महोब्बत पुल बनाती है, सियासत तोड़ देती है भगत सिंह की 118वीं जयंती पर जन पक्ष काव्य गोष्ठी “क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है”—भगत सिंह का यह कथन रविवार को प्रेस क्लब में बार-बार जीवित होता रहा, जब विकल्प जन सांस्कृतिक मंच ने उनकी 118वीं जयंती पर “भगत सिंह का सपना हमारा सपना” विषयक जन पक्ष काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश राय द्विवेदी ने की। मंच के अध्यक्ष किशन लाल वर्मा, बी. एल. वर्मा और सीमा तबस्सुम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रारंभ में वयोवृद्ध और लोकप्रिय जनकवि बृजेन्द्र कौशिक ने भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। प्रो. संजय चावला ने अपने वक्तव्य में कहा कि “भगत सिंह को यदि केवल शहीद के रूप में देखा जाए तो यह उनके विराट व्यक्तित्व के साथ अन्याय होगा। वे एक चिंतक, एक दार्शनिक और एक दूरदर्शी विचारक भी थे। अल्पायु में ही उन्होंने इतिहास, समाजशास्त्र और राजनीति का इतना गहन अध्ययन किया कि उनके विचार आज भी हमें राह दिखाते हैं।” विजय राघव ने भगत सिंह के जीवन-वृत्त और उनके लेखन की आज की परिस्थितियों में प्रासंगिकता को रेखांकित किया। हिंदी और हाड़ौती के वरिष्ठ साहित्यकार अंबिका दत्त ने कहा कि अधिकांश लोग भगत सिंह को देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने के लिए याद करते हैं। यह केवल भावनात्मक श्रद्धांजलि है, किन्तु भगत सिंह का सर्वोच्च योगदान विचारधारात्मक है। वे भारत के ही नहीं विश्व के ऐसे दार्शनिक थे जिन्होंने अपने विचारों को व्यावहारिक रूप में ढाल कर आने वाली सदियों को प्रभावित किया। महेंद्र नेह ने कहा कि अंधेरे में धकेल रहे वर्तमान दौर में भगत सिंह के विचार रोशनी की मशाल की तरह हैं। साहित्यकार बृजेंद्र कौशिक ने कहा कि भगत सिंह के विचारों के साथ न्याय तभी हो सकता है जब कला कर्मी और साहित्यकार भगत सिंह के विचारों को देश की मलिन बस्तियों और गांवों में ले जा कर जन जागरण करें। दिनेश राय द्विवेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि यह समय भगत सिंह के विचारों को पुनर्नव करने और वर्तमान दौर में उनके सार तत्व को युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित करने का है। गोष्ठी का आरम्भ डॉ. उदय मणि की ओजस्वी ग़ज़ल से हुआ। उनकी पंक्तियाँ “महोब्बत पुल बनाती है, सियासत तोड़ देती है” पूरे सभागार में गूंज उठीं और मानो सबको यह याद दिला गईं कि भगत सिंह के सपनों का भारत वह है जहाँ मोहब्बत इंसानों को जोड़ती है और राजनीति उन्हें बाँटने की शक्ति खो देती है। इस अवसर पर अहमद सिराज फ़ारूखी, ओम कटारा, डॉ. नन्द किशोर महावर, एम. एम. खान, अंसार इन्दौरी, वाजिद अली, वेद प्रकाश, इरशाद अहमद, हलीम भाई, विवेक चतुर्वेदी, पी. एन. कौशिक, टी. जी. विजय कुमार, डॉ. ग्यास तथा हलीम रेहान ने अपनी कविताओं, ग़ज़लों और विचारोत्तेजक वक्तव्यों से वातावरण को क्रांतिकारी ऊर्जा से भर दिया। कार्यक्रम में वक्ताओं और कवियों ने एक स्वर से कहा कि भगत सिंह का सपना केवल अंग्रेज़ी हुकूमत को उखाड़ फेंकना नहीं था, बल्कि एक ऐसे समाज की रचना करना था जो शोषण, भेदभाव और अंधविश्वास से मुक्त हो। आज जब समाज में वैमनस्य और विभाजन की राजनीति तेज़ हो रही है, भगत सिंह की यह सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है कि “अगर बर्बादी ही मंज़िल है तो यह राजनीति हमें ज़रूर वहाँ पहुँचाएगी, लेकिन अगर इंसानियत की रक्षा करनी है तो मोहब्बत को पुल बनाना होगा।” जन पक्ष काव्य गोष्ठी शहीद भगत सिंह की उस अमर पुकार को फिर से गूँजाने का अवसर बनी, जो हमें याद दिलाती है कि भगत सिंह का सपना वास्तव में हमारा भी सपना है।
