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जब से सरकार 125 बिजली कटौती मुफ्त की है तब से बिजली 24 घंटा में 3,4 घंटा ही दे रहा कभी कभी वो भी नहीं देता आखिर सरकार चाहती क्या है हमेशा से पब्लिक को ही बेवकूफ़ बनाया जा रहा है इस बार कोई वोट नहीं मिलेगा
Saurabh Giri
जब से सरकार 125 बिजली कटौती मुफ्त की है तब से बिजली 24 घंटा में 3,4 घंटा ही दे रहा कभी कभी वो भी नहीं देता आखिर सरकार चाहती क्या है हमेशा से पब्लिक को ही बेवकूफ़ बनाया जा रहा है इस बार कोई वोट नहीं मिलेगा
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- ब्रेकिंग न्यूज : परमाणु उर्जा बील 2025 पर सांसद ने किया चर्चा, भविष्य की चुनौतियों पर डाला प्रकाश गोपालगंज। सांसद सह जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष डॉ. आलोक कुमार सुमन ने आज लोकसभा में लेजिस्लेटिव बिज़नेस के अंतर्गत प्रस्तुत महत्वपूर्ण विधेयक “The Sustainable Harvesting and Advancement of Nuclear Energy for Transforming India Bill, 2025” का समर्थन करते हुए अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश में परमाणु ऊर्जा के नियंत्रित, सुरक्षित एवं सतत (सस्टेनेबल) उपयोग की दिशा में एक महत्वपूर्ण और दूरदर्शी पहल है। सांसद ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु परमाणु ऊर्जा को एक प्रमुख साधन के रूप में अपनाया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि 100 गीगावॉट परमाणु ऊर्जा उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिवर्ष लगभग 4 गीगावॉट अतिरिक्त उत्पादन आवश्यक होगा। इस दिशा में एनपीसीआईएल (NPCIL) अपनी सहायक कंपनियों के साथ घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के माध्यम से लगभग 100 गीगावॉट लक्ष्य का आधा हिस्सा प्राप्त करने की योजना पर कार्य कर रही है। सांसद ने सदन को अवगत कराया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सशक्त नेतृत्व में केंद्र एवं राज्य सरकारें परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने बताया कि बीते दो दशकों में 10 नए परमाणु रिएक्टरों का कार्य प्रगति पर है, जिससे आने वाले समय में परमाणु ऊर्जा उत्पादन में लगभग दस गुना वृद्धि होने की संभावना है।सांसद ने यह भी सुझाव दिया कि ईंधन (फ्यूल) की सुरक्षा एवं सेफ्टी स्कोर सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों की सक्रिय भागीदारी ली जानी चाहिए। साथ ही, परमाणु फैसिलिटीज़ में अधिकतम जल उपयोग को ध्यान में रखते हुए इस विषय पर भी राज्य सरकारों से परामर्श आवश्यक है। उन्होंने लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और अधिक सुदृढ़ एवं उच्च-कोटि का बनाने हेतु सख्त प्रावधान लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी इकोलॉजिकल इमरजेंसी की स्थिति में केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच बेहतर समन्वय और त्वरित सहायता की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। इसके साथ ही, स्टोरेज स्थल पूरी तरह सुरक्षित, संरक्षित एवं वैज्ञानिक मानकों के अनुरूप होने चाहिए। विधेयक के सेक्शन 6 में लाइसेंस के लिए आवेदन (Application of License) तथा सेक्शन 7 में लाइसेंस प्रदान करने एवं सुरक्षा से जुड़े प्रावधानों का उल्लेख करते हुए सांसद महोदय ने कहा कि इन धाराओं का प्रभावी क्रियान्वयन अत्यंत आवश्यक है। सांसद ने विशेष रूप से यह रेखांकित किया कि रेडियोएक्टिव वेस्ट मैनेजमेंट एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है, जो सीधे तौर पर मानव स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है। अतः इसके सुरक्षित, वैज्ञानिक एवं दीर्घकालिक प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। वर्तमान विधेयक के सेक्शन 30 में निर्धारित अधिकतम दायित्व राशि (Maximum Amount of Liability) को 3000 मिलियन रखा गया है। इस पर सुझाव देते हुए सांसद ने कहा कि इसे बढ़ाकर 4000 से 5000 मिलियन किया जाना चाहिए, ताकि किसी आपात या प्रतिकूल स्थिति में प्रभावितों को पर्याप्त और न्यायोचित सहायता उपलब्ध कराई जा सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह विधेयक भारत को स्वच्छ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर ऊर्जा भविष्य की ओर अग्रसर करने में मील का पत्थर साबित होगा...1
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