आंदोलन को तीसरे चरण में सीबीईओ कार्यालय का किया घेराव -शिक्षक संघ शेखावत ने समस्याओं को लेकर इटावा में किया जोरदार प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन कोटा/इटावा। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत उप शाखा इटावा ने शिक्षकों की ज्वलंत मांगों को लेकर मंगलवार को मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) कार्यालय पर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। उपशाखा अध्यक्ष कालूलाल मीणा और उप शाखा मंत्री गजानंद बेरवा के नेतृत्व में शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा। जिला मंत्री धनराज मीणा और जिला उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश बेरवा ने बताया कि संगठन लंबे समय से शिक्षकों की मांगों को लेकर आंदोलनरत है। जिनमें तृतीय वेतन श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण अविलंब शुरू करने, सभी संवर्गों में शिक्षकों की पदोन्नति शीघ्र करने, स्थानांतरण की प्रभावी नीति लागू करने, डिजायर व्यवस्था समाप्त कर शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ हटाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा कर नीति में सुधार करने, पुरानी पेंशन योजना में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने, PFRDA से कर्मचारियों के जमा 50 हजार करोड़ रुपए वापस करने, 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान प्रदान करने आदि मांगें प्रमुख हैं। आंदोलन का तृतीय चरण संगठन के अनुसार, आंदोलन के पहले चरण में 27 मई 2025 को सीकर, टोंक और नावां से पैदल मार्च शुरू हुआ, जिसके बाद 2 जून को जयपुर में हजारों शिक्षकों ने विशाल रैली निकाली। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने संगठन से वार्ता कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था। दूसरे चरण में 9 जुलाई 2025 को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर जिला कलेक्टरों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया। हालांकि, दो महीने बीतने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। इसीलिए, तृतीय चरण में 5 अगस्त 2025 को पूरे राजस्थान में सीबीईओ कार्यालयों का घेराव कर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। इसी कड़ी में इटावा में भी प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में ये शिक्षक रहे शामिल प्रदर्शन में बाबूलाल बलवानी, महावीर मीणा, शिवराज बैरवा, प्रेम प्रकाश बैरवा, समीउल्लाह खान, ललित कुमार मीणा, महेंद्र मीणा, गजेंद्र बैरवा, मुकेश मेघवाल, सूरजमल बैरवा, अरविंद मीणा, ओम प्रकाश प्रजापति, महावीर वर्मा, रामस्वरूप बैरवा, रामभरत मीणा, राजेश मेहरा, मुकेश प्रजापत, रूपचंद बैरवा, बृजमोहन बैरवा, राम भवन मीणा, राम प्रकाश बैरवा, मुकेश बैरवा सहित अनेक शिक्षक शामिल रहे। इस कारण है शिक्षकों में आक्रोश शिक्षकों का कहना है कि सरकार की ओर से बार-बार आश्वासन दिए जा रहे हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
आंदोलन को तीसरे चरण में सीबीईओ कार्यालय का किया घेराव -शिक्षक संघ शेखावत ने समस्याओं को लेकर इटावा में किया जोरदार प्रदर्शन, सौंपा ज्ञापन कोटा/इटावा। राजस्थान शिक्षक संघ शेखावत उप शाखा इटावा ने शिक्षकों की ज्वलंत मांगों को लेकर मंगलवार को मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) कार्यालय पर रैली निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। उपशाखा अध्यक्ष कालूलाल मीणा और उप शाखा मंत्री गजानंद बेरवा के नेतृत्व में शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार को ज्ञापन सौंपा। जिला मंत्री धनराज मीणा और जिला उपाध्यक्ष प्रेम प्रकाश बेरवा ने बताया कि संगठन लंबे समय से शिक्षकों की मांगों को लेकर आंदोलनरत है। जिनमें तृतीय वेतन श्रेणी शिक्षकों
के स्थानांतरण अविलंब शुरू करने, सभी संवर्गों में शिक्षकों की पदोन्नति शीघ्र करने, स्थानांतरण की प्रभावी नीति लागू करने, डिजायर व्यवस्था समाप्त कर शिक्षकों पर गैर शैक्षणिक कार्यों का बोझ हटाने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की समीक्षा कर नीति में सुधार करने, पुरानी पेंशन योजना में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं करने, PFRDA से कर्मचारियों के जमा 50 हजार करोड़ रुपए वापस करने, 7, 14, 21, 28 और 32 वर्ष की सेवा पर चयनित वेतनमान प्रदान करने आदि मांगें प्रमुख हैं। आंदोलन का तृतीय चरण संगठन के अनुसार, आंदोलन के पहले चरण में 27 मई 2025 को सीकर, टोंक और नावां से पैदल
मार्च शुरू हुआ, जिसके बाद 2 जून को जयपुर में हजारों शिक्षकों ने विशाल रैली निकाली। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने संगठन से वार्ता कर समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया था। दूसरे चरण में 9 जुलाई 2025 को सभी जिला मुख्यालयों पर विरोध प्रदर्शन कर जिला कलेक्टरों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा गया। हालांकि, दो महीने बीतने के बाद भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ। इसीलिए, तृतीय चरण में 5 अगस्त 2025 को पूरे राजस्थान में सीबीईओ कार्यालयों का घेराव कर ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया गया। इसी कड़ी में इटावा में भी प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन में ये शिक्षक
