*शहीद भगत सिंह का जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर सिरहा कोठी में स्थापित मूर्ति पर श्री रवि कुमार भार्गव के द्वारा किया गया माल्यार्पण।* (रवि कुमार भार्गव संपादक दैनिक अयोध्या टाइम्स बिहार) सिरहाकोठी 28 सितंबर 2025 सिरहाकोठी:-इस भारत की भूमि पर 28 सितंबर 1907 को लायलपुर के बेगा गांव में किशन किशन सिंह के घर में माता विद्यावती के ओदर से एक पुत्र का जन्म होता है, जिनका नाम पड़ता है भगत सिंह। भगत सिंह बचपन की खेल में अपने दोस्तों के साथ जब खेलते थे तो उन्होंने धरती की मिट्टी में तिनका लगते थे। एक दिन जब किशन सिंह ने पूछा की बेटा यह आप क्या कर रहे हो तो उन्होंने कहा पिताजी मैं तीनका बो रहा हूं। धीरे-धीरे जब भगत सिंह ने हो संभाला और शिक्षा ग्रहण करने विद्यालय जाने लगे। इसी बीच जलियांवाला कांड होता है। भगत सिंह स्कूल जाने के क्रम में जलियांवाला बाग में जाते हैं देखते हैं कि हमारे भारतीय लोगों को अंग्रेजों ने मार डाला है। उन्होंने अपने पास रख एक सीसी की मुंह खोला और खून से सनी मिट्टी की तिलक अपने माथे में लगाते हुए कहा कि जब तक मैं अपने भारतीयों की हत्या का बदला नहीं ले लेता तब तक चैन से नहीं सो पाऊंगा। और उन्होंने अपने लिए हुए संकल्प के रास्ते पर चल पड़े। वह वीर जवान कोलकाता के असेंबली में अपनी पहचान बनाने हेतु धुआं वाला बम फेंका, जिससे पूरे असेंबली में धुआं धुआं हो गया।इस बीच उस असेंबली में श्री कृष्ण सिंह भी बैठे थे। आजादी के दीवाने शहीद भगत सिंह इंकलाब जिंदाबाद की नारा लगाते रहे। इस बीच अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उन पर मुकदमा चलाया गया। इसी बीच उनकी माता विद्यावती भगत सिंह से मिलने जेल में गई। अपनी मां को रोते हुए देखकर भगत सिंह ने कहा मां आप आंसू बहा रही हो। इस पर भगत सिंह की मां विद्यावती ने कहा कि पुत्र में दुख की आंसू नहीं बहा रही हूं। मैं पश्चाताप आपकी आंसू बहा रही हूं। मैं यही सोच रही हूं कि मेरे पास एक भगत सिंह है काश मेरे पास और भगत सिंह होते तो हंसते-हंसते में देश सेवा के लिए अर्पित कर देती समर्पित कर देती। वैसे वीर पुत्र भगत सिंह को अंग्रेजी हुकूमत ने सजा के तौर पर फांसी की सजा सुनाए। देश में खलबली मच चुकी थी। हाहाकार मच चुका था भगत सिंह को लेकर। अंग्रेजी हुकूमत ने 23 मार्च 1931 को शहीद भगत सिंह को खुदीराम बोस को सुखदेव को फांसी की फंदे पर झूला दिया और उन्हें मौत का नींद सुला दिया। श्री भार्गव ने कहा एक वह शहीद भगत सिंह थे जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की बलि चढ़ा दी। एक आज के नेता लोग हैं जनप्रतिनिधि लोग हैं देश की संपत्ति लूटने के लिए बेचैन दिखाई दे रहे हैं। नीचे पंचायत स्तर से लेकर राज अस्तर के जनप्रतिनिधियों में भ्रष्टाचार व्याप्त भरा पड़ा है। यह लोग देश की सेवा समाज की सेवा करने की भावना से राजनीति में आज की परिवेश में नहीं आ रहे हैं। यह राजनीतिक क्षेत्र को व्यावसायिक क्षेत्र