महोब्बत पुल बनाती है, सियासत तोड़ देती है भगत सिंह की 118वीं जयंती पर जन पक्ष काव्य गोष्ठी “क्रांति की तलवार विचारों की सान पर तेज होती है”—भगत सिंह का यह कथन रविवार को प्रेस क्लब में बार-बार जीवित होता रहा, जब विकल्प जन सांस्कृतिक मंच ने उनकी 118वीं जयंती पर “भगत सिंह का सपना हमारा सपना” विषयक जन पक्ष काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश राय द्विवेदी ने की। मंच के अध्यक्ष किशन लाल वर्मा, बी. एल. वर्मा और सीमा तबस्सुम विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्रारंभ में वयोवृद्ध और लोकप्रिय जनकवि बृजेन्द्र कौशिक ने भगत सिंह के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया। प्रो. संजय चावला ने अपने वक्तव्य में कहा कि “भगत सिंह को यदि केवल शहीद के रूप में देखा जाए तो यह उनके विराट व्यक्तित्व के साथ अन्याय होगा। वे एक चिंतक, एक दार्शनिक और एक दूरदर्शी विचारक भी थे। अल्पायु में ही उन्होंने इतिहास, समाजशास्त्र और राजनीति का इतना गहन अध्ययन किया कि उनके विचार आज भी हमें राह दिखाते हैं।” विजय राघव ने भगत सिंह के जीवन-वृत्त और उनके लेखन की आज की परिस्थितियों में प्रासंगिकता को रेखांकित किया। हिंदी और हाड़ौती के वरिष्ठ साहित्यकार अंबिका दत्त ने कहा कि अधिकांश लोग भगत सिंह को देश के लिए अपना जीवन न्यौछावर करने के लिए याद करते हैं। यह केवल भावनात्मक श्रद्धांजलि है, किन्तु भगत सिंह का सर्वोच्च योगदान विचारधारात्मक है। वे भारत के ही नहीं विश्व के ऐसे दार्शनिक थे जिन्होंने अपने विचारों को व्यावहारिक रूप में ढाल कर आने वाली सदियों को प्रभावित किया। महेंद्र नेह ने कहा कि अंधेरे में धकेल रहे वर्तमान दौर में भगत सिंह के विचार रोशनी की मशाल की तरह हैं। साहित्यकार बृजेंद्र कौशिक ने कहा कि भगत सिंह के विचारों के साथ न्याय तभी
हो सकता है जब कला कर्मी और साहित्यकार भगत सिंह के विचारों को देश की मलिन बस्तियों और गांवों में ले जा कर जन जागरण करें। दिनेश राय द्विवेदी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में बताया कि यह समय भगत सिंह के विचारों को पुनर्नव करने और वर्तमान दौर में उनके सार तत्व को युवा पीढ़ी को प्रशिक्षित करने का है। गोष्ठी का आरम्भ डॉ. उदय मणि की ओजस्वी ग़ज़ल से हुआ। उनकी पंक्तियाँ “महोब्बत पुल बनाती है, सियासत तोड़ देती है” पूरे सभागार में गूंज उठीं और मानो सबको यह याद दिला गईं कि भगत सिंह के सपनों का भारत वह है जहाँ मोहब्बत इंसानों को जोड़ती है और राजनीति उन्हें बाँटने की शक्ति खो देती है। इस अवसर पर अहमद सिराज फ़ारूखी, ओम कटारा, डॉ. नन्द किशोर महावर, एम. एम. खान, अंसार इन्दौरी, वाजिद अली, वेद प्रकाश, इरशाद अहमद, हलीम भाई, विवेक चतुर्वेदी, पी. एन. कौशिक, टी. जी. विजय कुमार, डॉ. ग्यास तथा हलीम रेहान ने अपनी कविताओं, ग़ज़लों और विचारोत्तेजक वक्तव्यों से वातावरण को क्रांतिकारी ऊर्जा से भर दिया। कार्यक्रम में वक्ताओं और कवियों ने एक स्वर से कहा कि भगत सिंह का सपना केवल अंग्रेज़ी हुकूमत को उखाड़ फेंकना नहीं था, बल्कि एक ऐसे समाज की रचना करना था जो शोषण, भेदभाव और अंधविश्वास से मुक्त हो। आज जब समाज में वैमनस्य और विभाजन की राजनीति तेज़ हो रही है, भगत सिंह की यह सीख और भी प्रासंगिक हो जाती है कि “अगर बर्बादी ही मंज़िल है तो यह राजनीति हमें ज़रूर वहाँ पहुँचाएगी, लेकिन अगर इंसानियत की रक्षा करनी है तो मोहब्बत को पुल बनाना होगा।” जन पक्ष काव्य गोष्ठी शहीद भगत सिंह की उस अमर पुकार को फिर से गूँजाने का अवसर बनी, जो हमें याद दिलाती है कि भगत सिंह का सपना वास्तव में हमारा भी सपना है।
