गरीबी में बेबस सुनीता, टूटा कच्चा मकान – प्रधानमंत्री आवास योजना का इंतजार लोकेशन:फतेहपुर फतेहपुर। संवाददाता – सोहनलाल फतेहपुर जनपद के बिन्दकी तहसील के खजुहा ब्लॉक क्षेत्र के चकऔलियाखेड़ा मंडरांव गांव की रहने वाली सुनीता का परिवार आज भी गरीबी और बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर है। परिवार का गुजारा उसके पति कैलाश की मामूली आमदनी से होता है, जो बाहर जाकर प्राइवेट नौकरी करता है। कम पैसों की वजह से घर का खर्च चलाना ही मुश्किल है, वहीं तीन बेटियां और एक बेटे की बेहतर शिक्षा भी नहीं हो पा रही है, बड़ी बेटी शादी करने योग्य है पैसे के अभाव में चिंता की लकीर सामने आ रही है। बारिश के चलते सुनीता का कच्चा मकान भरभरा कर गिर गया है। अब यह गरीब परिवार गांव में दूसरों के घर में शरण लेने के लिए मजबूर है। सुनीता ने कई बार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का आवेदन कराया। इस बार भी सर्वे और जांच हुई, लेकिन अब तक उसे आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। पीड़ित महिला का कहना है कि टूटी कच्ची दीवारों और जर्जर धन्नी से पटी छत में रहना अब असंभव हो गया है। वह जिलाधिकारी और सरकार से गुहार लगा रही है कि जल्द से जल्द उसे पक्का घर दिलाया जाए ताकि उसका परिवार सुरक्षित रह सके। सुनीता की गुहार "साहब, मेरा घर गिर गया है, अब रहने की जगह नहीं है। हर साल जांच तो होती है, लेकिन हमें आवास नहीं मिलता। हम गरीब हैं, सरकार से गुजारिश है कि हमें भी रहने के लिए पक्का मकान मिले।" निष्कर्ष गरीबों को छत देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, लेकिन फतेहपुर की सुनीता जैसी महिलाओं की हालत यह बताती है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ अभी भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
गरीबी में बेबस सुनीता, टूटा कच्चा मकान – प्रधानमंत्री आवास योजना का इंतजार लोकेशन:फतेहपुर फतेहपुर। संवाददाता – सोहनलाल फतेहपुर जनपद के बिन्दकी तहसील के खजुहा ब्लॉक क्षेत्र के चकऔलियाखेड़ा मंडरांव गांव की रहने वाली सुनीता का परिवार आज भी गरीबी और बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर है। परिवार का गुजारा उसके पति कैलाश की मामूली आमदनी से होता है, जो बाहर जाकर प्राइवेट नौकरी करता है। कम पैसों की वजह से घर
का खर्च चलाना ही मुश्किल है, वहीं तीन बेटियां और एक बेटे की बेहतर शिक्षा भी नहीं हो पा रही है, बड़ी बेटी शादी करने योग्य है पैसे के अभाव में चिंता की लकीर सामने आ रही है। बारिश के चलते सुनीता का कच्चा मकान भरभरा कर गिर गया है। अब यह गरीब परिवार गांव में दूसरों के घर में शरण लेने के लिए मजबूर है। सुनीता ने कई बार प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना
का आवेदन कराया। इस बार भी सर्वे और जांच हुई, लेकिन अब तक उसे आवास स्वीकृत नहीं हुआ है। पीड़ित महिला का कहना है कि टूटी कच्ची दीवारों और जर्जर धन्नी से पटी छत में रहना अब असंभव हो गया है। वह जिलाधिकारी और सरकार से गुहार लगा रही है कि जल्द से जल्द उसे पक्का घर दिलाया जाए ताकि उसका परिवार सुरक्षित रह सके। सुनीता की गुहार "साहब, मेरा घर गिर गया है,
अब रहने की जगह नहीं है। हर साल जांच तो होती है, लेकिन हमें आवास नहीं मिलता। हम गरीब हैं, सरकार से गुजारिश है कि हमें भी रहने के लिए पक्का मकान मिले।" निष्कर्ष गरीबों को छत देने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है, लेकिन फतेहपुर की सुनीता जैसी महिलाओं की हालत यह बताती है कि जमीनी स्तर पर योजनाओं का लाभ अभी भी जरूरतमंदों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
- कानपुर जिले के सजेती क्षेत्र के कोटरा मकरंदपुर गांव के रहने वाले वीरपाल जी की मूँछ उखाड़ ली गयी, जूते चटवाकर, खम्भे में बांधकर निर्वस्त्र कर शैलेंद्र यादव उसके साथियों द्वारा बेरहमी से पीटा गया यह घटना अक्षम्य है! इसकी सजा अवश्य मिलनी चाहिए! समाज के साथ जुल्म अत्याचार बर्दाश्त नहीं किये जायेंगे प्रशासन इस मामले को संज्ञान में लिखकर शीघ्र ही कार्रवाई करें समाज की मांग है कि दोषियों को एनकाउंटर या फांसी की सजा सुनाई जाए ताकि ऐसी घिनौनी हरकत कभी ना हो दरिंदगो की रूह कांप जाएं और ऐसे दरिंदगे कभी भी पनपेंगे भी नहीं1
- Post by Vinod Shrivastava1
- Post by Ramkumar3
- महाराजा बिजली पासी की जयंती 25 दिसम्बर को है मेरे सभी पासी समाज के लोगों1
- घाटमपुर में अज्ञात वाहन की चपेट में आए दो बाइक सवार#परिजनों में मच गई चीख पुकार1
- UP की लुटेरी दुल्हनों का दोहरा खेल . . .1
- Post by Arvind Rajputh1
- Post by Vinod Shrivastava1