रहे शामिल प्रदर्शन में बाबूलाल बलवानी, महावीर मीणा, शिवराज बैरवा, प्रेम प्रकाश बैरवा, समीउल्लाह खान, ललित कुमार मीणा, महेंद्र मीणा, गजेंद्र बैरवा, मुकेश मेघवाल, सूरजमल बैरवा, अरविंद मीणा, ओम प्रकाश प्रजापति, महावीर वर्मा, रामस्वरूप बैरवा, रामभरत मीणा, राजेश मेहरा, मुकेश प्रजापत, रूपचंद बैरवा, बृजमोहन बैरवा, राम भवन मीणा, राम प्रकाश बैरवा, मुकेश बैरवा सहित अनेक शिक्षक शामिल रहे। इस कारण है शिक्षकों में आक्रोश शिक्षकों का कहना है कि सरकार की ओर से बार-बार आश्वासन दिए जा रहे हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं हो रही। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
- मंदसौर पशुपतिनाथ लोक का लोकार्पण होगा बहुत जल्द1
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- श्री लक्ष्मी नाथ भगवान शिव शंकर जी वासक राज महाराज गोविन्द सांवरिया सेठ जी आपकी जय हो जय हो आप ही आप हो दया करो क्षमा करो कृपा करो रक्षा करो सद बुद्धि देवो हरि ॐ ॐ नमो भगवते वासुयदेवाय हरि ॐ ॐ नमो भगवते वासुयदेवाय हरि ॐ1
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- आलोट मंडी सोयाबीन ka bhav 22/12/20251
- हर दिन मजदूरों व जनता के खिलाफ नए बिल ला रही सरकार -सीटू के राजस्थान राज्य सम्मेलन में मजदूरों के हक में उठी जोरदार आवाज जयपुर/ कोटा। भारतीय ट्रेड यूनियन केंद्र (सीटू) राजस्थान का राज्य सम्मेलन जयपुर में 20-21-22 दिसंबर को आयोजित हो रहा है। सीटू मीडिया प्रभारी व राज्य सदस्य मुरारीलाल बैरवा ने बताया कि सम्मेलन के दूसरे दिन रविवार को महासचिव की रिपोर्ट पर व्यापक चर्चा हुई और मजदूरों-कर्मचारियों के हितों से जुड़े कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। राष्ट्रीय नेताओं ने मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए संघर्ष तेज करने का आह्वान किया। फरवरी में संयुक्त हड़ताल की तैयारी का निर्देश सीटू के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड तपन सेन ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि फरवरी महीने में राष्ट्रीय श्रम संगठनों की ओर से संयुक्त हड़ताल का आह्वान हो सकता है। इसके लिए सभी इकाइयों को तैयार रहना होगा और संघर्ष के मैदान में उतरना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मजदूर वर्ग को एकजुट होकर सरकार की नीतियों का मुकाबला करना होगा। परमाणु शांति अधिनियम देश व जनता से खिलवाड़ कॉमरेड तपन सेन ने केंद्र सरकार द्वारा परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में लाए गए सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज (शांति अधिनियम) की तीखी आलोचना की। इसे देश की सुरक्षा और जनता के साथ भारी खिलवाड़ करार देते हुए बताया कि निजी व विदेशी परमाणु संयंत्रों में कोई दुर्घटना होने पर विदेशी कंपनी जिम्मेदार नहीं होगी और प्रभावित नागरिकों को कोई मुआवजा नहीं मिलेगा। यह देश की संप्रभुता पर सीधा हमला है।इसके खिलाफ 23 दिसंबर को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया। मनरेगा को बर्बाद करने का आरोप सम्मेलन में मनरेगा योजना पर भी गहन चर्चा हुई। आरोप लगाया गया कि केंद्र सरकार ने योजना का नाम बदलकर अपना अंशदान 90% से घटाकर 60% कर दिया है और 40% बोझ राज्य सरकारों पर डाल दिया है। इससे ग्रामीण गरीबों को काम मिलना और मुश्किल हो जाएगा तथा योजना को पूरी तरह खत्म करने की साजिश रची जा रही है। चार लेबर कोड मजदूर-विरोधी कॉमरेड के.एन. उमेशसीटू के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड के.एन. उमेश ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए मौजूदा देश के हालात और मोदी सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार हर दिन मजदूरों व जनता के खिलाफ नए बिल ला रही है। चारों लेबर कोड पूरी तरह मजदूर-विरोधी हैं, जिनसे मजदूरों के अधिकार छीने जा रहे हैं। इनका डटकर विरोध करने का आह्वान किया गया। सम्मेलन में पारित प्रमुख प्रस्ताव सम्मेलन में न्यूनतम वेतन 26 हजार रुपए करने की मांग, सांप्रदायिकता के खिलाफ प्रस्ताव, आंगनवाड़ी, मिड-डे मील व योजना कर्मियों का वेतन बढ़ाने तथा उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित कर सभी सुविधाएं देने की मांग, सभी जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने तथा विश्वविद्यालयों में सरकार द्वारा अनुदान देकर पेंशन व्यवस्था लागू करने का प्रस्ताव, मजदूर आंदोलनों में पुलिस हस्तक्षेप बंद करने की मांग, परमाणु बिजली क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाले शांति विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव, मनरेगा को कमजोर करने वाली नई नीतियों के खिलाफ प्रस्ताव, निजीकरण व प्राइवेटाइजेशन के खिलाफ प्रस्ताव, जे.के. कोटा में सीटू के नेतृत्व में चल रहे मजदूर आंदोलन को पूर्ण समर्थन आदि प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किए गए।4
- गंगापुर सिटी महिला जागृति संस्थान के तत्वाधान में राजस्थानी लोक नृत्य प्रतियोगिता सीजन 5 बड़े धूमधाम के साथ भगवती पैलेस में हुआ संपन्न1
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