं स्वास्थ्य विभाग मिलकर बच्चों का नियमित वजन, स्वास्थ्य परीक्षण और ज़रूरत पड़ने पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं। लेकिन साईखेड़ा ब्लॉक की ग्राम पंचायत तुमड़ा में स्थिति बेहद चिंताजनक पाई गई। यहाँ लगभग ढाई वर्ष (2 वर्ष 6 माह) के एक बच्चे का वजन मात्र 6.5 किलो पाया गया। बच्चे को उसके परिवारजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, साईखेड़ा लेकर पहुँचे, जहाँ उन्हें पता चला कि बच्चे को पोषण पुनर्वास केंद्र (NRC) में भर्ती कराना आवश्यक है ।परिजनों का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कभी-कभी ही केंद्र पर नज़र आती हैं और उन्होंने बच्चों का वजन कम होने या उपचार के बारे में कभी जानकारी नहीं दी। यही नहीं, ग्राम पंचायत के एक अन्य व्यक्ति ने भी अपनी पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि उनके बच्चे का वजन सामान्य से कम है, परंतु आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं ने कभी NRC या पूरक पोषण आहार की जानकारी नहीं दी ।परिणामस्वरूप, जब बच्चा गंभीर रूप से कुपोषित हो गया तब उसे शासकीय सिविल अस्पताल, नरसिंहपुर में भर्ती करना पड़ा। जवाबदेही पर सवाल गौरतलब है कि सरकार द्वारा हर माह बच्चों का वजन और स्वास्थ्य जांच अनिवार्य रूप से करने के निर्देश जारी हैं। इसके बावजूद यह मामला ब्लॉक स्तर के महिला बाल विकास अधिकारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की जानकारी में तक नहीं आ सका। यह स्थिति विभागीय अधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उदासीनता और गंभीर लापरवाही को उजागर करती है। ग्रामीणों ने माँग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जाँच कर दोषी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी लापरवाही से मासूम बच्चों की ज़िंदगी खतरे में न पड़े।
- दिनेश कुमार ढिमोलेMadhya Pradesh💣on 1 October
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- 🔴 जबलपुर | पनागर क्षेत्र में 7 संदिग्ध व्यक्तियों को हिंदू संगठनों द्वारा पकड़कर पुलिस के हवाले किया गया। पुलिस के अनुसार, सभी दस्तावेजों की जांच जारी है और पूछताछ की जा रही है। 》 📌 पूरी खबर पढ़िए — Sach Tak Patrika News 》 🟥 जबलपुर में 7 संदिग्ध जमाती पकड़े गए, पुलिस कर रही दस्तावेजों की जांच 📍 जबलपुर | Sach Tak Patrika News ✍️ संवाददाता: दीपक विश्वकर्मा 》 जबलपुर जिले के पनागर थाना क्षेत्र में रविवार को हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने सात संदिग्ध व्यक्तियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। आरोप है कि ये सभी लोग बिना स्पष्ट जानकारी के पनागर क्षेत्र में प्रवेश कर रहे थे, जिससे स्थानीय लोगों को संदेह हुआ। --- 🔴 कैसे सामने आया मामला? जानकारी के अनुसार, बजरंग दल के कार्यकर्ता पनागर स्थित शिशु मंदिर के पास एक गौशाला में कार्य कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने पठानी मोहल्ला की ओर से आते हुए सात लोगों को देखा, जिनके पास बड़े-बड़े बैग और एक साइकिल थी। 👉 जब उनसे यहां आने का कारण पूछा गया, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। 👉 इसके बाद संगठन के अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे। --- 🧳 तलाशी में क्या मिला? बैग की जांच के दौरान— दिल्ली के पते वाले आधार कार्ड खाने-पीने का सामान धार्मिक पुस्तकें (उर्दू/इस्लामिक साहित्य) मिले, जिसके बाद तत्काल पनागर थाना पुलिस को सूचना दी गई। --- 👮♂️ पुलिस ने क्या कहा? पनागर थाना प्रभारी विपिन ताम्रकार ने बताया कि— > “सातों व्यक्तियों को थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। वे खुद को जमाती बता रहे हैं और कहना है कि वे दिल्ली से झांसी और सागर होते हुए जबलपुर आए थे, यहां से पन्ना जाने की योजना थी। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है।” पुलिस के अनुसार, फिलहाल कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं किया गया है, जांच जारी है। --- 🗣️ हिंदू संगठनों का पक्ष विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों का कहना है कि— ये लोग पीछे के रास्ते से पनागर में दाखिल हुए स्थानीय स्तर पर उनका कोई पूर्व कार्यक्रम दर्ज नहीं था पूछताछ के दौरान वे चुप्पी साधे हुए थे, जिससे संदेह गहराया संगठनों ने पुलिस से गहन जांच की मांग की है। --- 🧾 पकड़े गए लोगों की जानकारी पुलिस के अनुसार, सभी सातों व्यक्ति— दिल्ली और झांसी के निवासी बताए जा रहे हैं आधार कार्ड में पूर्वी दिल्ली का पता दर्ज है (नामों की पुष्टि पुलिस जांच के बाद ही मानी जाएगी) --- 🔍 फिलहाल स्थिति क्या है? ✔ सभी सातों व्यक्तियों से पूछताछ जारी ✔ दस्तावेजों की सत्यता की जांच ✔ यात्रा उद्देश्य और संपर्कों की जानकारी जुटाई जा रही है पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। --- 🧠 निष्कर्ष (SAFE ENDING) पनागर क्षेत्र में सामने आया यह मामला फिलहाल जांच के दायरे में है। पुलिस का कहना है कि किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले सभी तथ्यों की पुष्टि की जाएगी। --- 📡 Sach Tak Patrika News 🗣️ “हमारी सबसे बड़ी ताकत — सच ही हमारी ताकत है।” ✍️ रिपोर्ट: दीपक विश्वकर्मा, जबलपुर1
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- Post by Pranjal Yagyawalkya1
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