- कोटा के किशोरपुरा में आस्था का चमत्कार! दो पेड़ों के बीच प्रकट हुए ‘जड़ के बालाजी’, दर्शन को उमड़े श्रद्धालु1
- राजस्थान ब्रेकिंग न्यूज़ का ताजा अपडेट। मुख्यमंत्री भजनलाल ने अपने दो वर्ष के विकास रथ को आज बीकानेर लूणसर मैं विकास की सौगात देकर अभी तक 2 वर्ष में हुए कामों की पूरी रिपोर्ट का हजारों जनता को समर्पित किया।और कहा कि हर वर्ष हम अपने विकास के लेखा-जोखा का हिसाब सूवे की जनता को देते हैं। भूतपूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष के पदभार ग्रहण में न पहुंचने का विषय देश और प्रदेश में चर्चा का विषय बना। जांच में भ्रष्टाचार की बू आने पर रानपुर की इंस्पेक्टर मधुबाला को आईजी राजेंद्र प्रसाद गोयल ने लाइन अटैच किया।1
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- गुप्त रोग शीघ्रपतन शुक्राणु स्वप्नदोष मर्दाना ताकत संपर्क करें डॉक्टर पंकज कुमार 9572291304, 70910778981
- कोटा,, 302 वे दिन भी बकाया वेतन सरकार से जे के मजदूरों को भुगतान करवाने की मांग को लेकर सीटू के बैनर तले 18 फ़रवरी 2025 से चल रहा जिला कलेक्ट्रेट सामने जे के मजदूरों का अनिश्चित कालीन धरना जारी रहा। धरना का. हबीब खान का. उमाशंकर, का. नरेंद्रसिंह के सयुक्त नैतृत्व चल रहा है। लगातार धरने मे सैकड़ो की संख्या मे महिलाओ की भागीदारी बनी हुई है। संघर्ष मे महिलाओ के शामिल होने से जे के मजदूरों ओर यूनियन नेताओं को ताकत मिली है धरना स्थल से जानकारी देते हुए का. अली मोहम्मद ने बताया की आज धरने का 302 वा दिन है सरकार के खिलाफ मजदूरों ओर महिलाओ मे बकाया वेतन भुगतान करने मे की जा रही देरी को लेकर गुस्सा ओर आक्रोश बढ़ता जा रहा है धरने को सम्बोधित करते हुए मजदूर नेताओं का. हबीब खान, का. नरेंद्रसिंह, का. उमाशंकर का. पुष्पा खींची,का. सतीश चंद, का. कालीचरण, का. हनुमान सिंह,व ने मजदूर नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा की जल्द से जल्द तमाम मजदूरों का बकाया वेतन भुगतान किया करो अन्यथा हमें मजबूरन उग्र आंदोलन करने कोमजबूर होना पड़ेगा जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होंगी। 302 वे दिन धरने मे मजदूरों की उपस्थिति के बारे मे बताते हुए का. महावीर प्रसाद ने कहा की धरने पर यूनियन के रजिस्टर मे 302 वे दिन 624 मजदूरों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई जिसमे सैकड़ो की संख्या मे महिलाए शामिल है. धरने मे का. केदार जोशी, मदन मोहन शर्मा, लटूरलाल, शिशुपाल सिँह, छितर लाल, गिरजाशंकर पांडे, गणेशप्रसाद, शिवकुमार, रामफुल, अनीसा, रेशमा देवी, कैलाशी बाई, निर्मला बाई सहित सैकड़ो की संख्या मे जे के मजदूर ओर सीटू के कार्यकर्ता एवं महिलाए 11 महीनो से बकाया वेतन की मांग को लेकर जिला कलेक्ट्रेट के गैट के सामने डटे हुए है आखिर कब होगा मजदूरों के साथ न्याय।4
- 📍 बामन गांव में रात्रि बिजली देने का किसानों ने किया विरोध1
- Average से Topper बनने का secret 🤪 #reels #relatable #funny #comedy #memes #student #school #schoollife #mcq #jee #college #collegememes #studentmemes #neet #viral #trending#toppers #backbenchers1
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