बना लिए हैं और सरकार के खजाने की राशि को लूटने की बहने राजनीतिक क्षेत्र में आ रहे हैं। श्री भार्गवाने देश के मतों से देश के पीताओं से अनुरोध किया कि भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर रही है इस अवधि में आपके ओदर से एक सहित भगत सिंह जैसे लाल को पैदा करने की आवश्यकता आ गई है। श्री भार्गव ने देश के नौजवानों से अपील किया कि भगत सिंह की जब तक आप नहीं अपनाएंगे तब तक पंचायत में आपको न्याय नहीं दिया जाएगा देश में आपको न्याय नहीं मिलेगी। जहां पर एक सरपंच के द्वारा कहा जाता हो की दबंग के द्वारा अगर आपकी भूमि को हड़प कर घर बना लिया गया है तो वह कैसे हटाएगा। आप खुद सोचिए आपके पंचायत में अनेकों लोगों की बिना कागज की जमीन है। अगर कोई हड़प कर घर बना लेता है, जमींदार न्याय के लिए खोजता है, सरपंच महोदय इस तरह का बयान देते हैं, तो निश्चित है पंचायत की स्थिति में परिवर्तन होना शुरू हो जाएगा और खून खराबा की स्थिति आ जाएगी। ऐसे सरपंच के विरुद्ध पंचायत वासियों को सोचने की आवश्यकता है की दोबारा ऐसे व्यक्ति को सरपंच के पद पर नहीं चुना जाए। ऐसे मुखिया को नहीं चुना जाए जो सरकारी धन से चापाकल हलवाता हो और अपने पाटीदारों के माध्यम से खुलवा लेट हो, कहने पर भी नहीं हलवाता हो, वैसे व्यक्ति को पंचायत के मुखिया का बागडोर नहीं दिया जाना चाहिए जिसके पास पंचायत सरकार भवन का चाबी हो और पंचायत सरकार भवन से पंखा खुल जाता हो चोरी हो जाता हो, वैसे व्यक्ति को मुखिया की पावर देने की आवश्यकता नहीं है जो स्मारक की बाउंड्री अपने लेबर के द्वारा तुड़वा देता हो, कहने पर भी नहीं बनवाता हो,वैसे व्यक्ति को फिर दोबारा पंचायत में मुखिया जी जैसे गरिमामई पद पर जीताने की आवश्यकता नहीं है। वैसे व्यक्ति को पंचायत के किसी भी पद पर नहीं चुना जाना चाहिए जो सरकारी संपत्ति को चोरी करता हो बिक्री करता हो। ऐसा करने वाला व्यक्ति सोचता है कि हम बहुत सुख और शांति से पंचायत का दबंग के रूप में गिने जाते हैं तो ऐसे लोगों को इस भ्रम से दूर रहना चाहिए। हमारे बुजुर्गों ने कहा है जो जैसा करता है वैसा पाता है। जयंती समारोह कार्यक्रम में हमारी योजना बचत एवं साख स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड सिरहाकोठी पूर्वी चंपारण के निदेशक श्रीमती प्रियंका भार्गव, पूर्व मुखिया पति श्री विनोद प्रसाद कुशवाहा, श्री भगवान साह, श्री राजदेव साह, श्री हरिनारायण प्रसाद कुशवाहा, श्री शैलेंद्र कुमार भार्गव श्री हार्षित कुमार भार्गव, आदि लोगों की उपस्थिति रही।
