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Nagar Palika Gulabpura
Vishal Kandara 5678
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- Post by रमेश सिंह1
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- jodhpur :- जोधपुर से बड़ी खबर, राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री मान् भजनलाल जी शर्मा की रैली में मेड़ता आ रहे, ग्रामीणों को नागौर में पुलिस ने रोका, वहीं ग्रामीणों ने किसान एकता जिंदाबाद के जमकर नारे लगाये।1
- हाल ही में राजस्थान के जयपुर में जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) ने सड़क चौड़ीकरण के लिए एक शिव मंदिर को अतिक्रमण हटाने का नोटिस भेजा था, जिसमें भगवान शिव को 7 दिन में जवाब देने को कहा गया था, जिस पर सोशल मीडिया और स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने पर संबंधित JDA अधिकारी को निलंबित कर दिया गया। इस नोटिस में मंदिर की दीवार सड़क की सीमा में आने की बात कही गई थी, लेकिन भगवान शिव के नाम से नोटिस जारी करने के तरीके पर विवाद हो गया।1
- yah Suraj gaon bherunath Mandir4
- न्यायालय का बड़ा फैसला: कृषि भूमि के दो बेचाननामा रद्द, नामांतरण प्रक्रिया पर उठे सवाल बाली ।पाली (जमाल खान)। समीपवर्ती बाली में वरिष्ठ सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय ने कृषि भूमि से जुड़े दो बेचाननामों को विधि विरुद्ध मानते हुए निरस्त कर दिया है। न्यायालय ने साथ ही निषेधाज्ञा जारी कर अप्रार्थी को भूमि में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी से पाबंद किया है। अधिवक्ता भरत जे. राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि पाली जिले के बाली उपखंड के ग्राम दादाई स्थित राजस्व खातेदारी कृषि भूमि के मामले में वरिष्ठ सिविल न्यायिक मजिस्ट्रेट मदनलाल बालोटिया ने संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किया। प्रकरण में दीपा की मृत्यु के बाद नामांतरण संख्या 872 के तहत उनके वारिसान—ओटाराम व अन्य—के नाम भूमि दर्ज की गई थी। इसके पश्चात ओटाराम ने उक्त भूमि का बेचान करण कुमार के पक्ष में किया, और बाद में करण कुमार ने वही भूमि पुनः ओटाराम की पुत्रवधू अंशी देवी के नाम बेचान कर दी। न्यायालय ने इन दोनों बेचाननामों को विधि विरुद्ध ठहराते हुए निरस्त कर दिया। साथ ही निरस्तीकरण की सूचना उप पंजीयक बाली एवं देसूरी न्यायालय के माध्यम से संबंधित उप पंजीयक कार्यालयों को भिजवाई गई है। न्यायाधीश ने आदेश में यह भी निर्देश दिए हैं कि दोनों निरस्त दस्तावेजों पर लाल स्याही से स्पष्ट टिप्पणी अंकित की जाए, जिससे यह दर्ज रहे कि उक्त दस्तावेज न्यायालय द्वारा रद्द किए जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त, न्यायालय ने निषेधाज्ञा जारी करते हुए स्वर्गीय भूरिया के वारिसान की कृषि भूमि में किसी भी प्रकार की दखलअंदाजी नहीं करने का आदेश दिया है। प्रकरण में नामांतरण दर्ज करने में राजस्व विभाग की कथित जल्दबाजी और कर्मचारियों की लापरवाही पर भी सवाल उठे हैं, जिसके चलते न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। अब इस मामले में संबंधित राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध उपखंड एवं जिला स्तरीय प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई की जाएगी या नहीं, यह भविष्य में तय होगा।1
- Post by रमेश सिंह1