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हमीरपुर:दिन में दिखा खूंखार लकड़बग्घा, लकड़बग्घा दिखने से ग्रामीणों में डर का महौल. ... हमीरपुर जिले में आज खूंखार लकड़बग्घा दिखा है ।जिससे ग्रामीणों में डर का महौल बना हुआ है।सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने रेस्क़्यू करना शुरु कर दिया है । यह मामला सदर कोतवाली के सिटी फॉरेस्ट रोड का है जहाँ पर एक खूंखार लकड़बग्घा दिखा है ।जिसका वीडियो ग्रामीणों ने बनाकर शोसल मीडिया पर वायरल किया है।जिसमें एक खूंखार लकड़बग्घा दिख रहा है ।लकड़बग्घे के मुंह में प्लास्टिक का डिब्बा फंसा हुआ दिख रहा है ।खूंखार लकड़बग्घा दिखने से ग्रामीणों में डर का महौल बना हुआ है।सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लकड़बग्घे को पकड़ने का रेस्क़्यू शुरु कर दिया है ।
Raj kumar
हमीरपुर:दिन में दिखा खूंखार लकड़बग्घा, लकड़बग्घा दिखने से ग्रामीणों में डर का महौल. ... हमीरपुर जिले में आज खूंखार लकड़बग्घा दिखा है ।जिससे ग्रामीणों में डर का महौल बना हुआ है।सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने रेस्क़्यू करना शुरु कर दिया है । यह मामला सदर कोतवाली के सिटी फॉरेस्ट रोड का है जहाँ पर एक खूंखार लकड़बग्घा दिखा है ।जिसका वीडियो ग्रामीणों ने बनाकर शोसल मीडिया पर वायरल किया है।जिसमें एक खूंखार लकड़बग्घा दिख रहा है ।लकड़बग्घे के मुंह में प्लास्टिक का डिब्बा फंसा हुआ दिख रहा है ।खूंखार लकड़बग्घा दिखने से ग्रामीणों में डर का महौल बना हुआ है।सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने लकड़बग्घे को पकड़ने का रेस्क़्यू शुरु कर दिया है ।
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- देश की प्रथम महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती मनाकर दी श्रृद्धांजलि हमीरपुर। सुमेरपुर कस्बे में वर्णिता संस्था के तत्वावधान में संघर्ष एवं सुधार की महानायिका देश की पहली शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयन्ती मनाकर नमन किया गया। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुये संस्था के अध्यक्ष डा. भवानीदीन ने कहा कि सावित्री बाई सही मायने में दलित वर्ग की महिला शिक्षा की नायिका थी। इन्होंने महाराष्ट्र में 1848 में पहला विद्यालय खोला और प्रथम महिला शिक्षिका बनकर दलित बालिकाओं को शिक्षित किया। जब वह पढाने के लिए निकलती थी तो उस समय दबंग लोग इनके ऊपर गंदगी डाल कर परेशान करते थे। इससे वह एक साड़ी अलग लिए रहती थी और स्कूल जाकर बदल लेतीं थीं। इन्होंने सामाजिक क्षेत्र में सुधार की बहुत पहल की। इनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। इनके पति ज्योतिबा फुले हमेशा उनका उत्साह बढ़ाते हुए हर संभव सहयोग करते थे। इस कार्यक्रम मे अशोक अवस्थी, पंकज सिंह, रुद्रकुमार शुक्ला, शिवपूजन यादव, धीरज सोनी, संतोष, प्रेम, आशुतोष, सिद्धा, देवीदयाल, दस्सी, अजय आदि शामिल रहे।1
- Post by रामगोपाल कुशवाहा1