*शहीद भगत सिंह का जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर सिरहा कोठी में स्थापित मूर्ति पर श्री रवि कुमार भार्गव के द्वारा किया गया माल्यार्पण।* (रवि कुमार भार्गव संपादक दैनिक अयोध्या टाइम्स बिहार) सिरहाकोठी 28 सितंबर 2025 सिरहाकोठी:-इस भारत की भूमि पर 28 सितंबर 1907 को लायलपुर के बेगा गांव में किशन किशन सिंह के घर में माता विद्यावती के ओदर से एक पुत्र का जन्म होता है, जिनका नाम पड़ता है भगत सिंह। भगत सिंह बचपन की खेल में अपने दोस्तों के साथ जब खेलते थे तो उन्होंने धरती की मिट्टी में तिनका लगते थे। एक दिन जब किशन सिंह ने पूछा की बेटा यह आप क्या कर रहे हो तो उन्होंने कहा पिताजी मैं तीनका बो रहा हूं। धीरे-धीरे जब भगत सिंह ने हो संभाला और शिक्षा ग्रहण करने विद्यालय जाने लगे। इसी बीच जलियांवाला कांड होता है। भगत सिंह स्कूल जाने के क्रम में जलियांवाला बाग में जाते हैं देखते हैं कि हमारे भारतीय लोगों को अंग्रेजों ने मार डाला है। उन्होंने अपने पास रख एक सीसी की मुंह खोला और खून से सनी मिट्टी की तिलक अपने माथे में लगाते हुए कहा कि जब तक मैं अपने भारतीयों की हत्या का बदला नहीं ले लेता तब तक चैन से नहीं सो पाऊंगा। और उन्होंने अपने लिए हुए संकल्प के रास्ते पर चल पड़े। वह वीर जवान कोलकाता के असेंबली में अपनी पहचान बनाने हेतु धुआं वाला बम फेंका, जिससे पूरे असेंबली में धुआं धुआं हो गया।इस बीच उस असेंबली में श्री कृष्ण सिंह भी बैठे थे। आजादी के दीवाने शहीद भगत सिंह इंकलाब जिंदाबाद की नारा लगाते रहे। इस बीच अंग्रेजी हुकूमत ने भगत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। उन पर मुकदमा चलाया गया। इसी बीच उनकी माता विद्यावती भगत सिंह से मिलने जेल में गई। अपनी मां को रोते हुए देखकर भगत सिंह ने कहा मां आप आंसू बहा रही हो। इस पर भगत सिंह की मां विद्यावती ने कहा कि पुत्र में दुख की आंसू नहीं बहा रही हूं। मैं पश्चाताप आपकी आंसू बहा रही हूं। मैं यही सोच रही हूं कि मेरे पास एक भगत सिंह है काश मेरे पास और भगत सिंह होते तो हंसते-हंसते में देश सेवा के लिए अर्पित कर देती समर्पित कर देती। वैसे वीर पुत्र भगत सिंह को अंग्रेजी हुकूमत ने सजा के तौर पर फांसी की सजा सुनाए। देश में खलबली मच चुकी थी। हाहाकार मच चुका था भगत सिंह को लेकर। अंग्रेजी हुकूमत ने 23 मार्च 1931 को शहीद भगत सिंह को खुदीराम बोस को सुखदेव को फांसी की फंदे पर झूला दिया और उन्हें मौत का नींद सुला दिया। श्री भार्गव ने कहा एक वह शहीद भगत सिंह थे जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते अपने प्राणों की बलि चढ़ा दी। एक आज के नेता लोग हैं जनप्रतिनिधि लोग हैं देश की संपत्ति लूटने के लिए बेचैन दिखाई दे रहे हैं। नीचे पंचायत स्तर से लेकर राज अस्तर के जनप्रतिनिधियों में भ्रष्टाचार व्याप्त भरा पड़ा है। यह लोग देश की सेवा समाज की सेवा करने की भावना से राजनीति में आज की परिवेश में नहीं आ रहे हैं। यह राजनीतिक क्षेत्र को व्यावसायिक क्षेत्र बना लिए हैं और सरकार के खजाने की राशि को लूटने की बहने राजनीतिक क्षेत्र में आ रहे हैं। श्री भार्गवाने देश के मतों से देश के पीताओं से अनुरोध किया कि भ्रष्टाचार चरम सीमा पार कर रही है इस अवधि में आपके ओदर से एक सहित भगत सिंह जैसे लाल को पैदा करने की आवश्यकता आ गई है। श्री भार्गव ने देश के नौजवानों से अपील किया कि भगत सिंह की जब तक आप नहीं अपनाएंगे तब तक पंचायत में आपको न्याय नहीं दिया जाएगा देश में आपको न्याय नहीं मिलेगी। जहां पर एक सरपंच के द्वारा कहा जाता हो की दबंग के द्वारा अगर आपकी भूमि को हड़प कर घर बना लिया गया है तो वह कैसे हटाएगा। आप खुद सोचिए आपके पंचायत में अनेकों लोगों की बिना कागज की जमीन है। अगर कोई हड़प कर घर बना लेता है, जमींदार न्याय के लिए खोजता है, सरपंच महोदय इस तरह का बयान देते हैं, तो निश्चित है पंचायत की स्थिति में परिवर्तन होना शुरू हो जाएगा और खून खराबा की स्थिति आ जाएगी। ऐसे सरपंच के विरुद्ध पंचायत वासियों को सोचने की आवश्यकता है की दोबारा ऐसे व्यक्ति को सरपंच के पद पर नहीं चुना जाए। ऐसे मुखिया को नहीं चुना जाए जो सरकारी धन से चापाकल हलवाता हो और अपने पाटीदारों के माध्यम से खुलवा लेट हो, कहने पर भी नहीं हलवाता हो, वैसे व्यक्ति को पंचायत के मुखिया का बागडोर नहीं दिया जाना चाहिए जिसके पास पंचायत सरकार भवन का चाबी हो और पंचायत सरकार भवन से पंखा खुल जाता हो चोरी हो जाता हो, वैसे व्यक्ति को मुखिया की पावर देने की आवश्यकता नहीं है जो स्मारक की बाउंड्री अपने लेबर के द्वारा तुड़वा देता हो, कहने पर भी नहीं बनवाता हो,वैसे व्यक्ति को फिर दोबारा पंचायत में मुखिया जी जैसे गरिमामई पद पर जीताने की आवश्यकता नहीं है। वैसे व्यक्ति को पंचायत के किसी भी पद पर नहीं चुना जाना चाहिए जो सरकारी संपत्ति को चोरी करता हो बिक्री करता हो। ऐसा करने वाला व्यक्ति सोचता है कि हम बहुत सुख और शांति से पंचायत का दबंग के रूप में गिने जाते हैं तो ऐसे लोगों को इस भ्रम से दूर रहना चाहिए। हमारे बुजुर्गों ने कहा है जो जैसा करता है वैसा पाता है। जयंती समारोह कार्यक्रम में हमारी योजना बचत एवं साख स्वावलंबी सहकारी समिति लिमिटेड सिरहाकोठी पूर्वी चंपारण के निदेशक श्रीमती प्रियंका भार्गव, पूर्व मुखिया पति श्री विनोद प्रसाद कुशवाहा, श्री भगवान साह, श्री राजदेव साह, श्री हरिनारायण प्रसाद कुशवाहा, श्री शैलेंद्र कुमार भार्गव श्री हार्षित कुमार भार्गव, आदि लोगों की उपस्थिति रही।
- नहीं यह सब बिल्कुल ठीक नहीं हो रहा है नीतीश कुमार जी ने जो किया वह एक अपनापन था एक मुख्यमंत्री का अपने जनता के प्रति प्यार जताने का एक जरिया था पर आप लोग जो यह कर रहे हैं वो बिल्कुल सही नहीं है1
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- सुगौली के माई स्थान में आयोजित भागवत कथा वाचन का समापन बुधवार को हुआ। सुनने पहुंचे हजारों लोग। कथावाचक लाडले हर्षवर्धन महाराज ने कहा सनातन धर्म की रक्षा के लिए हिन्दू रहे एकजुट।1
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- थावे मंदिर का लॉकर रिसई टोला रोड के तरफ मिला,,1
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- देखिए कोहरा बहुत अधिक है हमें लगता है गाड़ी का स्पीड 30 से ऊपर नहीं होना चाहिए क्योंकि विजिबिलिटी 20 से 30 मी का है बस और अभी सिर्फ 7:30 हो रहा है1